क्रिप्टोकरेंसी इन इंडिया

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम
PLV Manish Kumar

प्रबंधन में पंचवर्षीय एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएम)

आईआईएम इंदौर द्वारा 2011 में शुरू किया गया, प्रबंधन में पांच साल का एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएम) भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। यह प्रबंधकीय और नेतृत्व आकांक्षाओं वाले युवा विद्यार्थियों के लिए एक अद्वितीय और रचनात्मक कार्यक्रम है। आईपीएम के माध्यम से, आईआईएम इंदौर युवा छात्रों को आकर्षित कर, एक विश्व स्तरीय शिक्षा के माध्यम से उन्हें अद्वितीय नायकों में ढालना चाहता है।

आईपीएम उन छात्रों के लिये है जो भारत के किसी भी स्कूल से बारहवीं कक्षा/उच्चतर माध्यमिक या समकक्ष उत्तीर्ण कर चुके हैं ।

कार्यक्रम में 15 सत्र होते हैं जो 5 साल की अवधि में पूर्ण होते व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम हैं, प्रत्येक साल 3 महीने के 3 सत्र होते हैं। आईपीएम दो भागों में है। पहले तीन वर्षों में नींव का निर्माण होता है, और अगले दो वर्षों में प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

मूलभूत भाग में तीन प्रमुख तत्व शामिल हैं:

  • गणित, सांख्यिकी और अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम में विश्लेषणात्मक दृढ़ता का निर्माण
  • अर्थशास्त्र में पाठ्यक्रम के साथ-साथ मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान में पाठ्यक्रम, मुख्य विषयों की समझ प्रदान करते हैं जिन पर प्रबंधन का अध्ययन आधारित किया जाता है।
  • विज्ञान, इंजीनियरिंग, मानविकी, साहित्य और ललित कला में पाठ्यक्रम, व्यापक विस्तार और परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं।

विश्लेषणात्मक गहनता और व्यापक प्रदर्शन का एक संयोजन आईपीएम छात्रों को नेतृत्व की भूमिका निभाने और विभिन्न क्षेत्रों में जिम्मेदारी के पदों के लिए तैयार करता है।

मूलभूत विषयों के गहन अध्ययन के 3 साल बाद, आईपीएम छात्रों को संस्थान के दो-वर्षीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम के छात्रों (पीजीपी) के साथ प्रबंधक के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है जो वर्ष 4 और 5 में प्रबंधन अध्ययन के इसी पाठ्यक्रम पैकेज का अध्ययन करते हैं।

आईपीएम विद्यार्थियों को 3 साल के अंत में एक सामाजिक इंटर्नशिप और साल 4 और 5 के बीच में एक व्यापरिक इंटर्नशिप पूरा करना आवश्यक है। यह अनुभवात्मक अधिगम उन में नेतृत्व का गुण पैदा करता है और उनके प्रबंधकीय कौशल को परिष्कृत करता है।

पांच साल की गहन शैक्षिक अनुभव के सफल समापन पर, प्रतिभागियों को आईआईएम इंदौर से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (फॉउण्डेशन्स ऑफ़ मैनेजमेंट ) एवं मास्टर्स ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (द्वि- उपाधि कार्यक्रम के तहत )से सम्मानित किया जाएगा।

पहले 3 वर्षों में पाठ्यक्रमों की पेशकश

गणित, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र

  • गणित और सांख्यिकी में फाउंडेशन कोर्स
  • खेल का सिद्धांत
  • अनुकूलन
  • सांख्यिकी मॉडलिंग
  • संख्यात्मक विश्लेषण
  • समाकलन गणित
  • माइक्रो और मैक्रो अर्थशास्त्र
  • भारतीय अर्थव्यवस्था
  • पैसा, बैंकिंग और वित्त
  • अर्थमिति
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्रबंधन की नींव

  • समाजशास्त्र और मनोविज्ञान का परिचय
  • भारत और विश्व राजनीति
  • लोक प्रशासन
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध
  • व्यापार, सरकार और समाज
  • व्यापार इतिहास
  • प्रबंधन के सिद्धांत
  • मानविकी
  • साहित्य
  • भाषाएँ: अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन
  • विज्ञान और इंजीनियरिंग मेंफाउंडेशन कोर्स
  • संचार एवं प्रस्तुति कौशल
  • , नृत्य, संगीत, नाटक

पीजीपी स्तर पर पाठ्यक्रमों की पेशकश

(पीजीपी पाठ्यक्रम की तरह ही)

  • संचार
  • अर्थशास्त्र
  • वित्त लेखा
  • मानविकी और सामाजिक विज्ञान
  • सूचना प्रणाली
  • विपणन
  • ओबी एवं ऑफिस
  • संचालन प्रबंधन और मात्रात्मक तकनीक
  • रणनीति
  • ग्रामीण जानकारी कार्यक्रम
  • हिमालय आउटबाउंड कार्यक्रम
  • उद्योग विजिट कार्यशाला
  • अन्य वैकल्पिक कार्यशालाएं

फीस और आवास

पहले 3 साल के लिए ट्यूशन फीस निवासी भारतीयों के लिए प्रति वर्ष लगभग रुपये 4,00,000 / – और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) के लिए 6,00,000 / – (रुपये छह लाख) देय होगी और अगले दो साल के लिए यह प्रचलित पीजीपी फीस के अनुसार होगी। ट्यूशन फीस में बोर्डिंग और लॉजिंग शुल्क शामिल नहीं है। पाठ्यक्रम शुल्क में रहने, व्याख्यान तक पहुंच, कंप्यूटर सुविधाओं और पुस्तकालय शामिल हैं। निवास पहले 3 साल के लिए एक साझेदारी के आधार पर व्यवस्थित किया जाएगा। एकल रूम आवास कार्यक्रम के चौथे और पांचवे साल में उपलब्ध कराया जाएगा।

इंटर्नशिप

आईआईएम इंदौर अपने छात्रों की विचार प्रक्रिया को आकार देने में एक संस्थान की भूमिका के प्रति हमेशा जागरूक रहा है और इसलिए, सामाजिक संवेदनशीलता को अपने आवासीय कार्यक्रम का एक मुख्य आधार बनाया है।

आईपीएम छात्रों को तीसरे वर्ष के अंत में एक सामाजिक इंटर्नशिप पूरा करना आवश्यक है।

सामाजिक इंटर्नशिप के अलावा, आईपीएम विद्यार्थी चौथे और पांचवे साल के बीच पीजीपी विद्यार्थियों के साथ एक व्यापारिक इंटर्नशिप करते हैं।

चयन प्रक्रिया

छात्रों को एक कड़ी चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है:

  • पढ़ाई और सह पाठयक्रम गतिविधियों में छात्रों की प्रवीणता को अच्छी तरह से समझने के उद्देश्य से आकांक्षी से एक आवेदन फार्म भराया जाता है।
  • इसके बाद अंग्रेजी और गणित, तार्किक ज्ञान में आवेदक की योग्यता और प्रवीणता परीक्षण करने के लिए एक प्रवेश परीक्षा होती है।
  • चुने गए उम्मीदवार व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए आते हैं। साक्षात्कार से पूर्व प्रतिभागियों का लिखित योग्यता परीक्षण (वैट टेस्ट ) होता है। साक्षात्कार पैनल में आईआईएम इंदौर और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से योग्य प्रोफेसरों शामिल होते हैं। साक्षात्कार छात्रों के आत्मविश्वास, संचार कौशल, सामान्य जागरूकता, अनुनय कौशल और ज्ञान के स्तर को जांचता है।

आईआईएम इंदौर में हर साल आईपीएम में 120 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।

संकाय संसाधन

आईआईएम इंदौर में शैक्षणिक विषयों के योग्य शिक्षक हैं। आईपीएम छात्रों को निवासी और प्रख्यात विजिटिंग फैकल्टी, प्रसिद्ध कॉलेजों / संस्थानों के संसाधन व्यक्तियों और उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाता है।

विद्यार्थी गतिविधियॉ

शैक्षिक कार्यक्रमों के अलावा, आईपीएम प्रतिभागियों को, उन में नेतृत्व के गुण और प्रबंधकीय कौशल विकसित करने के लिए, विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों की जानकारी दी जाती है। आईपीएम प्रतिभागियों ने कई क्लब/समितियों का गठन किया है जिनके माध्यम से वे अपने शैक्षणिक गतिविधियों को पूरा करते हैं।

महानगर उद्योग व्यापार समिति युवा मंच ने किया पौधारोपण

Mahangar Udhyog Vyapar Manch

वाराणसी। शनिवार को विश्व पर्यावरण व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम दिवस के शुभ अवसर पर महानगर उद्योग व्यापार समिति युवा मंच के द्वारा शगुन लॉन दनियालपुर के पास पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम में महानगर उद्योग व्यापार समिति युवा व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम मंच के अध्यक्ष मनीष चौबे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

मनीष चौबे ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के दिन एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए एक पेड़ सौ पुत्रों के समान है। हम सभी के जीवन में पौधे लगाना अब अत्यधिक जरूरी हो गया है क्योंकि कुछ दिन पूर्व में हम सभी ने देखा कि किस तरह लोग ऑक्सीजन के लिए अपनी जान तक गंवा दिए। इसलिए आज इस मौके पर हम सभी एक पौधे अपने नाम से या अपने बच्चों के नाम से जरूर लगाना चाहिए। इस दौरान आम, नीम, गुड़हल, पाकड़, बरगद दर्जनों छायादार वृक्ष लगाया गया

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महानगर उपाध्यक्ष सोमनाथ विश्वकर्मा, युवा महामंत्री राहुल मेहता, राजन जयसवाल, सुनील कश्यप, शिव शंकर विश्वकर्मा, गुलशन कनौजिया, विश्वास जायसवाल, धनराज लालवानी विवेक सिंह, राजीव यादव, अनिल कुमार सुरेंद्र मौर्य, नीरज चौबे, ऋषभ श्रीवास्तव, संदीप गुप्ता , राजेंद्र मौर्या, राम नरेश यादव, आशीष यादव, अवधेश कुशवाहा इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉनक्लेव

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने अपने रजत जयंती समारोह के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के एक भाग के रूप में 1 अक्तूबर, 2018 को अशोक होटल, नई दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉनक्लेव का आयोजन किया।

press release

कार्यक्रम का उद्घाटन महात्मा गांधी के कार्य एवं सोच को दर्शाने वाले गीत वैष्णव जन के साथ किया गया। तत्पश्चात्, मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति, श्री एम. वैंकेया नायडू के साथ-साथ आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एच. एल. दत्तू, सदस्य न्यायमूर्ति श्री पी. सी. घोष एवं श्रीमती ज्योतिका कालरा, महासचिव श्री अम्बुज शर्मा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।

इस कॉनक्लेव का उद्देश्य विभिन्न देशों के राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों, एन.एच.आर.आई. के वैश्विक नेटवर्क, सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों तथा अन्य पक्षकारों को उनकी राय व्यक्त करने तथा विचार-विमर्श करने हेतु एक मंच उपलब्ध कराना था।

आयोग के महासचिव, श्री अम्बुज शर्मा ने आयोग द्वारा पिछले 25 वर्षों के दौरान आयोग को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत दिए गए अधिदेश के आधार पर राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों एवं सभी पणधारियों को साथ लाने को सुनिश्चित करने एवं सुरक्षा कार्यों के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने आयोग द्वारा किए गए महत्त्वपूर्ण पहलों पर भी प्रकाश डाला, जैसे-ऑनलाइन मानव अधिकार शपथ, ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण प्रणाली, टोल फ्री राष्ट्रीय हैल्पलाइन, इसे सुगम बनाने हेतु द्विभाषीय वेबसाइट, महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध यौन हिंसा के मुद्दों पर ओपन हाउस चर्चा, जेल सुधार आदि। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के लिए मानव अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में यह कॉनक्लेव एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।

श्री राजीव गाबा, केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा कि भारत ने हमेशा से ही विधिक नियामक ढांचे, विधि के नियम की स्थापना एवं लोगों के सिविल राजनैतिक एवं मौलिक अधिकारों के संरक्षण के माध्यम से समाज के कमज़ोर वर्गों के समाज-आर्थिक अधिकारों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय जनजाति आयोग एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के साथ मिलकर केन्द्र की सरकार को 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहायता कर रहा है।

press release

आयोग के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री एच. एल. दत्तू ने भारत में मानव अधिकारों के संरक्षण में एन.एच.आर.सी. के कार्य के 25 वर्षों को मनाने हेतु आयोजित अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कॉन्क्लेव में सभी उपस्थितों का स्वागत किया। अध्यक्ष महोदय ने पिछले वर्षों में आयोग की विभिन्न महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों तथा देश में मानव अधिकार संस्कृति को मुख्य धारा में लाने के क्षेत्र में आयोग के महत्त्वपूर्ण सहयोग को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न पणधारियों को जागरुकता के प्रसार, लोगों को संवेदनशील करने एवं विधिक एवं संवैधानिक प्रावधानों को सदृढ़ करने की आवश्यकता है जिससे नियंत्रण एवं संतुलन की प्रणाली को विस्तार दिया जा सके। आयोग शिविर बैठकों, जन सुनवाइयों, बंधुआ मज़दूरी प्रकोष्ठ स्थापित कर, विशेष संपर्ककर्त्ताओं की नियुक्ति, कोर एवं विशेषज्ञ समूहों का गठन, मानव अधिकार समर्थकों के लिए फोकल प्वाइंट के रूप में कार्य करने के माध्यम से मानव अधिकार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहा है।

न्यायमूर्ति श्री दत्तू ने कहा कि गरीबी, लिंग भेद-भाव, बंधुआ मज़दूरी, मानव तस्करी शरणार्थियों का विस्थापन आदि मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग गनहरी का सदस्य है तथा इसको गनहरी द्वारा निरन्तर ’ए’ श्रेणी दी गई है। उन्होंने कहा कि मानव विकास का अर्थ बिना किसी अपेक्षा के सभी लोगों को स्वतंत्रता की गुंजाइश को विस्तृत एवं प्रसारित करना है।

मानव अधिकारों के प्रति एक सच्ची प्रतिबद्धता सभी लोगों की विविधता को ध्यान में रखते हुए प्रगतिशील आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों के माध्यम से आपसी संबंध विकसित करना है।

press release

भारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वैंकैया नायडु ने कहा कि राज्य का प्राथमिक दायित्व अहस्तांतरणिय अधिकारों का संरक्षण करना है। मानव अधिकारों को 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य माना गया है। उन्होंने कहा कि भारत में वैश्विक स्तर पर मानव अधिकारों के लिए दृढ़ता से आवाज़ उठाई है तथा विभिन्न मानव अधिकार सम्मेलनों के लिए हस्ताक्षर किए हैं। यह ’शेयर एण्ड केयर’ के दर्शन का अनुसरण करता है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों में अन्य बातों के साथ-साथ स्वास्थ्य देख-रेख, भोजन, शिक्षा, व्यापार, किशोरों एवं वृद्धजनों के मुद्दे भी शामिल हैं। उन्होंने मानव अधिकारों के उल्लंघन के निपटान एवं अधिकारों के संरक्षण के प्रति एक वॉचडॉग के रूप में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षण के सामने भ्रष्टाचार, गरीबी, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जो इस समय देश एवं विश्व झेल रहा है, गम्भीर चुनौतियां हैं।

भारत एक विशाल एवं विविधतापूर्ण व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम देश है तथा इसीलिए यहां पर शिकायतों की संख्या भी अत्यधिक है उन्होंने इन शिकायतों के निपटान में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ज़ोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए केवल कानून द्वारा गारंटी सुनिश्चित नहीं की जा सकती। समय की मांग है कि प्रभावी कार्यान्वयन पर विचार करते हुए बदलती पारिस्थितिक सच्चाइयों पर भी विचार किया जाए। आर्थिक अपराधियों एवं अन्य देशों में आतंकी, शरण की बढ़ती समस्याओं का संदर्भ देते हुए श्री नायडु ने कहा कि इस विषय पर कार्य करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं सदस्य देशों को एकजुट होना चाहिए। भगोड़ों का आदान-प्रदान एवं उनके विषय में सूचना साझा करने से लम्बे समय तक सहायता होगी तथा उन पर निगरानी रखी जा सकेगी।

उन्होंने भारत में स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की प्रशंसा की, जिसके कारण महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ-साथ इन संस्थानों की कार्यप्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं।

कॉनक्लेव में उद्घाटन सत्र के अलावा तीन विषयगत सत्र (1) तस्करी/प्रवासी/जबरन मज़दूरी तथा समाज के हाशिए के लोगों के अधिकारों के उभरते आयाम पर केन्द्रितः बेहतर प्रथाएं साझा करना (2) व्यापार एवं मानव अधिकारों के संरक्षण आदर एवं उपचारी संरचना (3) सतत् विकास लक्ष्य पर केन्द्रित महिलाओं का सशक्तीकरण एवं बच्चों का संरक्षणः चुनौतियां एवं संभावनाएं।

इस समारोह से समाज के विभिन्न वर्गों में अधिकारों पर आधारित उपरोक्त विषयों पर सर्वोत्तम प्रथा साझा करने तथा विचार-विमर्श करने में सहायता मिलेगी। सत्रों से नीतियों, कार्यक्रमों एवं प्रथाओं को विकसित करने व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम की प्रक्रिया का प्रभावी ढांचा तैयार करने में सहायता होगी, जिससे सभी अधिकारों एवं अवसरों को विकसित करने, संरक्षित करने, सहभागिता देने एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित हो पाएगा।

कॉन्क्लेव में यू.के., अफगानिस्तान, बांग्लादेश, क्रोएशिया, मॉरिशस, नेपाल, राज्य मानव अधिकार आयोग, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज के प्रतिनिधिमंडल तथा राजदूतों ने भी कॉनक्लेव में भाग लिया।

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम

Weekly Newsletter of CSC e-Governance Services India Limited, October 14, 2022 | CSC network is one of the largest Government approved online service delivery channels in the world

सभी वीएलई और एफपीओ को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 अक्टूबर, 2022 को पूर्वाह्न 11:00 बजे पीएम किसान किश्तों के जारी होने के लाइव वेबकास्ट के लिए किसानों को जुटाना है।

सीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली निम्नलिखित गतिविधियाँ:
• एफपीओ के लिए कम से कम 200 किसानों को संगठित करें
• वीएलई कम से कम 50 किसानों को जुटाएं
• एफपीओ और वीएलई को सत्र में फ्लेक्स बैनर प्रदर्शित करना होगा
• विभिन्न स्थानों पर आईईसी सामग्री का प्रदर्शन करें
• सीएससी में बैठने और नाश्ते की व्यवस्था करें
• कार्यक्रम के वेबकास्ट के लिए ऑडियो/वीडियो उपकरणों की व्यवस्था करें
• श्रोताओं को कार्यक्रम से परिचित कराएं

भुगतान प्राप्त करने के लिए सत्र की तीन तस्वीरें और अटेंडेंस शीट अनिवार्य है।
सत्र की व्यवस्था के लिए प्रोत्साहन राशि इस प्रकार है :
न्यूनतम 200 किसानों की व्यवस्था करने वाले एफपीओ के लिए 1200 रुपये।
न्यूनतम 50 किसानों की व्यवस्था करने वाले वीएलई के लिए 700 रुपये।

वीएलई को निम्नलिखित लिंक पर तस्वीरें और उनकी गतिविधियों का विवरण शेयर करना होगा : https://bit.ly/3euKSuP

PLV Manish Kumar

एचडीएफसी बैंक ने सीएससी वीएलई के लिए अपना फेस्टिव ट्रीट्स के साथ लाभार्थी खाता और डुकंदर ओवरड्राफ्ट लॉन्च किया है। फेस्टिव ट्रीट्स अपने चौथे सीज़न में सीमित अवधि के ऑफ़र का एक मेगा फेस्टिवल है। ऋण, कार्ड, खातों और आसान ईएमआई पर 10,000 से अधिक ऑफ़र के साथ, प्रत्येक ग्राहक के लिए कुछ लाभ और बचत है।

लाभार्थी बचत खाते के तहत, वीएलई उन सभी ग्राहकों को लक्षित कर सकते हैं जो इस खाते को खोलने के लिए सरकारी योजनाओं और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से लाभान्वित होते हैं। लाभार्थी खाते में उच्च दैनिक नकद लेनदेन सीमा, मुफ्त आकस्मिक मृत्यु कवर और उपयोगिता भुगतान पर 5% कैशबैक जैसे कई लाभ हैं।

दुकानदार ओवरड्राफ्ट एमएसएमई की वित्त पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सुविधा है। यह छोटे व्यवसायों, दुकानदारों, खुदरा विक्रेताओं आदि के लिए अत्यधिक सहायक है। वे 10 लाख रुपये तक की धनराशि का लाभ उठा सकते हैं और धन का उपयोग होने पर ही उपयोग और भुगतान कर सकते हैं।

इन उत्पादों के लॉन्च की अध्यक्षता सीएससी एसपीवी एमडी और सीईओ, श्री संजय राकेश, कंट्री हेड, गवर्नमेंट एंड इंस्टीट्यूशनल बिजनेस, अल्टरनेट बैंकिंग चैनल एंड पार्टनरशिप्स, इनक्लूसिव बैंकिंग ग्रुप एंड स्टार्ट-अप्स, एचडीएफसी बैंक, सुश्री स्मिता भगत और कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यापार प्रमुख, वैकल्पिक बैंकिंग चैनल और भागीदारी, एचडीएफसी बैंक श्री दिनेश लूथरा व अन्य ने की।

PLV Manish Kumar


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Beneficiaries taking NIELIT BCC examination with Examination superintendent at 24 South Pargana district (Total of 160 beneficiaries appeared for व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम the exam in this centre)

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The faculty of Brilliant Tutorials comprises of 125 experienced professors and lecturers who have designed the curriculum and compiled the course material, based on extensive analysis of competitive exams over the years and the latest developments in all the subjects. Year after year, in the most prestigious of competitive exams like IIT-JEE, All India PM/PD Entrance and IAS, Brilliant's students bag the top ranks.

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