इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : अमृत काल का बजट, जनता कर रही विषपान
इस बजट में एक नए कालखंड का पता चला है जिसका नाम अमृत काल है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण के चौथे पैराग्राफ में इसकी जानकारी देते हुए कहा है कहा है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और और अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं.
Salary Hike: तनख्वाह बढ़ी है तो खर्चे न बढ़ाएं, यूं करें इस पैसे का इस्तेमाल
Salary Hike: ज्यादा इनकम का उपयोग स्मार्ट इनवेस्टर बनकर करेंगे और निवेश में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन अपनाएंगे तो बेहतर रिजल्ट मिल सकता है.
- Vijay Parmar इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं
- Publish Date - May 30, 2021 / 01:36 PM IST
Salary Hike: DA बढ़ने के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पगार में जुलाई से 3-4% बढ़ोतरी (Salary Hike) होने वाली है. निजी सेक्टर में भी एप्रेजल का सीजन तकरीबन खत्म हो गया है और कई कर्मचारियों को 7-15% तक सैलरी-हाइक का लेटर मिला है.
ऐसे में अगर आपकी तनख्वाह भी बढ़ (Salary Hike) गई है या आपको ऊंची पगार वाली नौकरी मिल गई है तो आप ज्यादा इनकम का इस्तेमाल अधिक रिटर्न देने वाले एसेट में निवेश के लिए कर सकते हैं.
ऐसा करने से आप फिजूल खर्च से भी बचे रहेंगे. ज्यादा इनकम का उपयोग स्मार्ट इनवेस्टर बनकर करेंगे और निवेश में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन अपनाएंगे तो बेहतर रिजल्ट मिल सकता है.
छोटा चेंज, बड़ा फायदा
अगर आप पहले से ही इनवेस्टमेंट के 50:30:20 फॉर्मूला का पालन कर रहे हैं, तो सैलरी बढ़ने (Salary Hike) के बाद इसमें छोटा सा बदलाव करके बड़ा फायदा ले सकते हैं.
पहले आप 50 फीसदी हिस्सा आवश्यकताओं के लिए यूज करते थे तो अब उसके लिए 47 फीसदी हिस्सा रखें. पहले 30 फीसदी इनकम अपनी इच्छाएं, लग्जरी और जीवनशैली के खर्चों के लिए रखते थे तो उसमें कोई चेंज ना करें, लेकिन जो 20 फीसदी हिस्सा आप निवेश में लगाते थे उसको बढ़ाकर 23 फीसदी कर दें.
ऐसा करने से आप लक्ष्य को जल्दी पूरा कर पाएंगे या आपने जितने फंड का टारगेट रखा होगा उससे कई ज्यादा फंड जमा कर पाएंगे.
ऐसा मान के चलिए कि आपको सैलरी-हाइक (Salary Hike) नहीं मिला है. जितनी सैलरी में पहले गुजारा हो रहा था वैसे ही गुजारा करते रहिए, लेकिन एक्स्ट्रा इनकम को सेविंग में डाइवर्ट कर दीजिए.
लक्ष्य है जरूरी
आपकी जेब में जो ज्यादा पैसा (Salary Hike) आएगा उसका इस्तेमाल प्रॉपर्टी खरीदने या और कोई लक्ष्य पाने के लिए कर सकते हैं. आपको एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, वरना आप पैसा लगातार खर्च इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं ही करते रहेंगे. एक बार आप लक्ष्य निर्धारित कर लेंगे तो अपने आप ही उसे पूरा करने के लिए निवेश करने लगेंगे.
इमर्जेंसी फंड
ज्यादा इनकम का उपयोग इमर्जेंसी फंड तैयार करने के लिए करें क्योंकि कभी भी इस फंड की जरूरत पड़ सकती है.
6-12 महीनों की बेसिक जरूरतों को पूरा कर सके इतना इमर्जेंसी फंड तो होना ही चाहिए. इसके लिए आप हर महीने की अपनी सेविंग्स और निवेश पूंजी का एक हिस्सा इस फंड में डालें.
स्किल डिवेलप करें
सैलरी-हाइक (Salary Hike) का इस्तेमाल सिर्फ निवेश के लिए ही जरूरी नहीं है, यदि आपको लगता है कि आपको स्किल बढ़ाने की जरूरत है तो उसके लिए खर्च करना चाहिए. 6 महीने या 1 साल का कोर्स करके आप स्किल डिवेलप कर सकते है, जो बाद में आपको और भी ज्यादा सैलरी बढ़ाने में मदद कर सकती है.
रिटायरमेंट
जिंदगी में ऐसा दौर भी आता है जब आपकी इनकम रुक जाती है. इसके लिए कम उम्र में ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. यदि सैलरी बढ़ (Salary Hike) गई है तो उसका इस्तेमाल रिटायरमेंट के लिए करें.
टैक्सेबल इनकम कम करें
सैलरी बढ़ने (Salary Hike) से आपकी टैक्सेबल इनकम बढ़ रही है तो टैक्स कम कर सके ऐसे एसेट में निवेश करें. आप PPF,टैक्स-सेविंग बॉन्ड, NSC, ELSS जैसे विकल्प पसंद करके सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. इससे आपको सैलरी-हाइक का अधिकतम फायदा होगा क्योंकि निवेश के साथ-साथ टैक्स भी बचेगा.
इंश्योरेंस कवर बढ़ाएं
अगर आपको लगता है कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफ इंश्योरेंस कम है तो आप सैलरी-हाइक का इस्तेमाल ऐसे प्लान खरीदने के लिए कर सकते हैं. इससे भी टैक्स बचाने में फायदा होगा.
कर्ज का बोझ कम करें
अगर आप के ऊपर अधिक कर्ज है तो उसे कम करने के बारे में सोचें. सैलरी हाइक (Salary Hike) के साथ सबसे पहले पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे कर्जों से छुटकारा पाना जरूरी है क्योंकि इसमें आपका काफी पैसा ब्याज में चला जाता है.
Financial Tips: बचत करना चाहते हैं तो भूल कर भी ना करें ये गलतियां
Financial इनकम बढ़ने के साथ अपने खर्चे बढ़ाएं Tips: अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको पैसे की बचत (Money Saving) करनी होगी और इसका सिंपल सा फार्मूला है कि अर्निंग से कम खर्च करना। कमाई पर आप कंट्रोल नहीं कर सकते और यह एक समय के लिए स्थिर रहती है, इसलिए बचत बहुत जरूरी है और बचत करने के लिए आपको अपने खर्चों को कम करना होगा। खर्च जितने कम होंगे बचत उतनी ही अधिक होगी, लेकिन हममें से कई लोग ऐसे होते हैं कि बचत करते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से हमारी सेविंग काफी प्रभावित होती है, तो आज हम इन्हीं गलतियों के बारे में आपको बताएंगे, जिससे आप इन गलतियों में सुधार करके ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर सकते हैं, जो आपके भविष्य के लिए काफी लाभदायक होगी।
पहले करें सेव फिर करें खर्च
बड़े-बड़े फाइनेंशियल एडवाइजर्स (Financial Advisors On Money Saving) का मानना है कि सैलरी आने के बाद पहले सेविंग करनी चाहिए और उसके बाद जो बचे उसे खर्च करना चाहिए। आमतौर पर लोग बचत के बारे में नहीं सोचते और पैसे खर्च कर देते हैं इससे कभी-कभी वह ज्यादा खर्च कर देते हैं इसलिए यह बहुत जरूरी है कि सैलरी का एक हिस्सा सेविंग के रूप में अलग रखें।
जब बढ़े इनकम तभी बढ़ाएं खर्चे
एक समझदार व्यक्ति अपने खर्चों में बढ़ोतरी तब करता है जब उसकी इनकम बढ़ जाती है। ऐसे में उसको बचत बढ़ाने का भी मौका मिल जाता है। कमाई बढ़ने के साथ-साथ सिर्फ खर्चों में बढ़ोतरी ना करें बल्कि बचत में भी इजाफा करें।
बनाएं बजट
हर महीने कितना खर्च करना है और कितनी सेविंग करनी है इसका निर्धारण करने के लिए बजट तैयार करना बहुत जरूरी है, जहां जरूरी है वही खर्च करें, फिजूल के खर्चे बिल्कुल भी ना करें। इसके अलावा आप अपने बजट में मनोरंजन को भी शामिल करें, जिससे आप आसानी से इन पर खर्च कर सकें।
अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो आप आसानी से बचत कर पाएंगे और निवेश के लिए अच्छी रकम जुटा पाएंगे।
हर उम्र कि लिए करें फाइनेंशियल प्लानिंग
आजकल के समय में लोग फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में सोचते तो हैं पर वे इसे लेकर बिल्कुल सुनिश्चित नहीं हैं. आपको जीवन के हर पड़ाव में बनने और बदलने वाले पर्सनल फाइनेंस के बारे में जानना चाहिए?
आजकल के समय में लोग फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में सोचते तो हैं पर वे इसे लेकर बिल्कुल सुनिश्चित नहीं हैं. बहुत से लोगों ने समय के साथ संपत्ति बनाई है और अपनी क्षमताओं के मुताबिक इन्वेस्टिंग की दुनिया में आगे भी बढ़े हैं. लोगों को लाइफ के हर पड़ाव में पर्सनल फाइनेंस के बारे में जानना चाहिए?
1. मिडल ऐज वाले प्रोफेशनल्स को यह जानना चाहिए कि ह्यूमन ऐसेट पर रिटर्न के साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं, जो उम्र के साथ बढ़ सकते हैं. रिटायरमेंट इस तरह का एक बड़ा जोखिम है, लेकिन इकनॉमिक साइकल्स के साथ नौकरी जाना, छंटनी और कम इंक्रिमेंट जैसे मुद्दे भी सामने आ सकते हैं.
कुछ प्रोफेशन समय बढ़ने के साथ अपनी साख के मुताबिक आपको आमदनी भी ज्यादा देते हैं, लेकिन कुछ अन्य उम्र बढ़ने पर आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. अगर आप 40 साल के हैं, तो भविष्य के 50 वर्षों के लिए अपनी आमदनी का हकीकत के करीब रहते हुए अनुमान लगाएं.
2. यह देखें कि, लंबे समय में महंगाई कितना नुकसान पहुंचा सकती है. यह याद रखना चाहिए कि ‘सुरक्षित माना जाने वाला बैंक डिपॉजिट आपको फिक्स्ड और फ्लैट इंटरेस्ट इनकम देता है, जबकि खर्च महंगाई की दर के साथ बढ़ते रहते हैं’. इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर अनुमानित इनफ्लेशन रेट 7 से 8 फीसदी है, तो आपके खर्चे 9 से 10 वर्षों में दोगुने हो जाएंगे. इसका मतलब है कि नुकसान से बचने के लिए ये हर 10 साल में दोगुना हो जाना चाहिए. इस समस्या से निपटने के केवल दो ही रास्ते हैं.
पहला, जिन वर्षों में आपकी आमदनी खर्चों से ज्यादा है, तो जितना अधिक हो सके, बचत करें.
और दूसरा, बचत को ऐसी जगह इन्वेस्ट करें, जहां आपको कम से कम इनफ्लेशन रेट, जितना रिटर्न मिले. 50 साल का होने पर जब आपके पास घर और कार मौजूद है तो आपको अपनी इनकम का 50 फीसदी बचाना चाहिए.
3. अपने ऐसेट्स को देखें और उन्हें भविष्य के इस्तेमाल के लिए ऐलोकेट करें. अगर आपके पास एक घर है, जिसमें आप रहते हैं और कुछ डिपॉजिट, शेयर्स और म्यूचुअल फंड्स हैं, तो इन्हें अपनी जरूरतों के मुताबिक मैप कर लें. घर से आपका भविष्य में किराए पर खर्च बचेगा. अन्य ऐसेट्स आपके बच्चे की हायर एजुकेशन और शादी, आपके इंटरनैशनल ट्रैवल प्लान, रेग्युलर इनकम कम होने पर इन्वेस्टमेंट इनकम की जरूरत और अपने बच्चों के लिए ऐसेट्स छोड़ने के काम आएंगे. यह तय कर लें कि आपके पास कौन से ऐसेट्स हैं और उनका इस्तेमाल करने की आपकी क्या योजना है.
4. अपने इन्वेस्टमेंट को तीन हिस्सों में बांटें. कोर पोर्टफोलियो की जरूरत आपको अपनी जीवन के दौरान होगी और इसका एकमात्र मकसद आपकी जरूरतें पूरी करने का है. अगर इस पोर्टफोलियो में नुकसान होता है तो आपकी नींद उड़ जानी चाहिए.
इनफ्लेशन के साथ अजस्टेड अपने खर्चों का अनुमान लगाने के बाद यह पक्का करें कि इस खर्च को पूरा करने वाले फंड इसी पोर्टफोलियो में रखे जाएं. आपका घर, गोल्ड, पीपीएफ, पीएफ, बैंक डिपॉजिट, सेविंग सर्टिफिकेट्स और प्रत्येक अन्य सुरक्षित ऐसेट इसमें होना चाहिए.
5. अगर आपको ऐसी इनकम की जरूरत है, जो इनफ्लेशन के साथ बढ़े, तो यह कंपोनेंट हर 10 साल में दोगुना हो जाना चाहिए. यह सुरक्षित और इनकम जेनरेट करने वाला होने की वजह से वैल्यू में नहीं बढ़ेगा. आपको अपने जीवन के दौरान इनमें इन्वेस्ट करना होगा. इसी वजह से आपको वेल्थ पोर्टफोलियो की जरूरत होती है.
यह आपका रिस्की पोर्टफोलियो होता है. इसे उन ऐसेट्स में इन्वेस्ट करें, जिनकी वैल्यू समय के साथ बढ़े, लेकिन शॉर्ट टर्म में यह वोलेटाइल हो सकता है. शेयर्स, म्यूचुअल फंड्स और सेकंड प्रॉपर्टी इसमें शामिल हो सकती है. इस पोर्टफोलियो के बिना आपका कोर पोर्टफोलियो इनफ्लेशन से लड़ने में संघर्ष करता नजर आएगा.
6. अगर आपको पीपीएफ में 8 फीसदी रिटर्न 15 वर्ष के अवधि में मिल रहा है, तो इक्विटी कंपोनेंट से आपको अपना पैसा ज्यादा समय तक बरकरार रखने और केवल पीपीएफ पर निर्भर रहने की स्थिति से कम बचत करने में मदद मिलेगी.
7. इसके अलावा आपका फैंसी पोर्टफोलियो है. इसमें कुछ ऐसी चीजें हो सकती हैं, जिनमें रिस्क ज्यादा है, जैसे इक्विटी, डेरिवेटिव और कमोडिटी ट्रेडिंग, प्राइवेट इक्विटी और आर्ट. इनमें लगाई जाने वाली रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि आप अन्य दो कंपोनेंट के लिए कितनी रकम निकालते हैं.
8. अपने जीवन के प्रत्येक 10 वर्षों के लिए योजना बनाएं. 40 वर्ष का होने पर ऊपर बताई गई बातों पर ध्यान दें और यह समीक्षा करें कि आपके पास क्या है. 50 वर्ष का होने तक अपनी इनकम को मैप करें.
यह देखें कि आप क्या बचा रहे हैं और ज्यादा बचत करें. अपने उधार को कम करें या खत्म कर दें. ऐसे ऐसेट्स बनाएं, जो कम से कम आपके मौजूदा खर्च को आपके 50 वर्ष का होने तक कवर करें. जो भी अतिरिक्त हो, उसे वेल्थ पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करें.
9. अगर आप 40 की उम्र में अच्छा कर रहे हैं तो आप पाएंगे कि आपके कोर ऐसेट्स नौकरी जाने की स्थिति में आपकी सुरक्षा करेंगे और आपके वेल्थ ऐसेट्स के पास वैल्यू में ग्रोथ के लिए काफी समय होगा.
10. जब आप 50 वर्ष के हो जाएं तो वेल्थ पोर्टफोलियो को और बढ़ाएं. 60 वर्ष के बाद से अपना लाइफस्टाइल बरकरार रखने के लिए वेल्थ से कोर पोर्टफोलियो में ट्रांसफर करते रहें. अगर इसके बाद भी अतिरिक्त पैसा बचता है, तो आप उससे मजे कर सकते हैं.
70 वर्ष का होने पर अपने वेल्थ पोर्टफोलियो का आकलन करें और जिसकी आपको जरूरत नहीं है, उसे किसी को दिया जा सकता है. 80 वर्ष तक आपके कोर एक्सपेंस घट जाएंगे और आप अपनी सभी वेल्थ को अपने कोर पोर्टफोलियो में ट्रांसफर कर अच्छा जीवन जीने में सक्षम होंगे.