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स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी

स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी
POSITION TRADING KYA HAI

FXTM ट्रेडिंग सिग्‍नल्‍स

FXTM ट्रेडिंग सिग्नल्स हर मूल्य के अति प्रभावकारी कारकों पर आधारित महत्वपूर्ण वित्तीय इंस्ट्रूमेंटों के उतार-चढ़ाव को परिभाषित करने के लिए तैयार किए गए हैं। प्रसिद्ध वित्तीय इंस्ट्रूमेंटों में अपनी ट्रेडिंग के विस्तार के लिए पूरी तरह से और सावधानी से तैयार मूल्य् के उतार-चढ़ाव के सिनेरियो का प्रयोग करें।

FXTM में शिक्षा के हैड द्वारा विकसित, FXTM ट्रेडिंग सिग्नल्स आपको एक कदम आगे रखता है। अपनी स्ट्रेटेजी बढ़ाने और कमाई की संभावना को अधिकतम करने के लिए अवसर का फायदा उठाएं।

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8 करेंसी युग्म, 3 कमाडिटी, 3 मार्केट इंडीसीज.

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मूल्य के उतार-चढ़ाव पर अतिरिक्त ध्यान दें। .

4 टेक-प्रॉफि‍ट लेवल

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    FXTM ब्रांड विभिन्‍न अधिकार-क्षेत्रों में अधिकृत और विनियमित है।

    फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह दक्षिण अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। यह कंपनी यू‍के के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।

    ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।

    Exinity Limited (www.forextime.com) मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित निवेश डीलर है, जिसकी लाइसेंस संख्या C113012295 है।

    कार्ड ट्रांजेक्‍शन एफटी ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड नंबर HE 335426 और रजिस्‍टर्ड पता Ioannis Stylianou, 6, Floor 2, Flat 202 2003, Nicosia, Cyprus के माध्यम से प्रोसेस किए जाते हैं। कार्डधारक के पत्राचार के लिए पता: [email protected] व्‍यवसाय के स्थान का पता: FXTM Tower, 35 Lamprou Konstantara, Kato Polemidia, 4156, Limassol, Cyprus.

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    जोखिम चेतावनी: फोरेक्‍स और लिवरेज किए गए वित्‍तीय इंस्‍ट्रूमेंट की ट्रेडिंग में महत्‍वपूर्ण जोखिम हैं और इससे आपकी निवेश की गई पूंजी का नुकसान हो सकता है। आप जितनी हानि उठाने की क्षमता रखते हैं उससे अधिक का निवेश न करें और आपको इसमें शामिल जोखिम अच्‍छी तरह समझना सुनिश्चित करना चाहिए। लेवरिज्ड प्रोडक्‍ट की ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए उपयुक्‍त नहीं हो सकती। ट्रेडिंग शुरु करने से पूर्व, कृपया अपने अनुभव का स्‍तर, निवेश उद्देश्‍य पर विचार करें और यदि आवश्‍यक हो तो स्‍वतंत्र वित्‍तीय सलाह प्राप्‍त करें। क्‍लायंट के निवास के देश में कानूनी अपेक्षाओं के आधार पर FXTM ब्रांड की सेवाओं का प्रयोग करने की अनुमति है अथवा नहीं, यह निर्धारित करना क्‍लायंट की स्‍वयं की जिम्‍मेदारी है। कृपया FXTM का पूरा जोखिम प्रकटीकरण पढ़ें.

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    जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

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    Trading in the Zone Hindi, 5 सबसे महत्वपूर्ण बातें

    Trading in the Zone ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी सबसे बेहतरीन किताबों में से एक है जो हर शुरुआती ट्रेडर को पढ़नी चाहिए। अक्सर हम भेड़चाल के चक्कर के अपना नुक्सान करवा बैठते हैं और मन मुताबिक प्रॉफिट बुक नहीं कर पाते। लेखक मार्क डगलस द्वारा लिखी गयी यह बुक आपको स्टॉक मार्किट में सही रवैया रखना सिखाएगी ताकि आपका नुकसान कम से कम हो और प्रॉफिट ज़्यादा।

    आजकल तो लगभग सभी के हाथ में स्मार्टफोन हैं और चारों तरफ जहाँ नज़र उठाओ सबको ट्रेडिंग करनी है और लाखों कमाने हैं लेकिन ये इतना भी आसान नहीं है जितना लगता है। अगर ट्रेडिंग करना इतना आसान होता तो हर कोई अमीर बन चुका होता।

    वैसे तो भारत में गरीबी से स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी बुरा हाल है लेकिन हाल ही में किये गए एक शोध के अनुसार 2021 वित्तीय साल में 1 करोड़ से भी ज़्यादा डीमैट अकाउंट खोले गए और सितम्बर 2022 में जब हम ये लेख प्रकाशित कर रहे हैं उस समय एक्टिव डीमैट अकाउंट की संख्या 10 करोड़ के पार जा चुकी है।

    जिसने भी स्टॉक मार्किट का नाम सुना है उसने अपना डीमैट अकाउंट खुलवाया है। अब ये जानकारी मिलने के अनेकों माध्यम हो सकते हैं जैसे क्या पता उन्हें अपने पड़ोसी से पता चला हो, किसी अन्य रिश्तेदार से, अपने दोस्त से, या फिर ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से |

    पर आप शेयर मार्किट के बारे में केवल पता करके अमीर नहीं बन सकते। तो फिर आपको क्या करना होगा ? जानते है इस किताब से।

    ट्रेड लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखे?

    अब हम मान रहे हैं कि आप जिस शेयर में ट्रेडिंग करने वाले हैं उसमे आपने कैंडलस्टिक पैटर्न देखकर पूरा टेक्निकल एनालिसिस किया है और उसी हिसाब से आपने अपनी लॉन्ग या शार्ट पोजीशन बना ली है | फिर भी आप यह नहीं बता सकते कि आप सही हैं या नहीं क्योंकि यह मार्किट अप्रत्याशित है और यहाँ कुछ भी हो सकता है।

    सही स्ट्रेटेजी का चुनाव करें और उस पर डटे रहें

    आपने अगर सही स्ट्रेटेजी का चुनाव किया है तो भले ही आपको 10 में से 4 बार नुकसान हो लेकिन 6 बार फायदा ही होगा। अब दिक्कत ये हो जाती है कि आप जानते नहीं कि आपको प्रॉफिट कब होगा।

    लगातार आपका चार ट्रेड में नुकसान हो जाता है तो आप आगे यह सोचकर ट्रेड नहीं करते कि यह ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी तो बेकार है और नयी स्ट्रेटेजी को इस्तेमाल करने लगते हैं, आपको फिर नुकसान होता है और ये नुकसान का चक्र यूँही चलता रहता है।

    Trading in the zone book lessons in hindi

    जोश में होश न खोये

    वहीं अगर आपको लगातार चार बार फायदा हो जाये (जो कि कभी होता नहीं) तो आप ख़ुशी से पागल हो जाते हैं और अगली ट्रेड में अपनी सारी पूंजी लगा देते हैं। जिसका परिणाम एक बड़ा नुकसान होता है जो सारा प्रॉफिट एक बारी में साफ़ कर देता है।

    इसलिए अपने जितनी पैसे ट्रेडिंग के लिए निकालकर रखें हैं केवल उन्ही का इस्तेमाल करें और अगर प्रॉफिट होता है तब भी उस प्रॉफिट से ट्रेड करें न कि अपनी तरफ से एक्स्ट्रा पैसे ऐड करें। उतने ही पैसे लगाएं जितने खोने का आपको कोई गम न हो क्योंकि कोई नहीं जानता कि आगे मार्किट में क्या हो सकता है।

    Trading in the Zone Book Important Lessons in Hindi

    अब समय आ गया है उन बातों को करने का जो आपको एक सफल ट्रेडर बनाएंगी। इन बातों का पालन करके आपको फायदा भले ही न हो लेकिन नुक्सान भी नहीं होगा।

    Trading in the zone hindi lessons

    ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी 5 अहम बातें

    Trading in the Zone के लेखक मार्क बताते हैं कि ट्रेडिंग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है पैसा। अगर आपके पास पैसे ही नहीं बचेंगे तो आप ट्रेडिंग कैसे करेंगे इसलिए अपने पैसे बचाने पर सबसे ज़्यादा देना चाहिए। ये पांच बातें आपके पैसे बचाने में मदद करेगी।

    #1 निष्पक्ष रूप से अपने प्रॉफिट की पहचान करें

    अगर कोई शेयर अपने 200 रूपये का ख़रीदा है और आपने पूरी रिसर्च करने के बाद 30 रूपये ऊपर का टारगेट निर्धारित किया है तो जैसे ही आपका टारगेट पूरा होता है आपको वह शेयर बेच देना है। अब उसके बाद वह शेयर 240 जाये तो आपको फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि हो सकता है अगले दिन वह फिर 210 पर आ जाये और आप जितना प्रॉफिट कर सकते थे उतना न हो।

    ऐसा भी हो सकता है कि अब वह शेयर गिरना शुरू हो जाये और आपको फायदे की बजाये नुकसान में बेचना पड़े। आपको जब भी 30 रूपये या जितना टारगेट आपने रिसर्च करके निकला है उतना प्रॉफिट हो जाये तो आपने प्रॉफिट बुक करके पोजीशन क्लोज कर देनी है।

    #2 नीचे का भी स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी टारगेट लगाएं

    अक्सर ऐसा होता है कि जिस दिन आप शेयर खरीदते हैं वह उसी दिन से गिरने लगता है। इससे बचने के लिए एक नीचे का भी टारगेट निर्धारित करें और जब वह उतना गिर जाये तो फिर बिना शर्माए नुकसान में बेच दे क्योंकि आगे जाकर इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता है।

    Trading in the zone book summary in hindi

    आप 1 रूपये के नुकसान और 3 रूपये के फायदा ढूंढ सकते है। जैसे आपने 200 रूपये वाले शेयर की कीमत 230 होने पर प्रॉफिट के साथ बेच दिया था जबकि 190 होने पर 10 रूपये का लॉस होने पर भी बेच दिया था। आपको फायदा और नुकसान दोनों होते है लेकिन पहले क्या होता है, ये देखना है।

    अगर अपने जितना नुकसान होने पर बेचने का सोचा था वो शेयर उस कीमत पर पहुँच गया तो शांति से बेच दीजिये क्योंकि कोई नहीं जानता कि वो आगे कितना गिरेगा लेकिन अगर सारा बाजार ही गिरा है तो आप जरूर कुछ समय मार्किट के ऊपर जाने का इंतज़ार कर सकते हैं। यदि मार्किट बढ़ती है लेकिन आपका शेयर नहीं बढ़ता तो इसका मतलब भी ये है कि आपको शेयर बेच देने हैं।

    #3 लगातार अपनी गलतियों से सीखे

    अपने ट्रेडिंग के तरीके में त्रुटियां निकालने के लिए अपनी संवेदनशीलता की लगातार निगरानी करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि गलती कहाँ पर हो रही है। क्या आपकी ट्रेडिंग साइकोलॉजी में कमी है या फिर आपकी स्ट्रेटेजी ही गलत है।

    आप ठीक समय पर बेच नहीं पा रहे या फिर ऐसा भी हो सकता है कि आप पहले से ही शेयर को महंगा खरीद रहे हैं और अगले दिन जब उस शेयर के गिरने के समय आया तो उस समय पर आप बेच रहे है | ऐसे में आपको नुक्सान नहीं तो और क्या होगा।

    #4 अपने डर पर नियंत्रण रखें

    कभी कभी कोई शेयर नीचे आकर बहुत ऊपर चला जाता है। ऐसे में जब हमारा स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है तो हमे गुस्सा आता स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी है। हालाँकि लम्बी ट्रेडिंग में ऐसा बहुत कम बार होगा लेकिन अगर आप इंट्राडे ट्रेडर हैं तो दिक्कत हो सकती है।

    ऐसे में डर और गुस्से पर थोड़ा नियंत्रण करना होगा। आपको आगे लॉस हुआ तो गुस्से में आकर सारी पूंजी नहीं लगानी है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसका मतलब आपने पिछले ट्रेड से कुछ नहीं सीखा। अगर सीखेंगे नहीं तो वही गलती दोबारा होगी और सफल ट्रेडर बनना तो दूर की बात है आप सारे पैसे खो देंगे।

    वही दूसरी तरफ अगर आप अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करते है, निर्धारित प्रॉफिट होने पर एग्जिट कर देते हैं, और स्टॉप लॉस लगने पर बेच देते हैं तो ऐसे में डर आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा। अगर आपको ट्रेडिंग में अनुशासन के बारे में सीखना है तो The Disciplined Trader को देख सकते है।

    #5 प्रैक्टिकल होकर ट्रेड करें और अपनी इच्छाओं में न बहें

    अगर आपने कोई गलत ट्रेड चुन ली है तो आपके शोर मचने या गुस्सा करने वो सुधर तो नहीं जाएगी और दूसरी तरफ अगर अपने कोई बढ़िया ट्रेड ली है तो आपके बुरा बोलने पर भी वह अच्छा प्रदर्शन करेगी।

    अपने हिसाब से तो आपको सबसे शानदार ट्रेड लेनी है लेकिन उसके बाद जो होता है वो आपको ध्यान से देखना है। वो नीचे भी जा सकता है और ऊपर भी ।

    कुछ भी हो आपको अपनी भावनाओं में नहीं बहना है । अगर अपने 10 रूपये नीचे का स्टॉप लॉस लगाया था और आज शेयर 5 रूपये गिर गया तो ज़रूरी नहीं की वो कल भी गिरेगा और वैसे भी अगर गिरा भी तो आपका नुकसान तो फिक्स है।

    हो स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी सकता है कि वह कल 10 रूपये बढ़ जाये और जहाँ आप 5 रूपये के लॉस बेचने वाले थे वही आपको 5 रूपये का प्रॉफिट देखने को मिले इसलिए उम्मीद न खोये और अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करें।

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    शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स | free share market tips

    शेयर बाजार अनिश्चितता का बाजार है यहाँ पर हर एक चीज अनिश्चित इसको अंग्रेजी में बोलते हैं uncertain .

    जब कोई चीज निश्चित नहीं है तब आप उसको टिप्स के जरिए कैसे निश्चित बना सकते हैं.

    स्टॉक मार्केट एनालिसिस का गेम है.

    क्योंकि जहां पर एनालिसिस ही आपके काम आती है और स्टॉक मार्केट अनुमान के आधार पर चलता है अनुमान क्या कहता है कि कल मार्केट गिरेगा या अनुमान यह कहता है कि कल मार्केट बढ़ेगा लेकिन कोई भी दावा नहीं कर सकता अगर दावा करता है तो टिप्स देने वाला करता है.

    चलिए कुछ टिप्स हम बताते हैं जो आपको करनी है स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने से पहले करने से पहले।

    Best stocks to buy tomorrow for intraday| intraday trading call

    सबसे पहली टिप्स आप किसी से भी टिप्स ना लें.

    ना ही किसी टिप्स देने वाले को फॉलो करें। फॉलो करने का मतलब वह आपसे बोलता है कि आप हमारी स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी कॉल को कुछ दिन तक फ्री में इस्तेमाल करें आप हमारे टेलीग्राम पर आए या आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ऐसा बिल्कुल भी ना करें चाहे वह आपसे करोड़ों रुपए बनाने का वादा क्यों ना करें इससे आप पूरी तरीके से दूर रहें।

    आप किसी को अपना मेंटर बना सकते हैं आप जैसे आप किसी पुराने व्यक्ति प्रचलित उनकी किताबें पढ़ सकते हैं या उनके पुराने वीडियो देख करके उनसे सीख सकते हैं आप सबसे अच्छा आप उनकी किताबें पढ़ें तो उससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

    टीवी वाले विज्ञापन से दूर रहे टीवी वाली कॉल से भी दूर रहें क्योंकि यह लोग जो स्टॉक चर्चा में बना रहता है या जो स्टॉक बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है यह लोग सिर्फ उसी की चर्चा करते हैं उसी पर डिस्कशन करते हैं जो स्टॉक गिर जाता है यह लोग उस पर चुप्पी साध लेते हैं और उस पर बात नहीं करते।

    अगर इनके द्वारा दी गई कोई कॉल या फिर कोई टिप्स सही काम कर जाती है तब फिर यह दोबारा चर्चा करेंगे लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह लोग उस पर चर्चा नहीं करते हैं.

    किसी एक मेंटर को ही सही तरीके से फॉलो करें अलग-अलग मेंटर अगर आप बनाएंगे तो अलग अलग मेंटर अपनी अलग अलग तरीके की स्ट्रेटेजी बताएगा आप फिर कंफ्यूज हो जाएंगे और आपको कोई भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं करेगी। इसलिए सिर्फ एक ही मेंटर बनाए और एक ही स्ट्रेटेजी पर काम करें

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    इससे पहले वाले स्टेप में मैंने बताया कि आप मेंटर की strategy को फॉलो करें स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि आप मेंटर की strategy को ना फॉलो करके अपनी खुद की strategy बनाएं मतलब की सिर्फ उनके बताए गए बातों को ही फॉलो करें।

    हमेशा ट्रेडिंग के बनाए गए जो रूल है उनको फॉलो करें प्रॉफिट की तरफ बिल्कुल भी आपका ध्यान नहीं जाना चाहिए आपका ध्यान हमेशा पैसा बचाने की तरफ जाना चाहिए आपका पैसा अगर बचा रहेगा तब आपका प्रॉफिट अपने आप आता रहेगा या आना शुरु करेगा धीरे-धीरे इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको हमेशा पैसा बचाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और पैसा बचाने के लिए अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए।

    Risk and Reward investing and trading

    अपने द्वारा बनाए गए Risk और Reward का अनुपात हमेशा फॉलो करें जैसे 1:3

    यह अनुपात बताता है कि आपका रिस्क का प्रतिशत एक है और रिकॉर्ड का प्रतिशत 3

    मतलब अगर आप दिन में 4 ट्रेड लेते हैं तब आपका एक ट्रेड गलत हो जाता है तो कम से कम आप के तीन ट्रेड सही होने चाहिए।

    या आप स्टॉक को भी खरीदते हैं थोड़े समय के लिए तब आप के स्टॉक का परसेंटेज भी इसी अनुपात में होना चाहिए।

    यह अनुपात सिर्फ ट्रेडिंग के लिए ही नहीं है यह अनुपात आपका स्टॉक को जो आप खरीद कर होल्ड करते हैं उसके लिए भी है.

    support and resistance trading strategy and indicator

    अगर आप ट्रेडर है और ट्रेड करते हैं तब आपको सपोर्ट का और रेजिस्टेंस का बहुत अच्छी तरीके से ज्ञान होना चाहिए।

    इसके लिए कम से कम 3 साल पुराना चार्ट की स्टडी करें और उस पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस की लाइन खींच ले जिससे आपको पता लगता रहेगा समय-समय पर यह स्टॉक कहां-कहां पर बाधा में फस रहा है और कहां पर यह नीचे गिरने पर वापस आ रहा है.

    सपोर्ट और रजिस्टेंस के जरिए आप अपना टारगेट और स्टॉपलॉस उसी के हिसाब से आपको लगाना चाहिए और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हमारा यह टारगेट है और इसके नीचे जाएगा तो हमारा यह स्टॉपलॉस है.

    अगर आपको आपके टारगेट के हिसाब से आपका प्रॉफिट आ जाता है तो आपको वहां से निकल जाना चाहिए और अगर स्टॉक आप के अनुमान के हिसाब से नीचे गिरता जा रहा है तब वहां से भी आपको अपना नुकसान काट कर निकल जाना चाहिए।

    अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग लेते हैं या स्टॉक में खरीदते हैं कुछ समय के लिए तब आप को सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के हिसाब से वहां पर टेक्निकल चार्ट जो बता रहा होता है उस हिसाब से आपको वहां पर ट्रेड लेने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहिए कम से कम 2 या 3 दिन का उसके लिए आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए अगर आप जल्दी बाजी करते करते हैं तब आपका नुकसान हो सकता है क्योंकि स्टॉक वहां से दोबारा नीचे गिर सकता है और आपको वहां से फिर नुकसान काट के निकालना पड़ सकता है.

    technical indicators for intraday trading

    स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

    टेक्निकल एनालिसिस आपको सही भाव पर खरीदने और बेचने का एक संकेत देती है.

    जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में ही बताया है कि स्टॉक मार्केट सिर्फ अनुमान के आधार पर चलता है तो अनुमान एक संकेत है और संकेत आपको टेक्निकल एनालिसिस के जरिए मिलते हैं.

    आपको यहां पर कुछ टिप्स जाननी चाहिए जो टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आपको समझ में रखनी चाहिए।

    technical analysis of stocks & commodities and trading’s

    आपको स्टॉक के प्राइस में जो उतार-चढ़ाव दिख रहा होता है लगातार वह आपको आकर्षित करता है ट्रेड लेने के लिए आपको इससे बचना चाहिए सिर्फ भाव को देखकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

    आपको कुछ मूविंग एवरेज के हिसाब से ट्रेडिंग करनी चाहिए।

    Best moving average in stock market| moving average ko kaise samjhe

    अगर आप 5- 6 महीने के लिए कोई स्टॉक खरीद रहे हैं तब आप कम से कम 200 days का moving average लगाकर ट्रेड करना चाहिए।

    अगर कोई स्टॉक 200 दिन का मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करने लगे तब आपको उस में एंट्री लेने की बारे में सोचना चाहिए।

    और अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तब आपको

    दो मूविंग एवरेज , एक 9 दिन का और दूसरा 50 दिन का या फिर एक 7 दिन का या दूसरा 20 दिन का इस पर काम स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी करना चाहिए

    Rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल आपको यह बताता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड हो गया है या ओवरबॉट हो गया है

    इसका मतलब यह है कि अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा तेजी आ चुकी है तब आपको स्टॉक में खरीदारी करने के लिए इंतजार करना चाहिए

    उसी तरह से अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट आ चुकी है तब भी आपको वहां पर खरीदारी करने का इंतजार करना चाहिए दोनों ही जगह आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि दोनों ही जगह रिस्क है.

    मूविंग एवरेज के अलावा super trend indicator का इस्तेमाल कर सकते हैं.

    Read Useful links below

    Margin trading kya hoti hai

    आपको margin लेकर बहुत ज्यादा स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए चाहे आपका दिल कितना भी करें क्योंकि आपको इसमें कभी ना कभी बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.

    मार्जिन ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होती है जिसमें ब्रोकर आपको पैसे देकर के ट्रेड करवाता है ऐसी ट्रेडिंग से बचना चाहिए।

    स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कैसे करें

    हमेशा स्टॉपलॉस के साथ ट्रेड करना चाहिए। खासतौर से यह उन लोगों के लिए जो फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करते हैं हमारे बहुत सारे नए लोग बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेड करते हैं अगर उन्होंने अपना स्टॉपलॉस नहीं लगाया तब किसी भी दिन उनका बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा तो इसलिए बिना स्टॉपलॉस के आपको कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

    किसी भी दूसरों की आईडिया दूसरों की स्ट्रेटेजी पर ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए

    यह इसलिए होता है क्योंकि आपको पता ही नहीं होता है कि कब यह स्ट्रेटेजी काम करेगी या कब यह स्ट्रेटेजी फेल हो जाएगी

    अगर आप इन सारे टिप्स को फॉलो करते हैं तब आपको काफी कुछ अपना पैसा खोने से बचा सकते हैं.

    Scalping Trading कैसे करे – स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर के मिनटों में पैसे कैसे कमाए

    शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा तेजी से पैसे कमाने का तरीका Scalping Trading ही है. क्योंकि यह एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसकी मदद से आप कुछ मिनट के अंदर ही हजारों रुपये कमा सकते है.

    लेकिन Scalping Trading करने में जोखिम भी बहुत है. क्योंकी इसमें सबसे ज्यादा पैसे लगाए जाते है.

    और बिना जानकारी और सही राण नीति बगैर अगर अपने इसमे पैसे लगा दिए तो आपको कुछ मिनट के अंदर ही नुकसान हो सकता है.

    तो आपको Scalping Trading के बारे में अच्छी जानकारी होना चाहिए.

    चलिए जानते है सकैलपिंग ट्रेडिंग क्या है.

    प्रिश्न पर पर क्लिक करे और उत्तर पर जाए !

    Scalping Trading Kya Hai ?

    एक ही दिन के अंदर शेयर मार्किट के खुलने और बंद होने के बीच, शेयर को ज्यादा से ज्यादा पैसों में खरीदना.

    और शेयर की थोड़ी सी कीमत बढ़ जाने पर उन्हें बेच कर मुनाफा कमाना Scalping Trading कहलाता है.

    अगर आप सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो उसके लिए हमारी यह पोस्ट पढ़े.

    चलिए अब जानते है सकैलपिंग ट्रेडिंग कैसे करे.

    Scalping Trading Kaise Kare ?

    Scalper Trading करने के लिए सबसे पहले एक Strategy बनानी होगी ताकि आप उसी स्ट्रेटेजी के अनुसार काम कर सके.

    Scalping Trading Strategy in Hindi ?

    सबसे पहले आपको एक कंपनी को चुनना है. जिसकी Share की Price में सबसे ज्यादा उतार-चढाब आते है. ताकि हम उसके शेयर की कीमत में हुए बदलाब के ग्राफ को देख सके.

    अब जिस शेयर की कंपनी को आप चुन रहे है उसके शेयर खरीदने के लिए उसके नाम को अपने ट्रेडिंग account के software में जाकर search करे.

    अब उस कंपनी के शेयर के बीते दिनों की परफॉरमेंस देखे की, उसके शेयर की कीमत किस हिसाब से घटती और बढ़ती है.

    चलिए एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते है.

    Scalping Trading In Hindi ?

    मान लेते है कि अपने जो शेयर चुना है उसके शेयर की कीमत में हर 30 मिनट के अंदर 50 पैसे से 1.50 रुपये तक का उतार-चढाब आता है.

    अब आप अपने ट्रेडिंग एकाउंट में जाकर सबसे पहले उस कंपनी के शेयर को शेयर मार्केट के खुलते ही खरीद ले.

    चुकी हम यहां सकैलपिंग ट्रेडिंग कर रहे है तो इसमें हमे जितना ज्यादा हो सके उतने पैसों से शेयर खरीदने है.

    इसके लिए आप अपने ट्रेडिंग एकाउंट की लगभग 90 प्रतिशत मार्जिन का उपयोग कर सकते है. अब मान लेते है कि अपने 120 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर शेयर खरीद लिए.

    अब आप उसमें तुरंत 119.50 रुपये/पैसे प्रति शेयर का stop loss लगा दे. अगर आप स्टॉप लॉस के बारे में नही जानते तो उसके लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.

    अब आप अपना टारगेट लगाए 120.50 रुपये/पैसे प्रति शेयर. अब जैसे ही शेयर की कीमत 120.50 रुपये/पैसे प्रति शेयर हो जयेगी आपके शेयर अपने आप बिक जाएंगे और आपका मुनाफा आपके खाते में होगा.

    Scalping Trading Tips in Hindi
    • पूरी मार्जिन मानी का इस्तमाल ना करें
    • ज्यादा लालच न करे और बड़ा टारगेट न लगाएं
    • स्टॉप लॉस जरूर लगाएं ताकि नुकसान न हो
    • स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी
    • किसी के कहने पर scalping ट्रेडिंग न करे
    • एक ही company के शेयर पर बार-बार ट्रेडिंग न करें
    • एक दिन में ज्यादा ट्रेडिंग न करें

    इन सभी बातों का पालन करें ये आपको ट्रेडिंग में नुकसान नही होने देंगीं.

    आपको हमारी यह पोस्ट सकैलपिंग ट्रेडिंग कैसे करे अगर अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे.

    अगर आपके मन मे Scalping Trading Kaise Kare से जुड़े सवाल है तो “सवाल पूछे” बटन को दबा कर अपना सवाल पूछे. हम तुरन्त जबाब देंगे.

    POSITION TRADING KYA HAI ? POSITION TRADING करके लाखो कैसे कमाये?

    पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? What is Position trading ?

    Positional trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर अपने ट्रेडिंग पोजिशन को लंबे समय तक अर्थात 2 से 3 महीने तक होल्ड करके रखते है तथा टारगेट हिट हो जाने के बाद अपने पोजीशन को काट लेते है और मुनाफा प्राप्त कर लेते है ।

    पोजीशनल ट्रेडिंग (position trading kya hai) ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है जिसमें हम किसी कंपनी के शेयर को कम से कम 1 महीने से लेकर 1 साल के बीच होल्ड करके रखते हैं तथा मुनाफा प्राप्त कर वहां से बाहर निकल जाते हैं यही पोजीशन ट्रेडिंग कहलाता है।

    उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी भी कंपनी एक कंपनी का शेयर प्राइस ₹2000 रुपये है कुछ महीनों बाद उस शहर में 15% का उछाल आता है जिससे उस शेयर की कीमत 2000 रुपये से बढ़कर ₹2300 रुपये हो जाता है जिससे ट्रेडर को 300 रुपये का मुनाफा भी प्राप्त हो जाता है।

    POSITION TRADING KYA HAI

    पोजीसनल ट्रेडिंग कैसे करें

    जैसे कि आप सभी को यह पता ही है की पोजीशनल ट्रेडिंग(POSITION TRADING KYA HAI) में किसी भी कंपनी के शेयर को लंबी अवधि के लिए रखा जाता है तो आप यह सबसे पहले तय कर लीजिए कि आप किसी भी कंपनी के शेयर को कितने दिनों या महीनों तक रख सकते हैं।

    यह डिसाइड करने के बाद आप किसी कंपनी को अच्छी तरह एनालाइज करने के बाद उसमें अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से एंट्री कीजिए तथा कुछ महीनों बाद प्रॉफिट प्राप्त होने पर वहां से अपना पोजीशन काट लीजिए।

    इसे हम उदाहरण के जरिए समझते हैं :-
    मान लीजिए किसी कंपनी xyz की कीमत ₹1000 है और हमने अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार उस कंपनी के 100 शेयर खरीद लिए तथा कुछ महीने बाद उस कंपनी का प्राइस ₹1000 से बढ़कर ₹1700 हो जाता है इसी प्रकार हमें कंपनी के 1 शेयर पर ₹700 का प्रॉफिट होता है।

    जो कि हमने 100 शेयर खरीदा था तो इस हिसाब से हमारा कुल निवेश 1,00,000 रुपये होगा तथा हमारा कुल प्रॉफिट 70,000 रुपये होगा। क्योंकि एक शेयर का दाम ₹700 बढ़ गया था इसी प्रकार बड़े ट्रेडर अपना प्रॉफिट प्राप्त करते हैं।


    पोजीशनल ट्रेडिंग में stoploss कैसे लगाये

    इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (POSITION TRADING KYA HAI) में STOPLOSS लगाने के लिये आपको एक योजना बनानी होगी। जिससे आपको पता हो कि कहा में अपना लॉस बुक कर के स्टॉक से बाहर निकल जाये ।इसे रिस्क मैनजमेंट कहते है।जिससे आप बहुत ज्यादा नुकसान होने से बच सकते है।

    स्टॉक मार्केट में हर बार जितने के लिये कभी कभी हारना भी सिखाना पड़ता है।

    क्योकि हार के जितने वाले को ही बाजीगर कहते है।😁

    इसे उदाहरण के जरिए समझते हैं मान लीजिए किसी शेयर का प्राइस ₹100 है और आपने उसके 10 शेयर खरीद लिए और शेयर खरीदने के बाद आपने उसमें स्टॉप लॉस ₹95 का लगाया हैं और टारगेट 120 रुपये लगाया यदि आपका स्टॉपलॉस हिट होता है तो आपको आपकी कैपिटल के एक शेयर पर ₹5 रुपये का नुकसान अर्थात ₹50 रुपये का नुकसान होगा और आपका टारगेट प्राइस हिट हो जाता है तो ₹200 का प्रॉफिट प्राप्त हो जाता है।

    पोजीशनल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

    ट्रेडिंग या position ट्रेडिंग (POSITION TRADING KYA HAI)के लिए बहुत से ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है लेकिन एक ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग, अपने अनुभव व अपने skill के अनुसार करता है ।

    ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादातर ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं, और फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करते हैं। इन दोनों को मिलाकर एक और स्ट्रैटेजी होती है जिसे टेक्नो फंडामेंटल एनालिसिस स्ट्रेटेजी कहते हैं। जिसमें ट्रेडर किसी शेयर के टेक्निकल व फंडामेंटल दोनो को देख कर ट्रेडिंग करता है।

    टेक्निकल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है

    Technical trading strategy के लिए एक ट्रेडर शेयर के प्राइस जैसे उप ट्रेंड, डाउन ट्रेंड, साइड वेज ट्रेंड, उसके चार्ट पेटर्न कैंडलस्टिक पैटर्न ,सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस टेक्निकल इंडिकेटर जैसे RSI MOVING AVERAGEआदि को देखकर ट्रेडिंग करता है तथा अपना प्रॉफिट व स्टॉपलॉस भी प्राइस के अनुसार ही तय करता है।

    फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है

    इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में हर ट्रेडर अपना ट्रेडिंग कंपनी के परफॉर्मेंस के हिसाब से लेता है अर्थात फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी करने वाला ट्रैडर कंपनी के फास्ट परफॉर्मेंस को देखता है तथा कंपनी के कर्ज उसका पी रेशियो आदि को देखकर अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करता है। इसे ही फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी कहते हैं।

    टेक्नो फंडामेंटल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है

    इस( position trading kya hai )ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में ट्रेडर टेक्निकल और फंडामेंटल दोनों को मिलाकर अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करता है, अपना ट्रेड लेता है ।अर्थात वह ट्रेडर जो टेक्निकल इंडिकेटर्स प्राइस एक्शन, सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस ,आर एस आई, मूविंग एवरेज व कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस आदि को देखकर अपना ट्रेड लेता है जिससे वह अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त करता है।

    इन सभी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग करके एक ट्रेडर अच्छा खासा मुनाफा भी प्राप्त है और नुकसान न के बराबर होता है।


    पोजीशनल ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

    पोजीशनल ट्रेडिंग के फायदे

    Positioner trading मैं रिस्क बहुत कम होता है क्योंकि यह लंबी अवधि के लिए होता है जिसे छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव में ट्रेडर को कोई नुकसान नहीं होता है।

    पोजीशनल ट्रेडिंग तनाव रहित ट्रेडिंग है इसमें स्विंग ट्रेडिंग व इंट्राडे ट्रेडिंग कितना तनाव नहीं रहता है।

    पोजीशनल ट्रेडिंग (POSITION TRADING KYA HAI) में हम इसे पार्ट टाइम की तरह कर सकते हैं क्योंकि इसमें हमें डे ट्रेडिंग की तरह हमेशा चार्ट देखना नहीं पड़ता है और इसमें हमें कम ट्रेड लेने होते हैं तथा हम किसी भी कंपनी के शेयर को अच्छे से एनालाइज कर उसमें अपना पोजीशन बनाकर अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

    पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए हम किसी शेयर को खरीदते हैं तो उसमें हमारा स्टॉप लॉस हिट होने की संभावना बहुत कम रहती है क्योंकि इसमें valatility की मात्रा बहुत ही कम होती है जिससे नुकसान ना के बराबर होता है।

    पोजीशनल ट्रेडिंग से हमें पहले से ही पता चल जाता है कि हमें शेयर को किस प्राइस में खरीदना है वह किस प्राइस में बेजना है जिससे हमारा प्रॉफिट आने का चांस बहुत बढ़ जाता है।


    पोजीशनल ट्रेडिंग के नुकसान

    पोजीशनल ट्रेडिंग में हमें एक ही शेयर को बहुत ही लंबे समय तक अपने डिमैट अकाउंट में ट्रेडिंग अकाउंट में होल्ड करके रखना पड़ता है

    जिससे हमारा कैपिटल ब्लॉक हो जाता है और हम कोई दूसरा ट्रेड नहीं ले पाते हैं जिससे दूसरे ट्रेन में होने वाला प्रॉफिट हमें नहीं मिल पाता है।

    Positioner trading केवल टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से नहीं करना चाहिए इसमें फंडामेंटल का भी उपयोग करना चाहिए ताकि हमारा प्रॉफिट कई गुना बढ़ सके टेक्निकल एनालिसिस करने से बहुत अधिक प्रॉफिट का चांस कम हो सकता है।

    आज हमने क्या सीखा ?
    आज हमने सीखा कि Position Trading kya hai. और हम इसे कैसे कर सकते हैं पोसिशनल ट्रेडिंग करने के क्या फायदे होते हैं और पोजीशनल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है।

    मैं आशा करता हूं की आपको यह पोस्ट Position Trading Kya Hai पढ़कर Position Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Trading से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।

    यदि आपके मन में position trading kya hai से जुड़ी कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को स्टॉक मार्केट और उससे जुड़ी सभी जानकारियां सभी तक पहुंचते रहें और सभी आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें

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