विदेशी मुद्रा में निवेश करें

मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था मुद्रा स्फीति से जूझ रही है। कोरोना के दौरान सभी देशों ने आर्थिक पैकेज जारी किए, लोगों को बड़ी मात्रा में धन सीधे उनके बैैंक खातों में भेजा। इसके अतिरिक्त कई अन्य योजनाओं के माध्यम से बाजार में मुद्रा की तरलता बढ़ाई गई, जबकि इस काल में उत्पादन बंद रहा। अब वैश्विक स्तर पर एक ऐसी स्थिति है कि लोगों के पास मुद्रा संचय है, लेकिन उत्पादन अभी भी उस स्तर तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में मुद्रा स्फीति की स्थिति है, जिसे विदेशी मुद्रा में निवेश करें नियंत्रित करने के लिए अब मौद्रिक नीति में बदलाव होंगे।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई उल्लेखनीय वृद्धि, बाहरी ऋण से भी निकला आगे
भारतीय अर्थव्यवस्था बहुआयामी विकास की ओर बढ़ रही है। सरकार का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी या 8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर से आगे बढ़ेगी। इन सब के बीच एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 634 बिलियन विदेशी मुद्रा में निवेश करें डॉलर हो गया है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.2 महीने के कुल भारतीय निर्यात से अधिक है और देश पर वर्तमान समय में जितना बाहरी कर्ज है, वह भी विदेशी मुद्रा भंडार के सापेक्ष में कम हो गया है। भारत के उच्च विदेशी मुद्रा भंडार में और भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि भारत की ओर विदेशी निवेशक लगातार आकर्षित हो रहे हैं और साथ ही भारतीय निर्यात बढ़ रहा है, जिस कारण लाभ भी तेजी से देखने को मिल रहा है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत का भुगतान संतुलन सकारात्मक रहा, जिस कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए विदेशी मुद्रा का संचय करना आसान था। वही विदेशी निवेश की बात करें, तो भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने ही 36 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित किया है। इस वर्ष निर्यात की बात करें, तो भारत का निर्यात 400 अरब डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना स्वाभाविक है। इस समय केवल तीन देश, चीन, जापान और स्विट्जरलैंड ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत से आगे हैं।
सरकार की PLI योजना कर रही है कमाल
विदेशी मुद्रा के संचय का यह लाभ है कि जब दूसरे देश मुद्रा की तरलता कम करेंगे, भारत तब भी अपने संचयित मुद्रा कोष का प्रयोग कर सकेगा। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की वृद्धि में निवेश और निजी उद्यमों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में सरकार की योजना निजी उद्यमियों को बढ़ावा देने की होनी चाहिए और सरकार यह कर भी रही है। PLI योजना भारत के औद्योगिकीकरण को सर्वांगीण विकास का अवसर दे विदेशी मुद्रा में निवेश करें रही है। PLI के कारण भारत कई नए सेक्टर, जैसे- सेमी कंडक्टर, ड्रोन, फूड प्रोसेसिंग आदि में मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है। PLI के जरिये बड़े औद्योगिक इकाइयों का विस्तार होगा। वहीं, स्टार्टअप की बात करें तो इस समय भारत में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण है और यह बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का कारण बन रहा है। IT सेक्टर में लगातार नौकरियों का विस्तार इसी का परिणाम है।
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शेयर बाजार के बारे में सब
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4,818 करोड़ का निवेश: साल के पहले हफ्ते जारी रहा FII का निवेश, अगले हफ्ते 49 हजार तक जा सकता है सेंसेक्स
सेंसेक्स अगले हफ्ते 49 हजार तक जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विदेशी निवेशकों (FII) का निवेश शेयर बाजार में लगातार जारी है। साथ ही तीसरी तिमाही में कंपनियों का फाइनेंशियल रिजल्ट अच्छा रहने की उम्मीद है।
दूर नहीं है 49 हजार का आंकड़ा
आनंद राठी सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड नरेंद्र सोलंकी कहते हैं 49 हजार का आंकड़ा अब लंबा नहीं है। यह हो सकता है कि सोमवार को ही बाजार टच कर ले। उनके मुताबिक, सेंसेक्स 50 हजार के भी आंकड़े को अब टच कर सकता है। क्योंकि बाजार में लिक्विडिटी है। एफआईआई का निवेश आ रहा है। कंपनियों के रिजल्ट अच्छे रह सकते हैं।
48,854 तक गया था सेंसेक्स
ICICI Bank NRIs offer: क्या इन दो नई स्कीम से एनआरआई ग्राहकों को खुश पाएगा बैंक? जानें- क्या है LAD और डॉलर बांड
ICICI Bank NRIs offer: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने एनआरआई ग्राहकों (NRI customers) के लिए गिफ्ट सिटी (GIFT City) में अपनी शाखा में दो नई स्कीम- लोन अगेंस्ट डिपॉजिट (LAD) और डॉलर बांड (Dollar Bonds) लॉन्च की हैं। इसके साथ, आईसीआईसीआई बैंक गिफ्ट सिटी में इन उत्पादों की पेशकश करने वाला पहला बैंक बन गया है, जो कि गुजरात में स्थित एक उभरता हुआ वैश्विक वित्तीय और आईटी सेवा केंद्र है।
आईसीआईसीआई बैंक के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग समूह के प्रमुख श्रीराम एच अय्यर ने कहा, ‘हम गिफ्ट सिटी में अपनी शाखा के माध्यम से अपने एनआरआई ग्राहकों को डॉलर बांड और जमा पर ऋण की पेशकश कर रहे हैं। एनआरआई ग्राहकों के बीच विदेशी मुद्रा बांड पसंदीदा निवेश विकल्पों में से एक हैं। हम अपने ग्राहकों को डिजिटल रूप से बैंकिंग की सुविधा प्रदान करना चाहते हैं, एक सहज यात्रा और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करना चाहते हैं।’
डिपॉजिट पर लोन क्या है?
डिपॉजिट पर लोन (एलएडी) भारत में डिपॉजिट (एनआरई एफडी सहित) के एवज में विदेशी मुद्रा में दिए गए लोन की तरह है। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि ग्राहक अपनी सावधि जमा को समय से पहले बंद किए बिना अपनी अल्पकालिक नकदी आवश्यकता के लिए एलएडी का लाभ उठा सकते हैं और इस तरह जमा को तोड़ने के लिए जुर्माना देने से बच सकते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक अपने जमा मूल्य के 95% तक का लाभ उठा सकते हैं। सरल दस्तावेजीकरण प्रक्रिया के साथ, ग्राहक फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दरों के साथ फ्लेक्सिबल कार्यकाल प्राप्त कर सकते हैं।
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डॉलर बॉन्ड क्या है?
डॉलर बांड एनआरआई के लिए एक वैकल्पिक निवेश विकल्प है, जहां वे गिफ्ट सिटी में आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से डॉलर बांड बुक कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि वह इन बांडों के लिए 50 से अधिक प्रमुख जारीकर्ताओं/कंपनियों की पेशकश कर रहा है।
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चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रशासन: चीन के विदेशी मुद्रा बाजार में अच्छा लचीलापन
बीजिंग,(आईएएनएस)| 21 नवम्बर को आयोजित 2022 वित्तीय मंच के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में चीनी जन बैंक के उपाध्यक्ष, चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रशासन के प्रधान फान कोंगशंग ने कहा कि इस वर्ष उच्च मुद्रास्फीति और सिकुड़न मुद्रा नीति के प्रभाव से विदेशी मुद्रा समेत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार की डांवाडोल स्थिति को एक साल हो चुका है। इसके बावजूद चीनी विदेशी मुद्रा के बाजार में लचीलापन दिखता है।
फान कोंगशंग ने कहा कि इस वर्ष वैश्विक स्टॉक, बॉन्ड और अन्य वित्तीय संपत्ति की कीमतें बड़े पैमाने पर गिर चुकी हैं। यूएस डॉलर तेजी से मजबूत हो गया है और 20 वर्षों की एक नयी ऊंचाई पर पहुंचा है।
फान कोंगशंग ने कहा कि चीन की विदेशी मुद्रा के बाजार में नयी विशेषताएं दिख रही हैं और लचीलापन निरंतर मजबूत हो रहा है। वैश्विक दायरे में प्रमुख विकसित और नवोदित बाजार में मुद्राओं की तुलना में चीनी मुद्रा आरएमबी की अवमूल्यन दर औसत स्तर पर रही है। सीमा पार फंड के प्रवाह में उतार -चढ़ाव होने के बावजूद यह आम तौर पर स्थिर और व्यवस्थित रहा है।