शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है

डिविडेंड देने वाले टॉप शेयरों की बात करें तो कोल इंडिया, हिंदुस्तान जिंक, शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है ओएनजीसी, गेल इंडिया, भारती इंफ्राटेल, एनएमडीसी, आईटीसी, पावर ग्रिड और आईओसीएल हैं। इनके डिविडेंड पर अगर ब्याज की बात करें तो कोल इंडिया ने 9.8% का ब्याज दिया है। हिंदुस्तान जिंक ने 7.4%, ओएनजीसी ने 6.9, गेल इंडिया 6.8, भारती इंफ्राटेल ने 5.6%, एनएमडीसी ने 5.5 और आईटीसी ने 5.4% का रिटर्न दिया है।
Dividend क्या होता है और कैसे मिलता है ?
कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का निवेश लाभ (investment profit ) कमाने के लिए करता है. लोग लाभ कमाने के लिए अलग-अलग स्कीम्स में अपने पैसे को निवेश करते हैं जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, FD आदि. जब किसी कंपनी या व्यवसाय में एक से अधिक लोग निवेश करते हैं. तो Dividend निवेश के अनुपात के अनुसार मिलता है. कंपनी शेयर धारकों अर्थात निवेश करने वालों को डिविडेंट तभी देती है जब उसे लाभ होता है. लाभांश (Dividend) कई प्रकार से दिया जाता है. सबसे पहले समझते हैं कि लाभांश क्या है –
क्या शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है है डिविडेंट (What is Dividend)
कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है. अगर आप सामान्य स्टॉक के साथ प्रिफर्ड शेयरों में भी निवेश करते हैं तो आप लाभांश प्राप्त करने के हक़दार हैं. कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.
जब आप सामान्य स्टॉक में निवेश करते हैं तो शेयरों की कीमत बढ़ने पर कंपनी लाभांश के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करती है, वहीं पसंदीदा या मुख्य (Preferred) स्टॉक में भुगतान एक पूर्व निर्धारित लाभांश(Dividend) का किया जाता है. Preferred Stock की स्थिति में लाभांश भुगतान मान्य स्टॉक या कंपनी बांडों की तुलना में अक्सर ज्यादा होता है. सामान्य शेयरधारकों को दिया जाने वाला Dividend विभिन्न कंपनियों के अनुसार शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है अलग-अलग होता है. अगर अभी स्टॉक की कीमतों में कोई गिरावट होती है और नुकसान होता है, तो लाभांश भुगतान उस नुकसान को भी कम करता है. यह अस्थिरता और पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने में मदद करता है.
कैसे किया जाता है Dividend का भुगतान
डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है प्रकार है –
अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है. आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है.
Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Sep 11, 2021 | 7:06 AM
अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.
सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन किसी कंपनी का शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है बोर्ड ऑफ डायरेक्टर डिविडेंड की घोषणा करता है. जिस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है उसके साथ दो और डेट की घोषणा की जाती है. ये दो डेट होते हैं रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट. रिकॉर्ड डेट वह डेट होती है जिस दिन कंपनी शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है यह देखती है कि कौन-कौन इन्वेस्टर्स हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स हैं.
डीमैट अकाउंट में शेयर होना जरूरी
अगर आपको डिविडेंड का लाभ चाहिए तो रिकॉर्ड डेट के दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स होने चाहिए. उदाहरण के तौरन पर कंपनी A ने डिविडेंड की घोषणा की और 20 सितंबर उसका रिकॉर्ड डेट है. आपको डिविडेंड का लाभ तभी मिलेगा जब 20 सितंबर को वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में हो.
रिकॉर्ड डेट शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है से एक या दो कारोबारी सत्र पूर्व एक्स डिविडेंड डेट होता है. डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर की खरीदारी करनी होगी ताकि वह शेयर उसके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट के दिन रहे. यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में जब आप कोई शेयर खरीदते शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है हैं तो T+2 में वह आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचता है. इसलिए एक्स डिविडेंड डेट से पहले तक खरीदारी करनी होगी. एक्स डिविडेंड डेट के दिन खरीदारी करने पर डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा.
क्या होता है अंतरिम और फाइनल डिविडेंड?
इसके अलावा मुख्य रूप शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है से दो- अंतरिम और फाइनल डिविडेंड होता है. किसी वित्त वर्ष के लिए जब तक बुक्स ऑफ अकाउंट क्लोज नहीं होता है, उससे पहले कंपनी जब डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते हैं. ये शेयर होल्डर्स की सहमति से वापस भी लिए जा सकते हैं. फाइनल डिविडेंड वह डिविडेंड होता है जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होने पर कंपनी एनुअल जनरल मीटिंग के समय इसकी घोषणा करता है. इस डिविडेंड को वापस नहीं लिया जा सकता है.
इन दो तरह के डिविडेंड के अलावा एक स्पेशल डिविडेंड भी होता है जिसकी घोषणा कंपनी की तरफ से कभी भी की जा सकती है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई कंपनी स्टॉक प्राइस के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा के डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे स्पेशल डिविडेंड माना जाता है. जैसे 11 सितंबर को एक शेयर का क्लोजिंग भाव 100 रुपए है और उसने 6 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा की है तो इसे स्पेशल डिविडेंड माना जाएगा.
स्टॉक मार्केट में एक्स-डेट और रिकॉर्ड-डेट क्या मतलब होता है?
News18 हिंदी 4 दिन पहले News18 Hindi
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पैसा केवल शेयरों की बढ़ती या घटती कीमत से ही नहीं कमाया जाता है. बोनस शेयर और डिविडेंड भी कमाई का एक बहुत बड़ा स्रोत होते हैं. हालांकि, ये लाभ हर शेयरधारक को नहीं मिल जाता है. अगर आप बाजार में नई एंट्री कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बोनस या डिविडेंड की घोषणा कई दिन बाद ही ये आपके डीमैट अकाउंट में नजर आता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने शेयर कब खरीदे हैं. यहीं 2 नई टर्म्स आपके सामने आती हैं, एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.
अगर आपने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू ही किया है या करने की योजना बना रहे हैं तो इन 2 टर्म्स से आपका आमना-सामना होना तय. अक्सर आप लोग सुनते होंगे कि किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है या बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दी गई है. अगर आप भी इन शब्दों को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है. आज हम बताएंगे कि ये क्या होते हैं और निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है.
पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए कंपनियों के डिविडेंड से कितनी कमाई कर सकते हैं आप
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ शेयर गिरावट के बावजूद आपको फायदा देते हैं। हालांकि इस तरह के शेयरों में सरकारी कंपनियों का जलवा रहता है। उनके शेयरों पर दबाव तो होता है, पर वह आपको डिविडेंड देकर आपको फायदा देती रहती हैं। कुछ कंपनियां साल में 2-3 बार डिविडेंड देती हैं, कुछ एक बार देती हैं। पर यह डिविडेंड तब और ज्यादा अच्छा लगता है अगर इस दौरान शेयरों की कीमत थोड़ी भी बढ़ जाती है।
ज्यादा डिविडेंड वाले शेयरों का अच्छा प्रदर्शन
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऊंचे डिविडेंड यील्ड वाले शेयरों ने गिरती हुई रियल ब्याज दरों के माहौल में बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल से ब्याज दरें कम हुई हैं और महंगाई दर बढ़ी है। इससे रियल इंट्रेस्ट रेट निगेटिव माहौल में पहुंच गया है।
हालांकि लाभांश निवेश पर प्रतिफल का एक बड़ा स्रोत हो सकता है, प्रतिफल की तुलना सीधे निश्चित ब्याज या नकद उत्पादों पर वापसी की दरों से नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि शेयरों में हमेशा जोखिम होता है।पूंजी हानि.
यदि आप कर रहे हैंनिवेश विशेष तौर परआय लंबी अवधि में अपने शुरुआती निवेश को जीवित रहने या बढ़ाने के लिए, कंपनी की लाभांश उपज और पूंजी वृद्धि की क्षमता दोनों पर विचार करना आदर्श है।
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AMFI Registration No. 112358 | CIN: U74999MH2016PTC282153
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