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KBC 14: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय कहां स्थित है?
KBC 14 2022 Daily Pari Match Quiz 16 November, 24x7 Quiz, KBC Pari Match Quiz answers today: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय कहां स्थित है?
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उत्तर: D. वाशिंगटन
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय वाशिंगटन में स्थित है. अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख वित्तीय एजेंसी है, और एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसका मुख्यालय वॉशिङ्टन, डी॰ सी॰ में है, जिसमें 190 देश शामिल हैं. इसका घोषित उद्देश्य "वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व भर में दारिद्र्य को कम करने के लिए कार्य कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक स्थिरता को बनाये रखने के उपाय करना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं पुनरुत्थान हेतु वित्तीय आधार उपलब्ध कराना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है.
KBC 2022, Offline Daily Quiz, 16 November के सभी सवाल और उनके जवाब
KBC 2022, Daily Pari Match Quiz, 16 November के सभी सवाल और उनके जवाब
अमेरिका ने भारत को मुद्रा निगरानी सूची से हटाया, चीन को झटका; जानिए क्या हैं इसके मायने
हिन्दुस्तान 4 दिन पहले लाइव हिन्दुस्तान
अमेरिका ने शुक्रवार को भारत समेत चार अन्य देशों को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस (संसद) को सौंपी अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारत, इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को सूची से हटा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो बार तीन मानदंडों में से केवल एक को मुद्रा व्यापार पूरा कर पाए हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इस साल जून में अपने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष के कारण भारत को करेंसी मैनिपुलेटर की निगरानी सूची में रखा था। महामारी की शुरुआत के बाद से यह तीसरी बार था जब भारत सूची में आया था।
क्या है मुद्रा निगरानी सूची?
भारत पिछले दो साल से अमेरिकी मुद्रा निगरानी सूची में था। अमेरिका अपने प्रमुख भागीदारों की मुद्रा पर निगरानी के लिए यह लिस्ट तैयार करता है। इस व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है।
भारत यात्रा पर हैं अमेरिकी वित्त मंत्री
बता दें कि अमेरिका ने भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से ऐसे समय में हटाया है जब उसकी वित्त मंत्री भारत के दौरे पर हैं। अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अपनी भारत यात्रा के साथ शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की। इसी दिन अमेरिका के वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है।
चीन को झटका
वित्त विभाग ने संसद को अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात देश हैं जो मौजूदा निगरानी सूची में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटाया गया है उन्होंने लगातार दो मुद्रा व्यापार रिपोर्ट में तीन में से सिर्फ एक मानदंड पूरा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में विफल रहा है। इसके अलावा चीन अपनी विनिमय दर तंत्र में पारदर्शिता की कमी के चलते वित्त विभाग की नजदीकी निगरानी में है।
अमेरिका ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया, चीन को लेकर कही ये बात
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से बाहर कर दिया है. भारत पिछले दो साल से इस सूची में था.
TV9 Bharatvarsh मुद्रा व्यापार | Edited By: मुकेश झा
Updated on: Nov 12, 2022 | 1:05 AM
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से बाहर कर दिया है. भारत पिछले दो साल से इस सूची में था. भारत के अलावा अमेरिका ने इटली, मेक्सिको, थाईलैंड, वियतनाम को भी अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटा दिया है. इस व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों के मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है.
अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन भारत के दौरे पर हैं. येलेन ने शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की और इसी दिन अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने यह कदम उठाया है.
चीन समेत ये देश लिस्ट में शामिल
ट्रेजरी विभाग ने संसद को अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात देश हैं जो मौजूदा निगरानी सूची में हैं. रिपोर्ट में कहा गया है मुद्रा व्यापार कि जिन देशों को लिस्ट से हटाया गया है, उन्होंने लगातार दो रिपोर्ट में तीन में से सिर्फ एक मानदंड पूरा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रा व्यापार चीन अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में विफल रहने और अपनी विनिमय दर तंत्र में पारदर्शिता की कमी के चलते ट्रेजरी विभाग की नजदीकी निगरानी में है. इस मुद्रा व्यापार व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों के मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है.
करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट क्या है?
अमेरिका अपने प्रमुख भागीदार देशों की करेंसी पर निगरानी के लिए यह सूची तैयार करता है. इस व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है. अमेरिका अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है, जिनकी फॉरेन एक्सचेंज रेट पर उसे शक होता है. भारत पिछले दो साल से अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची में था.
भारत दौरे पर अमेरिकी वित्त मंत्री
अमेरिकी वित्त मुद्रा व्यापार मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि इस समय वैश्विक आर्थिक परिदृश्य काफी चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति इस समय कई विकसित और विकासशील देशों के लिए चुनौती है. विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक इस समस्या से निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं. येलेन ने कहा कि मुद्रास्फीति का प्रमुख कारण रूस का यूक्रेन पर हमला भी है.
इससे ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं. कई उभरते बाजार हैं, जहां कर्ज और ब्याज दर अधिक है. ऐसे में ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से उनमें से कुछ के लिये कर्ज को लेकर दबाव बढ़ा है और इसको लेकर संकट पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमें आने वाले समय में इससे निपटने की जरूरत होगी. (भाषा से इनपुट के साथ)
भारतीय रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर बंद
Dollar Vs Rupee: वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और कमजोर एशियाई मुद्राओं के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई है.
बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से रुपया प्रभावित हुआ है.
Dollar Vs Rupee: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. निराशाजनक व्यापार आंकड़ों तथा विदेशी कोषों की निकासी के कारण रुपये में गिरावट आई है. बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से रुपया प्रभावित हुआ है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.41 पर खुला. आज कारोबार के दौरान रुपया 81.23 के दिन के उच्चस्तर और 81.58 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह पिछले कारोबारी सत्र में 37 पैसों की तेजी के साथ 80.91 प्रति मुद्रा व्यापार डॉलर पर बंद हुआ था.
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शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा है कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और कमजोर एशियाई मुद्राओं मुद्रा व्यापार के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई है. इसके अलावा एफआईआई की निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ है. इस बीच,दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत कमजोर होकर 106.10 रह गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.47 प्रतिशत घटकर 94.मुद्रा व्यापार 30 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 107.73 अंक की तेजी के साथ 61,980.72 अंक पर बंद हुआ.शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने मंगलवार को 221.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)