एक प्रतिभूति खाता क्या है?

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सेबी ने कार्वी का पंजीयन नियमों के एक प्रतिभूति खाता क्या है? उल्लंघन के कारण एक महीने के लिए निलंबित किया
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (पीएमएस कार्वी) का पोर्टफोलिया प्रबंधक के रूप में पंजीयन प्रमाणपत्र एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। कंपनी के नियामकीय नियमों का उल्लंघन करने के कारण यह कार्रवाई की गई।
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड या पीएमएस कार्वी ने अपने खुलासा दस्तावेजों में कुछ जानकारियां नहीं दी थीं जिनमें जुर्माने, लंबित वाद या कार्यवाही और जांच के निष्कर्ष जैसे विवरण शामिल हैं।
इसके अलावा कंपनी अन्य आवश्यकताओं का अनुपालन करने में भी विफल रही थी और इस तरह उसने पोर्टफोलियो प्रबंधन संबंधी नियमों का उल्लंघन किया। नियामक ने दिसंबर 2019 में कंपनी की पोर्टफोलियो प्रबंधन गतिविधियों की जांच की थी। जांच के दायरे में अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक की गतिविधियां शामिल थीं।
एक प्रतिभूति खाता क्या है?
SEBI ने ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाताओं के लिए विनियामक ढांचा पेश किया; PSU के विनिवेश को सुगम बनाने के लिए अधिग्रहण संहिता में बदलाव किया
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 9 नवंबर 2022 से सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों को बेचने वाले ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाताओं की सुविधा के लिए एक नियामक ढांचा पेश किया।
- इस संबंध में, SEBI ने NCS (गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों का निर्गम और सूचीकरण) विनियम, 2021 में संशोधन किया है।
- उसी के लिए निर्णय निवेशकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए लिया गया है कि प्लेटफॉर्म SEBI-विनियमित मध्यस्थों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
नए नियम क्या हैं?
i. नए नियमों में ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाता के रूप में कार्य करने के लिए SEBI से स्टॉक ब्रोकर के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।
ii.एक प्रतिभूति खाता क्या है? 9 नवंबर, 2022 से पहले पंजीकरण प्रमाणपत्र के बिना ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाता के रूप में कार्य करने वाले 3 महीने की अवधि के लिए ऐसा करना जारी रख सकते हैं।
iii. लोगों को समय-समय पर SEBI द्वारा निर्दिष्ट पंजीकरण की शर्तों का पालन करना होगा।
ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म क्या है?
SEBI के अनुसार, यह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है, जो किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज या इलेक्ट्रॉनिक बुक प्रोवाइडर प्लेटफॉर्म के अलावा है, जिस पर ऋण प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया जाता है या सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया जाता है और लेनदेन किया जाता है।
- ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाता का अर्थ है कोई भी व्यक्ति जो इस तरह के प्लेटफॉर्म का संचालन या प्रदान करता है।
SEBI ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश को सुगम बनाने के लिए अधिग्रहण संहिता में बदलाव किया
SEBI ने राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के नियंत्रण/विनिवेश में परिवर्तन से जुड़े लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने अधिग्रहण संहिता में भी संशोधन किया।
- इस संबंध में, SEBI ने शेयरों के पर्याप्त अधिग्रहण और अधिग्रहण विनियम, 2011 में संशोधन किया है।
परिवर्तन क्या है?
परिवर्तन के अनुसार, अधिग्रहणकर्ताओं को अल्पांश शेयरधारकों के लिए अपने खुले प्रस्तावों के मूल्य निर्धारण में लचीलापन मिलेगा। इसका मतलब है कि PSU कंपनियों के विनिवेश के मामले में ओपन ऑफर प्राइस के निर्धारण के लिए 60 दिनों के वॉल्यूम भारित औसत बाजार मूल्य (VWAMP) की गणना करने की मौजूदा आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
अन्य सूचनाएं:
i. SEBI ने अधिक कंपनियों को REIT फ्लोट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रायोजकों द्वारा रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) इकाइयों की न्यूनतम होल्डिंग आवश्यकता को वर्तमान में 25% से घटाकर 15% कर दिया है।
- यह ऐसी इकाइयों की लिस्टिंग की तारीख से 3 साल की अवधि के लिए होगी, जो निर्गम के बाद के आधार पर प्रारंभिक पेशकश के अनुसार होगी।
- न्यूनतम होल्डिंग से अधिक प्रायोजक की कोई भी होल्डिंग ऐसी इकाइयों के सूचीबद्ध होने की तारीख से कम से कम एक वर्ष के लिए आयोजित की जाएगी।
ii. SEBI ने 1 जनवरी, 2023 से असूचीबद्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के लिए एक अलग नियामक ढांचा भी बंद कर दिया।
हाल के संबंधित समाचार:
i. SEBI खाता एग्रीगेटर (AA) ढांचे में शामिल हो गया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) -विनियमित वित्तीय-डेटा साझाकरण प्रणाली को बढ़ावा देगा। इससे ग्राहक वित्तीय सेवा प्रदाताओं के साथ अपने म्यूचुअल फंड और स्टॉक होल्डिंग्स के बारे में जानकारी साझा कर सकेंगे।
ii. SEBI ने खुदरा निवेशकों को 1 अगस्त, 2022 से 5 लाख रुपये तक के आवेदन मूल्य के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट की इकाइयों के सार्वजनिक निर्गम में आवेदन करने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (एक प्रतिभूति खाता क्या है? UPI) का एक अतिरिक्त भुगतान विकल्प प्रदान किया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बारे में:
अध्यक्ष – माधबी पुरी बुच
मुख्यालय – मुंबई, महाराष्ट्र
स्थापना – 1992
वित्तीय साक्षरता की ताकत अब आम आदमी के हाथों में
किसी भी देश में देशव्यापी नीतियों पर काम करने के लिए सलाहकार, अर्थ शास्त्री, और नीति विशेषज्ञ होते हैं। लेकिन कई बार वित्तीय साक्षरता को एक बड़ी आबादी और आम आदमी तक पहुँचाने में काफी समय लग जाता है।
किसी भी देश में देशव्यापी नीतियों पर काम करने के लिए सलाहकार, अर्थ शास्त्री, और नीति विशेषज्ञ होते हैं। लेकिन कई बार वित्तीय साक्षरता को एक बड़ी आबादी और आम आदमी तक पहुँचाने में काफी समय लग जाता है। हालाँकि ये बात तय है कि, तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश में, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने से देश की प्रगति को नई गति मिल सकती है।
किसी व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में वित्तीय साक्षरता का बहुत योगदान है। इसकी वजह से आपका वर्तमान ही नहीं, भविष्य भी सुरक्षित होता है। लेकिन वित्तीय साक्षरता है क्या? क्या ये किसी प्रकार की पढ़ाई है ? आसान भाषा में समझें तो-- पैसे कैसे कमाये , बचाये और खर्च किए जाते हैं, एक प्रतिभूति खाता क्या है? इनकी जानकारी को वित्तीय साक्षरता कहते हैं। वित्तीय साक्षरता का मूल उद्देश्य है कि आपके पास जो भी वित्तीय साधन (या कमाई) है उसका कैसे सदुपयोग किया जा सके।
हमारे देश में लोन जैसी वित्तीय सेवाएँ अब आसानी से उपलब्ध है, लेकिन वित्तीय साक्षरता पर अब भी काम हो सकता है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी ) द्वारा प्रकाशित के रिपोर्ट में आरबीआई बैंक का हवाला देते हुए कहा गया है की देश में सिर्फ 27% पुरुष और 24% महिलाएँ वित्तीय साक्षरता के न्यूनतम मापदंड को पूरा करते हैं। इसके कई कारण है। जैसे कि --
भारत में शेयर बाजार का विकास: किसी भी देश का शेयर बाजार उसके एक प्रतिभूति खाता क्या है? आर्थिक विकास का पैमाना होता है। पिछले कुछ दशकों में भारतीय शेयर बाजार में आये उछाल से इसने अपने लिए विश्व स्तर पर जगह बना ली है। उदाहरण के लिए, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, जिसे 1875 में स्थापित किया गया था और जो एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के साथ अब दुनिया के सबसे मूल्यवान स्टॉक एक्सचेंजों की सूची में शामिल हो गया है। सेंसेक्स (यानी संवेदी सूचकांक ) ने भी कई आयाम स्थापित किए हैं। ये पहली एक प्रतिभूति खाता क्या है? बार 10,000 अंक के ऊपर सन् 2006 में पहुँचा, उसके बाद सन् 2007 में 20,000 अंक और 2017 में 30,000 अंक तक उछला। जाहिर सी बात है, जो स्टॉक मार्केट में लंबे समय तक निवेशक रहे हैं उन्होंने जबरदस्त मुनाफा कमाया है।
वित्तीय रूप से साक्षर व्यक्ति ऐसे अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण कड़ी भी बन सकते हैं।
निवेश से जुड़े मिथक
जानकारी के अभाव ने भारत के लाखों निवेशकों को शेयर बाजार में उपलब्ध निवेश के अवसरों के दूर रखा है। शेयर बाजार को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। वित्तीय साक्षरता की कमी की वजह से अक्सर निवेशकों को शेयर मार्केट में ज्यादा जोखिम लगता है।पहले लोग ब्रोकर्स, एजेंट, बिचौलियों से बचते थे। सही और संपूर्ण जानकारी एक प्रतिभूति खाता क्या है? के अभाव में व्यक्ति कई बार ठगा भी जाता था। इसके चलते लोग अपना पैसा अक्सर एफडी या फिर सेविंग्स अकाउंट में ही रखते थे। टेक्नोलॉजी ने अब काफी कुछ बदल दिया है। अब हर प्रकार के इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। किसी के बारे में भी जानकारी घर बैठे, तुरंत मिल जाती है। जानकारी का जो अंतर था उसके कम होने की वजह से अब निवेशक आत्मविशास और भरोसे के साथ मार्केट में निवेश कर रहे हैं।
इन्वेस्टमेंट के बारे में सही जानकारी: सही एक प्रतिभूति खाता क्या है? और संपूर्ण जानकारी से निवेशक शेयर मार्केट के बारे में लंबे समय से चली आ रही गलत धारणाओं से बच सकते हैं।शेयर मार्केट के बारे में जागरूकता से आपको कई ऐसे गैर-परंपरागत निवेश के अवसरों की जानकारी होगी, जो आपकी जोखिम लेने की क्षमता से मेल खाते हों। वित्तीय रूप से साक्षर होने से आप अनुमान लगा सकते हैं की कहाँ निवेश करने में कितना जोखिम है और क्या आप उतना जोखिम उठा सकते हैं या नहीं।
जल्दी पैसा बनाने की फर्जी स्कीमों से बचना: स्मार्टफोन ने लोगों को स्मार्ट ही नहीं बल्कि मूर्ख भी बनाया है। ठगी और धोखाधड़ी के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। एक प्रतिभूति खाता क्या है? निवेशकों के लिए एक बड़ी समस्या ये भी हो जाती है की इतनी सारी जानकारी में से किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं। इंटरनेट से एकत्रित जानकारी में सही और गलत दोनों प्रकार के तथ्य होते हैं। कई बार ठग वित्तीय सलाहकार बन कर या फिर किसी कंपनी के कर्मचारी बन कर ऐसे लुभावने ऑफर या स्कीम बताते हैं जिसमे आदमी एक प्रतिभूति खाता क्या है? फँस जाता है। जिन लोगों की वित्तीय साक्षरता कम होती है वो अक्सर ऐसी ठगी का शिकार हो जाते हैं।
एक एसआईपी के साथ, करें शुरुआत: आज तक, बड़े से बड़ा निवेशक यह बात निश्चित तौर पर नहीं कह सका है कि शेयर बाजार में पैसे लगाने का परफेक्ट समय या महूर्त कौन सा है। पहली बार निवेश करने वाला व्यक्ति अक्सर इसमें उलझ जाता है। शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के लिए लंबे समय तक बने रहकर अनुशासनात्मक तरीके से निवेश करना जरूरी है।ऐसा करने से आपको बेहतर रिटर्न मिलेंगे। निवेशक एक निश्चित राशि की एसआईपी कर सकते हैं । ऐसा करने से दो फायदे होंगे। पहला, एक निश्चित राशि हर महीने निवेश करने से आप मार्केट के उतार और चढ़ाव, दोनों स्टेज में निवेश करेंगे, जिसका आगे जा कर लाभ होगा। दूसरा, हर महीने मार्केट में बने रहने से रुपये की कीमत में आने वाले उतार और चढ़ाव से आप बच जाएँगे। साथ ही, कंपाउंडिंग की वजह से और मार्केट में लगातार लंबी अवधि तक बने रहने से छोटे निवेश से भी एक अच्छी राशि एकत्रित हो जाएगी।
सेबी, एक भरोसेमंद साथी और गाइड
पहली बार निवेश करने वालों के मन में बहुत से सवाल होते हैं। इतने सारे शेयर और म्यूच्यूअल फंड हैं, इनमें कौन सा उनके लिए ठीक है कौन सा एक प्रतिभूति खाता क्या है? नहीं। अलग-अलग एडवाइजर, ब्रोकर अलग अलग बात बताता है।चाहे कोई भी राय दे, जोखिम सिर्फ निवेशक का होता है।इसके चलते बिचौलियों और ब्रोकर्स की बात पर भरोसा करना कठिन होता है और आदमी निवेश करने से ठिठक जाता है। इन सभी बातों के निवारण के लिए और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, 1992 में सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) का गठन किया गया। फाइनेशियल इंटरमीडियरिज (ब्रोकर्स, एजेंट्स, फंड्स इत्यादि) के लिए नियम व कानून बनाने से लेकर निवेशकों के हितों की रक्षा करने तक, ये सभी कार्य सेबी करता है। सिर्फ शेयर ही नहीं, म्यूच्यूअल फंड भी सेबी के रेगुलेशन में आते हैं। सेबी के मार्केट के रेगुलेटर होने की वजह से पहली बार निवेश करने वाले व्यक्ति पूरे आत्मविश्वास और आश्वासन के साथ एक प्रतिभूति खाता क्या है? निवेश कर सकते हैं।
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है।)