क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

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ETF नाम तो सुना ही होगा! आखिर क्या क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बला है जिस पर निवेशक लट्टू हुए जा रहे, एक बेहतर ईटीएफ का चुनाव कैसे करें?
भारत में कुल एयूएम में ETF की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई है.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में निवेश आजकल काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसमें किसी स्टॉक की तुलना में काफी कम जोखिम र . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2022, 15:05 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों ने अक्सर ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा. आजकल यह काफी लोकप्रिय हो रहा है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार में लांच कर रही हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ETF है क्या और यह कैसे काम करता है.
जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ETF किसी एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है. वैसे तो यह एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्पों और बांड का बंच होता है. लेकिन म्यूचुअल फंड और ETF में बेसिक अंतर ये है कि इसे सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदा या बेचा जा सकता है. एक निवेशक के रूप में जैसे आप एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं, उसी तरह ETF में भी कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है.
कैसे काम करता है ETF
आपको पता है कि भारत में दो एक्सचेंज ट्रेडिंग कराते हैं, बीएसई क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और एनएसई. इन दोनों एक्सचेंज का जैसा प्रदर्शन रहेगा, ETF भी उसी अनुपात में अपने निवेशकों को रिटर्न देते हैं. यानी अगर एक्सचेंज पर गिरावट आई तो पूरे ईटीएफ पर असर पड़ेगा. ETF में सिर्फ इक्विटी ही नहीं बल्कि डेट विकल्पों के भी तमाम फंड शामिल होते हैं. 2021 में बीएसई और एनएसई ने बड़ी बढ़त बनाई थी, जिससे ETF क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करने वालों को भी बंपर मुनाफा हुआ था. ETF में स्टॉक्स और फंड के अलावा गोल्ड भी शामिल होता है.
इस तरह, अगर आप फिजिकल रूप में सोना नहीं खरीदना चाहते और सोने निवेश का फायदा भी लेना चाहते हैं तो ETF बेहतर विकल्प बन सकता है. गोल्ड ETF में निवेश पिछले कुछ समय से तेजी से क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बढ़ रहा, जिसका बड़ा कारण इसमें जोखिम कम होना है. ETF का एक्सपेंस रेशियो काफी कम (0.6 फीसदी के आसपास) होता है, जिससे यह बेहतर निवेश विकल्प बन जाता क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है.
खरीद-फरोख्त का क्या है तरीका
एसेट मैनेजमेंट कंपनिया (AMC) ही ज्यादातर ETF को बाजार में उतारती हैं. ETF की पेशकश पहले न्यू फंड ऑफर (NFO) के रूप में होती है, जिसके बाद ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. यह किसी AMC की नई स्कीम होती है जिसके जरिये म्यूचुअल फंड कंपनियां स्टॉक्स, सरकारी बांड और सिक्योरिटीज में निवेश के लिए पैसे जुटाती हैं. बाद में इससे होने वाले मुनाफे को निवेशकों में आनुपातिक रूप से बांट दिया जाता है.
एक बेहतर ईटीएफ कैसे चुनें
-ETF के लिए सबसे जरूरी पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है, क्योंकि रिटर्न इसके प्रदर्शन पर आधारित होता है.
-ETF में सिर्फ इक्विटी के बजाए सभी एसेट क्लास होने चाहिए, जिसमें बांड, सिक्योरिटीज और गोल्ड भी शामिल है.
-निवेशकों को लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
-ETF के चुनाव में लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है, जिससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है.
भारत में तेजी से बढ़ रहा ETF में निवेश
देश के भीतर पिछले पांच साल में ETF का एयूएम 65 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ा है. वित्तवर्ष 2015-16 में जहां कुल एयूएम में ETF की हिस्सेदारी 2 फीसदी थी, वहीं यह 2020-21 में बढ़कर 10 फीसदी हो गई. ETF में सबसे ज्यादा निवेश ईपीएफओ जैसे संस्थागत निवेशकों का है. भारत ही नहीं दुनियाभर में ETF लोकप्रिय हो रहा क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है, क्योंकि पिछले 10 साल में ग्लोबल मार्केट में ETF का सीएजीआर 19 फीसदी की क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड दर से बढ़ा है.
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ई.टी.एफ. से आप क्या समझते हैं?
कुछ समय पहले सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी विनिर्दिष्ट करते हुए एक्सचेंज़ ट्रेडेड फंड्स (Exchange Traded Funds - ETFs) को बेचने की बजाय इन्हें अपने अधिकार में ही रखने का निर्णय किया गया है। इसी क्रम में हाल ही में एक नवीनतम पहल भारत 22 ई.टी.एफ. शुरू की क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड गई हैं। यह एक ऐसा फंड है जिसमें 22 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ शामिल हैं।
क्या आप भी जानना चाहते हैं ETF के बारे में सबकुछ? यहां मिलेगा आपके हर सवाल का जवाब
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF एक प्रकार का निवेश है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है. ETF में बांड, या स . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : October 06, 2022, 14:57 IST
हाइलाइट्स
ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा.
म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार में लांच कर रही हैं.
आज हम आपको ETF के बारे में बताने जा रहे हैं. सबकुछ
नई दिल्ली. आज कल हर व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाना चाहता है लेकिन आपको बता दें कि कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने वाली स्कीम में रिस्क भी होता है. ऐसे तो निवेशकों के पास अपना पैसा निवेश करने के कई ऑप्शन हैं. जैसे कि FD, Mutual Funds, ETF, Share Market, saving schemes आदि. लेकिन निवेश करने से पहले जरूरी है आपको उसकी पूरी जानकारी होना ताकि आप आसानी निवेश विकल्प का चुनाव कर सकें. आज हम आपको ETF के बारे में बताने जा रहे हैं…
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों ने अक्सर ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा. यह काफी लोकप्रिय है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार में लांच कर रही हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ETF क्या है और यह कैसे काम करता है.
सबसे पहले जानते हैं ETF क्या है?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF एक प्रकार का निवेश है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है. ETF में बांड, या स्टॉक खरीदे बेचे जाते हैं. एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है.
कैसे करता है काम?
ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है.क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
कितने प्रकार के होते हैं?
ETF को म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह ही पेश किया जाता है. यह गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, करेंसी ETF के रूप में हो सकते हैं.
किस तरह करें निवेश?
ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है. कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का भी विकल्प चुन सकता है. इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा मिलती है.
जानें निवेश के फायदे?
ईटीएफ हर रोज निवेश की जानकारी देते हैं, जिससे इसमें निवेश ज्यादा पारदर्शी होता है. इन्हें आसानी से बेचा जा सकता है. ईटीएफ में निवेश करके अलग-अलग सेक्टर में निवेश किया जा सकता है. बता दें कि ETF डिविडेंड पर आयकर नहीं लगता है.
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