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डिजिटल करेंसी क्या होती है

डिजिटल करेंसी क्या होती है
डिजिटल करेंसी अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा जारी करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल करेंसी क्या होती है रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति कहलाती हैं जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल संपत्ति नहीं है। लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।

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Digital Currency Kya Hai : RBI Virtual Rupee डिजिटल करेंसी क्या है ?

Digital Currency Kya Hai : RBI Rupee डिजिटल करेंसी क्या है ? – भारत में RBI द्वारा डिजिटल करेंसी लांच की जा चुकी है। आपको यहाँ इस digital currency से जुडी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। पढ़िए और जानिए इसके बारे में।

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RBI Digital Currency Kya Hai

डिजिटल करेंसी एक ऐसी करेंसी है जो है रूपये के समान किन्तु हम इसे छू नहीं सकते हैं। लेकिन हाँ हम इसका ट्रांज़ैक्शन अवशय और आसानी से कर सकते हैं। यहाँ यह भी ध्यान रहे कि यह किसी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी नहीं है। यह भारत सरकार व रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त करेंसी है।

आपको डिजिटल करेंसी के बारे में यह भी जानकारी होनी चाहिए। कि इसका मूल्य किसी भी प्रकार से क्रिप्टो करेन्सी के समान घटेगा या बढ़ेगा नहीं। अर्थात यदि एक रूपये की डिजिटल करेंसी है तो कैश में भी उसका मूल्य 1 रूपया ही होगा। यदि आपके पास डिजिटल करेंसी क्या होती है 2000 रूपये की डिजिटल करेंसी है तो इसका मूल्य 2000 रूपये ही होगा।

अब आपके दिमाग में यह सवाल उठना लाजमी है। कि जब सब कुछ कैश के समान ही है। तो फिर हमें डिजिटल करेंसी की जरूरत क्यों है। वैसे भी तो ऑनलाइन पेमेंट हो ही रहा है। और जरूरत पड़ने पर कैश तो हमारे पास उपलब्ध ही है। फिर भारत सरकार को डिजिटल करेंसी लाने की जरूरत क्यों पड़ी।

What is RBI Virtual Currency || डिजिटल करेंसी क्या है

डिजिटल करेंसी के दो स्वरुप है। CBDC होलसेल और CBDC रिटेल। अभी RBI ने CBDC होलसेल को अभी जारी किया है। फिलहाल बड़े वित्तिय संस्थान जैसे बैंक, फाइनेंस कंपनी, NBFC इत्यादि ही इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके बाद फिर इसका रिटेल वाला स्वरुप भी जारी किया जायेगा।

डिजिटल करेंसी के लिए किसी भी प्रकार से अलग से बैंक अकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं है। साथ ही एक समय पश्चात आप बिना किसी इंटरनेट की सहायता से इसका ट्रांज़ैक्शन भी कर सकते हैं। यह डिजिटल रुपया एक प्रकार से RBI की लायबिलिटी है। इसमें सबसे बड़ी बात यह होगी कि पैसे का लेनदेन काफी आसान हो जाएगा।

डिजिटल करेंसी आने से लोगों को चेक, ड्राफ्ट जैसी चीज़ों से मुक्ति मिल जाएगी। क्योंकि बड़े से बड़ा लेन देन भी डिजिटल करेंसी के माध्यम से किया जा सकेगा। दूसरा जब इसका प्रचलन बढ़ेगा तो स्वाभाविक रूप से जो नकली करेंसी बाजार में चल रही है उससे भी हमको छुटकारा मिलेगा।

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

निर्मला सीतारमण ने आज सदन में बजट 2021 पेश किया है। सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि साल 2022-23 में आरबीआई ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का प्रयोग करके डिजिटल करेंसी जारी करेगा। वित्त मंत्री के अनुसार जिससे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अगर हम सरकार की तरफ पेश होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय क्रिप्टो करेंसी कहें तो यह गलत नहीं होगा।

अगर सरकार अगले वित्त वर्ष में इसे लांच कर देती है तो बिटकॉइन और दूसरे क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है। बजट में कहा गया है कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर, ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

निर्मला सीतारमण ने आज सदन में बजट 2021 पेश किया है। सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि साल 2022-23 में आरबीआई ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का प्रयोग करके डिजिटल करेंसी जारी करेगा। वित्त मंत्री के अनुसार जिससे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अगर हम सरकार की तरफ पेश होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय क्रिप्टो करेंसी कहें तो यह गलत नहीं होगा।

अगर सरकार अगले वित्त वर्ष में इसे लांच कर देती है तो बिटकॉइन और दूसरे क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है। बजट में कहा गया है कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के डिजिटल करेंसी क्या होती है हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर, ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Crypto Vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल संपत्ति में क्या अंतर, आसान शब्दों में समझिए

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान डिजिटल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और अपूरणीय टोकन (NFTs) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की। और, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री ने भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का भी ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल करेंसी क्या होती है को वित्त वर्ष 2022-23 किसी समय जारी किया जा सकता है।

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सीबीडीसी पर भी कर लगेगा। ऐसे इसीलिए हुआ क्योंकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।

ग्राहकों को करेंसी पर ब्याज मिलेगा या नहीं?

आरबीआई द्वारा जारी कॉन्सेप्ट पेपर के मुताबिक, सीबीडीसी पर ग्राहकों को ब्याज मिलेगा या नहीं मिलेगा. इस पर आरबीआई चर्चा कर रहा है. यह जरूर है कि केंद्रीय बैंक कुछ फायदों के साथ इस मुद्रा को लॉन्च करने पर विचार कर रहा है. लेकिन, इसकी कीमत मौजूदा भारतीय मुद्रा के समान होगी और डिजिटल रुपये को नकदी में बदला जा सकेगा. इसे मौजूदा UPI आधारित पेमेंट सिस्टम से जोड़ा जाएगा. ग्राहकों का डिजिटल रुपया हैक होने की स्थिति में रीकॉल फीचर और रिकवरी का फीचर भी मिलेगा. इसके साथ ही शिकायतों के निपटारे के लिए मजबूत व्यवस्था बनेगी. आरबीआई के मुताबिक, फुटकर और थोक के लिए अलग-अलग सीबीडीसी लाई जाएगी.

सीबीडीसी लाने के पीछे कई बड़ी वजह हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मनी लॉन्डरिंग यानी हवाला पर शिकंजा कसना है. क्योंकि क्रिप्टो डिजिटल करेंसी क्या होती है करेंसी हवाला कारोबार करने और काला जमा करने का जरिया बन गया है. इसके साथ ही हर वर्चुअल करेंसी, जो ऐप और अन्य माध्यम से भारत में चल रही हैं, इससे उनकी निगरानी आसान होगी. दूसरी वजह रुपया छापने या सिक्का ढालने के प्रबंधन में कमी आएगी. जैसे कि वित्त डिजिटल करेंसी क्या होती है वर्ष 2022-23 में नोट छापने पर 50 हजार के करीब खर्च का आकलन है. डिजिटल रुपया आने पर वैध भारतीय मुद्रा की छपाई में कमी लाई जाएगी और जाहिर है कि इससे खर्च में कमी आएगी. तीसरी वजह दूसरे देशों को पैसे भेजने के शुल्क में 2 फीसदी तक की कमी आएगी, जो मौजूदा समय 7 फीसदी से अधिक भुगतना पड़ता है.

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