निवेश रणनीति

तरीके और व्यापार रणनीतियों

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6. निम्न कार्बन विकास मार्ग को अपनाने में नई प्रौद्योगिकियों, नई अवसंरचना और अन्य लेन-देन की लागतों में वृद्धि समेत कई अन्य घटकों की लागतें शामिल होंगी। हालांकि, विभिन्न अध्ययनों पर आधारित कई अलग-अलग अनुमान मौजूद हैं, लेकिन ये सभी आम तौर पर 2050 तक खरबों डॉलर की व्यय-सीमा में आते हैं। विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त का प्रावधान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसे यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के अनुसार मुख्य रूप से सार्वजनिक स्रोतों से अनुदान और रियायती ऋण के रूप में काफी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि पैमाने, दायरे और गति को सुनिश्चित किया जा सके।

आतंकवाद से बड़ा खतरा है आतंक का वित्तपोषण: शाह

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को ‘आतंकवाद को कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आतंक के वित्तपोषण के “तरीकों, माध्यम और प्रक्रियाओं’’ (मोड-मीडियम-मेथड) को समझकर, उन पर कड़ा प्रहार करने में ‘वन माइंड, वन एप्रोच’ के सिद्धांत को अपनाना होगा।

राष्ट्रीय राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में, आतंकियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने संबंधी विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शाह ने यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सम्मेलन का आयोजन किया था।

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा फिल्म आधारित 'शरारत से सफलता तक' पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने सोमवार को फिल्म-आधारित प्रशिक्षण सत्र के हिस्से के रूप में इसे और अधिक रोचक बनाने के लिए उद्यमियों के लिए एक ज्ञान आधार सत्र का आयोजन किया। 'शरारत तरीके और व्यापार रणनीतियों से सफल तक' पर एक प्रशिक्षण सत्र 14 नवंबर, 2022को तरीके और व्यापार रणनीतियों शाम 6:00 बजे समृद्धि, नानपुरा, सूरत में आयोजित किया गया था। जिसमें सूरत के एक प्रशिक्षक और प्रबंधन सलाहकार चिराग देसाई ने फिल्म बदमाश कंपनी से आवश्यक सामग्री और प्रस्तुति के माध्यम से व्यवसायियों को उनकी ताकत की पहचान करने और व्यवसाय में नैतिक रूप से अभ्यास करने के लिए निर्देशित किया।

फिल्में मनोरंजन के साथ व्यवसाय में सफलता के लिए प्रोत्साहीत भी करती हैः बोडावाला

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वर्षों से फिल्में बहुत महत्वपूर्ण रही हैं। फिल्में न केवल लोगों को मनोरंजन का मंच प्रदान करती हैं बल्कि उन्हें जीवन और व्यवसाय में सफलता की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं।

प्रवक्ता चिराग देसाई ने कहा कि फिल्म के अभिनेता शाहिद कपूर को अपने पिता अनुपम खेर की तरह इस फिल्म में काम करना पसंद नहीं है लेकिन वह बिजनेस में सफल होना चाहते हैं। इससे पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी विभिन्न व्यवसायों में उद्यम करना चाहती है। वह अपने जुनून में करियर बनाना चाहता है और स्टार्ट-अप करना चाहता है लेकिन उसे घर से आर्थिक मदद नहीं मिलती है। लेकिन एक व्यवसाय केवल पैसे से ही नहीं बल्कि एक अच्छे विचार से भी शुरू किया जा सकता है, इसलिए उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए और व्यवसाय में उनका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। उन्हें व्यवसाय की व्यावसायिक संस्कृति में धीरे-धीरे अपना विकास करना चाहिए।

चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में जाते हैं और मुश्किल में पड़ जाते हैं

फिल्म में दिखाया गया है कि जब चार दोस्त एक साथ बिजनेस शुरू करते हैं और बिजनेस डील करने के लिए विदेश जाते हैं, तो उन्हें भाषा की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है। इससे हमें पता चलता है कि कोई भी चीज हमें बिजनेस करने से नहीं रोक सकती। फिल्म की शुरुआत में चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में चले जाते हैं और वे मुश्किल में पड़ जाते हैं। तब वे सफल होते हैं जब वे अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हैं और सिद्धांतों और कानूनों के अनुसार व्यवसाय करते हैं। इसलिए व्यापार हमेशा सरकार की गाइड लाइन और कानूनों का पालन करते हुए करना चाहिए। व्यापार नैतिक रूप से करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि व्यापार में सम्मान के साथ सफलता जरूरी है। व्यवसाय में आपके साथ जुड़े भागीदारों या कर्मचारियों को निकाल नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि उनका सहयोग और सहयोग मिलने से व्यवसाय में सफलता मिल सकती है, इसलिए अतीत में की गई गलतियों को सुधार कर नए विचारों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवसाय में उचित प्रस्तुतिकरण भी आवश्यक है। व्यवसाय में सफल होने के लिए गणनात्मक जोखिम उठाना पड़ता है। किसी व्यवसाय को विकसित करने के लिए ब्रांडिंग, मार्केटिंग और रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव जीवन में हमेशा उपयोगी होता है।

आतंकवाद से बड़ा खतरा है आतंक का वित्तपोषण: शाह

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को ‘आतंकवाद को कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) के लक्ष्य को प्राप्त करने तरीके और व्यापार रणनीतियों के लिए आतंक के वित्तपोषण के “तरीकों, माध्यम और प्रक्रियाओं’’ (मोड-मीडियम-मेथड) को समझकर, उन पर कड़ा प्रहार करने में ‘वन माइंड, वन एप्रोच’ के सिद्धांत को अपनाना होगा।

राष्ट्रीय राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में, आतंकियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने संबंधी विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शाह ने यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सम्मेलन का आयोजन किया था।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी आई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी आई है।

भारत ने यूएनएफसीसीसी के समक्ष अपनी दीर्घकालिक कम-उत्सर्जन विकास रणनीति प्रस्तुत की

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भारत ने आज 27वें पार्टियों के सम्मेलन (कॉप27) के दौरान जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क सम्मलेन (यूएनएफसीसीसी) के समक्ष अपनी दीर्घकालिक कम-उत्सर्जन विकास रणनीति प्रस्तुत की। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने दीर्घकालिक कम-उत्सर्जन विकास रणनीति का शुभारंभ किया। कॉप 27 6-18 नवंबर, 2022 तक मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित किया जा रहा है।

रणनीति की मुख्य विशेषताएं हैं-

1. ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय संसाधनों के तर्कसंगत उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जीवाश्म ईंधन से अन्य स्रोतों में बदलाव न्यायसंगत, सरल, स्थायी और सर्व-समावेशी तरीके से किया जाएगा।

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