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स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है

स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है
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Stop Loss in Forex

स्टॉप लॉस केवल ओपन पोजिशन के साथ प्रयोग किया जाता है। जब बाजार की स्थिति किसी व्यापारी के लिए अनुकूल नहीं होती है और कीमत स्टॉप लॉस के स्तर तक पहुंच जाती है, तो सौदा स्वचालित रूप से बंद हो जाता है। इसलिए, स्टॉप लॉस व्यापारी को घाटे को नियंत्रित करने में मदद करता है और कम से कम आंशिक जमा को सुरक्षित रखने में विफलताओं के मामले में।

यदि कोई व्यापारी स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग नहीं करता है, तो ब्रोकर द्वारा स्थिति बंद हो जाती है जब नुकसान जमा करने के बराबर होता है।

3 प्रकार के स्टॉप लॉस ऑर्डर हैं: फिक्स्ड स्टॉप लॉस, स्लाइडिंग स्टॉप लॉस और संयुक्त स्टॉप लॉस।

पदों को खोलते समय फिक्स्ड स्टॉप लॉस सेट हैं। जब तक सौदा बंद नहीं हो जाता तब तक उन्हें प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। जहां स्लाइडिंग स्टॉप लॉस के रूप में, मूल्य आंदोलन के आधार पर किसी भी समय बदला जा सकता है। स्टॉप लॉस स्लाइडिंग के लिए एक और नाम ट्रेलिंग स्टॉप है जिसे मैन्युअल रूप से या स्वचालित रूप से व्यापारियों की सेटिंग पर विचार किया जा सकता है

वर्तमान में स्टॉप लॉस का उपयोग करना आवश्यक है या नहीं, इस पर बहुत सी चर्चाएं हैं। कुछ व्यापारियों का मानना है कि स्टॉप लॉस पूरे जमा की हानि को रोकने के कारण स्टॉप लॉस ट्रेडिंग के लिए अनिवार्य होना चाहिए। यदि कीमत दिशा में आगे बढ़ रही है, जो पूर्वानुमान के अनुरूप नहीं है, तो जो सौदा उचित समय में बंद नहीं हुआ है, उसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। स्टॉप लॉस के विरोधियों का मानना है कि यह आदेश न केवल नुकसान को सीमित कर सकता है, बल्कि लाभ भी सीमित कर सकता है। चूंकि मूल्य आंदोलन अक्सर अप्रत्याशित और अप्रत्याशित होता है, यह व्यापारी की अपेक्षाओं के अनुसार विकसित हो स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है सकता है हालांकि स्टॉप लॉस लाइन को पार करने वाले कुछ आवधिक बाउंस के साथ। इस मामले में स्थिति घाटे के साथ बंद है हालांकि इसे लाभ के साथ बंद करना संभव था.

एक नियम के रूप में, स्टॉप लॉस या नहीं का उपयोग करने का निर्णय किसी विशेष व्यापारी की व्यक्तिगत रणनीति पर निर्भर करता है। इसलिए, नुकसान को सीमित करने की आवश्यकता पर कोई भी राय नहीं है।

शेयर बाज़ार में स्टॉप लॉस क्या है | Stop Loss Meaning in Hindi

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यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने स्टॉप लॉस के बारे में जरूर सुना होगा और यदि आप शेयर बाजार में अभी नए-नए हैं, तो आप को स्टॉप लॉस के बारे में जानना काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इसके मदद से आप शेयर बाजार में अपने होने वाले लॉस को बचा सकते हैं.

शेयर बाजार में Stock को दो प्रकार से एक्सेक्यूट (Execute) करा सकते हैं पहला मार्केट ऑर्डर (Market Order) और दूसरा लिमिट ऑर्डर (Limit Order).

Table of Contents

What is Stop Loss in Share Market in Hindi

Stop Loss का प्रयोग Stock Execute होने के बाद ही किया जाता है. स्टॉप लॉस के मदद से मार्केट में होने वाले नुकसान से आप बच सकते हैं.

स्टॉप लॉस का प्रयोग आप चाहे डे ट्रेडिंग (Day trading) या इंट्राडे (Intraday) या फिर स्कल्पिंग (Scalping) Trading के लिए कर सकते हैं.

शेयर बाजार में स्टॉक का प्राइस ऊपर–नीचे होता रहता हैं. इसका मतलब है कि मार्केट में स्टॉक का प्राइस अचानक ऊपर की ओर चला जायेगा. जिससे आपको प्रॉफिट भी हो सकता है, लेकिन प्राइस नीचे की ओर भी आ सकता है जिसे आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए आपको हमेशा स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए.

Advantage of Stop Loss (स्टॉप लॉस लगाने के फायदे)

  • Stop Loss ऑप्शन के मदद से अपने risk को कम कर सकते हैं.
  • Stop Loss के मदद से एक trader अपने capital को भी बचा सकता हैं,
  • Stop Loss को trail करके अपने profit भी secure कर सकते हैं.
  • Stoploss के मदद से आप trading में काफ़ी समय तक टीक भी सकते हैं.
  • Stop Loss एक risk management का हिस्सा भी हैं.

Disadvantage of Stop Loss (स्टॉप लॉस लगाने के नुकसान)

  • Stop Loss के नियम जानें बिन यदि आप stop loss लगाते हैं, तो स्टॉप लॉस जल्दी-जल्दी hit होगा.
  • स्टॉप लॉस सिर्फ intraday के लिए ही सही है, होल्डिंग स्टॉक के लिए नहीं.
  • शेयर बाजार में यदि ज्यादा volatility (उतार-चढ़ाव) हैं, तो stop loss hit होने का संभावना काफी ज्यादा रहता हैं.

स्टॉप लॉस कैसे लगाएं

चलिए हम एक उदाहरण से जानते हैं कि स्टॉप लॉस का प्रयोग कैसे करते हैं.

उदाहरण के लिए, मान लीजिए की अनिल प्रति शेयर ₹500 की दर से ABC कंपनी में 100 शेयर खरीदता है. अचानक शेयर की कीमत प्रति शेयर के हिसाब से ₹10 गिर जाता है. शेयर की कीमत ₹490 हो जाता हैं. अनिल अपने नुकसान को सीमित करना चाहता है, तो वह ₹450 रुपए पर एक स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा देता है, अगर कीमत ₹450 रुपए से नीचे भी गिर जाता है, तो अनिल का स्टॉपलॉस हिट कर जाएगा और उसे एक सीमित स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है नुकसान होगा. यानी अनिल का जो Broker होगा. वह ₹450 की कीमत पर शेयर को बेच देगा और आगे होने वाले नुकसान को रोक लेगा.

दूसरी ओर यदि शेयर की कीमत बढ़ जाती है ₹550 रुपए प्रति शेयर हो जाता. तो अनिल अपने शेयर को बेच कर मुनाफा कमा सकता है या फिर stop-loss को ट्रेल कर अपने प्रॉफिट को secure कर सकता है.

शेयर मार्केट में ट्रिगर प्राइस क्या हैं (What is Trigger Price)स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है

शेयर मार्केट में दो प्रकार से आर्डर को एग्जीक्यूट किए जाते हैं. पहला Buy और दूसरा Sell. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

ट्रिगर प्राइस को आप buy करने के लिए या फिर sell करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब किसी शेयर पर स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो वहां पर ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल किया जाता है.

यदि आप कोई शेयर buy या sell करना चाहते हैं तो उसमें स्टॉप लॉस लगाते समय आप ट्रिगर प्राइस भी लगा सकते हैं।

Trigger price meaning in Hindi

जब आप शेयर पर स्टॉप लॉस लगाने जाएंगे, तो वहां पर आपको तो ऑप्शन मिलेगा. पहला ट्रिगर प्राइस (Trigger Price) दूसरा लिमिट प्राइस (Limit Price). अब ट्रिगर प्राइस ऑप्शन में आपको एक प्राइस दर्ज करना है. जोकि लिमिट प्राइस से अधिक और मार्केट प्राइस से कम यानी कि दोनों वैल्यू के बीच का कोई एक प्राइस दर्ज करना है. जैसे ही शेयर का प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंचता है. आपका stop-loss ऑर्डर सिस्टम के द्वारा एक्टिवेट कर दिया जाएगा. और जब भी मार्केट प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस तक पहुंचता है आपका stop-loss आर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा ।

इसमें एक बात और भी ध्यान रखिएगा. की जब तक स्टॉक का प्राइस दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक नहीं पहुंचता तब तक ऑर्डर आपके स्टॉक ब्रोकर तक ही रहेगा। इस ऑर्डर को एक्सचेंज तक नहीं भेजा जायेगा।

FAQ’s

Q1. शेयर खरीदते समय स्टॉप लॉस कैसे लगाएं ?

Ans. शेयर खरीदते समय आपको अपने risk और reward पॉइंट्स जैसे 1:2 को तय कर लेना चाहिए. उसके अनुसार स्टॉपलॉस लगाए।

Q2. ट्रिगर प्राइस क्या होता है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

Q3. ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस में क्या अंतर है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस को एक्टिवेट करता है और लिमिट प्राइस स्टॉक को Execute करता है|

what is stop loss in share market ? शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या है


share market me stop loss kya hota hai

अपने मूवी में सुना होगा रिस्क है तो इश्क है लेकिन रिस्क लेने की कैपेसिटी हर आदमी की अपनी अपनी होती है ।आपकी रिस्क लेने की कैपेसिटी कितनी है लेकिन रिस्क कितना लिया जाए शेयर मार्केट में इसकी कोई लिमिट नहीं है आप कभी हीरो कभी जीरो होते हैं ।और अधिकतर देखा गया है जब ट्रेडिंग में लोग अपने पैसे को जीरो जरूर कर लेते हैं यहां पर आपकी रिस्क को कम करने के लिए स्टॉप लॉस का यूज किया जाता है।

जब आप का खरीदा हुआ स्टॉक प्राइस गिरता है तो उसको कब तक गिरने देना है कहां पर स्टॉप करना है यह स्टॉप लॉस के जरिए किया जा सकता है ।चलिए हम जानते हैं कि स्टॉपलॉस क्या होता है।

What is stop loss ?| स्टॉप लॉस क्या होता है ?

शेयर मार्केट में आपके रिस्क को कम करने की एक डिजिटल विधि है stop loss एक आर्डर की तरह काम करता है जिसे आप अपनी ब्रोकर के ऐप में या ऑनलाइन डिजिटल के रूप में लगाते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने रिलायंस का कोई शेयर ₹2600 के भाव पर खरीदा है लेकिन आपको लग रहा है कि यह नीचे भी आ सकता है आप अपने इस डर को कम करने के लिए स्टॉपलॉस का यूज कर सकते हैं।

मान लीजिए आप इस शेयर पर ₹200 तक का नुकसान सहन कर सकते हैं उससे ज्यादा नुकसान आप नहीं उठाना चाहते इस स्थिति में आप दो काम कर सकते हैं या तो आप रेगुलर ली स्टॉक को देखते रहिए जैसे ही वह गिरता है तो आप सेल कर सकते हैं या फिर आप पहले से ही एक स्टॉपलॉस लगा सकते हैं जो ₹2400 के भाव पर लगेगा जिसमें आपको रेगुलर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी जैसे ही भाव ₹200 गिरता है आपका stock सेल हो जाएगा

Types of stop loss | स्टॉप लॉस के प्रकार

सेल स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग लॉन्ग पोजीशन को प्रोटेक्ट करने के लिए किया जाता है आपने किसी शेयर में लॉन्ग पोजीशन बना रखी है वहां पर आप सेल स्टॉप लॉस स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है ऑर्डर का उपयोग करते हैं उदाहरण के लिए आपने किसी कंपनी का शेयर ₹100 में खरीदा है आपके प्रोडक्शन के हिसाब से यह शेयर ₹150 जाएगा इस पोजीशन को हम लोग पोजीशन कहते हैं इस पोजीशन को प्रोटेक्ट करने के लिए आप सेल स्टॉपलॉस आर्डर लगा सकते हैं

2. Buy-Stop Orders

Buy-Stop Orders वैचारिक रूप से सेल-स्टॉप ऑर्डर के समान हैं। हालांकि, उनका उपयोग शॉर्ट पोजीशन की सुरक्षा के लिए किया जाता है। एक खरीद-स्टॉप ऑर्डर की कीमत मौजूदा बाजार मूल्य से ऊपर होगी और अगर कीमत उस स्तर से ऊपर उठती है तो ट्रिगर होगी

On which position to put stop loss? |स्टॉप लॉस किस पोजीशन पर लगाये ?

Technical analysis उन स्तरों को निर्धारित करने के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है जिन पर stop loss सेट किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक long term के लिए, स्टॉक के लिए प्रमुख समर्थन स्तरों का पता लगाना नकारात्मक जोखिम का अनुमान लगाने के लिए उपयोगी हो सकता है। यहां आधार यह है कि एक बार एक प्रमुख समर्थन स्तर के टूटने के बाद, यह स्टॉक के लिए अतिरिक्त नुकसान का संकेत दे सकता है। हालाँकि, झूठे ब्रेकआउट से सावधान रहें। सुनिश्चित करें कि आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने से पहले तकनीकी विश्लेषण और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हुए, स्टॉप-लॉस स्तरों पर लगन से शोध करते हैं।

how can put a stop loss on existing shares ? | मौजूदा शेयरों पर स्टॉप लॉस कैसे लगाया जा सकता है?

यदि आपने पहले कोई शेयर खरीद रखा है .आप उस शेयर पर स्टॉप लॉस लगा सकते है .इसके लिए आपको अपने एप्प के शेयर सेल्ल ऑप्शन पर जाकर सेल स्टॉप लोस्स आर्डर लगाना पड़ेगा

नीचे आपको ज़ेरोढा एप्प का उद्धरण दिया है

how can put a stop loss on existing shares ?

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Stop Loss कैसे लगाये – Trading Account में शेयर पर स्टॉप लोस कैसे लगते है ?

शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करते समय Stop Loss एक ढाल कि तरह काम करता है . क्योंकि stop loss शेयर पर ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग में loss होने से आपको बचाता है .

आप चाहे इंट्राडे या डे ट्रेडिंग करे या फिर scalping Trading आपको Stop Loss हमेशा लगाना चाहिए. अगर आप stop loss के बारे में नहीं जानते कि stop loss क्या है तो चलिए जानते है .

प्रिश्न पर पर क्लिक करे और उत्तर पर जाए !

Stop Loss Kya Hai ?

Stop Loss एक ऐसा विकल्प होता है जिसका उपयोग करके आप ट्रेडिंग के समय होने वाले नुकसान को कम कर सकते है .

लेकिन stop loss का उपयोग लोग सिर्फ ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान के लिए नहीं करते बल्कि लोग stop loss का उपयोग ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए भी करते है .

तो stop loss के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े इसमें आपको stop loss क्या होता है उसकी पूरी जानकारी मिल जायगी .

स्टॉप लोस के बारे में जानने के बाद अब बरी आती है stop loss को लगाने कि, तो चलिए जानते है कि stop loss कैसे लगाये .

Stop Loss Kaise Lagaye?

स्टॉप लोस को लगाने से पहले आपको अपनी ट्रेडिंग कि एक योजना बनानी पड़ेगी ताकि आप आसानी से stop loss को कैलकुलेट कर सके.

चलिए एक उदाहरण से समझते है .

मान लेते है कि आप ने एक कम्पनी को चुना जिसके शेयर पर आप आज ट्रेडिंग करेंगे . आपने उस company के Share कि कीमत पर analysis किया और पाया कि रोज इस कंपनी के शेयर में 20 रूपए प्रति शेयर का उतार-चढ़ाब आता है .

तो अब अपने एक योजना बनाई कि में शेयर को कम दाम पर खरीदूंगा और उसके बाद शेयर कि कीमत पर 20 रूपए बढ़ जाने पर इसे बेच दुगा .

मान लेते है कि शेयर मार्किट के शुरू होते ही शेयर कि कीमत 175 रूपए प्रति शेयर है और अपने 175 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर शेयर खरीद लिए .

अब शेयर कि कीमत बढ़ना शुरू हुई और अब आपने शेयर को बेचने के लिए शेयर कि कीमत आपके target के हिसाब से 190 रूपए प्रति शेयर रख दी .

ताकि जैसे ही शेयर कि कीमत 190 रूपए प्रति शेयर तक पहुचे तो आपके शेयर अपने आप बिक जाये और 15 रूपए प्रति शेयर का मुनाफा आपके खाते में जामा हो जाये .

चुकी शेयर मार्किट में शेयर कि कीमत घटती और बढ़ती रहती है तो अब बरी आती है stop loss लगाने कि तो आपने अपने analysis के हिसाब से stop loss लगा दिया 167 रूपए प्रति शेयर का .

यानि अगर आपके ख़रीदे गए शेयर कि कीमत से शेयर कि कीमत 8 रूपए प्रति शेयर घटती है तो आपके शेयर अपने आप बिक जाये ताकि आपको ज्यादा नुकसान ना हो .

Share स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है कि कीमत बढ़ने पर Stop Loss लगाना ?

अब मान लेते है कि आपके शेयर कि कीमत और बढ़ कर 189 रूपए प्रति शेयर हो गई और आपको लगता है कि शेयर कि कीमत 5 रूपए प्रति शेयर और बढ़ेगी .

तो ऐसी इस्थिती में आप अपने stop loss और target दोनों को बदल सकते है . अब ऐसी इस्थिती में आप अपने शेयर का टारगेट 200 रूपए प्रति शेयर रख सकते है .

वही अपना stop loss 195 स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है रूपए प्रति शेयर . इससे अगर भविष्य में शेयर कि कीमत 200 रूपए प्रति शेयर से घटना शुरू हो गई तब भी आपको आपका बुक किया गया मुनाफा मिल जाये .

Trading Account Me Stop Loss Kaise Lagaye ?

ट्रेडिंग स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है अकाउंट में हमेशा दो विकल्प होते है Buy और Sell या तो आप शेयर को खरीदेंगे या बेचेंगे. आप भी ट्रेडिंग में यही करते है .

तो Stop Loss हमेशा Sell पर लगाया जाता है ताकि आपके नुकसान को बचाया जा सके और टारगेट भी Sell पर लगाया जाता है ताकि मुनाफा कमाया जा सके .

लेकिन जब आपके पास शेयर होंगे ही नहीं तो आप बेचेंगे क्या ? तो ऐसी इस्थिती में आप Buy के विकल्प का उपयोग करते है ताकि आप अपनी मर्ज़ी कि कंपनी के शेयर खरीद सकते .

आप जब किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट खोलते है तो वो आपको एक software देता है जिसकी मदद से आप स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीद व् बेच सकते है . तो उसी software में आपको stop loss लगाने का विकल्प मिलता है जिसकी मदद से आप Stop Loss लगा सकते है .

अब आप जान गए है कि Stop Loss Kaise Lagaye अगर अभी भी आपके मान में स्टॉप लोस से जुढ़े सवाल है जो आप हम से पूछना चाहते है तो “सवाल पूछे” बटन को दबा कर पूछ सकते है .

अगर आपको हमारी यह पोस्ट स्टॉप लोस कैसे लगाए अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे ताकि जब भी वो कभी ट्रेडिंग करे तो stop loss का उपयोग कर सके .

Stop Loss Meaning In Hindi

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Stop – Loss यह सुन कर आपके मन में एक सवाल जरुर आया होंगा की क्या सच में स्टॉक मार्केट में ऐसा हो सकता हैं तो मे आपको बता दू की यह टोपिक (stop loss meaning in hindi) शेयर बाज़ार के किसी टिप्स या सुचन पर बेस्ड नहीं है बल्कि यह आर्टिकल स्टॉक मार्केट की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजि Stop – Loss के बारेंमे है जिसे SL के शोर्ट नाम से भी जाना जाता हैं, वैसे आपने इसके बारेंमे जरुर सुना होंगा मगर आज हम इसे पूर्ण विस्तार से समजेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

स्टॉपलॉस क्या होता हैं :-

तो दोस्तों ‘स्टॉपलॉस’ यह ट्रेडिंग की एक विशेष प्रकार की सुविधा है जो केवल हमें इस ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ के माध्यम से देखने को मिली हैं, इसके नाम से ही पता चलता है की यह हमारे ट्रेडिंग लोस को रोकता है जिनसे हम हमारी नुकसानी को कम कर सकते हैं

इसको आगे हम इनके कुछ उदाहरणों के साथ स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है भी समजेंगे फिलहाल, हमें यह समजना होंगा की यह होता क्या है और स्टॉक मार्केट में इसको कैसे प्रयोग करें

‘स्टॉपलॉस’ का इस्तेमाल ज्यादातर Intraday Trading में किया जाता हैं, यह शेयरों की खरीदी और बिकवाली दोनों पर अप्लाई किया जा सकता हैं, इसमें एक बात का अवश्य ध्यान रखे की हम इस टोपिक में केवल BSE/NSE के Cash Market की बात कर रहे है नाकी Future & Option Trading की तो चलिए इसीके साथ आगे बढ़ते हैं

पहले तो इसका इस्तेमाल हमारें ब्रोकर्स के द्वारा या खुद मोबाइल ट्रेडिंग के जरिये भी कर सकते हैं, तो स्टॉपलॉस का इस्तेमाल खरीदी और बिकवाली दोनों पोजीशन पर किया जा सकता हैं

स्टॉपलॉस ऑर्डर का एक विशेष महत्व है और वो ये की स्टॉपलॉस ऑर्डर पहले तो हमारें पुराने ऑर्डर की नुकसानी को बढ़ने से रोकता हैं और दूसरा प्रोफिट को बढ़ने के लिए मार्केट क्लोज़ होने तक सीमीत रखता हैं

Stop – Loss की प्रेक्टिकल समज :-

‘स्टॉपलॉस’ को थोडा प्रेक्टिकली समजते है मानलीजिये किसी स्टॉक को हमने इंट्राडे पर ख़रीदा है जिनसे मार्केट खत्म होने से पहले उसे बेचना जरुरी होना मगर हम उस स्टॉक पर मार्केट क्लोजिंग तक रुकना चाहते है

साथ ही हमने यह भी नक्की किया है की इस स्टॉक पर यदि लोस होंगा तो वो केवल इतनाही होंगा तो इसके लिए हमें स्टॉक खरीदने के तुरंत बाद उसको बेचने का स्टॉपलॉस लगा देना चाहिए

अब एक बात का अवश्य ध्यान रखे की Pending Order (Limit) और Stop – Loss Order (Limit) दोनों एक सिक्के के दो पहलु हैं, अब मार्केट सौदे के अलावा यह दोनों ऑर्डर Limit कहे जायेंगे

अब उस स्टॉक पर स्टॉपलॉस की प्राइस कैसे नक्की की जाती हैं तो उस स्टॉक के Current Market Price (CMP) के हिसाबसे स्टॉपलॉस प्राइस चुनी जाती है अब इसके लिए हमें लिमिट ऑर्डर को समजना होंगा

यदि किसी स्टॉक को बेचने की लिमिट CMP या उनसें आगे (ज्यादा) की होंगी वैसे ही किसी स्टॉक को खरीदने की लिमिट CMP या उनसे पीछें (कम) की होंगी तो यह एक फंडा तो क्लीयर हैं

तो अब आते है स्टॉपलॉस प्राइस पर तो यह बिल्कुल सिम्पल है इसमें मिलित प्राइस से बिल्कुल विपरीत की प्राइस डाली जाती हैं, इसे भी विस्तार से समजते है

स्टॉपलॉस ऑर्डर कभी भी मार्केट ऑर्डर नहीं कहलाता है क्योंकि स्टॉपलॉस ऑर्डर की लिमिट सबमिट की जाती है न स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है की मार्केट प्राइस पर सौदा किया जाता हैं

अब किसी स्टॉक को बेचने के स्टॉपलॉस ऑर्डर में CMP से कम की दो कीमतों को डाला जाता हैं इसे आगे उदाहरण के माध्यम से विस्तार से समजेंगे, अब वैसे ही किसी स्टॉक को खरीदने के स्टॉपलॉस ऑर्डर में CMP से ज्यादा की दो कीमतों को डाला जाता हैं

Stop – Loss का उदाहरण :-

चलिए अब ‘स्टॉपलॉस’ को उदाहरण के माध्यम से विस्तारपूर्वक समजते हैं, इसमें हम दो उदाहरणों का इस्तेमाल करेंगे और दोनों ही इंट्राडे ट्रेडिंग पर बेस होंगे जिसमे एक तो होंगा खरीदी के समय बिकवाली का स्टॉपलॉस कैसे लगाए और दूसरा बिकवाली के समय खरीदी का स्टॉपलॉस कैसे लगाए तो चलिए इन दोनों उदाहरणों को वन बाय वन समजते हैं

उदाहरण नंबर 1

मानलीजिये Tata Steel के 100 शेयर Rs.1200 में ख़रीदे हैं जिसे केवल इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए यानि मार्केट क्लोस होने से पहले स्क्वेरअप (Sell) कर लिया जायेंगा

इस स्टॉक में नुकसानी करने की मेरी क्षमता केवल Rs.20 है जिनसे इस स्टॉक की स्टॉपलॉस प्राइस होंगी Rs.1180 और Rs.1181 इन दोनों प्राइस के बिच की दूरी को इसके CMP स्टैंड के मुताबिक नक्की कर सकते हैं और इसमें जो बड़ी प्राइस होती है उसे Trigger Price कहा जाता हैं

अब इसमें दो बातें होती है –

  • पहलीं यदि हमारा यह स्टॉपलॉस का ऑर्डर पास हो जाता है तो हमारे शेयर्स के मुताबिक Rs.2000 का तकरीबन लोस होंगा
  • दूसरी बात यदि यह स्टॉपलॉस का ऑर्डर पास नहीं होता है जिसका मतलब स्टॉक की प्राइस Rs.1180 के ऊपर ही है और Rs.1200 के ऊपर हुए फिर तो प्रोफिट ही हैं जिसे मार्केट क्लोजिंग से पहले स्क्वेरअप कर लिया जाता हैं और उस स्टॉपलॉस के ऑर्डर को रद्द कर दिया जाता हैं

उदाहरण नंबर 2

मानलीजिये TCS के 50 शेयर Rs.3700 में बेचे हैं अब जबकि हम इंट्राडे ट्रेडिंग की बात कर रहे हैं तो इस सौदे को Short Selling कहा जायेंगा जिनसे मार्केट क्लोस होने से पहले इस सौदे को स्क्वेरअप (Buy) करना जरुरी हो जाता हैं

अब इस स्टॉक में नुकसानी करने की मेरी क्षमता केवल Rs.50 है जिनसे इस स्टॉक की स्टॉपलॉस प्राइस होंगी Rs.3750 और Rs.3755 इसमें जो बड़ी प्राइस होती है उसे Trigger Price कहा जाता हैं

अब इसमें भी दो बातें स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे किया जाता है होती है –

  • पहलीं तो यदि हमारा यह स्टॉपलॉस का ऑर्डर पास हो जाता है तो हमारे शेयर्स के मुताबिक लगभग Rs.2500 की नुकसानी होंगी
  • दूसरी बात यदि यह स्टॉपलॉस का ऑर्डर नहीं भी पास होता है तब इसका यह मतलब होंगा की प्राइस Rs.3750 के नीचें ही है और यदि Rs.3700 के नीचें है फिर तो प्रॉफिट ही हैं जिसे मार्केट क्लोजिंग से पहले अनिवार्य रूप से स्क्वेरअप कर लिया जाता हैं और उस स्टॉपलॉस के ऑर्डर को रद्द कर दिया जाता हैं

निष्कर्ष :-

तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल (stop loss meaning in hindi) में स्टॉपलॉस क्या होता हैं और इसे स्टॉक मार्केट में कैसे इस्तेमाल किया जाता है इसकी संपूर्ण इन्फोर्मेशन प्राप्त की साथ ही इसे प्रेक्टिकल रूप से भी जाना और इसके दो उदाहरणों को देखा जिसमे हमने समजा की शेयर्स की खरीदी करने के बाद उसका Selling का Stop – Loss कैसे रखा जाता है और साथ ही किसी स्टॉक में बिकवाली यानि शोर्ट सेल्लिंग करने के बाद उसका Buying का Stop – Loss कैसे सबमिट किया जाता हैं यही हमारा यह टोपिक समाप्त होता हैं, आप का धन्यवाद

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