एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है

तकनिकी विश्लेषण - Technical Analysis
तकनीकी विश्लेषण एक ऐसी पद्धति है जो बाजार के आंकड़ों का उपयोग करके निर्णय खरीदती है और बेचती है। इसमें मुख्य रूप से विश्लेषण किए जा रहे चार्टी का अध्ययन करने वाले चार्ट का अध्ययन करना शामिल है और जो भी सुरक्षा का विश्लेषण किया जा रहा है।
यह कैसे काम करता (उदाहरण): तकनीकी विश्लेषण करने के लिए, निवेशक उन चारों से शुरू होते हैं जो किसी विशेष सुरक्षा या इंडेक्स (उदाहरण के लिए, डॉ जोन्स इंडस्ट्रियल औसत) के मूल्य और व्यापार वॉल्यूम इतिहास को दिखाते हैं
और साथ ही अन्य सांख्यिकीय उपायों की मेजबानी करते हैं जैसे मूविंग एवरेज, मैक्सिमम्स और मिनिमम्स, और प्रतिशत परिवर्तन।
विचार उन प्रवृत्तियों में रुझानों और परिवर्तनों की पहचान करने के लिए चार्ट का उपयोग करना है। कई प्रकार के रुझान और पैटर्न हैं, कुछ असामान्य नामों के साथ आयतों, त्रिकोण, बोलिंगर बैंड उलटा सिर और कंधे, candlesticks, एमएसीडी हिस्टोग्राम, stochastics, और बहुत आगे कुछ तकनीकी विश्लेषकों ने व्यापार डेटा की व्याख्या करने के लिए संकेतक और ऑसीलेटर का भी उपयोग किया है। यह क्यों मायने रखता है:
मौलिक विश्लेषण के विपरीत जो वित्तीय विवरण, बाजार दृष्टिकोण, प्रतिस्पर्धा, समष्टि आर्थिक घटनाओं आदि का अध्ययन करके सुरक्षा के "वास्तविक मूल्य" को खोजने पर केंद्रित है तकनीकी विश्लेषण इस विश्वास पर आधारित है कि पिछले बाजार के रुझान भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी कर सकते हैं पूरी तरह से और व्यक्तिगत स्टॉक के लिए बाजार |
यदि कोई निवेशक चार्ट के "संदेश " की सही व्याख्या कर सकता है और स्टॉक के आंदोलन की भविष्यवाणी कर सकता है, तो वह स्पष्ट रूप से बहुत सारा पैसा कमा सकता है।
तकनीकी विश्लेषण के कुछ पहलू विवादास्पद हैं, जैसे विश्वास यह है कि शेयर और बाजार ऐसे रुझानों में आगे बढ़ते हैं जो लंबे समय तक खेल सकते हैं, और यह कि विवाद कि बाजार कार्रवाई आपूर्ति / मांग संबंधों में बदलाव का पता लगा सकती है। ज्यादातर निवेशक या तो तकनीशियन या मौलिक निवेशक होते हैं, हालांकि कई विश्लेषकों का मानना है कि तकनीकी और मौलिक विश्लेषण का संयोजन निकास और प्रवेश बिंदुओं का मूल्यांकन करने का सबसे अच्छा तरीका हैं। चूंकि बहुत से लोग तकनीकी व्यापार नियमों पर विश्वास करते हैं कम से कम नियम आत्मनिर्भर हो सकते हैं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत निवेशक के बारे में जानना महत्वपूर्ण हो जाता है।
शिशु विकासात्मक माइल्सटोन चार्ट: 1 से 6 महीने
ये शिशु विकास माइल्सटोन चार्ट आपको इस बात का अंदाजा देते हैं कि जन्म के बाद शुरुआती छह महीनों में हर चरण पर आप शिशु से क्या उम्मीद कर सकती हैं। ध्यान में रखें कि हर शिशु का विकास अलग तरीके से होता है। यदि आपको शिशु के विकास के बारे में कोई चिंता हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
शिशु माइल्सटोन: 1 महीना
- पेट के बल लेटने पर सिर उठाता है
- आवाज पर प्रतिक्रिया करता है
- चेहरों को घूरकर देखना
- रोशनी की तरफ सिर घुमाता है
- काले व सफेद पैटर्न देख सकता है
- चीजों का अनुकरण करता है
- ऊह-आह की आवाज करता है
- मुस्कुराता है
- सिर को 45 डिग्री के कोण तक उठाता है
शिशु माइल्सटोन: 2 महीने
- अब धीमी सी प्यारी आवाजें निकाल सकता है
- चेहरे के पास लाने पर चीजों और चेहरों का अनुकरण करता है
- थोड़े समय के लिए सिर को ऊपर उठाता है
- आपकी आवाज को पहचानता है
- मुस्कुराकर प्रतिक्रिया देता है
- सिर को 45 डिग्री के कोण तक उठाता है
- हरकतें या गतिविधियां काफी सहज हो जाती हैं
- सिर को स्थिरता से उठाता है
- टांगों पर अपना वजन संभाल पाता है
- सिर और कंधे भी उठा सकता है (मिनी-पुश अप)
शिशु माइल्सटोन: 3 महीने
- स्थिरता से सिर उठा लेता है
- आपके चेहरे को पहचानता है
- छोटे पुश-अप करता है
- हंसता और मुस्कुराता है
- ऊंची आवाज की तरफ पलटकर देखता है
- दोनों हाथों को एक साथ मिला सकता है और खिलौनों पर मार सकता है
- पेट से पीठ के बल पलट सकता है
शिशु माइल्सटोन: 4 महीने
-
एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है
- स्थिरता से सिर ऊपर उठाता है
- टांगों पर वजन संभाल सकता है
- आप जब बात करते हैं तो प्यार भरी आवाज निकालता है
- छोटे पुश-अप करता है
- हाथ बढ़ाकर चीजों या खिलौनों को पकड़ सकता है
- आवाजों की नकल करता है, बा..बा, दा..दा, डा..डा जैसी आवाजें निकाल सकता है
- पेट से पीठ के बल पलट सकता है
शिशु माइल्सटोन: 5 महीने
- गहरे और स्पष्ट रंगों को पहचान सकता है
- पेट से पीठ के बल पलट सकता है
- अपने हाथों और पैरों के साथ खेलकर खुश होता है
- नई आवाजों की तरफ मुड़कर देखता है
- कुछ क्षणों के लिए बिना सहारे बैठ सकता है
- पीठ से पेट के बल पलट सकता है
- चीजों को मुंह में लेता है
- अनजान व्यक्ति को देखकर व्याकुल हो सकता है
शिशु माइल्सटोन: 6 महीने
- आवाजों और ध्वनि की ओर पलटता है
- आवाजों की नकल करता है, फूंक मारकर बुलबुले बनाता है खाने के लिए तैयार होता है
- चीजों तक पहुंच कर उन्हें मुंह में लेता है
- दोनों दिशाओं में पलट सकता है
- अपना नाम पहचानता है
- आगे की तरफ बढ़ सकता है या घुटनों के बल चलना शुरु कर सकता है
- बड़बड़ा सकता है या अक्षरों को जोड़कर बोल सकता है
- चीजों को अपनी तरफ घसीट सकता है
- बिना सहारे के बैठ सकता है
Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience.
Track your baby’s development
Join now to receive free weekly newsletters tracking your baby’s development and yours throughout your pregnancy.
ABOUT BABYCENTER INDIA
OTHER SITES
© 2007–2022 BabyCenter, LLC, a Ziff Davis company. All rights reserved.
This Internet site provides information of a general nature and is designed for educational purposes only. If you have any concerns about your own health or the health of your child, you should always consult with a doctor or other healthcare professional. Please review the Terms of Use before using this site. Your use of the site indicates your agreement to be bound by the Terms of Use.
This site is published by BabyCenter, L.L.C., which is responsible for its contents as further described and qualified in the Terms of Use.
Explained: क्या सिर हिलाकर हां-नहीं कहना सिर्फ भारतीयों की अदा है?
जोरों से मुंडी हिलाते हुए हां या न कहना हेड बॉबल (head bobble) कहलाता है. पूरी दुनिया में केवल दक्षिण एशियाई देश (South . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 23, 2020, 06:48 IST
क्रमिक विकास (evolution) के साथ हमने सिर्फ बहुत-सी चीजें सीखीं, जिनमें से एक है संवाद (communication). दुनिया के हर हिस्से ने भाषा ईजाद की. माना जाता है कि ग्लोबली 6900 भाषाएं हैं, जिनमें से अधिकतर खत्म होने के स्तर पर हैं. अपने देश में भाषाओं की बात करें तो संविधान में 22 भाषाएं शामिल हैं, जिनके अलावा बोलियां भी हैं. इसके बाद भी हमारे पास संवाद की एक बिल्कुल अनोखी रीत है- वो है सिर हिलाना (headnod). जिस तरह से सिर हिलाकर हम हां या न कहते हैं, वो एशिया के अलावा दुनिया के किसी हिस्से में नहीं. एक्सपर्ट इसे हेड बॉबल (head bobble) कहते हैं. जानिए, क्या कहना है सिर हिलाने का विज्ञान.
क्या है ये सिर हिलाना
सिर हिलाकर हां या न कहने का ये तरीका हेड बॉबल या हेड वॉबल (head wobble) भी कहलाता है. ये कई तरीकों से होता है, जैसे ऊपर-नीचे सिर हिलाने का मतलब सामने वाला हां कह रहा है. इसी तरह से दाएं-बाएं सिर घुमाना यानी सामने वाला इनकार कर रहा है. कई बार थैंक यू भी एक बार सिर हिलाकर बिना कोई शब्द बोले कहा जाता है.
विदेशी टूरिस्टों के लिए परेशानी का सबब
कुल मिलाकर सिर हिलाने का एक ही मतलब नहीं, बल्कि इसे जानने वाले ही इसे समझते हैं. भारत आने वाले विदेशी सैलानी अगर बिना गाइड के हों तो इस संवाद में काफी परेशान होते हैं. खासकर अगर विदेशी अंग्रेजी में तंग हो और जिससे बात करने की कोशिश कर रहा हो, उसे भी भाषा की समझ न हो, तब ऐसे इशारे परेशानी बढ़ा देते हैं.
ये आदत नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आती है- सांकेतिक फोटो (Pixabay)
क्या कहती हैं स्टडी
वैसे भारतीय में हेड-नॉड यानी सिर हिलाने की आदत पर काफी स्टडी की जा चुकी है. इससे पता चला कि ये आदत सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के कई एशियाई देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल तक में है. नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आने वाली ये आदत ठीक वैसी ही है, जैसे विदेशियों में कंधे उचकाना या आंखों में आंखें डालकर देखना.
सबसे पहले साल 1872 में इसका जिक्र हुआ था. तब The Expression of the Emotions in Man and Animals के नाम से इंसानों के साथ-साथ जानवरों में भी नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन को समझने की कोशिश हुई.
किस श्रेणी में आता है यूं बिना बोले कहना
इसके कई प्रकार देखे गए. हालांकि इसके तहत 5 प्रकार मुख्य हैं, जिनमें बिना बोले कोई शख्स अपनी बात अगले तक पहुंचाता है. इसमें चेहरे के हावभाव, जेस्चर्स (भंगिमाएं), पैरालिंग्विस्टिक्स (आवाज का उतार-चढ़ाव), प्रोक्सेमिक्स यानी स्पेस की जरूरत और आंखों का इशारा शामिल हैं. हेड नॉड यानी सिर हिलाने की आदत दो श्रेणियों के तहत आती है- बॉडी लैंग्वेज और जेस्चर्स.
श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है- सांकेतिक फोटो (needpix)
श्रीलंका में भी समान आदत
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है. फर्क बस इतना है कि वहां के लोग ज्यादा तेजी से सिर हिलाते हैं. शायद ये इस बात का इशारा है कि वे बात समझ चुके हैं और ज्यादा बात बढ़ाने की जरूरत नहीं. बात रोकने के अलावा वे ना कहने के लिए भी दाएं-बाएं पूरे जोरों से सिर घुमाते हैं.
जोर से हिलाते हैं सिर
कल्चर ट्रिप वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबो में चूंकि श्रीलंका के हर हिस्से के लोग बसे हैं, लिहाजा वहां ढेरों तरह से सिर हिलाना दिखेगा. ऐसे में अगर कोई सैलानी एक पैटर्न को समझकर उसे ही दूसरी जगह लागू करना चाहे तो भारी मुसीबत में पड़ सकता है. इनमें समानता ये ही है कि लगभग सभी जोर से सिर हिलाते हैं.
संस्कृति भी एक वजह
भारतीयों का सिर हिलाना पूरी दुनिया में चर्चित है. साल 2010 में एक अमेरिकन सिटकॉम आया था. आउटसोर्स्ड (Outsourced) नाम के इस सीरियल में भारतीयों के सिर हिलाकर बिना बोले कुछ कहने पर बाकायदा बात हुई थी. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कुछ तो अपनी संस्कृति के दबाव में ये नॉनवर्बल तरीका अपना चुके हैं. जैसे यहां बड़ों से असहमति होने पर सीधे उनकी बात काटना ठीक नहीं माना जाता. ऐसे में सिर हिलाकर हम चुप्पी साधे रहते हैं. ये एक तरह से अपनी बात रखने के लिए समय लेने की तरह है. साथ ही सीधी असहमति से निजात मिल जाती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
गंजेपन के कारण
बालों के झड़ने या सिर पर बालों का न होना हो गंजापन कहलाता है। गंजापन के अलावा इसे एलोपेसिया भी कहा जाता हैं। देखा जाए तो गंजापन सबसे अधिक सिर उपरी हिस्से पर होता है जहां अधिकतर लोगों का ध्यान चला जाता है, लेकिन बाल जहां जहां उगता है गंजापन वहां कहीं पर भी हो सकता है। गंजापन क्या है जानने के बाद आप जरूर जानना चाहते होंगे कि गंजापन किसके कारण होता है ?
गंजेपन का क्या कारण है?
अब आपको बताते हैं कि गंजापन किसके कारण होता है ? बालों का झड़ना या हेयर फॉल कई कारणों से हो सकता है। पर गंजेपन के कारण में से कुछ निम्नलिखित है –
- उम्र बढ़ने के कारण बालों का झडना
- हार्मोन में बदलाव के कारण बालों का झडना
- बालों के झड़ने के कारण होने वाली बीमारी (टेलोजेन एफ्लुवियम)
- गंजेपन आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
बालों का झड़ना निम्न कारणों से नहीं होता है:
- स्कैल्प में खराब सर्कुलेशन का होना
- रूसी(डैंड्रफ) का होना
- टोपी पहनने के कारण बालों का झडना
अब आप जान गए होंगे कि गंजेपन के कारण क्या है या गंजापन किसके कारण होता है। आम तौर पर एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है बालों का झड़ना जितनी कम उम्र अर्थात जल्दी शुरू होता है यह उतना ही गंभीर होता जाता है।
गंजेपन के लक्षण क्या हैं?
गंजापन किसके कारण होता है? जानने के बाद आप गंजेपन के लक्षण जरुर जानना चाहेंगे। गंजापन कई तरह का होता है और और गंजेपन के कारण के साथ लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। गंजेपन के प्रकार में देखें तो मेल पैटर्न हेयरफाल और फीमेल पैटर्न हेयरफाल होते हैं:
मेल पैटर्न हेयरफॉल
जब यह प्रश्न आता है कि गंजेपन किसके कारण होता है तो उसमें अधिकतर जवाब आता है पैटर्न हेयरफॉल के कारण। मेल पैटर्न हेयरफॉल सामान्य तौर पर आनुवांशिक कारणों के कारण होता है। हेयरफ़ाल की यह स्थिति किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। बालों का झड़ना अक्सर सामने की तरफ, कंधे की तरफ या सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू हो जाता है। कई बार मेल पैटर्न हेयरफॉल सिर्फ और सिर्फ हेयरलाइन के कम होने तक सीमित हो जाती है। कभी कभी तो व्यक्ति अपने सभी बाल खो सकते हैं।
फीमेल पैटर्न हेयरफॉल
फीमेल पैटर्न हेयर फॉल बहुत अधिक लोगों को नहीं होता है पर कई महिलाएं इससे भी प्रभावित होती है। फीमेल पैटर्न हेयरफॉल, मेल पैटर्न हेयरफॉल से बहुत अलग होता हैं जिसमें बाल आम तौर पर पूरे सिर में बहुत अधिक पतले हो जाते हैं। फीमेल पैटर्न हेयर फॉल का आमतौर पर पहला लक्षण हेयरलाइन का भाग का चौड़ा होना दिख सकता है। अब आप इस प्रश्न का उत्तर जान चुके होंगे कि गंजेपन किसके कारण होता है।
बालों के झड़ने के अन्य कारण
एलोपेशिया एरियाटा
यह बालों के बहुत तेज झड़ने का कारण बनता है। इस बीमारी में बाल अचानक ही झड़ने लगते है और झड़ने की यह प्रक्रिया आमतौर पर बहुत छोटे पैच में होती होता है। बाल कई महीनों के बाद वापस भी उग सकते हैं। पर अगर शरीर के सभी बाल अचानक ही झड़ने लग जाते हैं, तो हो सकता है कि यह दोबारा न उगें। इस तरह से बालों के झड़ने का सटीक कारण अभी तक नहीं पता चला है। इस पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रकार के बालों का झड़ना एक ऑटोइम्यून बीमारी के कारण होता है। एलोपेशिया एरियाटा में आमतौर पर बाल के झड़ने छोटे छोटे हिस्से में झड़ने लगते हैं। अगर स्कैल्प पर से पूरे बाल झड़ने लगते हैं तो इसे एलोपेसिया टोटलिस कहा जाता है। और अगर शरीर के सभी बाल झड़ जाते हैं, तो इसे एलोपेसिया युनिवर्सलिस कहा जाता है। डॉक्टर से यह प्रश्न पूछने पर कि गंजेपन किसके कारण होता है ? तो डॉक्टर भी कभी कभी एलोपेशिया एरियाटा का नाम ले लेते हैं।
टॉक्सिक एलोपेसिया
तेज बुखार या किसी गंभीर बीमारी के बाद टॉक्सिक एलोपेसिया हो सकता है। इसमें कुछ दवाएं विशेष रूप से थैलियम, विटामिन ए की अधिक खुराक, रेटिनोइड्स और कैंसर की दवाएं भी इस बीमारी का कारण हो सकती हैं। कई बिमारियों का इलाज जैसे कि थायरॉयड की बीमारी और बच्चे को जन्म देने के कारण भी टॉक्सिक एलोपेसिया को ट्रिगर कर सकता है। पर सामान्यतः इसमें बाल अस्थाई रूप से ही झड़ते हैं।
ट्रिकोटिलोमेनिया (बाल का खींचना)
बाल को अधिक तेजी से खींचने पर बाल झड़ सकते हैं। यह छोटे बच्चों में बहुत अधिक होता है।
स्कारिंग या सिकाट्रिकियल एलोपेसिया
यह जले हुए भाग में बालों को दुबारा बढ़ने से रोक सकती हैं। जलन, चोट या एक्स-रे थेरेपी के निशान भी पड़ सकते हैं। पर बालों के झड़ने का कारण कई बिमारियां हो सकती हैं। बालों का झडने का कारण ल्यूपस, बैक्टीरियल या फंगल स्किन संक्रमण, लाइकेन प्लेनस, सारकॉइडोसिस, टीबी या स्किन कैंसर शामिल होता हैं।
गंजेपन की पहचान कैसे की जाती है?
किसी व्यक्ति के हाल फिलहाल कराए गए इलाज़ और विभिन्न टेस्ट के के अलावा स्किन की एक बायोप्सी भी गंजेपन के विभिन्न प्रकार या इसके कारणों की पहचान करने में डॉक्टर की मदद कर सकती है। बायोप्सी में टिश्यू का एक छोटा सा हिस्सा निकाल लिया जाता है जिसको जांच लैब में की जाती है। अगर डॉक्टरको लगता है कि इंफेक्शन हो सकता है तो कल्चर टेस्ट भी किया जा सकता है।
गंजेपन का इलाज कैसे किया जाता है?
गंजेपन के सम्भावित इलाज के बारे में डॉक्टर आपके साथ चर्चा जरूर करेगा और साथ ही साथ ही आपके ऊपर ही यह निर्णय छोड़ देगा कि आपको कौन सा इलाज करवाना है। देखा जाए तो गंजेपन के अधिकांश बिमारियों का कोई इलाज नहीं है। बस कुछ ही तरह के गंजेपन का इलाज किया जा सकता है। इसके इलाज में शामिल हो सकता है –
- बालों को बढ़ने के के लिए कुछ दवाएं (जैसे मिनोक्सिडिल और फाइनस्टेराइड)
- हेयर ट्रांसप्लांट
- स्किन लिफ्ट्स और ग्राफ्ट्स
- हेयर रिप्लेसमेंट सर्जरी
बालों को ट्रांसप्लांट के लिए पिछले एक सिर और कंधे पैटर्न क्या है कई वर्षों से लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कई हेयर रिप्लेसमेंट तकनीक उपलब्ध हो चुकी हैं। पर कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी पूरी तरह से गंजे लोगों की मदद नहीं कर सकती है। बालों को बदलने के लिए के सिर के पीछे और किनारों पर बालों का स्वस्थ होना बहुत अधिक जरूरी है। सिर के पीछे और किनारों के बाल डोनर के रूप में काम करेंगे जहां से ग्राफ्ट और फ्लैप लिए जा सकते हैं।
हमारा ही चयन क्यों ?
आर्टियस क्लिनिक बहुत अच्छी और बेहतरीन हेयर ट्रांसप्लांट सेवाओं में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के लिए जाना जाता है। अगर आप मुंबई में बहुत अच्छी और किफायती हेयर ट्रांस प्लांट के इच्छुक हैं तो आर्टियस क्लिनिक आपकी सहायता व सेवा जरूर करेगा। मुंबई में बालों के इलाज के बढ़ते खर्च के बावजूद आर्टियास क्लिनिक बहुत अच्छी सेवाएं देता है। FUE तकनीकी से इलाज का अनुभव भी आर्टियस क्लिनिक के पास है और FUE तकनीकि बालों के ट्रांसप्लांट में सर्वोत्तम विकल्प मानी जाती है जिसका लाभ आप आर्टियस क्लीनिक में उठा सकते हैं।