तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन

महंगाई डेटा से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आया भूचाल, तीन हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर आया बिटकॉइन
महंगाई डेटा आने से क्रिप्टो बाजार में भूचाल आ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन 22 सितंबर के भी निचले स्तर पर पहुंच गया है
महंगाई डेटा आने से क्रिप्टो बाजार में भूचाल आ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन 22 सितंबर के भी निचले स्तर पर पहुंच गया है। सितंबर के अमेरिका के महंगाई के आए डेटा में महंगाई दर बीते 40 सालों में सबसे अधिक रही है। इस साल मई से इक्विवटी मार्केट और क्रिप्टो खासकर बिटकॉइन में सीधा को-रिलेशन नजर आया है। अगर तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन इक्विटी मार्केट गिरती है तो बिटकॉइन में भी गिरावट आ जाती है।
22 सितंबर के निचले स्तर पर आया बिटकॉइन
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बिटकॉइन इंट्रा डे ट्रेड में 18,319 डॉलर पर आ गया। इससे पहले बिटकॉइन सबसे नीचे 22 सितंबर को 18,415 डॉलर तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन पर रहा था। बिटकॉइन का मार्केट कैप 363.73 बिलियन डॉलर पर था। अभी बिटकॉइन में बिकवाली के दौरान 6 फीसदी की गिरावट आई। दुनिया की दूसरे नंबर पर आने वाली क्रिप्टोकरेंसी ईथर में 3 फीसदी की गिरावट आई और ये 1,257 डॉलर पर कारोबार करता नजर आ। इसमें बीते एक हफ्ते में 8 फीसदी की गिरावट आई है।
मार्केट कैप में रही गिरावट
ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 901.85 डॉलर रहा और इसमें 2.18 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि, मार्केट वॉल्यूम में 41.73 फीसदी की बढ़त रही और ये बीते 24 घंटों में 68.27 बिलियन डॉलर रहा।
इन क्रिप्टो में रही गिरावट
BNB में 1 फीसदी की गिरावट रही। वहीं, XRP और Cardano में 4 फीसदी की गिरावट रही। Solana और Dogecoin में क्रमश: 5% और 3% की गिरावट रही। सबसे कम परफॉर्म करने वाली क्रिप्टोकरेंसी में Convex Finance में 11 फीसदी की गिरावट रही, Klaytn and STEPN में 10 फीसदी गिरी। Ravencoin और Waves में 6 फीसदी की गिरावट नजर आई।
इनमें रही तेजी
इस बीच सबसे अच्छा परफॉर्म हुओबी टोकन ने किया। इसमें लगबग 19% की बढ़ोतरी हुई। TerraClassicUSD में 7 फीसदी की बढ़ोतरी रही। ओकेबी और बिटकॉइन एसवी 3-4% के बीच उछले।
ये रही महंगाई दर
सितंबर 2022 में अमेरिकी मुद्रास्फीति दर 8.2% पर आ गई। हालांकि, बीते 3 महीनों से यह कम हो रही है। महंगाई दर लगातार 7 महीने में इस बार सबसे कम रही है। मुद्रास्फीति का दबाव अभी भी बना हुआ है क्योंकि ये अभी भी 40 साल के उच्च स्तर पर बनी हुई है। अमेरिकी श्रम विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) जिसमें भोजन और एनर्जी शामिल नहीं है, एक साल पहले की तुलना में 6.6% बढ़ा, जो 1982 के बाद का उच्चतम स्तर है।
क्रिप्टो कंपनी एफ़टीएक्स के डूबने पर घिरे भारतीय मूल के निषाद सिंह कौन हैं?
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी एफ़टीएक्स (FTX) महज़ एक हफ्ते में अर्श से फर्श पर पहुंच गई. 'क्रिप्टो किंग' के नाम से मशहूर एफ़टीएक्स के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्रायड ने कंपनी के चीफ़ एक्जीक्यूटिव पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. एफ़टीएक्स की प्रतिद्वंद्वी कंपनी बाइनेंस ने इसे खरीदने की इच्छा जताई है.
अरबों के मालिक सैम अब जांच एजेंसियों की नज़र में हैं. एफ़टीएक्स ने अदालत में अर्जी देकर खुद को दिवालिया घोषित करने की अपील की. लेकिन एफ़टीएक्स के डूबने में अकेले सैम बैंकमैन ही नहीं कई और लोग भी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं.
इनमें से एक नाम है निषाद सिंह.
भारतीय मूल के निषाद सिंह एफ़टीएक्स और इसकी दूसरी कंपनी अलमेडा का हिस्सा रहे हैं. एफ़टीएक्स की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, निषाद सिंह कंपनी के डायरेक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग पद पर हैं.
कौन हैं निषाद सिंह?
एफ़टीएक्स की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, निषाद सिंह ने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया से पढ़ाई की. उन्होंने अच्छे अंकों के साथ यहां से डिग्री हासिल की.
एफ़टीएक्स में आने से पहले वो फ़ेसबुक में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करते थे. यहां वो मशीन लर्निंग पर काम कर रहे थे. निषाद ने फ़ेसबुक में महज पांच महीने काम किया.
भारतीय मूल के निषाद सिंह ने तीन महीने के निचले स्तर पर गिरा बिटकॉइन दिसंबर 2017 में एफ़टीएक्स की दूसरी कंपनी अलमेडा रिसर्च ज्वाइन की.
यहां उन्होंने करीब डेढ़ साल तक बतौर इंजीनियर काम किया और बाद में 2019 में वो एफ़टीएक्स से बतौर इंजीनियरिंग डायरेक्टर जुड़े.
कंपनी पर लग रहे आरोप
इमेज स्रोत, ftxfoundation
निषाद सिंह ने 2020 में एफ़टीएक्स पॉडकास्ट में अपने बारे में कुछ चीज़ें साझा की थीं. इसमें उन्होंने बताया था फ़ेसबुक में वो अपनी 'ड्रीम जॉब' कर रहे थे. लेकिन एक अपार्टमेंट में उनकी मुलाक़ात सैम बैमकमैन-फ्रायड से हुई और उन्होंने अलमाडा रिसर्च ज्वाइन करने का फ़ैसला किया.
उन्होंने आगे कहा, ''तब यह अपार्टमेंट ही था. ये बहुत शुरुआती दिन थे. मुझे लगता है मैं पहली बार अलमेडा तब आया जब शायद इस कंपनी को बने हुए एक महीना होने को था. अपार्टमेंट में कुछ पांच लोग रहे होंगे लेकिन बहुत शोरशराबे से भरा था. तब तक मुझे ट्रेडिंग के बारे में कुछ नहीं पता था.''
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक ख़बर के मुताबिक, एफ़टीएक्स के संस्थापक और पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड ने बेहद गोपनीय तरीके से एफ़टीएक्स के ग्राहकों के 10 अरब डॉलर अलमेडा में ट्रांसफ़र कर दिए.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अलमेडा रिसर्च की सीईओ और एफ़टीएक्स के सीनियर पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी थी अलमेडा की मदद के लिए एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा इधर ट्रांसफ़र किया गया.
अलमेडा रिसर्च इस जून से आर्थिक तंगी की हालत में थी. कंपनी ने निवेश के लिए काफ़ी लोन लिया हुआ था.
रिपोर्ट में कुछ कंपनी कर्मचारियों के हवाले से दावा किया गया है कि क्रिप्टो करेंसी हेज फंड थ्री एरो कैपिटल के जून में डूबने के बाद अलमेडा को कर्ज देने वालों के सामने मुश्किल होने लगी.
कर्ज देने वालों ने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए जिससे वायेजर डिजिटल लिमिटेड जैसे क्रिप्टो ब्रोकरों को नुकसान हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक, अलमेडा की सीआईओ कैरोलीन एलिसन ने बुधवार को कर्मचारियों के साथ बैठक में इस बात का ज़िक्र किया कि एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा अलमेडा में ट्रांसफर करने की जानकारी सैम बैंकमैन के अलावा एफटीक्स के दूसरे पदाधिकारियों निषाद सिंह और गैरी वांग को भी थी.
गैरी वांग पहले गूगल में काम करते थे फिर बाद में उन्होंने सैम के साथ मिलकर एफ़टीएक्स को आगे बढ़ाया. वो एफ़टीएक्स में चीफ़ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं.
एफ़टीएक्स के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ़ायड सोशल मीडिया पर काफ़ी लोकप्रिय रहे हैं.
'Bitcoin crash'
Cryptocurrency Price in India : दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इस हफ्ते अपने जुलाई, 2021 के स्तर से भी नीचे गिर गई थी, लेकिन आज ग्लोबल बाजारों में यह करेंसी वापस 39,000 डॉलर के स्तर तक आने में कामयाब रही.
बीते सप्ताह यह नेटवर्क स्पैम करने वाले बॉट्स की वजह से ओवरलोड हो गया था। यह परेशानी 30 घंटों तक बरकरार रही, जोकि निवेशकों की चिंता बढ़ाने वाला है।
Bitcoin Price Today : इस साल यानी साल के पहले 11 दिनों में ही बिटकॉइन में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज हो चुकी है. बिटकॉइन के शुरू होने के बाद से 2012 से लेकर अब तक बिटकॉइन के लिए किसी साल की ये सबसे खराब शुरुआत रही है.
गुरुवार की दोपहर 12.15 के आसपास बिटकॉइन में 6.40% की गिरावट आई थी और यह 34,71,537 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था. ग्लोबल बाजारों में इसकी कीमत 43,000 डॉलर्स के आसपास चल रही है.
Cryptocurrency Prices in India Today : बुधवार को सुबह 9 बजे के आसपास Bitcoin 25.5 फीसदी गिरावट दर्ज कर रहा था. इसकी कीमत 35 लाख के आसपास आ गई थी. अभी एक महीने पहले ही बिटकॉइन ने पहली बार भारत में अपना 50 लाख का लेवल छुआ था. वहीं, दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether भी आज 22.86 फीसदी गिर गई थी.
Cryptocurrency | Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तूलिका कुशवाहा |बुधवार नवम्बर 24, 2021 12:10 PM IST
Cryptocurrency Bill Latest News : मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी. यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है.
Cryptocurrency Prices Crash : "क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने" के लिए कुछ अपवादों को छोड़कर, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा संसद में एक विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धरशायी हो गया. 23 नवंबर को रात 11:15 बजे तक सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई.
क्रिप्टोकरेंसी
पूरी दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। बड़ी संख्या में युवा निवेशक इनकी ओर आकर्षित हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में देश में क्रिप्टो में निवेश 20 करोड़ डॉलर से बढ़कर करीब 40 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इससे देश में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। आज भारत में बिटकॉइन के अलावा Dogecoin, Ethereum, XRP, Tether और Cardano भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। किप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी है। यह क्रिप्टोग्राफी से सुरक्षित है, इसलिए इसे कॉपी करना लगभग नामुमिकन है।
Bitcoin
बिटकॉइन दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है यह एक विकेन्द्रीकृत करेंसी है यानि इसे कोई सैंट्रल बैंक नहीं चलाता और न ही इसके उतार-चढ़ाव पर किसी का कंट्रोल है। बिटकॉइन का निर्माण 2009 में सतोषी नाकामोतो नाम के एक गुमनाम व्यक्ति ने किया गया था। बिटकॉइन का इस्तेमाल दूसरी करेंसी के बदले एक्सचेंज के रुप में या कुछ खरीदने के लिए किया जाता है। हालांकि भारत में बिटकॉइन मान्य नहीं है। दुनिया किसी भी सेंट्रल बैंक का इसे समर्थन प्राप्त नहीं है। हालांकि कारोबारियों के बीच यह काफी लोकप्रिय है फरवरी 2015 में दुनिया में करीब 1 लाख कारोबारी बिटकॉइन से लेन-देन करते थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंम्ब्रिज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में करीब 29-58 लाख लोग क्रिप्टो करेंसी वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे थे। इनमें से अधिकतर में बिटकॉइन से लेन-देन होता था। बिटकॉइन का निर्माण जटिल कम्प्यूटर एल्गोरिथम्स और कम्प्यूटर पावर से किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं। रुपए, डॉलर और यूरो की तरह बिटकॉइन की भी खरीद-बिक्री होती है। ऑनलाइन भुगतान करने के अलावा बिटकॉइन को दूसरी प्रचलित मुद्राओं में भी बदला जाता है। बिटकॉइन को खरीदने या बेचने के लिए एक्सचेंज भी होते हैं , लेकिन इसकी औपचारिक रुप से कोई उपस्थिति नहीं होती।