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विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा
हालांकि गवर्नर ने कहा है कि मौद्रिक नीति के फैसले करंसी में आए के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते. दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्रा का प्रबंधन रिजर्व बैंक के दायरे में है और केंद्रीय बैंक इसके लिए सभी उचित विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा उपाय करेगा. उन्होने कहा कि केंद्रीय बैंक दरों पर रणनीति मुद्रास्फीति और वृद्धि से जुड़े घरेलू कारकों विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा के आधार पर तय करता है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा प्राथमिकता मुद्रास्फीति को दी जाती है। हम वृद्धि के पहलू पर भी गौर करते हैं।दास ने यह भी कहा कि बैंकों में नकदी को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। व्यापक रूप से प्रणाली में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का कोष उपलब्ध है।

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रुपये में कमजोरी से गिरा विदेशी मुद्रा भंडार, एक्सचेंज रेट से 67 प्रतिशत तक आई गिरावट: RBI

रुपये में कमजोरी से गिरा विदेशी मुद्रा भंडार, एक्सचेंज रेट से 67 प्रतिशत तक आई गिरावट: RBI

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Sep 30, 2022 | 2:41 PM

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई आई कमी की मुख्य वजह एक्सचेंज रेट में हुआ बदलाव है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी समीक्षा में कहा कि रिजर्व में आई कुल गिरावट का 67 प्रतिशत, एक्सचेंज रेट में हुए बदलाव से देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बढ़ने से एक्सचेंज रेट में बदलाव देखने को मिला. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है. वहीं इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट देखने को मिली है. भंडार दो अप्रैल को 606.475 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. यह लगातार आठवां सप्ताह था, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई.

14 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा डॉलर इंडेक्स

चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 प्रतिशत की तेजी आई है. ऐसे में दुनिया भर के करंसी मार्केट में भारी उथल-पुथल मची हुई है. दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा कि ज्यादातर दूसरे देशों की तुलना में भारतीय रुपये की गति व्यवस्थित रही है. उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जो अन्य करंसी के मुकाबले काफी बेहतर है.दास ने यह भी कहा कि एक स्थिर विनिमय दर वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता तथा बाजार के विश्वास का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि रुपया एक स्वतंत्र रूप से छोड़ी गई मुद्रा है और इसकी विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित होती है. उन्होंने कहा, ”आरबीआई ने (रुपये के लिए) कोई निश्चित विनिमय दर तय नहीं की है. वह अत्यधिक विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा अस्थिरता को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करता है.” दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता के पहलू को हमेशा ध्यान में रखा जाता है और यह मजबूत बना हुआ है. उनके अनुसार 23 सितंबर, 2022 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 537.5 अरब डॉलर था.

भारत के विदेशी व्यापार में मजबूती से बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल, वर्ष 2021-22 में भारत के विदेशी व्यापार में मजबूती से सुधार हुआ जिसके परिणामस्वरूप भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि दर्ज हुई। देश के विदेशी व्यापार के बढ़ने से भारत को विदेशी मुद्रा कमाने का सुनहरा अवसर मिला। सबसे खास बात यह रही कि ये उपलब्धि भारत ने कोविड संकट से लड़ते हुए हासिल की। यानि जब दुनिया के तमाम देश इस महामारी से जूझ रहे थे तब भारत ने स्वयं के प्रयासों से देश की आवाम को विदेशी व्यापार में वृद्धि दर्ज करने को प्रोत्साहित किया। उसी का नतीजा रहा है कि आज भारत कोविड संकट में छाई वैश्विक मंदी से तेजी से उभर रहा है। भारत 2021-22 के लिए निर्धारित 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी वस्तु निर्यात लक्ष्य को हासिल करने विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा के मार्ग पर बेहतर तरह से अग्रसर रहा और इस लक्ष्य को हासिल कर दिखाया। 2021-22 में 400 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट में भारत ने नॉन बासमती राइस, गेहूं, समुद्री उत्पाद, मसाले और चीनी जैसी चीजों ने जमकर एक्सपोर्ट किया। उसके बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट यूएई निर्यात किए गए। साथ ही अन्य देशों में रत्न और आभूषणों का भी ज्यादा निर्यात किया गया। केवल इनता ही नहीं भारत ने इस बीच बांग्लादेश को ऑर्गेनिक और नॉन ऑर्गेनिक केमिकल निर्यात किया और ड्रग्स और फार्मास्युटिकल्स का सबसे ज्यादा निर्यात नीदरलैंड को किया। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि में काफी मदद मिली। विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने से अर्थव्यवस्था को बहुत से फायदे होते हैं।

आयात के लिए डॉलर रिजर्व विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा जरूरी

जब भी हम विदेश से कोई सामान खरीदते हैं तो ट्रांजेक्शन डॉलर में होती है। ऐसे में इंपोर्ट को मदद के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना जरूरी है। अगर विदेश से आने वाले निवेश में अचानक कभी कमी आती है तो उस समय इसकी महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। भारत बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है लेकिन बीते कुछ साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने अपने आयात स्तर को कम करके निर्यात स्तर को बढ़ाया है। पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दिखाए रास्ते पर देश अब चल पड़ा है तभी तो आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है।

अगर विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आती है तो इसका मतलब होता है कि देश में बड़े पैमाने पर एफडीआई आ रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश बहुत अहम होता है। अगर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा लगाते रहे हैं तो दुनिया के लिए यह संकेत जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर उनका भरोसा बढ़ रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए भी देश में बीते कुछ साल में बेहतर माहौल तैयार किया है। केंद्र सरकार विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा ने देश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का माहौल प्रदान किया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एक तरह का इंडेक्‍स है। इसमें कारोबार सुगमता के लिए कई तरह के पैमाने रखे गए हैं। इनमें लेबर रेगुलेशन, ऑनलाइन सिंगल विंडो, सूचनाओं तक पहुंच, पारदर्शिता इत्यादि शामिल हैं। देश में इसे उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) तैयार करता है। आज भारत इस लिहाज से भी काफी सुधार कर चुका है। यही कारण है कि विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश को तैयार खड़े हैं।

विदेशी ऋण

सितम्बर, 2021 के अंत में भारत का विदेशी ऋण 593.1 बिलियन डॉलर था जो जून, 2021 के अंत के स्तर पर 3.9 प्रतिशत से अधिक था। आर्थिक समीक्षा में मार्च, 2021 के अंत में भारत के विदेशी ऋण ने पूर्व-संकट स्तर को पार कर लिया था लेकिन यह सितम्बर, 2021 के अंत में एनआरआई जमाराशियों से पुनरुत्थान की मदद और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा वन-ऑफ अतिरिक्त एसडीआर आवंटन की मदद से दृढ़ हो गया। कुल विदेशी ऋण में लघु अवधि ऋण की हिस्सेदारी में थोड़ी सी गिरावट जरूर आई। यह हिस्सेदारी जो मार्च, 2021 के अंत में 17.7 प्रतिशत थी विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा सितम्बर के अंत में 17 प्रतिशत हो गई। समीक्षा यह दर्शाती है कि मध्यम अवधि परिप्रेक्ष्य से भारत का विदेशी ऋण उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्था के लिए आंके गए इष्टतम ऋण से लगातार कम चल रहा है।

आर्थिक समीक्षा यह दर्शाती है कि विदेशी मुद्रा भंडार में भारी बढ़ोतरी से विदेशी मुद्रा भंडारों से कुल विदेशी ऋण, लघु अवधि ऋण से विदेशी विनिमय भंडार जैसे बाह्य संवेदी सूचकांकों में सुधार को बढ़ावा मिला है। बढ़ते हुए मुद्रा स्फीति दबावों की प्रतिक्रिया में फेड सहित प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति के तेजी से सामान्यीकरण की संभावना से पैदा हुई वैश्विक तरलता की संभावना का सामना करने के लिए भारत का बाह्य क्षेत्र लचीला है।

विनिमय दर में बदलाव का विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत योगदान: आरबीआई

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 प्रतिशत योगदान है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यह जानकारी विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा दी।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है।

विदेशी मुद्रा भंडार दो अप्रैल को 606.475 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। यह लगातार आठवां सप्ताह था, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई।

चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 प्रतिशत की तेजी आई है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर मुद्रा बाजारों में भारी उथल-पुथल मची हुई है।

टूरिज्म-ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत, 600 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार, RBI के ये हैं अहम ऐलान

RBI गवर्नर ने किया मौद्रिक नीति समीक्षा का ऐलान (फाइल फोटो: PTI)

  • नई दिल्ली ,
  • 04 जून 2021,
  • (अपडेटेड 04 जून 2021, 12:12 PM IST)
  • ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
  • कई सेक्टर के लिए अहम ऐलान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा का ऐलान शुक्रवार को किया. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों किसी तरह के बदलाव का ऐलान नहीं किया है. वहीं रिजर्व बैंक ने टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को कुछ राहत देने की कोशिश की है. रिजर्व बैंक ने बताया है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के आज के ऐलान की प्रमुख बातें इस प्रकार है:

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