करेंसी ट्रेड

रुपये को डॉलर के मुकाबले खड़ा करेगी सरकार, विदेश से होने वाले व्यापार में लेन-देन का निपटारा होगा अपनी करेंसी में
अमेरिका में लगातार बढ़ती ब्याज दरों की वजह से भारत समेत दुनिया भर की करेंसी डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही है. इस साल रुपया अबतक 7 करेंसी ट्रेड फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुका है. जिसका नतीया ये है कि रुपया लगातार नीचे जाता रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपया ने पहली बार 81 के स्तर को पार किया है. शुक्रवार करेंसी ट्रेड यानी आज कारोबार के दौरान गिरावट ऐसी रही कि रुपया 81.23 के स्तर तक जा करेंसी ट्रेड पहुंचा. हालांकि, कारोबार के अंत में मामूली रिकवरी हुई. इसके बावजूद रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ. ऐसा पहली बार हुआ है. इस उतार-चढ़ाव के करेंसी ट्रेड बीच भारत सरकार की तरफ से रुपये को डॉलर के मुकाबले खड़ा करने की तैयारी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले DGFT यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके बाद अब विदेश से होने वाले व्यापार में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है. इसके लिए DGFT की तरफ से एक नोटिफिकेश भी जारी किया गया है.
Efforts to make the rupee stronger against other currencies are going on at a time when 40 percent of the world's trade is being done in US dollars. To break this monopoly of the dollar, there are plans to start trading in Indian currency with Russia soon.
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EUR/SEK विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग शर्तें
Options | Standard-Fixed & Floating | Beginner-Fixed & Floating | Demo-Fixed & Floating |
---|---|---|---|
फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 60 | 60 | 60 |
Floating Spread in pips | 60 | 60 | 60 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 120 | 120 | 120 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | >=10000.00 EUR | 100.00 – 100000.00 EUR | >=100.00 EUR |
लॉट | -/- | -/- | -/- |
1 पिप मूल्य पर 100000 | 10 SEK | 10 SEK | 10 SEK |
Options | Standard-Fixed | Micro-Fixed | Demo-Fixed | PAMM-Fixed |
---|---|---|---|---|
फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 60 | 60 | 60 | floating |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 120 | 120 | 120 | 120 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | 0.1 – 10000 lot | 0.01 – 1 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot |
लॉट साइज | 100000 EUR | 100000 EUR | 100000 EUR | 100000 EUR |
1 पिप मूल्य पर 1 lot | 10 SEK | 10 SEK | 10 SEK | 10 SEK |
Options | Standard-Floating | Micro-Floating | Demo-Floating | PAMM-Floating |
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Floating Spread in pips | 60 | 60 | 60 | 60 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 120 | 120 | 120 | 120 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 | -3.68 / -2.76 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | 0.1 – 10000 lot | 0.01 – 1 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot |
लॉट साइज | 100000 EUR | 100000 EUR | 100000 EUR | 100000 EUR |
1 पिप मूल्य पर 1 lot | 10 SEK | 10 SEK | 10 SEK | 10 SEK |
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USD/PLN विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग शर्तें
Options | Standard-Fixed & Floating | Beginner-Fixed & Floating | Demo-Fixed & Floating |
---|---|---|---|
फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 30 | 30 | 30 |
Floating Spread in pips | 30 | 30 | 30 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 60 | 60 | 60 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | >=10000.00 USD | 100.00 – 100000.00 USD | >=100.00 USD |
लॉट | -/- | -/- | -/- |
1 पिप मूल्य पर 100000 | 10 PLN | 10 PLN | 10 PLN |
Options | Standard-Fixed | Micro-Fixed | Demo-Fixed | PAMM-Fixed |
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फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 30 | 30 | 30 | floating |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 60 | 60 | 60 | 60 |
स्वैप इन पिप्स करेंसी ट्रेड (लॉन्ग/शार्ट) | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | 0.1 – 10000 lot | 0.01 – 1 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot |
लॉट साइज | 100000 USD | 100000 USD | 100000 USD | 100000 USD |
1 पिप मूल्य पर 1 lot | 10 PLN | 10 PLN | 10 PLN | 10 PLN |
Options | Standard-Floating | Micro-Floating | Demo-Floating | PAMM-Floating |
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Floating Spread in pips | 30 | 30 | 30 | 30 |
आर्डर डिस्टेंस इन पिप्स | 60 | 60 | 60 | 60 |
स्वैप इन पिप्स (लॉन्ग/शार्ट) | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 | -6.20 / 0.96 |
अंकों | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 | 0.0001 |
Available volumes | 0.1 – 10000 lot | 0.01 – 1 lot | 0.01 – 10000 lot | 0.01 – 10000 lot | करेंसी ट्रेड
लॉट साइज | 100000 USD | 100000 USD | 100000 USD | 100000 USD |
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अब भारतीय रुपए में होगा इंटरनेशनल ट्रेड, हर साल बचेंगे 36 बिलियन डॉलर, मजबूत होगी इंडियन करेंसी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रुपए में इंटरनेशनल ट्रेड की अनुमति दी है. माना जा रहा है कि रूस, ईरान और श्रीलंका जैसे देशों के साथ रुपए में पेमेंट किया जाएगा. इससे भारत हर साल 36 बिलियन डॉलर तक की बचत कर सकता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jul 13, 2022 | 1:12 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इंडियन करेंसी में इंटरनेशनल ट्रेड (International trade in Indian rupees) की अनुमति दी है. माना जा रहा है कि इससे हर साल 30-36 बिलियन डॉलर की बचत होगी. इसके अलावा कई देशों से इस तरह के व्यापार के दायरे का विस्तार होगा. रुपए में ट्रेड होने के कारण एक्सचेंज रेट पर इसका सकारात्मक असर होगा और रुपए में मजबूती आएगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने सोमवार को बैंकों से कहा कि भारतीय रुपए में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के अतिरिक्त इंतजाम रखें. भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपए में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “इस व्यवस्था से रुपए पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग नहीं रह जाएगी.”
माना जा रहा है कि बहुत जल्द रूस, ईरान और श्रीलंका जैसे देशों से रुपए में इंटरनेशनल ट्रेड होगा. रूस के साथ हालिया व्यापार की बात करें तो चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने यानी अप्रैल और मई में भारत ने रूस को 0.25 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि 5.03 बिलियन डॉलर का आयात किया. इस समय भारत रूस से बड़े पैमाने पर आयात कर रहा है.
सालाना 36 बिलियन डॉलर बच जाएंगे
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में आईसीआईसीआई बैंक के ग्लोबल मार्केट हेड बी प्रसन्ना ने कहा कि भारत रूस से अभी 2.5 से 3 बिलियन डॉलर का मंथली आयात करता है. सालाना आधार पर यह आयात 30-36 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. अगर भारत रुपए में पेमेंट करता है तो इससे हर साल 36 बिलियन डॉलर तक बच जाएंगे.
रूस के साथ इंपोर्ट तेजी से बढ़ रहा है
रूस के साथ बढ़ते ट्रेड को देखते हुए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि पेमेंट इंडियन करेंसी में हो. भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में रूस के साथ कुल 10 बिलियन डॉलर का व्यापार किया था. चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में ही यह व्यापार 5.03 बिलियन डॉलर का रहा. इसमें अधिकतम हिस्सा इंपोर्ट का है. ऐसे में अगर भारत करेंसी ट्रेड रुपए में पेमेंट करता है रूस का ट्रेड सरप्लस बैलेंस भारतीय रुपए में इंडियन बैंकिंग सिस्टम में मौजूद रहेगा. इस फंड को दोबारा इंडियन असेट्स जैसे गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में निवेश किया जाएगा.
डॉलर की मांग में आएगी कमी
रुपए में पेमेंट को लेकर बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस कदम से डॉलर की मांग पर दबाव तात्कालिक रूप से कम हो जाना चाहिए. बार्कलेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बजोरिया ने कहा कि रुपए की मौजूदा कमजोरी के बीच यह कदम व्यापार सौदों के रुपए में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग घटाने के लिए उठाया गया है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के सौम्यजीत नियोगी के मुताबिक, आरबीआई की यह घोषणा पूंजी खाते की परिवर्तनीयता के उदारीकरण की राह प्रशस्त करती है.