स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें

Mutual Funds के फेवरेट हैं ये 10 लॉर्ज-कैप स्टॉक्स, एक साल में दिया 400% तक रिटर्न
Large-cap stocks को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन अगर आपक ध्यान से चुनें तो इनमें से कई मल्टीबैगर बनने का दम भी रखते हैं
Large-cap stocks : मार्च, 2020 के निचले स्तरों से शानदार रैली के बाद, भारतीय स्टॉक मार्केट में पिछले एक महीने से गिरावट का रुझान है। हालांकि, चुनिंदा लार्ज-कैप स्टॉक्स (large-cap stocks) का प्रदर्शन शानदार रहा है और इनवेस्टर्स को इनमें खासा फायदा हुआ है। हम यहां ऐसे म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो में शामिल टॉप 10 लॉर्ज कैप स्टॉक्स की लिस्ट दे रह हैं, जिन्होंने बीते एक साल में 400 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। यह डाटा एएमएफआई (AMFI) के मार्केट कैप क्लासिफिकेशन पर आधारित है।
1. अडानी टोटल गैस
30 नवंबर, 2021 तक इसमें इसमें म्यूचुअल फंड (एमएफ) का इनवेस्टमेंट 38 करोड़ रुपये था। यह स्टॉक मोतीलाल ओसवाल मिडकैप 100 ईटीएफ, आईआईएफएल क्वैंट फंड और निप्पॉन इंडिया निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड के पोर्टफोलियो में शामिल है।
₹278 पर जाएगा राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल यह शेयर, एक्सपर्ट बुलिश.. कहा- खरीदो
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal oswal) का मानना है कि राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो स्टॉक में मुनाफावसूली खत्म हो गई है और अब यह रिकवर की ओर है। इसमें दांव लगाने वालों को मुनाफा हो सकता है।
Rakesh Jhunjhunwala portfolio: शेयर बाजार में कमजोरी के बावजूद इंडियन होटल्स के शेयर (Indian Hotels share price) की कीमत मई 2022 में एनएसई पर ₹268.95 के हाई लेवल पर पहुंच गई थी। हालांकि, इसके बाद शेयरों में गिरावट देखी गई। इंडियन होटल्स के शेयर की कीमत आज ₹225.80 है, जो 52-वीक हाई से लगभग 16 प्रतिशत नीचे है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal oswal) का स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें मानना है कि राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो स्टॉक में मुनाफावसूली खत्म हो गई है और अब यह रिकवर की ओर है। इसमें दांव लगाने वालों को 25 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मोतीलाल ओसवाल ने अपने रिपोर्ट में कहा है, "इंडियन होटल का स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें एसेट-लाइट मॉडल और हाई EBITDA मार्जिन के साथ रेवेन्यू के नए रास्ते खुलेंगे। RoCE में विस्तार के लिए अच्छा है। FY22 की तरह FY23 और FY24 में एक मजबूत रिकवरी करेगा। ब्रोकरेज रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड ने अपने बिजनेस मॉडल को पारंपरिक होटल व्यवसाय से आगे ले गया है और यह एमो स्टेज़ एंड ट्रेल्स के तहत होमस्टे में विस्तार कर रहा है। पहले ही 90 होमस्टे के लिए साइन अप कर चुका है और वित्त वर्ष 25-26 तक कुल 500 से अधिक होमस्टे लेने की योजना बना रहा है। ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस ₹278 रखा है।
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राकेश झुनझुनवाला के पास भी शेयर
इंडियन होटल्स के जनवरी से मार्च 2022 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, बिग बुल और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने इस हॉस्पिटैलिटी कंपनी में निवेश किया है। राकेश झुनझुनवाला के पास कंपनी में 1,57,29,200 शेयर या 1.11 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के पास कंपनी में 1,42,87,765 शेयर या 1.01 प्रतिशत हिस्सेदारी है। झुनझुनवाला दंपति के पास 3,00,16,965 शेयर हैं, जो कंपनी की कुल पूंजी का 2.12 प्रतिशत है।
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Angel One ने अपने इश्यू प्राइस की तुलना में निवेशकों को अबतक 340 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं इस शेयर पर ब्रोकरेज हाउस आगे के लिए भी बुलिश नजर आ रहे हैं.
शेयर बाजार में 1 से 1.5 साल के अंदर लिस्ट होने वाले कुछ IPO निवेशकों के लिए ब्लॉकबस्टर साबित हुए हैं. (image: pixabay)
Block Buster IPO: शेयर बाजार में 1 से 1.5 साल के अंदर लिस्ट होने वाले कुछ IPO निवेशकों के लिए ब्लॉकबस्टर साबित हुए हैं. कई ऐसे IPO रहे हैं, जिन्होंने इस दौरान इश्यू प्राइस की स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें तुलना में मल्टीपल टाइम्स रिटर्न दिए हैं. इन्हीं में एक स्टॉक ब्रोकरेज फर्म Angel One का. Angel One ने अपने इश्यू प्राइस की तुलना में निवेशकों को अबतक 340 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं इस शेयर पर ब्रोकरेज हाउस आगे के लिए भी बुलिश नजर आ रहे हैं. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवल ने शेयर में निवेश की सलाह देते हुए 1900 रुपये का टारगेट दिया है. बता दें कि यह शेयर 5 अक्टूबर 2020 को यानी करीब 16 महीने पहले ही बाजार में लिस्ट हुआ है.
बढ़ रहा है कंपनी का मार्केट शेयर
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि एवरेज डेली टर्न ओवरओवर (ADTO) में Angel One ने अपना मार्केट शेयर इंप्रूव किया है. कंपनी का F&O मार्केट शेयर 1QFY22 में 23.8 फीसदी हो गया है जो 1QFY20 में 3.3 फीसदी था. सितंबर 2021 में कंपनी का शेयर 20.3 फीसदी गिरा था, उसके बाद से इसमें 21 फीसदी की रिकवरी आ चुकी है. कैश सेग्मेंट में कंपनी का मार्केट शेयर 2QFY21 में बढ़कर 18.4 फीसदी हो गया है जो 1QFY20 में 13.7 फीसदी था. ब्रोकरेज का मानना है कि यह रिकवरी आगे भी जारी रहने वाली है.
डिजिटलाइजेशन पर फोकस
ब्रोकरेज के अनुसार डिजिटलाइजेशन पर फोकस का फायदा कंपनी को मिलेगा. कंपनी ने नारायण गंगाधर को अप्रैल 2021 में CEO बनाया था, जिन्हें टेक एज कंपनियों में काम करने का लंबा अनुभव है. वह Microsoft, Google, Uber और Amazon के साथ काम कर चुके हैं. उनके इस अनुभव का फायदा कंपनी को मिलेगा. कंपनी ने डिजिटल टेक टीम को भी मजबूत किया है.
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डीमैट अकाउंट में तेजी का फायदा
कंपनी को तेजी से बढ़ रही डीमैट अकाउंट की संख्या का भी फायदा मिलेगा. भारत में नवंबर 2021 तक डीमैट अकाउंट की संख्या 7.70 करोउ़ हो गया है. जबकि FY18 में यह 3.30 करोड़ था. यानी डीमैट अकाउंट की संख्या इस दौरान डबल से ज्यादा बढ़ी है. आगे LIC और कुछ अन्य दिग्गज कंपनियों के IPO आने हैं, ऐसे में इसकी संख्या तेजी से बढ़ सकती है. इसका फायदा ब्रोकरेज कंपनियों को मिलेगा.
कितना मिल सकता है रिटर्न
ब्रोकरेज का कहना है कि Angel One का वैल्युएशन आकर्षक है. FY22-24E के दौरान कंपनी का रेवेन्यू/PAT CAGR 18%/20% रहने की उम्मीद है. स्टॉक का P/E FY24E के लिहाज से 13 के मल्टीपल पर है. ब्रोकरेज हाउस ने शेयर में 1900 रुपये का टारगेट दिया है जो करंट प्राइस 1345 रुपये के लिहाज से 42 फीसदी ज्यादा है.
इश्यू प्राइस से 340% रिटर्न
Angel One की शेयर बाजार में 5 अक्टूबर 2020 को लिस्टिंग हुई थी. कंपनी ने इश्यू प्राइस 306 रुपये तय किया था. जबकि इसकी लिस्टिंग करीब 10 फीसदी डिस्काउंट के साथ 275 रुपये पर हुइर्द थी. वहीं लिस्टिंग वाले दिन यह 275.85 रुपये पर बंद हुआ. लेकिन अब शेयर 1345 रुपये के भाव पर पहुंच चुका है जो इश्यू प्राइस से 340 फीसदी ज्यादा है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
नए निवेशकों के लिए बिना रिसर्च के शेयर बाजार में निवेश से खतरा, म्यूचुअल फंड है बेहतर विकल्प
अगर आप बीमार होते हैं या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होती है तो आप क्या करेंगे? इसका आसान उत्तर होगा कि आप डॉक्टर के पास जाकर बीमारी का दवा लेंगे। इसी तरह आयकर से जुड़े मामले के लिए आप बिना हिचक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से मदद लेंगे।
अगर आपकी कार खराब हो जाती है और कोई विशेष समस्या है तो आप किसी अच्छे मैकेनिक के पास जाएंगे। उपर्युक्त सभी मामलों में आप ऐसे पेशेवर विशेषज्ञों से सहायता लेना चाहते हैं, जो उस विषय को अच्छी तरह जानता है और आपको उपयुक्त समाधान देने में सक्षम है।
वित्तीय प्रबंधन में ऐसा क्यों नहीं करते
ज्यादातर लोग अपने व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन या निवेश का निर्णय काफी हद तक खुद ही कर लेते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ज्यादातर निवेशक अपने निवेश का फैसला बिना किसी विशेषज्ञ की मदद से कर लेते हैं। सही निवेश निर्णय लेने के लिए समझदारी के साथ विशेषज्ञता बहुत ही जरूरी है। यह सही जगह एसेट एलोकेशन और सही फंड चुनाव में मदद करता है। निवेश का प्रबंधन करना एक पूर्णकालिक कार्य है।
छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड चुनें
शेयर बाजार में बिना सही तरीके से रिसर्च के पैसा लगाने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। मैं छोटे निवेशकों को सलाह देना चाहता हूं कि वे सीधे इक्विटी में निवेश के बदले म्यूचुअल फंड में निवेश करें। ऐसा इसलिए कि म्यूचुअल फंड का प्रबंधन बहुत ही अच्छे तरीके से किया जाता है।
फंड मैनेजर शेयरों का विश्लेषण करते हैं। फंड मैनेजरों द्वारा निवेश का फैसला बहुत ही रिसर्च के बाद किया जाता है। जब फंड मैनेजर को लगता है कि कंपनी लंबी अवधि में अच्छे तरीके से प्रदर्शन करेगी और निवेश पर शानदार रिटर्न मिलेगा तभी वो निवेश करने की सलाह देते हैं।
अनुभव में स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें हमने देखा है कि जो खुदरा निवेशक शेयर बाजार में सीधे निवेश करते हैं नुकसान ही उठाते हैं। आमतौर पर वे अपने पोर्टफोलियो में बहुत अधिक शेयर खरीद लेते हैं। इस चक्कर में यदि उनको कमाई होती भी है, तो वह बाजार के औसत रिटर्न से कम होती है।
ऐसा कंपनी के विषय में सही समझ नहीं होने और शेयरों की अधिक मूल्य पर खरीददारी से होता है। निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके चलते कई बार निवेश की हुई पूंजी का लौटना भी मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा शेयरों की जल्दी खरीदारी और स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें बिक्री पर निवेशकों को कई अतिरिक्त शुल्क चुकाने होते हैं जैसे ब्रोकरेज शुल्क। इसके चलते कई दफा मिलने वाले रिटर्न के मुकाबले शेयरों की खरीद-बिक्री पर लगने वाला शुल्क काफी ज्यादा हो जाता है।
म्यूचुअल फंड की ये हैं विशेषताएं
म्यूचुअल फंड के मामले में पहला, फंड मैनेजर सक्रिय आधार पर कम स्टॉक का मालिकाना सुनिश्चित करता है। साथ ही विभिन्न स्टॉक और सेक्टरों में जोखिम को आंकते हुए एक विविध पोर्टफोलियो बनाता है।
दूसरा, फंड मैनेजर कंपनियों के व्यावसायिक मॉडल और मूल्यांकन के बारे में गंभीरता से और लगातार पता करता रहता है। इसके बाद ही वह निर्णय लेता है कि कौन-सी कंपनी में निवेश को बनाए रखना और किस से निकलना है।
तीसरा, म्यूचुअल फंड में कम लागत के साथ बेहतर रिटर्न मिलता है।
चौथा, म्यूचुअल फंड मार्ग के माध्यम से निवेश करने के कुछ अन्य लाभ भी हैं। ये लाभ हैं कर की बचत, कम लागत और पारदर्शी निवेश। सेबी द्वारा इसे विनियमित करने से हमेशा निवेशकों के हितों का खास ख्याल रखा जाता है।
अखिल चतुर्वेदी, कार्यकारी उपाध्यक्ष, हेड, सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन, मोतीलाल ओसवाल एएमसी
अगर आप बीमार होते हैं या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होती है तो आप क्या करेंगे? इसका आसान उत्तर होगा कि आप डॉक्टर के पास जाकर बीमारी का दवा लेंगे। इसी तरह आयकर से जुड़े मामले के लिए आप बिना हिचक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से मदद लेंगे।
अगर आपकी कार खराब हो जाती है और कोई विशेष समस्या है तो आप किसी अच्छे मैकेनिक के पास जाएंगे। उपर्युक्त सभी मामलों में आप ऐसे पेशेवर विशेषज्ञों से सहायता लेना चाहते हैं, जो उस विषय को अच्छी तरह जानता है और आपको उपयुक्त समाधान देने में सक्षम है।
वित्तीय प्रबंधन में ऐसा क्यों नहीं करते
ज्यादातर लोग अपने व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन या निवेश का निर्णय काफी हद तक खुद ही कर लेते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ज्यादातर निवेशक अपने निवेश का फैसला बिना किसी विशेषज्ञ की मदद से कर लेते हैं। सही निवेश निर्णय लेने के लिए समझदारी के साथ विशेषज्ञता बहुत ही जरूरी है। यह सही जगह एसेट एलोकेशन और सही फंड चुनाव में मदद करता है। निवेश का प्रबंधन करना एक पूर्णकालिक कार्य है।
छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड चुनें
शेयर बाजार में बिना सही तरीके से रिसर्च के पैसा लगाने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। मैं छोटे निवेशकों को सलाह देना चाहता हूं कि वे सीधे इक्विटी में निवेश के बदले म्यूचुअल फंड में निवेश करें। ऐसा इसलिए कि म्यूचुअल फंड का प्रबंधन बहुत ही अच्छे तरीके से किया जाता है।
फंड मैनेजर शेयरों का विश्लेषण करते हैं। फंड मैनेजरों द्वारा निवेश का फैसला बहुत ही रिसर्च के बाद किया जाता है। जब फंड मैनेजर को लगता है कि कंपनी लंबी अवधि में अच्छे तरीके से प्रदर्शन करेगी और निवेश पर शानदार रिटर्न मिलेगा तभी वो निवेश करने की सलाह देते हैं।
सीधे निवेश से होता है नुकसान
अनुभव में हमने देखा है कि जो खुदरा निवेशक शेयर बाजार में सीधे निवेश करते हैं नुकसान ही उठाते हैं। आमतौर पर वे अपने पोर्टफोलियो में बहुत अधिक शेयर खरीद लेते हैं। इस चक्कर में यदि उनको कमाई होती भी है, तो वह बाजार के औसत रिटर्न से कम होती है।
ऐसा कंपनी के विषय में सही समझ नहीं होने और शेयरों की अधिक मूल्य पर खरीददारी से होता है। निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके चलते कई बार निवेश स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें की हुई पूंजी का लौटना भी मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा शेयरों की जल्दी खरीदारी और बिक्री पर निवेशकों को कई अतिरिक्त शुल्क चुकाने होते हैं जैसे ब्रोकरेज शुल्क। इसके चलते कई दफा मिलने वाले रिटर्न के मुकाबले शेयरों की खरीद-बिक्री पर लगने वाला शुल्क काफी ज्यादा हो जाता है।
म्यूचुअल फंड की ये हैं विशेषताएं
म्यूचुअल फंड के मामले में पहला, फंड मैनेजर सक्रिय आधार पर कम स्टॉक का मालिकाना सुनिश्चित करता है। साथ ही विभिन्न स्टॉक और सेक्टरों में जोखिम को आंकते हुए एक विविध पोर्टफोलियो बनाता है।
दूसरा, फंड मैनेजर कंपनियों के व्यावसायिक मॉडल और मूल्यांकन के बारे में गंभीरता से और लगातार पता करता रहता है। इसके बाद ही वह निर्णय लेता है कि कौन-सी कंपनी में निवेश को बनाए रखना और किस से निकलना है।
तीसरा, म्यूचुअल फंड में कम लागत के साथ बेहतर रिटर्न मिलता है।
चौथा, म्यूचुअल फंड मार्ग स्टॉक मार्केट निवेश के लिए मोतीलाल ओसवाल क्यों चुनें के माध्यम से निवेश करने के कुछ अन्य लाभ भी हैं। ये लाभ हैं कर की बचत, कम लागत और पारदर्शी निवेश। सेबी द्वारा इसे विनियमित करने से हमेशा निवेशकों के हितों का खास ख्याल रखा जाता है।
अखिल चतुर्वेदी, कार्यकारी उपाध्यक्ष, हेड, सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन, मोतीलाल ओसवाल एएमसी