सिग्नल प्रदाता

एक संतृप्त COVID-19 विश्व में विश्वसनीय तथ्य
उस भय और अराजकता के बीच जो स्वाभाविक रूप से एक नई बीमारी के वैश्विक प्रकोप के साथ होता है, शोर के सभी में एक संकेत ढूंढना मुश्किल हो सकता है। ऐसा है। बहुत। जानकारी. How क्या मैं यह सब कर सकता हूँ? क्या क्या मुझे भरोसा है? कौन से स्रोत सम्मानित हैं? मैं कैसे बता सकता हूं कि कुछ अच्छा स्रोत है? कौन क्या मैं सुनता हूँ? जब हम प्रकोप का अनुभव नहीं कर रहे हैं तब भी इन सवालों का जवाब देना मुश्किल है। हालाँकि, यहाँ कुछ नियम, प्रश्न और दिशानिर्देश हैं जिनके द्वारा जीवित रहना है। फेक न्यूज और अतिरंजित सुर्खियां हर जगह हैं। उम्मीद है कि यह आपको इस भारी वातावरण को नेविगेट करने में मदद करता है और आपको बेहतर गुणवत्ता की जानकारी देता है।
प्रश्न सुर्खियों और लेख। यहां आलोचनात्मक और भेदभावपूर्ण व्यवहार करें। बहुत सारी अतिशयोक्ति, भय, और गलत जानकारी तैर रही है। लेकिन, ऐसे कुछ बुनियादी सवाल हैं जो आप किसी ऐसे लेख के बारे में पूछ सकते हैं जो आपकी पहचान करने में मदद कर सकता है अगर उस पर भरोसा किया जा सकता है:
- लेखक कौन है? क्या उनके पास एक पृष्ठभूमि है (यानी, शिक्षा या पेशेवर प्रशिक्षण) वे क्या लिख रहे हैं? सिग्नल प्रदाता
- क्या वे कुछ बेच रहे हैं? यदि हां, तो स्रोत का उपयोग केवल अतिरिक्त अनुसंधान को शुरू करने के लिए किया जाना चाहिए।
- क्या वे असाधारण दावे कर रहे हैं? यदि हां, तो क्या उनके पास असाधारण सबूत हैं? यदि उनके पास उन दोनों हैं, तो क्या आप अन्य स्रोतों से स्वतंत्र हो सकते हैं जो कुछ इसी तरह की रिपोर्ट करते हैं? या परस्पर विरोधी रिपोर्टें हैं?
- क्या उनके पास दावों के सबूत हैं जो किए गए हैं? क्या वे स्रोतों का हवाला देते हैं?
- क्या आपके पास जानकारी के प्राथमिक स्रोत तक पहुंच है? उदाहरण के लिए, यदि कोई यह दावा करता है कि किसी प्रसिद्ध व्यक्ति ने लोगों के समूह के बारे में कुछ कहा है, तो क्या इसका कोई वीडियो है? क्या कोई रिकॉर्डिंग है?
विशेषज्ञों से पूछें। जिन लोगों को आम तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्रशिक्षित किया जाता है, और महामारी विज्ञान, विषाणु विज्ञान, संक्रामक रोग, और दवा विशेष रूप से खाते हैं, सोते हैं, और इस सामान को सांस लेते हैं। मूल रूप से, जो लोग संक्रामक रोगों में प्रशिक्षित होते हैं, उन्हें आपकी जानकारी का सबसे अच्छा स्रोत होना चाहिए। तैयार करना और आपको तैयार करने में मदद करना उनका काम है। वे जो कहते हैं और जो सिफारिशें करते हैं, उनका लाभ उठाते हैं। उपयोगी लिंक जो अच्छे उदाहरण प्रदान करते हैं:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन। https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019
- जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय इंटरेक्टिव मानचित्र। https://coronavirus.jhu.edu/map.html
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का ब्लॉग। https://www.health.harvard.edu/blog/be-careful-where-you-get-your-news-about-coronavirus-2020020118801
अपने स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी से परामर्श करें। हमारे लिए कोलोराडो में, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग (CDPHE) इस प्रकोप और किसी अन्य के दौरान राज्य में क्या हो रहा है, इसके लिए हमारी सबसे अच्छी जानकारी है। उन्होंने केस काउंट्स की पुष्टि की है, जहां से केस आए, और COVID-19 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) पूछे गए। वे राज्य के लिए बड़े पैमाने पर पहल की भी घोषणा करते हैं। उदाहरण के लिए, क्या आप जानते हैं कि हमारे पास ड्राइव-थ्रू टेस्टिंग क्लिनिक है? आपके पास डॉक्टर का नोट होना चाहिए लेकिन आप कर सकते हैं ड्राइव इसके माध्यम से। COVID-19 से संबंधित CDPHE के लिए उपयोगी लिंक:सिग्नल प्रदाता
- कोरोनावायरस कोलोराडो। https://www.colorado.gov/pacific/cdphe/2019-novel-coronavirus
- तेज़ तथ्य और मामला मायने रखता है। https://covid19.colorado.gov/case-data
- COVID-19 परीक्षण। https://www.colorado.gov/pacific/cdphe/covid-19-testing
यह किसी भी तरह से एक व्यापक मार्गदर्शक नहीं है, लेकिन यह आपको बेहतर गुणवत्ता की जानकारी के लिए सिग्नल प्रदाता अपने रास्ते पर ले जाना चाहिए। मैं इस प्रक्रिया के बारे में सोचना पसंद करता हूं क्योंकि रेडियो पर एक स्पष्ट चैनल सिग्नल खोज रहा है; आप बहुत सारे स्थिर शोर का सामना करेंगे, लेकिन असली सिग्नल से स्थिर शोर को पहचानना महत्वपूर्ण है। यह जानना कि आप हर दिन देखने वाली जानकारी के बारे में कैसे सोचते हैं, आपको सभी शोर के माध्यम से संकेत का बेहतर पता लगाने में मदद करता है।
4जी डाउनलोड में एयरटेल, अपलोड में आइडिया सबसे आगे: ओपेन सिग्नल
मोबाइल विश्लेषण से जुड़ी कंपनी ओपेन सिग्नल ने दावा किया है कि इस साल जून से अगस्त के बीच 4जी डाउनलोड गति के मामले में भारती एयरटेल पहले स्थान पर रही, वहीं अपलोड गति के मामले में आडडिया सेल्यूलर अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से आगे रही।
नई दिल्ली
मोबाइल विश्लेषण से जुड़ी कंपनी ओपेन सिग्नल ने दावा किया है कि इस साल जून से अगस्त के बीच 4जी डाउनलोड गति के मामले में भारती एयरटेल पहले स्थान पर रही, वहीं अपलोड गति के मामले में आडडिया सेल्यूलर अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से आगे रही। अध्ययन में कहा गया है कि इस अवधि में सभी 22 दूरसंचार क्षेत्रों में नेटवर्क कवरेज और मोबाइल पर बात करने के दौरान आवाज पहुंचने की गति के मामले में रिलायंस जियो शीर्ष पर रही।
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कागजों पर कैंपस हुआ वाईफाई, नहीं मिलते इंटरनेट के सिग्नल
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पांच साल पहले रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की टीम ने दौरा किया था। खूबियों में सिग्नल प्रदाता वाईफाई कैंपस का भी जिक्र था। विद्यार्थियों के लिए ये जरूरी सुविधा है जिसका अभी तक पता नहीं। वाईफाई पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन छात्रों को रत्तीभर भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
कैंपस में इंटरनेट की लाइन बिछी, जगह-जगह वाईफाई डिवाइस भी लटके हैं। फिर भी विद्यार्थियों के मोबाइल पर सिंग्नल नहीं मिल रहे हैं। अफसरों के लिए जरूर वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। ये हाल तब हैं जब चंद माह बाद फिर नैक टीम दौरा करने वाली है।
पूर्व कुलपति प्रो.केएन सिंह यादव के कार्यकाल में नैक टीम का यूनिवर्सिटी में दौरा हुआ था। उस वक्त कैंपस में वाईफाई सुविधा का प्लान बना। सुविधा टीम के आने से पहले शुरू भी हुई। सेवा प्रदाता कंपनी से लंबा-चौड़ा करार हुआ। हर माह भुगतान भी हजारों में किया गया।
फिर भी सुविधा किसी के लिए चालू नहीं हो सकी। जबकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए इंटरनेट की मुफ्त सेवा देना जरूरी है। शोध विद्यार्थियों के लिए ये बेहद उपयोगी होता है। विभाग,लाइब्रेरी से लेकर कैंपस में हर तरफ वाईफाई के जरिए इंटरनेट की सुविधा दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा कहीं नहीं हो रहा है। मुख्य भवन में वाईफाई के सिंग्नल थोड़े मिलते हैं, लेकिन अफसरों के मोबाइल ही इसे पकड़ पा रहे हैं। विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा, क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है।
मुफ्त प्लान भी असरदार नहीं-
विश्वविद्यालय में एक निजी कंपनी ने मुफ्त वाईफाई की सुविधा दी है। इसके लिए लाखों रुपए का इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाया है। बताया जाता है कि इसकी कनेक्टिविटी भी बराबर नहीं है। कुछ दिन से उपकरण खराब हैं जिसके कारण इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
मेंटेनेंस ही नहीं, लगाकर भूले-
वाईफाई डिवाइस की सुविधा को लेकर गंभीरता का आलम ये है कि इसकी निगरानी भी करने वाला कोई नहीं है। 6 माह से ज्यादा वक्त हो चुके हैं सालाना मेंटेनेंस का काम किसी को नहीं दिया गया है। इस वजह से वाईफाई के बंद पड़े डिवाइस को बदला नहीं गया है।
विभागों में और बुरे हाल-
यूनिवर्सिटी के विभागों में भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से करोड़ों रुपए के रिसर्स प्रोजेक्ट आते हैं। इसमें इंटरनेट सिग्नल प्रदाता की सुविधा भी शामिल होती है फिर भी विभाग इस सुविधा को विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध नहीं करवाते हैं। जबकि कई विभागों में इंटरनेट की मदद के बिना शोध कार्य काफी कठिन होता है।
वाईफाई की सुविधा चालू है, कुछ उपकरण जरूर खराब हो सकते हैं। इसके लिए सालाना मेंटेनेंस का काम सौंपा जाना है। जल्द इसे सुधार लिया जाएगा। -डॉ.अजय गुप्ता, कम्प्यूटर सेंटर प्रभारी, रादुविवि
दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलट के फोन सिग्नल से मिल सकती है घटनास्थल के बारे में अहम जानकारी
काठमांडू, 29 मई (भाषा) सिग्नल प्रदाता नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने रविवार को कहा कि दुर्घटनाग्रस्त यात्री विमान के एकमात्र पायलट के मोबाइल फोन सिग्नलों से सिग्नल प्रदाता सैनिकों और बचावकर्मियों को विमान के संभावित स्थान के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। विमान में चार भारतीयों समेत 22 लोग सवार थे। ‘तारा एयर’ विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से पूर्वाह्न सिग्नल प्रदाता करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया। नेपाली मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार नेपाल टेलीकॉम द्वारा ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नेटवर्क
‘तारा एयर’ विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से पूर्वाह्न करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया।
नेपाली मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार नेपाल टेलीकॉम द्वारा ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नेटवर्क के माध्यम से विमान के पायलट कैप्टन प्रभाकर घिमिरे के फोन का पता लगाने के बाद लापता विमान का पता लगाया जा सकता है।
'सिग्नल प्रदाता माय रिपब्लिका' समाचार पत्र की वेबसाइट पर त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के महाप्रबंधक प्रेम नाथ ठाकुर के हवाले से कहा गया, ''सिग्नल प्रदाता लापता विमान के कैप्टन घिमिरे के मोबाइल फोन पर कॉल जा रही है और नेपाल टेलीकॉम ने कैप्टन के फोन का पता लगाया है, जिसके बाद नेपाली सेना का एक हेलीकॉप्टर संभावित दुर्घटना स्थल पर उतर गया है।’’
खबर में कहा गया है कि 10 सैनिकों और नागर विमानन प्राधिकरण के दो कर्मियों को लेकर नेपाली थल सेना का एक हेलीकॉप्टर नरसिंह मठ के निकट एक नदी के तट पर उतरा, जो दुर्घटना का संभावित स्थल है।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा कि उसने एक आपातकालीन ‘लोकेटर ट्रांसमीटर’ के आधार पर खैबांग में विमान के संभावित स्थान का पता लगाया है। हालांकि, खराब मौसम के कारण दिन भर के लिए तलाशी अभियान रोक दिया गया है।
विमानन कंपनी के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने बताया कि विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली यात्रियों के अलावा चालक दल के तीन नेपाली सदस्य सवार थे।
नेपाल में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘तारा एयर उड़ान 9एनएईटी ने आज पूर्वाह्न नौ बजकर 55 मिनट पर पोखरा से उड़ान भरी थी। इसमें चार भारतीयों समेत 22 लोग सवार थे। यह विमान लापता हो गया है। तलाश और बचाव अभियान जारी है। दूतावास उनके परिवारों के संपर्क में है।’’
दूतावास ने अपना आपात हॉटलाइन (संपर्क) नंबर भी मुहैया कराया है।
विमानन कंपनी ने यात्रियों की सूची जारी की है, जिसमें भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में की गई है।
विमानन सूत्रों ने बताया कि विमान को पश्चिमी पर्वतीय इलाके में जोमसोम हवाई अड्डे पर उतरना था, लेकिन पोखरा-जोमसोम हवाई मार्ग पर घोरेपानी के ऊपर आसमान में विमान का टॉवर से संपर्क टूट गया।
जोमसोम हवाई अड्डे में एक हवाई यातायात नियंत्रक के अनुसार, जोमसोम के घासा में एक जोरदार आवाज सुनाई देने की अपुष्ट खबर मिली है।
विमानन कंपनी के सूत्रों ने बताया कि पोखरा-जोमसोम मार्ग पर इस समय बादल छाए हुए हैं और बारिश हो रही है, जिसके कारण तलाश अभियान प्रभावित हो रहा है।
इससे पहले, देश के गृह मंत्री बाल कृष्ण खंड ने प्राधिकारियों को लापता विमान का पता लगाने के लिए तलाश अभियान तेज करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि विमान को आखिरी बार धौलागिरि पर्वत चोटी की ओर मुड़ते देखा गया था।
विमानन कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, तारा एयर नेपाली पर्वतीय इलाकों में संचालित होने वाली सबसे नयी एवं सबसे बड़ी सेवा प्रदाता कंपनी है। उसने ग्रामीण नेपाल को विकसित करने के मिशन के साथ 2009 में कारोबार शुरू किया था।
डायरेक्ट टीवी पर सिग्नल कैसे विभाजित करें
DIRECTV संयुक्त राज्य अमेरिका में एक प्रमुख उपग्रह टेलीविजन प्रदाता है। आमतौर पर, यदि आप एक से अधिक टेलीविज़न पर प्रोग्रामिंग देखना चाहते हैं, तो आपको अतिरिक्त टेलीविज़न सेट से एक अलग रिसीवर कनेक्ट करना होगा। हालांकि, सिग्नल को विभाजित करने का एक तरीका है ताकि दो टीवी उपग्रह सिग्नल प्राप्त कर सकें। इसका एकमात्र नकारात्मक पक्ष यह है कि दोनों टीवी को एक ही स्टेशन पर ट्यून किया जाना चाहिए। यह केवल एक ट्यूनर वाले सैटेलाइट रिसीवर बॉक्स के कारण है।
अपने टेलीविज़न को उपग्रह रिसीवर से जोड़ने वाली समाक्षीय केबल को हटा दें। इसे केवल उपग्रह रिसीवर की तरफ से डिस्कनेक्ट करें क्योंकि आपको इसे बाद में वापस कनेक्ट करने की आवश्यकता है।
एक चैनल स्प्लिटर को DIRECTV सैटेलाइट स्प्लिटर (जहां समाक्षीय केबल जुड़ा हुआ है) के "सिग्नल प्रदाता आउट" पोर्ट से कनेक्ट करें। स्प्लिटर एक छोटा आयताकार उपकरण है जिसमें एक तरफ एक इनपुट होता है जिससे दूसरी तरफ दो आउटपुट होते हैं।
टीवी से समाक्षीय केबल को चैनल स्प्लिटर पर उपलब्ध कनेक्टर्स में से एक में फिर से जोड़ें।
चैनल स्प्लिटर पर अन्य उपलब्ध कनेक्टर के लिए एक अलग समाक्षीय केबल कनेक्ट करें। दूसरे छोर को अपने सेकेंडरी टेलीविज़न पर "इन" पोर्ट में प्लग करें।
DIRECTV सैटेलाइट डिश रिसीवर और दो टीवी पर पावर। रिसीवर जिस भी स्टेशन पर है, टीवी उसे दिखाता है।