भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

दुनिया के बाजारों का हाल

दुनिया के बाजारों का हाल
शेयर बाजार का महत्व

Share Market Today, 10 Nov 2022: स्टॉक मार्केट में तूफान! ग्लोबल मार्केट के लुढ़कने से भारतीय बाजार भी हुए धड़ाम

Share Market News Today (आज का शेयर बाजार), 10 November 2022: बुधवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 151.60 अंक यानी 0.25 फीसदी नीचे गिरकर 61,033.55 पर बंद हुआ था। निफ्टी 45.80 अंकों की गिरावट के साथ 18,157 पर बंद हुआ था।

Updated Nov 10, 2022 | 01:38 PM IST

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Share Market Today: स्टॉक मार्केट में तूफान!

Share Market News Today, 10 Nov दुनिया के बाजारों का हाल 2022: वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और ऑटो, बैंकिंग के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट से आज यानी गुरुवार को प्रमुख शेयर सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखी जा रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स टूटकर 61,000 अंक से भी नीचे आ गया है। अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये के कमजोर होने से भी घरेलू शेयर बाजार प्रभावित हुआ है।

दोपहर 1:38 बजे 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 536.93 अंक यानी 0.88 फीसदी गिरकर 60,496.62 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 164.85 अंक यानी 0.91 फीसदी फिसलकर दुनिया के बाजारों का हाल 18,000 से भी नीचे यानी 17992.15 अंक पर पहुंच गया।

Stock Market Opening: शेयर बाजार में तेजी, Sensex और Nifty में उछाल

Share Market Update

Share Market Update: ग्‍लोबल और एश‍ियाई मार्केट से मिल रहे मिले जुले ग्लेबल संकेत के बीच भारतीय घरेलू शेयर में आज तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। इस कारोबारी हफ्ते से दूसरे दिन आज मंगलवार (15 November) को भी भारतीय घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में उछाल के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। सेंसेक्‍स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों हरे निशान पर खुले हैं। सेंसेक्स में आज 69 अंक और निफ्टी में 22 अंकों की तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 61,693 और निफ्टी 18,351 से उपर ट्रेड कर रहा है।

शुरुआती कारोबार में बंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 69 अंकों की तेजी के साथ 61,693 के स्तर के पार खुला है। जबकि एनएसई का निफ्टी (NSE Nifty) 22 अंक गिरकर 18,351 के स्तर पर खुला।

बाजार का आज का हाल

बीएसई (BSE) में आज सुबह शुरुआत में कुल 2,277 कंपनियों में कारोबार शुरू हुई। जिसमें से करीब 1,359 शेयर तेजी तो 792 गिरावट के साथ खुलीं। वहीं 126 कंपनियों के शेयर के भाव स्थिर रहे। जबकि 84 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर तो 14 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

आज के चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स

  • आज के चढ़ने वाले शेयर्स की बात करें तो ओएनजीसी, हीरो मोटोकार्प, एनटीपीसी, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, देवी लैब समेत कई कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी जा रही है।
  • वहीं गिरने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो कोल इंडिया, ग्रेसिम, नेस्ले, एसबीआई लाइफ, आईटीसी समेत कई कंपनियों शेयर में गिरावट देखी जा रही है।

डॉलर के मुकाबले 13 पैसे मजबूती के साथ खुला रुपया

विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज मजबूती के साथ खुला। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज 13 पैसे की मजबूती के साथ 81.13 रुपये के स्तर पर खुला। इससे पहले पिछले कारोबारी दिन सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले रुपया 47 पैसे की कमजोरी के साथ 81.26 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।

पिछले दिनों बाजार का ये रहा था हाल

सोमवार (14 November): सेंसेक्स 171 अंकों की गिरावट के साथ 61,624 प्‍वाइंट पर बंद हुआ था। दुनिया के बाजारों का हाल जबकि निफ्टी 21 अंक लुढ़ककर 18,329 अंक पर बंद हुआ था।

शुक्रवार (11 November): सेंसेक्स 1181 अंकों की तेजी के साथ 61,795 प्‍वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 321 अंक उछलकर 18,362 अंक पर बंद हुआ था।

गुरुवार (10 November): सेंसेक्स 420 अंकों की गिरावट के साथ 60,613 प्‍वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 128 अंक लुढ़कर 18,028 अंक पर बंद हुआ था।

बुधवार (9 November): सेंसेक्स 151 अंकों की गिरावट के साथ 61,033 प्‍वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 45 अंक लुढ़कर 18,157 अंक पर बंद हुआ था।

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इस वजह से है आज बाजार में रौनक, सेंसेक्स में 1,000 अंकों की तेजी, निफ्टी 18300 के पार

इस वजह से है आज बाजार में रौनक, सेंसेक्स में 1,000 अंकों की तेजी, निफ्टी 18300 के पार

डीएनए हिंदी: वॉल स्ट्रीट पर जबरदस्त तेजी आने के बाद एशियाई बाजारों ने भी बेहतरीन रिस्पांड किया है. बात भारतीय शेयर बाजारों की करें तो सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन एक हजार से ज्यादा की तेजी देखने को मिली. वासतव में अमेरिका में महंगाई कम होने से फेडरल रिजर्व की दरों में और अधिक बढ़ोतरी की उम्मीदें कम हो गईं. गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अक्टूबर में उम्मीद से कम 7.7 फीसदी था, जो सितंबर में 8.2 फीसदी था. अमेरिकी डॉलर प्रतिद्वंद्वी मुद्राओं के मुकाबले गिर गया, जबकि अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न में भी तेजी से गिरावट आई.

भारतीय बाजार में तेजी
भारतीय शेयर बाजार का बेंचमार्क सेंसेक्स 1,000 अंक से से ज्यादा चढ़ा, जबकि निफ्टी 18,300 के करीब था. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80.74 पर मजबूत हुआ, जो पिछले 81.81 के मुकाबले था. रातोंरात, अमेरिकी डॉलर सूचकांक रातोंरात 2 फीसदी से अधिक गिरकर 108.1 हो गया, जो एक दशक में सबसे अधिक है. जानकारों को आने वाले दिनों में डॉलर इंडेक्स के कमजोर रहने की उम्मीद है और शॉर्टटर्म में इसके 105 के लेवल पर आने की उम्मीद की जा सकती है. आईटी शेयरों ने विप्रो, इंफोसिस और एचसीएल टेक के साथ लगभग 4 फीसदी की बढ़त हासिल की.

अमेरिकी इंफ्लेशन डाटा ने दी बाजार को राहत
विश्लेषकों को जल्द ही भारतीय बाजारों के लिए एक नई ऊंचाई दिखाई दे रही है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि यह वैश्विक इक्विटी बाजारों के लिए अच्छी खबर है. उन्होंने कहा कि यह बात तय थ्सर कि अक्टूबर का इंफ्लेशन डाटा बाजार को ऊपर या नीचे लेकर जाएगा. अब जबकि महंगाई सीपीआई और कोर दोनों - उम्मीदों से नीचे आ गए हैं, बाजारों की ओर से रिस्पांड मिलना शुरू हो गया है. नैस्डैक 7.35 फीसदी ऊपर है, एसएंडपी 5.5 फीसदी ऊपर है, डॉलर इंडेक्स 108.3 पर क्रैश हो गया है और यूएस 10-वर्षीय यील्ड 3.8 फीसदी तक गिर गई है.

फेड रोक सकता है सख्त मॉनेटरी पॉलिसी
उन्होंने कहा कि सीपीआई और कोर प्रिंट महंगाई में नरमी का संकेत देते हैं, यह संभावना है कि फेड 50 बीपी की एक और बढ़ोतरी के बाद रुक सकता है. चूंकि डॉलर कमजोर हो रहा है, एफआईआई की अपनी खरीद में वृद्धि की संभावना है और मासिक एसआईपी आंकड़ा 13000 करोड़ रुपये को पार करने के साथ, डीआईआई को भी प्रवाह को तैनात करना होगा. संक्षेप में, यह निकट अवधि के लिए एडवांटेज बुल्स है. निफ्टी के लिए नया रिकॉर्ड सामने है, सवाल ये है कि यह कब होगा.

क्या है शेयर बाजार का हाल
मौजूदा समय में भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार दोपहर 11 बजकर 36 मिनट पर बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंकों की तेजी के साथ 61,638.56 अंकों पर है जो आॅलटाइम हाई 62245.43 अंकों को पार करने के लिए 600 अंकों की जरूरत है. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 18317 अंकों पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी में करीब 290 अंकों की तेजी देखने को मिल रही है.

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कोरोना ने किस तरह बदल दी ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया

ई बे का लोगो

ई-कॉमर्स यूं तो दशकों पुराना है लेकिन इसमें तेज़ी हाल के सालों में ही आई है.

कोरोना काल में ऑनलाइन शॉपिंग में बड़ा उछाल आया है. इस दौरान ग्रॉसरी, किताबें, ब्यूटी सप्लाई, बच्चों के सामान जैसी चीजों की ऑनलाइन खरीदारी जमकर हुई है. बिना किसी संपर्क के दुनिया के बाजारों का हाल तेज़ रफ्तार से अपने दरवाजे़ पर सामान मंगाने के लिए लोग धड़ल्ले से ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा ले रहे हैं.

इनमें ज़रूरी और गै़र-ज़रूरी दोनों तरह दुनिया के बाजारों का हाल के सामान शामिल हैं. अप्रैल में कनाडा में लॉकडाउन के चलते अपने घरों में फंसे हुए लोग कैन्ड क्वेल एग्स, सितार के तार और बच्चों के लिए ट्रैंपोलिन की ऑनलाइन खरीदारी कर रहे थे.

हड़बड़ाहट में होने वाली खरीदारी और जमाखोरी जैसी चीजों के साथ इस महामारी के तनाव ने हमारी खरीदारी की आदतों पर बड़ा असर डाला है.

हालांकि, ऑनलाइन शॉपिंग सालों बल्कि दशकों से चली आ रही है, लेकिन वास्तव में यह मुख्यधारा में हाल में ही आई दुनिया के बाजारों का हाल है. एमेज़न 90 के दशक के मध्य से हमारे बीच है, लेकिन यूएस में 2010 से ही ऑनलाइन शॉपिंग की कुल रिटेल सेल्स में हिस्सेदारी 6 फीसदी से थोड़ी ज़्यादा हुई है.

और अब? यूके में सेल्स के कुल फ़ीसदी हिसाब से देखें तो ऑनलाइन बिक्री 2006 में 3 फ़ीसदी थी जो कि 2020 में बढ़कर 19 फ़ीसदी पर पहुंच गई है. महामारी के चलते अप्रैल 2020 में तो यह बढ़कर 30 फ़ीसदी पर पहुंच गई.

मई 2020 में यूएस में नॉन-स्टोर रिटेलर्स की बिक्री बढ़कर 31 फीसदी हो गई.

उभरते देशों में यह एक क्रांति की शक्ल ले चुकी है. इन देशों में 2022 तक करीब तीन अरब इंटरनेट यूज़र होंगे. बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के आंकड़े के मुताबिक, यह संख्या विकसित देशों के मुकाबले तीन गुना ज़्यादा होगी.

इमेज स्रोत, Getty Images

चीन में रिटेल के सामान का पांचवा हिस्सा ऑनलाइन बिकता है

चीन में रिटेल में ऑनलाइन सेल्स की हिस्सेदारी पहले से ही 20 फ़ीसदी है. यह आंकड़ा यूएस, दुनिया के बाजारों का हाल यूके, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों से बड़ा है.

डिजिटल रूप से प्रभावी खर्च - जिसमें ऐसी खरीदारी को भी शुमार किया जाता है जहां लोग ऑनलाइन चीजें सर्च करते हैं और इन्हें ऑफलाइन खरीदते हैं - इमर्जिंग मार्केट्स में 4 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंचने वाला है.

कोविड-19 से पहले हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शॉपिंग के लिए इंटरनेट पर इतनी निर्भरता शायद पहले कभी नहीं थी. कुछ दशक पहले ऑनलाइन शॉपिंग एक बड़ी चीज़ मानी जाती थी. उस वक्त इंटरनेट तक पहुंच होना ही एक बड़ी चीज़ थी.

आखिर ऑनलाइन शॉपिंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा कैसे बन गई और महामारी के ख़त्म होने के बाद में चीजे़ं कैसी शक्ल लेंगी?

शुरुआत कहां से हुई

दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.

1984 में इंग्लैंड के गेट्सहेड में जेन स्नोबॉल नाम की एक 72 साल की दादी अपनी आरामकुर्सी पर बैठी हुई थीं. उन्होंने टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल मार्गरीन, कॉर्नफ्लेक्स और अंडों का ऑर्डर देने के लिए किया.

रिटेल मार्केटिंग के एसोसिएट प्रोफेसर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सैड बिजनेस स्कूल के डिप्टी डीन जोनाथन रेनॉल्ड्स कहते हैं कि उन्होंने इंग्लिश इनवेंटर माइकल एल्ड्रिच के विकसित किए गए वीडियोटेक्स सिस्टम का इस्तेमाल इसके लिए किया था.

एल्ड्रिच ने अपना टीवी लिया और इसे एक कंप्यूटर टर्मिनल में तब्दील कर दिया. वे वीडियोटेक्स टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अपनी टीवी स्क्रीन पर शॉपिंग लिस्ट बना लेती थीं और उनका ऑर्डर उनके स्थानीय टेस्को को फोन कर बता दिया जाता था. इसके बाद सामान उनके घर पहुंचा दिया जाता था. यह सब जादू जैसा था.

रेनॉल्ड्स बताते हैं, "शुरुआत में इसे बुजुर्ग और हाशिये पर मौजूद तबकों के लिए एक सामाजिक सेवा के तौर पर माना गया था."

उस वक्त एल्ड्रिच और स्नोबॉल को शायद ही पता रहा होगा कि एक दिन उनका यह छोटा सा प्रयोग यूके में ही 186 अरब डॉलर की इंडस्ट्री की बुनियाद रखेगा.

शेयर बाजार का महत्व

शेयर बाजार का महत्व, कार्य और उद्देश्य तथा अर्थव्यवस्था में इसका योगदान। दुनिया के सभी देशों में शेयर बाजार होते हैं मगर इन्हैं किस लिये बनाया जाता है, इनका योगदान क्या है और ये क्यों इतने महत्वपूर्ण हैं किसी भी अर्थव्यवस्था के लिये। क्यों प्रतिदिन समाचारों में इनके उतार चड़ाव को इतना महत्व दिया जाता है? आखिर शेयर बाजार में होता क्या है यह सब समझेंगे आसान हिंदी में। शेयर बाजार के अन्य सभी पहलुओं को समझने के लिये पढ़ें शेयर मार्किट हमारी साइट पर। Importance of Share Markets and it’s working.

शेयर बाजार का महत्व

शेयर बाजार का महत्व

शेयर बाजार का महत्व, कार्य और उद्देश्य

शेयर बाजार कंपनियों के लिये पैसा जुटाने के लिये मंच प्रदान करता है। यह कंपनियों के शेयरों की सार्वजनिक रूप से व्यापार करने की अनुमति देता है, और सार्वजनिक बाजार में कंपनियों को उनके स्वामित्व के अंश बेचकर विस्तार के लिए अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने में मदद करता है। स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों को प्रतिभूतियों के व्यापार के लिये लिक्विडिटी यानी तरलता प्रदान करता है जिससे उन्हें तेज़ी से और आसानी से बेचा जा सके।

शेयर बाजार का महत्व कंपनियों और निवेशकों के लिये

कंपनियां शेयर इस लिये जारी करतीं हैं कि व्यवसाय के लिये पूंजी जुटाई जा सके। निवेशक कोई शेयर इस लिये खरीदते हैं जिससे वे कंपनी के विकास और मुनाफे में भागीदार बन सकें और उस शेयर की मांग बढ़ने पर उसे ऊंची कीमतों पर बेच सकें। शेयर बाजार कंपनियों और निवेशकों को इस सब के लिये मंच प्रदान करता है। शेयर बाजार का महत्व कंपनियों और निवेशकों के लिये एक सा ही है। यहां पढ़ें किस कंपनी का शेयर खरीदें हमारी साइट पर।

शेयर बाजार तरलता प्रदान करता है

शेयर बाजार मे किसी कंपनी के शेयर सुचिबद्ध होने के बाद लगभग हमेशा उसमें खरीददार और बेचने वाले उपलब्ध रहते हैं। शेयर बाजार वह मंच है जिस पर हमेशा शेयरों की उपलब्धता और तरलता बनी रहती है। इसी तरलता के कारण शेयर बाजार में निवेशकों के लिये दुनिया के बाजारों का हाल निवेश करना और उससे लाभ उठाना आसान हो जाता है। प्रॉपर्टी और अन्य संपत्तियों को बेचने में ऐसी तरलता नहीं मिलती है।

शेयर बाजार अर्थव्यवस्था के मापक हैं

स्टॉक और अन्य संपत्तियों की कीमत आर्थिक गतिविधि की गतिशीलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सामाजिक मनोदशा का संकेतक हो सकता है। एक अर्थव्यवस्था जहां शेयर बाजार में वृद्धि हो रही हो उसे उभरती हुई अर्थव्यवस्था माना जा सकता है। शेयर बाजार को अक्सर किसी भी देश की आर्थिक ताकत और विकास का प्राथमिक संकेतक माना जाता है। लंबी अवधी तक बढ़ते शेयर बाजार देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का संकेत देते हैं और गिरते बाजारों का मतलब यह हो सकता है कि आर्थिक गतिविधियां सिकुड़ रहीं हें।

नियंत्रण

शेयरों की कीमतें घरेलू निवेश और खपत को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए केंद्रीय बैंक जैसे कि आरबीआई शेयर बाजार के नियंत्रण, व्यवहार और वित्तीय प्रणाली के कार्यों के सुचारू संचालन पर नजर रखते हैं। वास्तव में देश में वित्तीय स्थिरता पर नजर रखना ही आरबीआई का मुख्य काम है।

शेयर बाजार पर होता है आसान लेनदेन

एक्सचेंज प्रत्येक लेनदेन के लिए क्लीयरिंग हाउस के रूप में भी कार्य करते हैं जिसका अर्थ है कि वे शेयर बेचने वाले से एकत्र करते हैं और खरीदने वाले को वितरित करते हैं और शेयरों के विक्रेता को भुगतान की गारंटी देते हैं। यदि काउंटरपार्टी लेनदेन पर डिफ़ॉल्ट हो जाये तो उस स्थिति में स्टॉक एक्सचेंज व्यक्तिगत खरीदार या विक्रेता के जोखिम को समाप्त करते है।

शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती रुचि

बैंक और शेयर बाजार मिल कर किसी भी देश में वित्तीय प्रणाली को समृद्ध बनाने में अपना अपना योगदान देते हैं। आंकड़ों के अनुसार हाल के दशकों में अधिकतर देशों में घरेलू निवेश में शेयरों का हिस्सा बाड़ी तेजी से बढ़ा है। हमारे देश में भी बढ़ते शेयर बाजार इसी तरह के संकेत दे रहे हैं। हाल के वर्षों में हमारे देश में युवाओं का रुझान SIP और म्यूचुअल फंड की तऱफ बढ़ा है। यह भी अप्रत्यक्ष रूप से शेयरों में निवेश का ही तरीका है।

शेयर बाजार का महत्व किसी भी देश की वित्तीय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिये बहुत ही आवश्यक हो गया है जिसके बिना आर्थिक गतिविधियों को स्पीड नहीं मिल पाती है। आप भी शेयर बाजार सीखें और तरक्की की रफ्तार में शामिल हो जायें।

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