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व्यापार मार्ग

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अर्थव्यवस्था

चंपारण बिहार प्रान्त का एक जिला था। अब पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण नाम के दो जिले हैं। भारत और नेपाल की सीमा से लगा यह क्षेत्र स्वाधीनता संग्राम के दौरान काफी सक्रिय रहा है। महात्मा गाँधी ने अपनी मशाल यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से जलायी थी। बेतिया पश्चिमी चंपारण का जिला मुख्यालय है और मोतिहारी पूर्वी चम्पारण का। चंपारण से ३५ किलोमीटर दूर दक्षिण साहेबगंज-चकिया मार्ग पर लाल छपरा चौक व्यापार मार्ग के पास अवस्थित है प्राचीन ऐतिहासिक स्थल केसरिया। यहाँ एक वृहद् बौद्धकालीन स्तूप है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है।पश्चिमी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत भोजपुरी भाषी जिला है। हिमालय के तराई प्रदेश में बसा यह ऐतिहासिक जिला जल एवं वनसंपदा से पूर्ण है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। बेतिया जिले का मुख्यालय शहर हैं। बिहार का यह जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं और इतिहास के लिए विशिष्ट स्थान रखता है। महात्मा गाँधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की मशाल जलायी थी।

अर्थव्यवस्था : मुख्यतया कृषि और उससे सम्बंधित उद्योग | गन्ना की व्यापार मार्ग खेती के लिए मशहूर|कई सारे सुगर मिल |

व्यापार एवं उद्योग

नेपाल से सड़क मार्ग द्वारा चावल, लकड़ी, मसाले का आयात होता है जबकि यहाँ से कपड़ा, पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। जिले तथा पड़ोस क नेपाल में वनों का विस्तार होने से लकड़ियों का व्यापार होता है। उत्तम किस्म की लकड़ियों के अलावे बेतिया के आसपास बेंत मिलते हैं जो फर्नीचर बनाने के काम आता है। बगहा, बेतिया, चनपटिया एवं नरकटियागंज व्यापार के अच्छे केंद्र है। जिले में कृषि आधारित उद्योग ही प्रमुख है। मझौलिया, बगहा, हरिनगर तथा नरकटियागंज में चीनी मिल हैं। कुटीर उद्योगों में रस्सी, चटाई तथा गुड़ बनाने का काम होता है।

WTO: वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियाँ, व्यापार वृद्धि में सुस्ती की आशंका

एक जहाज़ पनामा नहर से गुज़र रहा है, जोकि विश्व के व्यस्ततम व्यापार मार्गों में से है.

विश्व व्यापार संगठन (WTO) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में विश्व व्यापार की गति धीमी होने की आशंका है, व्यापार मार्ग और यह रुझान 2023 में भी जारी रह सकता है. यूक्रेन में युद्ध और उससे उपजे व्यवधानों समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था फ़िलहाल अनेक जोखिमों का सामना कर रही है.

संयुक्त राष्ट्र की साझीदार एजेंसी ने ऐसी व्यापार पाबन्दियों को थोपे जाने के प्रति आगाह किया है, जिनसे व्यापार में प्रगति की रफ़्तार धीमी होती हो और रहन-सहन के मानकों में भी गिरावट आए.

WTO अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर व्यापारिक व्यापार मार्ग सामान (merchandise) के व्यापार का आकार 3.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. यह अप्रैल में व्यक्त किये गए 3 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा बेहतर है.

BREAKING: WTO revises its 2023 trade growth forecast downwards to 1% from 3.4%, as forecast in April, as the global व्यापार मार्ग economy struggles under the impact of multiple shocks. 2022 trade growth will be 3.5%. The #WTOForecast is here: https://t.co/S5PeiQ5KwR https://t.co/hBZQqFtPF1

मगर, 2023 में यह व्यापार मार्ग वृद्धि घटकर केवल 1 प्रतिशत ही रह जाने की सम्भावना है, जोकि पिछले अनुमान - 3.4 प्रतिशत, की तुलना में बहुत कम है.

संगठन का कहना है व्यापार मार्ग कि आयात मांग भी कमज़ोर पड़ने की सम्भावना है, चूँकि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी विभिन्न कारणों से प्रगति की रफ़्तार कम हो रही है.

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से उपजे प्रभावों के परिणामस्वरूप, योरोप में ऊर्जा क़ीमतों में उछाल आया है, जिससे घर-परिवारों का ख़र्च बढ़ा है और विनिर्माण लागत में वृद्धि हुई है.

अमेरिका में मौद्रिक नीति में सख़्त उपाय अपनाए जाने से उन क्षेत्रों में व्यय पर असर पड़ने की आशंका है, जहाँ ब्याज़ दरों की अहम भूमिका है. उदाहरणस्वरूप, घर, वाहन और नियत निवेश (fixed investments).

चीन अब भी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है और बाहरी (विदेशी) मांग में कमज़ोरी के साथ-साथ उत्पादन में भी व्यवधान दर्ज किया गया है.

विकासशील देशों के लिये चिन्ता

इस बीच, विकासशील देशों के समक्ष खाद्य असुरक्षा और क़र्ज़ का दबाव बढ़ने की आशंका है, चूँकि यूक्रेन में युद्ध के कारण व्यापार मार्ग व्यापार मार्ग ईंधन, भोजन व उर्वरक के आयात की क़ीमतों में वृद्धि व्यापार मार्ग हुई है.

इस वर्ष अगस्त महीने में, ऊर्जा क़ीमतों में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 78 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया, भोजन क़ीमतों में 11 प्रतिशत, अनाज क़ीमतों में 15 प्रतिशत और उर्वरक के दामों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

हाल के कुछ महीनों में डॉलर के मुक़ाबले अनेक देशों की मुद्राएँ कमज़ोर हुई हैं, और यह भोजन व ईंधन क़ीमतों के बढ़ने का एक अन्य कारण व्यापार मार्ग है.

व्यापार की अहम भूमिका

विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक न्गोज़ी ओकोंजो-इविएला ने कहा कि नीति-निर्धारकों को मुद्रास्फीति से निपटने, पूर्ण रोज़गार बनाए रखने और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बढ़ने, इन सभी मुद्दों पर नाज़़ुक सन्तुलन स्थापित करने व्यापार मार्ग की चुनौती है.

उन्होंने कहा कि सामान व सेवाओं की वैश्विक आपूर्ति को बढ़ाने और नैट-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की क़ीमत में कमी लाने के लिये, व्यापार एक अहम उपाय है.

व्यापार पाबन्दियों से परहेज़

एजेंसी प्रमुख ने कहा कि आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिये व्यापार पाबन्दी, एक सरल सा दिखने वाला उपाय हो सकती है.

मगर, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की छँटनी से मुद्रास्फीति सम्बन्धी दबाव गहरे होंगे, जिसका असर समय बीतने के साथ आर्थिक प्रगति और रहन-सहन मानकों पर होगा.

संगठन के अनुसार, इस वर्ष मध्य पूर्व क्षेत्र में निर्यात के मामले में सबसे अधिक प्रगति (14.6 प्रतिशत) होने की सम्भावना है, जिसके बाद अफ़्रीका, उत्तर अमेरिका, एशिया, योरोप व दक्षिण अमेरिका का स्थान है.

मध्य पूर्व और अफ़्रीका में वर्ष 2023 के दौरान निर्यात में कुछ गिरावट दर्ज की जा सकती है, मगर आयात में मज़बूती बनी रहेगी.

बुधवार को जारी इस नए पूर्वानुमान में, अब से पहले अप्रैल में जारी किये गए अनुमानों में संशोधन किया गया है, जो यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के कुछ ही दिन बाद जारी किये गए थे.

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