क्रूड ऑयल ट्रेडिंग

कमोडिटी ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग क्रूड आयल और गोल्ड में होती है।
गिरकर संभला US क्रूड, भारतीय तेल कंपनियों के दाम में उठापटक जारी
राज एक्सप्रेस। अमेरिकी तेल कारोबार के इतिहास में क्रूड ऑयल ट्रेडिंग पहली बार जीरो डॉलर के नीचे ट्रेडिंग के बाद यूएस क्रूड ऑयल ने मंगलवार को वापसी के संकेत दिये। हालांकि भारतीय तेल कंपनियों की हालत ट्रेडिंग के दौरान ठीक नहीं रही।
चिंता का साया :
पहली बार शून्य डॉलर से नीचे व्यापार करने के बाद, यूएस क्रूड में सकारात्मक बदलाव आया जिससे तेल की कीमतों ने मंगलवार को वापसी की। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार ईंधन की कितनी क्रूड ऑयल ट्रेडिंग और कैसी मांग का कैसे सामना करता है? इन अहम चिंताओं के बीच वृद्धि पर असमंजस की स्थिति भी देखी गई।
जून पर नजर :
समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक पिछले सत्र में $ 37.63 प्रति बैरल की छूट के बाद यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड का मई डिलीवरी के लिए क्रूड 38.73 डॉलर बढ़कर 1.11 डॉलर प्रति बैरल रहा। गौरतलब है कि; मई कॉन्ट्रैक्ट मंगलवार को समाप्त होने के कारण जून अनुबंध की सक्रिय रूप से अधिक ट्रेडिंग हुई। इस कारण यह $ 1.72 सेंट या 8.4% उछलकर $ 22.15 प्रति बैरल पर रहा। जून डिलीवरी के लिए ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 49 सेंट या 1.9% बढ़कर 26.06 डॉलर प्रति बैरल रहा।
जानिए – तेल की कीमतें गिर गई, फिर भी इंग्लैंड के व्यापारियों ने 660 मिलियन डॉलर कैसे कमाए?
बाजार में गिरावट आना आर्थिक चक्र का संतुलन बनाये रखने की लिए अत्यावश्यक है। बाजार के सभी उतार-चढ़ाव अस्थायी होते है। ऐतिहासिक आंकड़ों का अभ्यास करने से पता चलता है कि, समृद्ध अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद शेयर बाजार तेजी से आगे बढ़ता है। व्यापारियों के लिए, कुछ बाजार क्रैश जैकपॉट की तरह काम करते हैं। बाजार का कारोबार किस दिशा में जा रहा है, उस पर आधारित अपनी रणनीति बनाकर व्यापारी अपना लाभ कमा सकते है।
इस लेख में, हम एसेक्स, लंदन के व्यापारियों के एक समूह के कहानी पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने 20 अप्रैल, 2020 को तेल की कीमत में गिरावट के समय $660 मिलियन (~ 4,950 करोड़ रुपये) का लाभ कमाया था। यह इतनी बड़ी गिरावट थी कि, कच्चे तेल का वायदा भाव भी शून्य से नीचे आ गया!
एसेक्स ट्रेडर्स(Essex Traders) का उदय- 20 अप्रैल, 2020
दिन की शुरुआत 18 डॉलर प्रति बैरल हुई थी। समाचार एजेंसियों या विश्लेषकों ने पहले ही तेल की कीमतों के लिए मंदी की भावना निर्धारित की थी, लेकिन शून्य से नीचे कुछ भी अपेक्षित नहीं था। दोपहर 2.08 बजे, कीमतें तेजी से गिरकर – $40 तक पहुंच गईं, जो लगभग -300% तक सिकुड़ गई। दहशत की स्थिति के बीच, लंदन के व्यापारियों का एक समूह था, जिन्होंने वायदा अनुबंधों को गहन रूप से बेचकर गिरावट से लाभ उठाया।
दिन की शुरुआत में, एसेक्स व्यापारियों ने अनुबंध मूल्य की राशि प्राप्त करने के लिए वायदा अनुबंध बेचे। बाद के दिन में, जब तेल की कीमत नकारात्मक हो गई, तो वे वायदा वापस खरीदकर अपनी बिक्री की स्थिति से बाहर निकल गए। कीमत नकारात्मक क्षेत्र में है, इसलिए व्यापारियों को डेबिट के बजाय वायदा अनुबंधों को खरीदने में पैसा दिया जाता है। उनकी योजना में एक साथ बड़ी मात्रा में तेल खरीदना और बेचना और उसके भविष्य की कीमतों पर जुआ(gambling) खेलना शामिल था।
निष्कर्ष
संभावित बाजार में हेरफेर होने की अटकलें है, ऐसा समाचार अंततः दुनिया भर में फैल गया था। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस एक जीरो-सम गेम है, यदि एक ट्रेड से लाभ होता है, तो दूसरा उसी के लिए हार जाता है। इस प्रकार, मिश इंटरनेशनल मॉनेटरी(Mish International Monetary) जैसे कई संस्थानों को 20 अप्रैल को एक बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। कई लोगों ने वेगा कैपिटल के खिलाफ पूरी तरह से जांच की मांग की ताकि, कीमतों में जबरन हेरफेर का कोई संकेत मिल सके।
वेगा क्रूड ऑयल ट्रेडिंग कैपिटल के वकीलों ने टिप्पणी की, कि प्रत्येक सदस्य ने अपनी पूंजी को जोखिम में डालकर बाजार की दिशा के अनुसार व्यापार किया। देखते है कि, आने वाले समय में स्थिति कैसे सामने आती है।
इस अनोखे धन-कमाने के व्यापार पर आपके क्या विचार हैं? हमें मार्केटफीड मोबाइल ऐप के कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
Indian Commodity Market | Commodity vs Equity in Hindi
दोस्तो, आप में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो कमोडिटी ( commodity ) ट्रेडिंग के बारे में जानना चाहते हैं।
तो यदि आप भी कमोडिटी ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं और जानना चाहते हैं कि भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market ) क्या है ? और कमोडिटी ट्रेडिंग ( Commodity Trading ) ? कैसे होती है ? तो इस लेख को पूरा पढ़े।
सबसे पहले ये जान लेते है कि कमोडिटी का अर्थ क्या होता है ?
कमोडिटी क्या है – ( What is Commodity Trading in Hindi ) –
यदि आसान भाषा में समझे तो कमोडिटी का अर्थ होता है ‘वस्तु’।
अर्थात ‘ऐसी वस्तुवें जो मनुष्य द्वारा निर्मित नही होती हैं कमोडिटी कहलाती हैं।’
भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market in Hindi) –
भारतीय कमोडिटी मार्केट भी शेयर बाजार की तरह ही काम करता है लेकिन फिर भी शेयर ( equity ) और कमोडिटी में कुछ अन्तर होते हैं जिसे आगे बताया जाएगा।
भारत में वैसे तो कमोडिटी ट्रेडिंग के कई प्लेटफॉर्म हैं। लेकिन सबसे ज्यादा ट्रेडिंग MCX और NCDEX में ही किया जाता है।
जैसे कि क्रूड ऑयल ट्रेडिंग क्रूड ऑयल ट्रेडिंग इक्विटी ट्रेडिंग के लिए सबसे ज्यादा NSE( National Stock Exchange ) और BSE( Bombay Stock Exchange ) का इस्तेमाल किया जाता है।
MCX ( Multi Commodity Exchange in Hindi ) –
MCX एक्सचेंज में गैर कृषि वस्तुओं जैसे – bullions , क्रूड ऑयल, Base Metals, प्राकृतिक गैस आदि का व्यापार किया जाता है। यह एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार तक चलता है और सुबह 9 बजे खुलता है और रात 11:55 बजे तक कार्य करता है।
NCDEX ( National Commodity Derivative Exchange in Hindi ) –
यहाँ पर कृषि से जुड़ी वस्तुवों जैसे – आलू , प्याज , टमाटर , कपास , चना , गेहूं , चावल आदि का व्यापार होता है।
कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट में अन्तर –
दोस्तों वैसे तो कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट के काम करने का तरीका एक जैसा है लेकिन फिर भी दोनों में कुछ अन्तर होता है। जिसे नीचे दिये विवरण से आसानी से समझ सकते हैं ।
Commodity Vs Equity in Hindi 
Equity Market ( शेयर मार्केट ) –
1 – स्टॉक ट्रेडिंग में हम किसी भी कंपनी का आई.पी.ओ. ( I.P.O.) या किसी भी कंपनी के शेयर के साथ – साथ dollar और euro की भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ।
2 – कंपनियां जो कि कच्चे माल से उत्पाद (Product ) तैयार करती हैं तथा इस प्रकार के तैयार उत्पाद की ट्रेडिंग शेयर मार्केट में होती है ।
3 – Equity का शेयर होल्डर कंपनी का शेयर धारक अर्थात कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है।
कच्चे तेल में भाव की बढ़ती अस्थिरता से कू्रड ऑयल ऑप्शंस में बढ़ी ट्रेडर्स की प्रतिभागिता
बिजनेस रेमेडीज
वर्तमान में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता बढ़ी है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में बड़ी ऊछल-कूद के चलते घरेलू बाज़ारों में भी उसका प्रभाव देखने मिल रहा है। विश्व बाज़ार में गुरुवार क्रूड ऑयल ट्रेडिंग को अमेरिका में कू्रड ऑयल के स्टॉक में गिरावट के चलते भाव में लगभग ढ़ाई प्रतिशत का ऊछाल देखने मिला था। ब्रेंट कू्रड का भाव प्रति बैरल 76.35 डॉलर और न्यूयॉर्क क्रूड के भाव 74.40 डॉलर के स्तर पर होने की खबर थी।
बाज़ार के सूत्रों का कहना है कि विश्व बाज़ार के चलते घरेलू बाज़ार में कू्रड तेल के भाव 2021 के वर्तमान वर्ष में पहले छह महीने की अवधि में यानि की जून के अंत तक लगभग 55 से 56 प्रतिशत ऊछले है। उत्पादक देशों की मिलने वाली बैठक पर कू्रड ऑयल की बाज़ार की नजऱ टिकी हुई है।
इस दौरान क्रूड ऑयल के भाव में अस्थिरता बढऩे से वायदा बाज़ार एमसीएक्स पर कू्रड ऑयल के ऑप्शंस के कारोबार में विशेष रूचि देखने मिल रही है। एमसीएक्स पर 1 जुलाई को क्रूड ऑयल के ऑप्शंस में 46,287 सौदों में रु.3,559.97 करोड़ का रिकॉर्ड दैनिक टर्नओवर दर्ज हुआ है, जो कू्रड ऑयल का ऑप्शन जब 15 मई, 2018 को लॉन्च किया गया था तब से लेकर अब तक का उच्चतम दैनिक कारोबार है। इससे पहले 16 जून, 2021 को रु.3,143 करोड़ का टर्नओवर हुआ था, उसको 1 जुलाई, 2021 के कारोबार ने पार कर लिया है। इस रिकॉर्ड टर्नओवर में क्रूड ऑयल के कॉल ऑप्शंस का हिस्सा रु.1,371.90 करोड़ के 23,80,400 बैरल का और पुट ऑप्शंस का हिस्सा रु.2,188.07 करोड़ के 39,65,100 बेरल का है।
हमेशा वाइब्रेंट और गतिशील कू्रड ऑयल मार्केट के फंडामैंटल्स एमसीएक्स के प्लेटफॉर्म पर बाज़ार के प्रतिभागियों को ऑप्शंस कांट्रैक्ट में ट्रेडिंग करने के लिए प्रेरणा देते हैं और रिकॉर्ड टर्नओवर से यह पता चलता है कि प्रतिभागियों का एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर विश्वास बढ़ा है। एमसीएक्स हेजिंग के लिए एक पारदर्शी मंच प्रदान करता है। एक्सचेंज के कारण सप्लाई चेन के अनेकों को बहुतायत लाभ हुआ है। निर्यातकों को वैश्विक भावों फायदा हुआ है और उत्पादकों को अच्छे भाव मिले हैं। साथ ही उनकी पहुंच बड़े बाजारों तक फैली है। एमसीएक्स कू्रड तेल फ्यूचर्स और ऑप्शंस में सौदा उपलब्ध कराने वाला भारत का अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज है। इनके अत्यंत तरल क्रूड ऑयल ट्रेडिंग कांट्रैक्ट्स हैं। अत्यंत प्रभावी एवं पारदर्शक बाजार है। न्यूनतम प्रभावी लागत (ट्रेडिंग कॉस्ट) टाइट बीड-ऑस्क स्प्रेड्स के कारण है। मार्केट का परिचालन सुबह और शाम के सत्रों में होता है जिससे कि प्रतिभागियों को क्रूड ऑयल ट्रेडिंग वैश्विक मार्केट के खुलने पर मूल्य खोज में भाग लेने का मौका मिल सके।
कमोडिटी ट्रेडिंग कितना रिस्की है
कमोडिटी में ट्रेडिंग करना शेयर्स में ट्रेनिंग करने से ज्यादा रिस्की होता है क्योंकि किसी भी कमोडिटी का प्राइस काफी कम समय में जल्दी से चेंज होता है इसकी वजह यह है कि कमोडिटीज में ऐसे प्रोडक्ट है जो फिजिकल सप्लाई डिमांड पर बेचने हैं जैसे सऊदी अरेबिया में तेल को लेकर कोई इशू हो जाए तो क्रूड ऑयल की कीमत पर इसका बहुत प्रभाव पड़ सकता है। ठीक इसी तरह अगर भारत में शुगर की प्रोडक्शन जरूरत से काफी कम हो जाए तो शुगर की प्राइस इंडियन कमोडिटी मार्केट में काफी तेजी से बढ़ सकती है।
दोस्तों कमोडिटीज में ट्रेडिंग डेरिवेटिव में होती है और डेरिवेटिव की ट्रेडिंग मार्जिन पर होती है। इस वजह से अगर हमारा ट्रेड गलत जगह हो गया तो हमें काफी नुकसान हो सकता है। पर अगर हमारा ट्रेड सही हुआ हमें मारजिंग की वजह से काफी ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है। अगर हम कमोडिटी मार्केट में क्रूड ऑयल ट्रेडिंग क्रूड ऑयल ट्रेडिंग ट्रेड होने वाली किसी भी कमेटी में अच्छा नॉलेज है तो हम उसम ट्रेडिंग जरूर कर सकते हैं।