शेयर दलाल क्या है?

भारतीय शेयर बाजार की कहानी का एक अध्याय 18 75 ईसवी से जुड़ा जब भारतीय शेयर बाजार को नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के तौर पर स्वीकार किया गया यह कार्य 18 जनवरी 18 99 ईसवी में ब्रिटिश के एक उच्चाधिकारी जैकलिन द्वारा किया गया
शेर बाजार की इस कहानी में मैं आपको और भी शेयर दलाल क्या है? पीछे ले जाना चाहूंगा 1531 में सबसे पहले बेल्जियम के एटपर्व शहर के बाजार में इकट्ठा होकर कई व्यापारी कमोडिटी में सट्टा करते थे
इधर जब दलालों के शेयर दलाल क्या है? लिए जगह कम पड़ गई तो उन्हें एक नई जगह की आवश्यकता पड़ने लगी जहां पर वह सब इकट्ठा होकर विधिवत शेयरों की खरीदारी और बिक्री कर सकें और उन्हें वह जगह मिल गई जो दलाल स्ट्रीट के नाम से आगे चलकर सुप्रसिद्ध हो गई यही मौजूद है एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारतीय शेयर बाजार की कहानी आज भी अधिकतर शेयर बाजार के नए निवेशक नहीं जानते कि भारतीय शेयर बाजार अस्तित्व में कब आया
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सिक्योरिटीज कांटेक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत मान्यता प्राप्त हुई आज या एशिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज है स्टॉक एक्सचेंज मुंबई का नाम बदलकर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सन 2002 में कर दिया गया
यदि हम नजर डाले विश्व के सबसे पहले संगठित स्टॉक एक्सचेंज की तो 1602 ईसवी में एमस्टरडम में स्थापित हुआ था और फिर आगे चलकर के 18 वीं सदी के अंत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज अस्तित्व में आया.
कोई आती शेयर बाजार की कहानी आशा करता हूं कि आप को इस कहानी के माध्यम से शेयर मार्केट के इतिहास के बारे में जानकारी हो गई होगी
भारतीय शेयर बाजार की कहानी
भारतीय शेयर बाजार की यह कहानी आज से 170 साल पहले की है जब कुछ ब्रोकर दलाल एक बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठा होकर शेयरों की खरीद और बिक्री करते थे तब आम आदमी को इस बात का कोई भी ज्ञान नहीं था story of Indian stock market उस समय भारत में ब्रिटिश शासन की हुकूमत चलती थी नमस्कार दोस्तों आज मैं भारतीय शेयर बाजार की कहानी सुनाता हूं भारत में सबसे पहले सन 1850 ईस्वी में शेयर बाजार की शुरुआत हुई थी तब मुंबई स्टॉक बीएससी का कोई अस्तित्व नहीं था सारे ब्रोकर एक बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठा होकर
कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते थे.
दलालों की संख्या शुरुआत में 20 से 25 की थी जो बढ़कर 250 से 300 हो गई इस कहानी से यह सिद्ध होता है कि भारत में शेयर बाजार से कमाई करने का यह तरीका लोगों को पसंद आया और बहुत ही जल्दी शेयर खरीदने और बेचने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने लगी जो आज भी निरंतर चल रही है
भारतीय शेयर बाजार की कहानी का एक अध्याय 18 75 ईसवी से जुड़ा जब भारतीय शेयर बाजार को नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के तौर पर स्वीकार किया गया यह कार्य 18 जनवरी 18 99 ईसवी में ब्रिटिश के एक उच्चाधिकारी जैकलिन द्वारा किया गया
शेर बाजार की इस कहानी में मैं आपको और भी पीछे ले जाना चाहूंगा 1531 में सबसे पहले बेल्जियम के एटपर्व शहर के बाजार में इकट्ठा होकर कई व्यापारी कमोडिटी में सट्टा करते थे
इधर जब दलालों के लिए जगह कम पड़ गई तो उन्हें एक नई जगह की आवश्यकता पड़ने लगी जहां पर वह सब इकट्ठा होकर विधिवत शेयरों की खरीदारी और बिक्री कर सकें और उन्हें वह जगह मिल गई जो दलाल स्ट्रीट के नाम से आगे चलकर सुप्रसिद्ध हो गई यही मौजूद है एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारतीय शेयर बाजार की कहानी आज भी अधिकतर शेयर बाजार के नए निवेशक नहीं जानते कि भारतीय शेयर बाजार अस्तित्व में कब आया
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सिक्योरिटीज कांटेक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत मान्यता प्राप्त हुई आज या एशिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज है स्टॉक एक्सचेंज मुंबई का नाम बदलकर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सन 2002 में कर दिया गया
यदि हम नजर डाले विश्व के सबसे पहले संगठित स्टॉक एक्सचेंज की तो 1602 ईसवी में एमस्टरडम में स्थापित हुआ था और फिर आगे चलकर के 18 वीं सदी के अंत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज अस्तित्व में आया.
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दलाल स्ट्रीट के लिए जानिए क्यों खास है मार्च का महीना, एक्सपर्ट बता रहे कैसी होगी बाजार की चाल
शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता काफी नुकसान वाला रहा है। निवेशकों ने जिताना कमाया नहीं उससे ज्यादा गंवा दिया। हालांकि शुक्रवार को मार्केट में रिकवरी से कुछ राहत रही। आइए जानते हैं मार्च में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल।
नई दिल्ली, KISHOR OSTWAL। यह समझना जरूरी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध भारत को कितना प्रभावित करेगा? यह वाकई युद्ध है या कारगिल या खाड़ी या अफगानिस्तान जैसा कुछ, जो अधिक प्रभावित करेगा? Nifty में 13% करेक्शन हुआ है जबकि DOW में केवल 11% और तथ्य यह है कि अमेरिका OIL के लिए रूस के साथ कूटनीतिक रूप से युद्ध में शामिल रहता है। वह ऐसा भारत के साथ नहीं करता। एक्सपायरी के दिन 5% क्रेश 2020 के बाद दूसरी घटना थी, जब हमने COVID पर प्रतिक्रिया दी थी और बाजार ढह गया। यह ऐसा नुकसान था, जिससे दुनिया के किसी भी देश की शेयर दलाल क्या है? तुलना में भारत को सबसे अधिक प्रभावित किया। रूसी बाजारों ने 50% करेक्शन किया लेकिन इसकी तुलना भारत के साथ नहीं है। DOW 1940 के बाद 17% से अधिक नहीं टूटा। सिर्फ 3 मौकों पर इसमें बड़ा करेक्शन हुआ, वह हैं 2020 COVID 34% (इसके बाद 1 साल में 78% वृद्धि), 2008 Lehman 33% (1 वर्ष में 40% वृद्धि) और 1987 34% (1 साल में 27% की वृद्धि) जबकि इस बार DOW पहले ही 11% करेक्शन कर चुका है। हरेक करेक्शन के बाद बड़े पैमाने पर रैली (25% से 37%) हुई है और इस बार भी स्थिति अलग नहीं होगी।
रूस के लिए यह सिर्फ इतना है कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं होना चाहिए। एक बार UKRAINE ने NATO सदस्यता आवेदन वापस ले लिया तो WAR खत्म हो जाएगा। फिर अच्छे नतीजे मिलने लगेंगे। ऐसा कभी भी हो सकता है।
सेंसेक्स का 2700 अंक गिरना 20 मार्च के बाद दूसरी बड़ी गिरावट थी। ऐसी गिरावट आगे और नीचे जाने के दरवाजे खोलती है लेकिन तब नहीं जब बाजार अत्यधिक ओवरसोल्ड हो। हां, 30 आरएसआई के साथ, मैं बाजार में और गिरावट की उम्मीद नहीं करता। FEB में गिरावट शुरू होने से पहले निफ्टी में ओपन इंटरेस्ट 1.02 करोड़ था, जबकि गुरुवार को 850 अंकों की भारी गिरावट के बाद भी एक्सपायरी हुई तो मार्च 2022 में ओपन इंटरेस्ट बढ़कर 1.25 करोड़ शेयरों तक पहुंच गया। आखिर FPI, ऑपरेटरों और एचएनआई (संयुक्त) ने लंबे दांव को लगभग 25% तक क्यों बढ़ा दिया। इसे आरएसआई डेटा, निफ्टी पीई और बाजार पूंजीकरण से जीडीपी के साथ पढ़ा जाना चाहिए, जिसकी हमें समीक्षा करनी चाहिए।
गिरावट के बाद गुरुवार को पीई सिर्फ 21 था और वित्त वर्ष 22 में आय में कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि बढ़ती महंगाई, मार्जिन कम होने और कुछ अन्य कारणों से कुछ हिस्सों में गिरावट आएगी, फिर भी निफ्टी पीई पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि केवल 50 कंपनियां निफ्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं। आपको इस पीई की तुलना 28.5 से करनी होगी जहां आप मुनाफा बुक करने के लिए तैयार नहीं थे। यानि 1991 का 11.7 का निचला स्तर। जो लोग निफ्टी के 12000 के टेस्ट की उम्मीद करते हैं, मुझे उनकी तारीफ करनी चाहिए क्योंकि वे बहादुर हैं और पीई के 12 तक आने की उम्मीद करते हैं। अनुमान लेना होगा और मैं दोहराता हूं कि दुनिया में कोई अल्पकालिक मंदी और दीर्घकालिक तेजी का कांन्सेप्ट नहीं है। 10 से 17% सुधार के लिए कोई बीयर मार्केट नहीं है। हम शेयर दलाल क्या है? अभी भी बुल मार्केट में हैं और इन सभी को केवल करेक्शन कहा जाता है, कभी-कभी छोटे जैसे 4 से 5%, कभी-कभी गिरावट भरे 10 से 11% और कभी-कभी बहुत ज्यादा गिरावट वाले 28 से 34% हो सकते हैं।
पीई पर चर्चा करने के बाद, आइए देखें कि बाजार पूंजीकरण से लेकर जीडीपी अनुपात क्या चल रहा है। यह 1.06 के आसपास है जो 1.18 से नीचे आ गया है और स्वीकार्य स्तर लगभग 1.49 (2007) है, इसलिए इस मोर्चे पर भी मुझे चिंता का कोई कारण नहीं दिखता। अब देखते हैं आरएसआई। यह 30 से नीचे आ गया है और मेरा मानना है कि 31 से नीचे की कोई भी चीज अत्यधिक ओवरसोल्ड स्थिति है। वास्तव में, पिछले 4 महीनों में जब भी आरएसआई 37 से नीचे चला गया है, बाजारों में उछाल आया है। मार्च 2020 के बाद केवल 3 बार RSI ने 31 के स्तर को छुआ जो इस प्रकार है
20 दिसंबर 2021- 32
30 नवंबर 2021- 31
30 मार्च 2020- 33
इससे पहले आरएसआई ने 13 के निचले स्तर को छुआ था और मार्च 2020 में केवल 11 कारोबारी सत्रों के लिए 13 से 30 (औसत 24) के बीच रहा और बाकी इतिहास है। 30 (गुरुवार) पर वर्तमान आरएसआई के साथ आप कितने समय तक मंदी में रहना चाहते हैं, यह आपकी कॉल है। आरएसआई (शुक्रवार) 39 तक सुधर गया, फिर भी यह अभी भी बड़े पैमाने पर ओवरसोल्ड स्थिति दिखाता है।
कमजोरी के लिए 3 प्रमुख ट्रिगर्स में से, रूस यूकेन वॉर (भारत पर कोई अधिक प्रभाव नहीं), एफ और ओ पर मार्जिन और नकद स्टॉक (अब 2 मई तक के लिए स्थगित) और समाप्ति इसलिए ऑपरेटर और एफपीआई अपने मिशन में सफल रहे। क्योंकि हम बेहद डरे हुए थे और युद्ध की खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जैसे कि भारत ब्रिटेन के साथ युद्ध कर रहा है।
अब नंबर देखें। हम यूक्रेन से 2 बिलियन डॉलर मूल्य और रूस से 5.5 बिलियन डॉलर का आयात करते हैं जबकि यूक्रेन को हमारा निर्यात 372 मिलियन डॉलर और रूस को 2.6 बिलियन डॉलर है। यह 3 ट्रिलियन डॉलर के साइज की भारतीय इकोनॉमी शेयर दलाल क्या है? को कैसे प्रभावित करता है. हां, क्रूड का बढ़ना चिंता का विषय है।
देश की ग्रोथ सही दिशा में है। भारत सरकार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। वित्त मंत्री ने COVID 19 सहित सभी संकटों को अच्छी तरह से संभाला है और इसलिए मुझे विश्वास है कि वह वर्तमान स्थिति को अच्छी तरह से संभाल लेंगी। 10 मार्च शेयर दलाल क्या है? 1.25 करोड़ निफ्टी OI के बनने का कारण हो सकता है। उस दिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे।
इस नोट में राय मेरी निजी है। आपसे आग्रह है कि आप बाजारों की चाल को देखें क्योंकि इस बार मैं गलत हो गया। लेकिन निश्चित तौर पर इस तरह की मंदी के बावजूद CNI सदस्यों की संपत्ति बरकरार है और उन्होंने बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है। मैं केवल उन शेयरों को जोड़ने का सुझाव दूंगा जहां आप पहले ही पहुंच चुके हैं। आपने अपने विश्वास पर स्टॉक खरीदा है और सिर्फ इसलिए कि कीमतों में 25% की कमी का मतलब यह नहीं है कि आपका भरोसा गलत है। मार्च में कई बड़े इवेंट हैं। इनमें 10 मार्च को चुनाव के परिणाम आएंगे और 31 मार्च को ईयर एंडर।
How to Become a Stock Broker : 12वीं के बाद शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर कैसे बने ?
How to Become a Stock Broker : सही प्रोफेशन सही समय पर चुनना बेहद जरूरी है। एक स्टूडेंट के मन में अपने भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप जो भी प्रोफेशन को चुन रहे हैं उसके बारे में आपके पास सही जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप भारत में आप स्टॉक ब्रोकर कैसे बन सकते हैं। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए लगन और बहुत मेहनत करने की ज़रूरत होती है। लेकिन सबसे शेयर दलाल क्या है? पहल सवाल ये है कि स्टॉक ब्रॉकर क्या होता है (What is Stock Broker) इसका शेयर मार्केट में क्या काम होता है और स्टॉक ब्रॉकर आप महीने में कितना कमा सकते हैं
What is stock broker
जब भी हम शेयर मार्केट के बारे में सुनते हैं तो हमें स्टॉक ब्रोकर के बारे में भी सुनने को मिलता है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि स्टॉक ब्रोकर करता क्या है? तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम बता देते हैं। स्टॉक ब्रोकर का काम शेयर मार्केट में काफी महत्वपूर्ण होता है। स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच स्टॉक ब्रोकर एक अहम कड़ी का काम करता है। बिना स्टॉक ब्रोकर के निवेशक अपना पैसा शेयर मार्केट में नहीं लगा सकता है।
आसान शब्दों में कहें तो शेयर ब्रोकर एक ऐसा व्यक्ती होता है जो दूसरो के लिये शेयर खरीदता या बेचता है। अगर आप शेयर मार्केट कदम रखना चाहते है तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। ये दोनों ही अकाउंट ब्रोकर खोलत है। शेयर ब्रोकर का करियर काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए इस करियर में सफलता पाने के लिए आपके पास शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। स्टॉक ब्रोकर डीलर, अडवाइजर या सिक्युरिटी एनालिस्ट के रूप मे काम करते हैं। स्टॉक ब्रोकर को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराना होता है। लेकिन स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के ब्रोकर को परीक्षा पास करनी होती है और उसके बाद उसकी ट्रेनिंग भी लेनी होती है
Education Qualification for Stock Broker
भारत में स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स ने प्रेफरेबली कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट या मैथ्स विषय में अपनी 12वीं क्लास किसी किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड पास की है। वहीं सब-ब्रोकर का काम शुरू करने के लिए कैंडिडेट्स की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए। स्टूडेंट्स 12वीं क्लास पास करने के बाद नीचे दिए गए बैचलर डिग्री कोर्सेज/ सर्टिफिकेट कोर्सेज कर सकते हैं।
बीए/ बीकॉम – फाइनेंस/ एकाउंटिंग/ इकोनॉमिक्स/ बिजनेस मैनेजमेंट/ मैथ्स
बीएससी – मैथ्स/ इकोनॉमिक्स
NSE सर्टिफिकेट – फाइनेंशिल मार्केट्स
NSE सर्टिफिकेट – मार्केट प्रोफेशनल
वहीं अगर आप ग्रेजुएट हैं तो आप नीचे दिए गए मास्टर डिग्री कोर्सेज या पीजी डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा – कैपिटल मार्केट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा – फंडामेंटल्स ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट
आपको बता दें कि आप इन एजुकेशनल कोर्सेज में से अपने लिए कोई सूटेबल कोर्स करने करने के बाद आपको अपना नाम का रजिस्ट्रेशन सेबी के पास शेयर दलाल क्या है? करना होगा। एक स्टॉक मेंबर बनने के लिए आपको रिटन एंट्रेंस टेस्ट पास करके संबंधित ट्रेनिंग कोर्स पूरा करना होगा। इसके बाद ही आपको सेबी की मेंबरशिप मिलेगी। आपको मेंबरशिप लेने के लिए निर्धारित राशि संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में सिक्यूरिटी के तौर पर देनी होगी। फाइनेंशियल मार्केट में काम करने के लिए जरूरी है कि आपके पास नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सर्टिफिकेट होना चाहिए।
Top Institute in India to Become Stock Broker
इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट, नई दिल्ली
दी ओरियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, नई दिल्ली
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई
इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, मुंबई
दी यूटीआई इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, मुंबई
इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद/ कलकत्ता, बैंगलोर/ लखनऊ
Salary and perks of Stock Broker
अन्य पेशे की तरह स्टॉक ब्रोकर में सैलरी पैकेज उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, परफॉरमेंस और वर्क एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है। शुरू में ये पेशेवर एवरेज 2 -3 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं लेकिन कुछ सालों के अनुभव के बाद स्टॉक ब्रोकर एवरेज 5 -7 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं।
स्टॉक ब्रोकर को उसकी परफॉरमेंस के मुताबिक अक्सर इंसेंटिव भी दिया जाता है। बता दें कि किसी इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर स्टॉक ब्रोकर शुरू में एवरेज 12 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं। वहीं कुछ साल के अनुभव के बाद ये इन्वेस्टमेंट बैंकर्स एवरेज 30 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं।
Share Market On Monday Prediction:क्या इस हफ्ते बाजार में आएगी तेजी या फिर आएगी बड़ी गिरावट, जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
Stock Market Predictions For Tomorrow:इस हफ्ते Share Market की दिशा Macroeconomic Data और ग्लोबल ट्रेंड से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस हफ्ते वाहनों की बिक्री के मासिक आंकड़े भी आने वाले हैं, जो बाजार को दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की खरीद और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जैसे अनुकूल कारकों के कारण पिछले सप्ताह बुल्स दलाल पथ पर हावी रहे।
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Share Market On Monday |
पिछले हफ्ते BSE का 30 Shares वाला Sensex 630.16 अंक या एक फीसदी चढ़ा। शुक्रवार को Sensex अपने अब तक के उच्चतम स्तर 62,293.64 पर बंद हुआ था। नेशनल Stock Exchange का Nifty भी 18,512.75 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।
चीन से आने वाली खबरें भी अहम होती हैं
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, 'GDP की दूसरी तिमाही इसी सप्ताह आने वाली है। इसके अलावा वाहनों की बिक्री के आंकड़े भी आएंगे। वैश्विक मोर्चे पर, बाजार US Data और डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव पर नजर रखेगा। इसके अलावा चीन से आ रही खबरें भी बाजार के उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती हैं।
1 दिसंबर को आएंगे ऑटो बिक्री के आंकड़े
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट-टेक्निकल रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा कि इस हफ्ते मार्केट पार्टिसिपेंट्स की नजर जीडीपी और मैन्युफैक्चरिंग PMI के Statistics पर होगी। इसके साथ ही एक दिसंबर को वाहनों की बिक्री के मासिक आंकड़े भी आएंगे।
GDP के आंकड़े बुधवार को आएंगे
बुधवार को आएंगे दूसरी तिमाही के GDP के आंकड़े वहीं, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के आंकड़े गुरुवार को जारी किए जाएंगे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'इस सप्ताह फेडरल रिजर्व के प्रमुख का भी संबोधन है। उनके संबोधन के अलावा अन्य मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा बाजार की दिशा तय करेंगे।