क्रिप्टोकरेंसी इन इंडिया

एक क्रिप्टो

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क्रिप्टो से कमाई पर 30% टैक्स के फैसले का निवेशकों ने किया स्वागत, कहा- इसे कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव ने कहा कि, क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है. लेकिन इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा.

क्रिप्टो से कमाई पर 30% टैक्स के फैसले का निवेशकों ने किया स्वागत, कहा- इसे कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

आकाश गुलंकर | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Feb 03, 2022 | 5:41 PM

क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर केंद्र सरकार के नये टैक्स प्रावधानों को लेकर क्रिप्टो निवेशक और विशेषज्ञ आशंकित है. उन्हें लगता है कि टैक्स लगने से काफी हद तक क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को सरकार मान्यता दे रही है. लेकिन टैक्स की दर काफी ज्यादा है. हालांकि कई लोग इसे देश में वर्चुअल मुद्रा (virtual currency) के रेग्यूलेशन और स्वीकृति की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं. सरकार की घोषणा के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को नहीं मिला. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को अपने बजट भाषण 2022 में घोषणा की, कि डिजिटल वर्चुअल एसेट्स या क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का एक फ्लैट टैक्स लगेगा. वहीं, घाटा होने पर भी टैक्स देना होगा. यूनोकॉइन के संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने टैक्स लगाए जाने पर स्पष्टीकरण दिया और टीवी9 को बताया कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग पर हमेशा से टैक्स लगता था. यह कोई अचानक नहीं हुआ है. हां, पहले ये स्पष्ट नहीं था कि यह टैक्स किस श्रेणी के तहत भरना है.

सात्विक के मुताबिक कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान रहे थे, तो कुछ इसे दूसरे सोर्स से इनकम की श्रेणी समझ रहे थे और कुछ इसे बिजनेस इनकम मान कर टैक्स भर रहे थे. अब हमारे पास वर्गीकरण को लेकर चीजें स्पष्ट हैं,. सात्विक ने कहा, इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं है. आपको डिजिटल करेंसी श्रेणी के तहत सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके अलावा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा.

क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं

वहीं यशोधन वालिम्बे एक सोशल मीडिया मैनेजर हैं और कई साल से क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हैं. वो भारतीय और विदेशी ग्राहकों को अपनी सेवा देते हैं. उन्हें लगता है कि भविष्य डिसेंट्रलाइजेशन का है. उनकी राय में क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं होगा. वालिम्बे ने आगे कहा, टैक्स की उचित राशि का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि 30 प्रतिशत का टैक्स दर, जो लगभग एक तिहाई है, निश्चित रूप से वीपीएन, टीओआर और दूसरे नेटवर्क के माध्यम से अज्ञात स्रोत से लेनदेन को बढ़ावा देगा. इन स्रोत को ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं है.

क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला

सुमित पंडित एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीक क्षेत्र के जानकार हैं. उन्होंने टैक्स लगाए जाने के फैसले का आंशिक रूप से स्वागत किया. उन्होंने क्रिप्टो में एक अतिरिक्त निवेश विकल्प के रूप में निवेश करना एक क्रिप्टो शुरू किया था जो कि पहले कर मुक्त था. लेकिन, 1 फरवरी की घोषणा के बाद उन्होंने कहा, अब से निवेश की राशि के साथ जोखिम का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा, क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला है. लेकिन एक छोटे निवेशक की हैसियत 30 फीसदी टैक्स देने की नहीं है. इसे जीएसटी की तरह करीब 10 से 15 प्रतिशत ही होना चाहिए था.

सरकार इसे कानूनी बनाकर मान्यता दे रही: चार्टर्ड अकाउंटेंट

वहीं विशेषज्ञ अब भी इसकी बारीकियों का अध्ययन कर रहे हैं. कुछ निवेशक क्रिप्टो को सिर्फ एक नए एसेट की तरह देख रहे हैं. आईटी कर्मचारी और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिमन्यु पंडित का कहना है कि, इस नए तरह की संपत्ति में निवेश में दिलचस्पी थी. इसने निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाने का विकल्प दिया है. क्रिप्टो या डिजिटल संपत्ति पर कर लगाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि, सरकार इसे कानूनी बना कर मान्यता दे रही है. उन्हें लगता है कि ये डिजिटल संपत्तियां अप्रत्याशित फायदा देती हैं. कौन होगा जो अतिरिक्त पैसा नहीं चाहता हो. दरअसल ज्यादातर लोगों ने इस फैसला का स्वागत इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

उधर, सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव को लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा, एक क्रिप्टो इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी और अनिश्चितता का दौर खत्म होगा. जिस डर से कई निवेशक क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी में निवेश करने से बचते हैं.

दरअसल सात्विक की भी कुछ ऐसी ही राय है. वो कहते हैं, अब भी रेगुलेटरी कैसे काम करेगा ये साफ नहीं है, लेकिन इसने क्रिप्टो करेंसी से आय को एक तरह से वैध कर दिया है. यह कुछ हद तक विकास को गति देगा. लेकिन वास्तविक विकास क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमों के लागू होने के बाद देखा जा सकेगा.

भारत में क्रिप्टो करेंसी

भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार पहले ही अरबों डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. वर्तमान में, लगभग 5-6 प्रमुख ऐप हैं जो क्रिप्टो में ट्रेडिंग सर्विस देते हैं. इनमें से दो महामारी के दौरान यूनिकॉर्न बन गईं. CoinDCX अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न बना जबकि CoinSwitch Kuber ने अक्टूबर 2021 में इस स्तर को छुआ. 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा का मूल्यांकन होने पर कंपनियां “यूनिकॉर्न” बन जाती हैं. इन ऐप के यूजर बेस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का अध्ययन करने पर देश में क्रिप्टो करेंसी की तस्वीर साफ हो जाएगी.

कुल मिलाकर इन ऐप के लगभग 3 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं जो हर महीने क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं. सात्विक ने टीवी9 को बताया कि उनके ऐप Unocoin के 17 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और वहां हर साल लाखों डॉलर का लेनदेन होता है. ये सभी निवेशक अब नए टैक्स के दायरे में आएंगे.

क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस

ऐप ने हर महीने 2 अरब रुपये से ज्यादा की ट्रेडिंग की है. क्रिप्टो करेंसी का एक और प्रमुख निवेश ऐप वजीरएक्स ने दावा किया है कि उसने अपनी स्थापना के बाद से कुल व्यापार के मामले में 38 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है. कंपनी की स्थापना निश्चल शेट्टी ने 2017 में की थी. इसके अलावा CoinDCX के सक्रिय यूजर साल 2021 में दोगुने हो गए. ऐप पर अब 75 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं जो इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेड कर रहे हैं. सात्विक ने बताया कि अब से ये सभी निवेशक और इनके लेन-देन टैक्स के दायरे में होगे. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी लेगी.

Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से के ‘डॉलरीकरण’ का खतरा, आरबीआई अधिकारी बोले-भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ, जानें क्या है वजह

Cryptocurrency: पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी।

Cryptocurrency economy threatens 'dollarise' part RBI official said against India's sovereign interests | Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से के ‘डॉलरीकरण’ का खतरा, आरबीआई अधिकारी बोले-भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ, जानें क्या है वजह

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी।

Highlights वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी। केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी। मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘‘डॉलरीकरण’’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।

सूत्रों ने बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी।

समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।’’ उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है।

केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी ‘‘मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है।’’ रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया एक क्रिप्टो जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने संसदीय समिति से कहा, ‘‘लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं।

ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।’’ आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो।

अधिकारियों ने आगाह किया कि आगे जाकर, क्रिप्टो का बुलबुला फूटेगा और इससे आम जनता को गाढ़ी मेहनत से की गई बचत से हाथ धोना पड़ सकता है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी।

एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है। भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है।

Cryptocurrency: घोटालेबाज क्रिप्टो एक्सचेंज 'Binance' पर ED की कार्रवाई, ₹22.82 करोड़ के बिटकॉइन फ्रीज

प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया थ . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 11, 2022, 17:29 IST

हाइलाइट्स

मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
इस मामले में फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
आरोपियों ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स जारी किया था.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने Binance क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं. एजेंसी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर एक तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें पीएमएलए, 2002 के तहत 22.82 करोड़ रुपये के बराबर 150.22 बिटकॉइन को फ्रीज कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.

इस मामले में फेडरल बैंक के अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोप के आधार पर आमिर खान नाम के व्यक्ति और अन्य के खिलाफ फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद ईडी ने कंपनी में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.

यूजर्स के साथ की धोखाधड़ी
एजेंसी ने सितंबर में बताया कि उसने खान और मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ जांच में ₹12.83 करोड़ मूल्य के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए थे. ईडी ने यह पाया कि आमिर खान ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स जारी किया. सार्वजनिक धन संग्रह के बाद, उक्त ऐप ने अचानक विभिन्न बहाने से निकासी की अनुमति देना बंद कर दिया. उसके बाद, सभी डेटा को ऐप के सर्वर से हटा दिया गया था.

उस समय, ईडी ने पाया कि आरोपी गेमिंग ऐप के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन का एक हिस्सा विदेशों में भेजने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों का उपयोग कर रहा था. यह पाया गया कि सीमा नस्कर नाम का एक डमी खाता क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स में खोला गया था और क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

आमिर खान के आवास की पहले तलाशी ली गई थी और उस दौरान, कुल ₹17.32 करोड़ की राशि की खोज की गई और उसे जब्त कर लिया गया.

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सबसे खराब क्रिप्टो सलाह जिससे बचना चाहिए (The Worst Crypto Advice to Avoid)

चाहे आप क्रिप्टो की दुनिया में नए हों या अनुभवी हों, आपको कभी न कभी कुछ नुकसान होगा। यह सीखने की प्रक्रिया का एक भाग है, लेकिन अगर बिना कोई ख़ास नुकसान उठाए यह सीख पाएं तो? आइए क्रिप्टो की कुछ सबसे खराब सलाहों पर एक नज़र डालें, जो क्रिप्टोकरेंसी और अन्य ब्लॉकचेन एसेट ट्रेड करते समय क्या नहीं करना चाहिए के उदाहरण हैं।

ऊपर जाने पर खरीदना

ऊपर होने पर खरीदना, या ATH (सर्वकालिक उच्च) पर होने पर कोई कॉइन खरीदना एक आमतौर पर की जाने वाली गलती है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होना निश्चित है। यह तब हो सकता है जब आप कीमतों में उछाल देखते हैं और FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) का अनुभव करते हैं, या यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति प्रोत्साहित करता है जिसने शायद पहले से ही कॉइन ले रखा हैं। जब कीमत में गिरावट आती है, तो आपका नुकसान आसानी से 30 से 40% तक जा सकता है। निश्चित रूप से, आप यह नहीं जानते कि सबसे ऊपरी कीमत क्या है, लेकिन कोई भी योग्य निवेश सलाह पैसा बनाने की कोशिश में अपना पैसा न खोने को प्राथमिकता देगी।

इस गलती से उबरने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:

    जैसे एक्सचेंज पर कॉइन के वित्तीय चार्ट खोलें,
  • पता करें कि वर्तमान पंप टिकाऊ है या नहीं। यदि प्राइस कर्व आकार में परवलयिक है, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वृद्धि स्वाभाविक थी, और यह संभावना नहीं है कि कॉइन फिर से ATH तक पहुंचेगा।
  • रैखिक मूल्य वृद्धि होने पर, आपके नुकसान को कम करने और शायद लाभ कमाने की उम्मीद हो सकती है। आपको बस इंतज़ार करना है और चार्ट की जांच करें जब तक कि आपको बेचने के लिए स्वीकार्य मूल्य न मिल जाए।

बिल्कुल, यह सब बेहद सरल रूप में है। चार्ट को सही मायने में समझने के लिए, आपको WazirX ब्लॉग पर जाना होगा और क्रिप्टो में तकनीकी विश्लेषण के बारे में उसकी पोस्ट को पढ़ना होगा।

माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना

एक गलती जो नए लोगों से अक्सर होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।

यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।

प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना

आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।

सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना

सोशल मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।

सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कोई घोटाला है।

मार्केट क्रैश आने की वजह से बेचना

यह एक ऐसी गलती है जिसका शिकार अनुभवी ट्रेडर भी कई अवसरों पर हो सकते हैं। इक्विटी और क्रिप्टो इकोसिस्टम दोनों में मार्केट क्रैश का डर बना रहता है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि मार्केट में गिरावट कभी स्थाई नहीं होती। एक क्रैश के बाद जल्द या बाद में पंप आता है। इस मामले में, सबसे अच्छा समाधान सिर्फ होल्ड करना होता है। या कम से कम, कीमतों के नीचे होने पर न बेचना होता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं, मार्केट अप्रत्याशित है। फरवरी में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर क्रैश की आशंका थी। अगले दिन, ये आशंकाएं गलत निकलीं क्योंकि मार्केट असल में नीचे की बजाए ऊपर चला गया।

एक जगह सब लगा देना

सबसे बड़ी गलती जो कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने पोर्टफोलियो में विविधता नहीं लाना और अपने सभी फंडों को एक ही कॉइन में निवेश करना। हालांकि कई बार में यह एक बार हो सकता है, मगर ज्यादातर ऐसा नहीं होता और यह बेहद ख़राब विचार है। किसी भी कॉइन में बड़ा निवेश एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि एक छोटी सी गिरावट भी आपके मुनाफे का एक बड़ा प्रतिशत कम कर सकती है।

इसे रोकने का एकमात्र तरीका अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। आपके द्वारा क्रिप्टो पोर्टफोलियो में विविधता लाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है और किसी क्रिप्टो के नीचे जाने की स्थिति में आपके नुकसान को कम करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

“क्रिप्टो में निवेश करते समय क्या चीज़ें न करें” की इस सूची को देखने के बाद, उम्मीद है, आप कुछ सामान्य गलतियों के बारे में थोड़ा अधिक जान गए होंगे जो एक क्रिप्टो ट्रेडर कर सकता है, चाहे वे कितने समय से व्यापार कर रहा हो। इस जानकारी के बाद, आप अगला निवेश किस कॉइन में करने की सोच रहे हैं?

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

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