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विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है

विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है
शेयर बाजार 28 अगस्त 2022 ,12:15

दुनिया का पहला रोबोट मैन कौन है?

Explanation : दुनिया का पहला रोबोट मैन मोटर न्यूरॉन है। वैज्ञानिक अभी भी इंसान बनाने में समर्थ नहीं हैं, लेकिन कोशिश जारी है। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने रोबोमैन को जन्म दिया है जो आधा ईसान और आधा मशीन है। ब्रिटेन के रहने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर पीटर स्कॉट मॉर्गन (62) को मोटर न्यूरॉन नाम की एक घातक बीमारी है, जिसके कारण उनकी मांसपेशिया बर्बाद हो रही थीं। इसके बाद उन्होंने विज्ञान का सहारा लिया और रोबोटिक्स का उपयोग करके अपने जीवन को एक नया आयाम दिया। पीटर मशीनों की मदद से वे सभी काम आसानी से कर लेते हैं, जिन्हें कोई स्वस्थ व्यक्ति करता है। आधा इंसान और विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है आधे रोबोट बनने के दौरान डॉ. मॉर्गन ने कई ऐसी चीजें ईजाद की है, जो अविश्वसनीय हैं। उन्होंने ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बॉडी लैंग्वेज को बताने की तकनीकी ईजाद की है।. अगला सवाल पढ़े

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इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

शेयर बाजार 28 अगस्त 2022 ,12:15

इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

© Reuters. इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अभी तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाता रहा है। लेकिन अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है। इस महिला रोबोट को बनाया है, यूपी के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने। यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है। उनके इस काम की केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी पवई (मुंबई) ने सराहना की है। जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक दिनेश ने इंसान जैसा रोबोट तैयार किया है, जिसका नाम शालू है। नौ भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है। दिनेश ने बताया कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है। पटेल ने बताया कि शालू कक्षा 6 से लेकर 11 वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है। बच्चे भी उनसे पढ़कर काफी संतुष्ट हैं। अभी शालू तकरीबन 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी हैं। इसका निर्माण कोरोना के पहले किया गया था, लेकिन पढ़ाने की शुरूआत इस सत्र से हुई है।

शिक्षक दिनेश ने बताया कि शालू को अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज सहित 38 विदेशी भाषाओं के अलावा नौ भारतीय भाषाएं जिनमें हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बांगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल सकती है। उन्होंने आगे कहा, शालू विश्व की पहली मानवीय रोबोट है, जिसकी तुलना कई रोबोटिक्स इंजीनियरों द्वारा निर्मित बड़ी रोबोटिक्स प्रयोगशालाओं से आने वाले महंगे रोबोटों से की जा सकती है।

दिनेश ने बताया कि शालू को आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी धनबाद, एनआई टी दुगार्पुर, के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स, मुंबई, और पीआईएमआर इंदौर ने अपने टेक फेस्ट में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जहां उसने कंप्यूटर विज्ञान व रोबोटिक्स के शिक्षकों व विद्याथियों से बातचीत करने के साथ-सात उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

शिक्षक दिनेश पटेल ने बताया शालू की इसी खासियत के कारण उन्हें इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर न सिर्फ भाषण देने का मौका मिला, बल्कि उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। इसमें कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठा वल्र्ड रिकॉर्ड पुरस्कार दो दिसम्बर को दिया है।

दिनेश कहते हैं कि शालू को आसपास के अन्य स्कूलों ने भी पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है। शालू को 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े अन्तरराष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।

दिनेश ने बताया कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सोफिया रोबोट जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया। खास बात यह कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी व एल्युमिनियम की वस्तुओं से किया गया है। इसे बनाने में तीन वर्ष का समय और 50 हजार रुपये की लागत आई है।

आईआईटी पवई, मुंबई के प्राचार्य मिथलेश सिंह ने रोबोट शालू की कक्षा का निरीक्षण भी किया। सिंह ने रोबोट शालू द्वारा विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाए जाने की सराहना की और बताया कि तकनीक व रोबोट के माध्यम से कक्षा में पढ़ाए जाने से बच्चे अति उत्साहित हैं, और उनका मानना है कि इससे शिक्षण तकनीकी शिक्षा को और गति मिलेगी।

यूपी के रहने वाले दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है। वह मुंबई आईआईटी के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं। फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर उन्होंने मानवीय रोबोट बनाने की पहल की। हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी।

विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है

विदेशी मुद्रा विनिमय केंद्र इस के लिए उपयोगी होते हैं. वे दूसरे राष्ट्र के बराबर पैसे में अपने पैसे परिवर्तित. वे एक चार्ट जहां एक मज़हब से समकक्ष अन्य के लिए पैसे पाया जाता है पकड़ो. एक विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है ही रास्ता है कि लोगों को हाल ही में की खोज की गई है कि विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार लगातार पैसा बनाने के लिए एक असली क्षमता प्रदान करता है.विदेशी मुद्रा बाजार में विभिन्न देशों और विभिन्न मूल्यवर्ग के बीच पैसे मुद्रा का एक अंतरराष्ट्रीय क्लीरिंगहाउस है. और एक बात यह है कि विदेशी मुद्रा बाजार में इतना लोकप्रिय बनाता है उत्तोलन है. आम तौर पर अगर आप बैंक में एक ही करने के लिए कुछ कुछ अन्य मूल्य वर्ग के लिए तुल्यता राशि खरीदने कहकर पुकारना, मूल्य अपेक्षाकृत कम है विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है कि आप हो सकता है मिलता है. लेकिन विदेशी मुद्रा बाजार में इन मूल्यवर्ग के द्वारा भुगतान की गई राशि बहुत ज्यादा है.

अब है कि इसका मतलब है, अपने पैसे मूल्य का मूल्य के रूप में कम से कम दोगुना करने के लिए मूल्य बढ़ा.विदेशी मुद्रा बाजार में, आप केवल एक सौ डॉलर के साथ एक हजार येन के विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है डॉलर मूल्य को नियंत्रित कर सकते हैं.अगर येन के मूल्य ऊपर जाता है तो दस प्रतिशत करने के लिए, आप किसी भी प्रभावी ढंग से ऊर्जा खोने के बिना अपने पैसे दोगुना. कि इतनी सरल है. ऐसा नहीं है?

बेशक यह सब करने के लिए संकेतक और चार्ट्स और उचित मार्गदर्शन नियमित आधार पर किया जाना चाहिए, जो ठीक है क्यों इतने सारे लोगों को हाल ही में व्यापार कार्यक्रम या रोबोट का उपयोग शुरू कर दिया है समझने के लिए आवश्यक है. इन कार्यक्रमों के साथ, आप बस यह पता लगाने क्या आप बाजार में व्यापार करने के लिए चाहते हैं, और आप की स्थिति में क्या चाहते हैं, और शर्तों के नीचे क्या तुम बाहर करना चाहते हैं, रोबोट बाकी है.आप सब दिन बिताने आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर लाइनों में अभिनय नहीं है.

इनमें से एक रोबोट का उपयोग करने का सबसे बड़ा लाभ की है कि वे वास्तव में तंग नहीं रोक सकता है खो देता है और उचित लाभ लक्ष्य. बंद नुकसान को ध्यान में रखते और लाभ के लक्ष्य, वे तदनुसार प्रतिक्रिया और प्रोग्रामिंग सफल बनाते हैं. कई लोग इस पद्धति के साथ किया गया फायदा है, शायद एक अवसर हैं. वहाँ कई अन्य के लिए बाहर देखो ये भी तरीके हैं.

मानव जीवन को सरल बनाने के लिए विज्ञान की महान देन है "रोबोट"

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज विज्ञान द्वारा की गई खोजों से जमाना इतना हाईटेक होता जा रहा है कि, लोग हर छोटे-छोटे काम के लिए मशीनों का इस्तेमाल करने लगे हैं। विज्ञान की इन्हीं खोजों का एक फल रोबोट (Robot) भी है, जिनके द्वारा लाइफ बहुत आसान होती जा रही है। अगर हम इसे अपने करियर के लिए एक स्कोप के रूप में देखे तो, रोबोटिक्स एक बहुत ही बढ़िया फील्ड साबित हो सकती है।

क्या है रोबोट (Robots) :

रोबोट एक तरह की मशीन होती है जो, देखने में एक मनुष्य की तरह ही दिखाई देती है। इसके भी हाथ, पांव, आंख, कान, नाक सब होते हैं या यूँ कहे कि, इनकी संरचना इंसान जैसी ही होती है, यह बोलते भी हैं और चलते-फिरते भी हैं, लेकिन इसकी बॉडी मनुष्य की बॉडी जैसी दिखती मात्र है। रोबोट की सबसे अच्छी चीज यह होती है कि, उसे कभी थकान नहीं होती, कभी आलस नहीं आता। साथ ही रोबोट के द्वारा आप अनलिमिटेड घंटो तक कार्य कर सकते हो। आप इसे इंसानी मशीन यानी रोबोट कह सकते हैं।

कैसे काम करते हैं रोबोट :

ज्यादातर रोबोट की संरचना बिल्कुल मानवीय अंगों के काम करने के तौर-तरीकों के आधार पर बनाई जाती है। यह एक तरह की इंटेलिजेंट मशीन के जरिये अपने आप सब कुछ समझ कर कार्य करता है। रोबोट को विशाल इलेक्ट्रिक, हाइड्रोलिक या न्यूमेट्रिक हथियारों से तैयार किया जाता है। जो, विशिष्ट कार्यो के लिए विभिन्न उपकरणों के साथ लगे होते है। इन्हे पेंटिंग, वेल्डिंग और लेजर के द्वारा तैयार किया जाता है।

कैसे होती है इनकी संरचना :

रोबोट की बॉडी को इंसानी रूप में तैयार किया जाता है, लेकिन इसकी बॉडी के अंगों को अलग-अलग तैयार किया जाता है। यदि आप रोबोट की बॉडी के एक-एक अंग को ध्यान से देखे तो, आपको बहुत आसानी से समझ आ जाएगा की हर एक अंग को अलग-अलग असेंबल किया जाता है। जैसे कि,

रोबोट की आँखे (Vision) :

यदि हम रोबोट की आँखों की बात करे अर्थात रोबोट के विजन की बात करे तो, इसे वस्तुओं के कलर, आकार के आधार पर तैयार की जाती है, जो मुख्य तौर पर तीन तरीके से तैयार की जाती है।

बाइनरी प्रकार की छवि में सफ़ेद और काले रंग की छवि नजर आती है।

दूसरी प्रकार की छवि ग्रे कलर की होती है।

तीसरी छवि लाल, हरे, और नीले कलर के आधार पर तैयार की जाती है।

इन तीन प्रकार की छवियों की श्रेणी में वर्गीकृत पिक्सेल की मदद से एक इलेक्ट्रॉनिक छवि बनाई जाती है। एक दृष्टि प्राणाली में एक छोटा, लेकिन दमदार कैमरा, एक कंप्यूटर और जरूरी हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर लगे होते है और इस तरह से रोबोट का विजन तैयार किया जाता है। इसके विजन को तैयार करने की भी पूरी प्रक्रिया को 3 भागो में बाटा गया है।

रोबोट की नाक :

क्या आपने कभी सोचा है, जिस तरह मनुष्य किसी भी चीज की गंध ले सकता है, क्या ठीक उसी तरह कोई रोबोट चीजों की गंध ले सकता होगा ? तो हम आपको बता दे कि, किसी भी प्रकार के रोबोट में गंध लेने की क्षमता नहीं होती है। रोबोट में कई तरह की मशीनें लगी होती है, इनमे से ही एक मशीन बड़े पैमाने पर स्पेक्टोमीटर और गैस कोमेतोग्राफ सहित किसी भी रसायन की आसानी से पहचान कर सकती है और इसी की मदद से रोबोट किसी भी प्रकार की गंध को पहचान लेता है।

भावनात्मक बुद्धि या इमोशनल इंटेलिजेंस :

रोबोट को बहुत ही बुद्धिमान माना जाता है, उसका दिमाग मनुष्य के दिमाग से 30% अधिक तेज होता है। यह बहुत ही जल्द चीजों को याद कर लेता है। रोबोट एक तरह क्लीनटेनशनल तर्क संगत है जो, रोबोट भावनाओ को भी समझ सके उनका निर्माण या विकास भावनात्मक विश्लेषण के आधार पर किया जाता है। इस तरह के रोबोट मानव भावनाओ को समझ और समझा सकते है।

टॉप 5 रोबोट्स :

बिग डॉग रोबोट (Big Dog) :

इसे अमेरिका के रक्षा विभाग के लिए तैयार किया गया था, इसकी खासियत यह है कि, यह 400 पोंड तक के वजन को उठा कर बर्फ, पहाड़ किसी भी रस्ते पर चल सकता है। ये रोबोट पहियों नहीं बल्कि पैरों की मदद से चलता है। इनका उपयोग आर्मी मिशन के लिए किया जाता है।

Big Dog Robot

माइलो रोबोट (Milo) :

यह बहुत ही इंटेलिजेंट प्रकार का रोबोट है, जिसे अमेरिका के ह्यूमनॉइड निर्माता रीबॉक काइंड द्वारा तैयार किया गया है। इसके विदेशी मुद्रा रोबोट क्या है द्वारा उन बच्चों को मदद दी जाती है जो, ऑटिजम के शिकार है। यह इन बच्चों को ज्ञान देने व कौशल सिखाने के लिए तैयार किये गए है। यह रोबोट अनेको प्रकार की भावनाओं को प्रदर्शित भी कर सकते है, जिनके द्वारा वो आईपेड में पहचानना होता है। साथ ही इन रोबोट की आँखों में लगे कैमरे बच्चों के व्यवहार पर नजर रखते है।

Milo Robot

सोफिया रोबोट (Sophia) :

सोफिया रोबोट को दुनिया का सबसे इंटेलिजेंट और स्मार्ट रोबोट माना जाता है। सोफिया देखने में बिल्कुल इंसानो जैसी दिखती है और बोल भी सकती है। इसे हांगकांग के हेनसेन रोबोटिक ने तैयार किया है। इस रोबोट का व्यवहार बिल्कुल इंसानो जैसा ही होता है इतना ही नहीं, यह 62 तरह के एक्सप्रेशन भी दे सकता है, जिसे यह इंसानों से बात करते समय इस्तेमाल करती है। इसे लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार किया गया है।

Sophia Robot

असीमो रोबोट (Asimo) :

इस रोबोट के बिना दुनिया के महान ह्यूमनॉइड रोबोटो की लिस्ट अधूरी ही है। यह दुनिया के सबसे इंटेलिजेंट प्रवर्ति के और 130 सेंटीमीटर ऊंचे और 50 किलोग्राम वाले वजन के यह रोबोट बिल्कुल इंसानो की तरह ही चल सकते है, बातचीत कर सकते है, ये चेहरा और संकेतों को पहचानने में भी माहिर होते है। यह रोबोट जापानी, अंग्रेजी और चाइनीज भाषा में बात कर सकते है। इसको बनाने वाला हौंडा (Honda) चाहता है, यह 2020 तक जापान में पर्यटकों की मदद करे।

Asimo Robot

एक्सो जीटी (Ekso GT) :

इस प्रकार के रोबोट चिकित्सा विज्ञान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इनका उपयोग किसी व्यक्ति की प्राकृतिक क्षमता को बढ़ाने और उनके जीवन में सुधार लाने के लिए किया जाता है। इसका निर्माण कैलिफोर्निया के एस के वायोनिक कंपनी द्वारा रीड की हड्डी की चोट बाले और शोक स्टैंड वाले मरीजों की मदद करने के लिए किया गया है। यह रोबोट इस तरह के मरीजों को चलने फिरने मे मदद करता है।

Ekso GT Robot

हिंदी बोलने वाला रोबोट :

आपने रजनीकांत की फिल्म रोबोट तो देखी ही होगी, उसमे रजनीकांत एक रोबोट का रोल करते है, जिसमें वो कई तरह की भाषाएं बोलते है परन्तु, आम तौर पर रोबोट इंग्लिश में ही बात करते है, लेकिन भारत के झारखण्ड के रांची में रहने वाले रंजीत श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने 2018 में पहला हिंदी में बात करने वाला एक रोबोट को तैयार किया था। इसे एक लड़की के रूप में और एक लाख से कम कीमत की लागत में तैयार किया था, जिसे रश्मि नाम दिया। यह रोबोट हिंदी के साथ इंग्लिश, मराठी और भोजपुरी भी बोल लेता है। जो हिंदी में बात करने के साथ ही इंसानी भावनाओ को भी बहुत आसानी से समझ सकता है। यह 4 लेयर में काम कर सकती है।

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खतरे में बैंक कर्मचारियों की नौकरी, इस बैंक ने रोबोट्स को बनाया अपना कर्मचारी

robo employee

रोबोट कर्मचारियों वाला यह बैंक चीन में स्थित है और अगर आप इस बैंक में जाते हैं तो आपका सामना इंसानों से नहीं बल्कि रोबोट से होता है। अपने आप में नायब इस बैंक का नाम चीन कंस्ट्रक्शन बैंक (सीसीबी) है और इस बैंक की शंघाई शाखा में आपको सिर्फ रोबोट्स ही काम करते हुए मिलेंगे।

सीसीबी दुनिया का ऐसा पहला बैंक है जहाँ पर सिर्फ रोबोट्स ही काम करते है। इसके अलावा सीबीसी चीन का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है ऐसे में लोग इसपर आंख बंद करके भरोसा करते हैं। आपको बता दें कि पूरे शहर में सीबीसी बैंक की 360 शाखाएं हैं।

एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक़ जब आप इस बैंक में प्रवेश करते हैं तो दरवाज़े से लेकर बैंक के कोने-कोने में आपको बातचीत करने वाले और ह्यूमन फ्रेंडली ह्यूमनॉइड रोबोट मिलेंगे जो आपके सभी सवालों का जवाब देंगे साथ ही अगर आपको कोई दिक्कत होती है तो ये आपको उस दिक्कत का हल भी बताएंगे।

बता दें कि बैंक के मालिकों ने खर्च करने के लिए मानव कर्मचारियों की जगह रोबोट्स को रखा है। इस बैंक में जो रोबोट काम करते हैं वो आपको खाता खोलना, पैसा हस्तांतरण, विदेशी मुद्रा, स्वर्ण निवेश और धन प्रबंधन उत्पादों आदि मामलों में आपकी मदद करते हैं। साथ ही बैंक में एक अलग कमरा भी है जहां आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैंक के प्रबंधकों से सीधे बात कर सकते हैं। ये रोबोट्स आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस सिस्टम पर काम करते हैं साथ ही ये उन्नत तकनीक से लैस हैं लोगों आवाज़ सुनकर उसका जवाब भी दे सकते हैं साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी कर सकते हैं।

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