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इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें
जी हां दोस्तों, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कहां से की जाए क्या आप ऐसा सोच रहे हैं? अगर आप इसी सोच के साथ यहां तक पहुंचे हैं तो मैं आपको दावे से कह सकता हूं कि इस पोस्ट में जो आपको क्वालिटी कंटेंट मिलने वाला है आप पूरे यूट्यूब में आपको कहीं भी नहीं मिलेगा.

Liquid Stock क्या है और लिक्विड स्टॉक कैसे चुनें?

लिक्विड स्टॉक क्या है? अगर आपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के बारे में कहीं पढ़ा या सुना होगा। तो वहां हमेशा liquid stock को खरीदने व बेचने के लिए कहा जाता है। आज बड़े बड़े ट्रेडर्स लिक्विड स्टॉक में ट्रेड करने को कहते हैं। साथ ही जिस स्टॉक में liquidity नहीं होती है। तो उसमे ट्रेडिंग करने के लिए आपको हमेशा 'ना' ट्रेड करने की सलाह देते हैं।

आज के समय कई नये ट्रेडर्स शेयर मार्केट में एंट्री लिए है। जो ट्रेडिंग करके financial independent होना चाहते हैं। ट्रेडिंग के लिहाज से आपको liquidity का मतलब जानना बहुत जरूरी होता है।

खासकर यह लेख उन retail trader's के लिए फायदमंद है जो नॉन कॉमर्स बैकग्राउंड के है। शेयर मार्केट में liquidity शब्द उनके लिए थोड़ा टेक्निकल हो जाता है। इसलिए आज के लेख "liquid stock क्या होते हैं और liquid stock कैसे चुने?" के बारे में आसान शब्दो में जानेंगे। आइए तो फिर पहले जानते हैं कि मार्केट में liquidity शब्द का क्या अर्थ होता है।

Liquidity क्या है?

Liquidity का हिंदी में अर्थ "तरलता" होता है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी asset को कितनी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि कोई भी asset जितना liquid होगा, उसकी उतनी आसानी से खरीद और बिक्री की जा सकता है। वहीं अगर कोई asset जितना illiquid होगा उसे बेचना और खरीदना उतना ही मुश्किल होता है।

Liquid Stock क्या है?

Liquid Stock का मतलब किसी भी शेयर को आसानी से कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि आपके पास जो भी शेयर है, उसे सही समय आने इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें पर कैश में आसानी से बदला जा सके। अच्छी लिक्वडिटी वाले शेयरों में नजर रखना और उसमे ट्रेड या निवेश करने से आपको यह मदद मिलती है कि जब भी आपको एक मोटा प्रॉफिट हो तो उसे आसानी से बेच सके।

यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें illiquid stock में ट्रेड या निवेश करते हैं तो शायद यह भी हो सकता है, कि आपको कभी भी उस share को बेचना हो लेकिन कोई खरीदने वाला ना मिले। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेडर्स और निवेशक आपको इस तरह के स्टॉक में ट्रेड या निवेश करने से मना करते है। क्योंकि stock illiquid होने के कारण आपको बेचने में दिक्कत आ सकती है।

लिक्विड शेयरों के चार्ट में आपको हर एक मिनट कि कैंडल में बॉडी मिल जाती है। इस तरह के स्टॉक में हर एक मिनट में अच्छा वॉल्यूम होता है। Liquidity होने के कारण हर एक मिनट में शेयरों के प्राइस में उतार चढ़ाव होता रहता है। ज्यादातर penny stocks और कम प्राइस वाले शेयरों में लिक्वडिटी नहीं होती है।

Trading के लिए Liquid Stock क्यों महत्वपूर्ण है?

लिक्वडिटी का अर्थ आप लोग जान गए होगे। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि trading के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि लिक्वडिटी बाजार को दो मुख रूप से कैसे प्रभावित करती है:-

1. मूल्य प्रसार ( Price Spread )

Finance में स्प्रेड का मतलब दो प्राइस, रेट्स, या यील्ड का अंतर होता है। अगर आसान शब्दो में बताए तो मूल्य प्रसार मार्केट के खरीदार और विक्रेता के ऑर्डर्स का अंतर होता है। यह हमें बताने की कोशिश करता है कि एक खरीदार और विक्रेता के खरीद और बिक्री के प्राइस में क्या अंतर है।

Liquid Stock खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाले गैप को कम करने की कोशिश करता है। यानी कि लिक्विड स्टॉक में low price spread होता है। वहीं illiquid stock में खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाला गैप बहुत ज्यादा होता है। यानी कि illiquid स्टॉक में high price spread होता है। इसलिए illiquid स्टॉक में किसी भी शेयर को खरीदना और बेचना मुश्किल हो जाता है।

2. Slippage

Slippage का हिंदी में अर्थ "फिसलन" या " गिरावट" होता है। वहीं ट्रेडिंग slippage का मतलब अपेक्षित कीमत (expected price) और उस कीमत के बीच का अंतर जो ट्रेड निष्पादित (executed) हो चुका है। वैसे तो बाजार में शेयरों के प्राइस में तेजी से उतार चढ़ाव आता है। इसलिए slippage कभी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर समय slippage होने कारण शेयर में high volatility होती है। दूसरी तरफ इसके होने का कारण यह भी है कि जब कोई बड़े मात्रा में ऑर्डर को executed किया जाता है, लेकिन उस समय bid/ask प्राइस के बीच में स्प्रेड बनाए रखने के लिए चयन किए गए प्राइस में वॉल्यूम नहीं होता है। बता दू कि liquid stock में illiquid stock इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें में मुकाबले slippage कम होती है।

Slippage को हम दो प्रकार में भिवाजित कर सकते हैं। एक सकारात्मक गिरावट और दूसरा नकारात्मक गिरावट है। सकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का कम होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का बढ़ना होता है। वहीं नकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का बढ़ना होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का कम होना होता है।

Trading के लिए Liquid Stocks को कैसे चुने?

Trading के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें लिक्विड स्टॉक का होना आवश्यक है। खासकर intraday trading के लिए highly liquid stocks का होना जरूरी है। स्टॉक में वॉल्यूम के साथ साथ volatility होने से शेयर कि लिक्विडिटी बढ़ जाती है। आइए तो फिर जानते हैं की ट्रेडिंग के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें लिक्वड स्टॉक्स कैसे चुने?

1. High Trade Volume

किसी भी स्टॉक में high volume होने का मतलब उस स्टॉक पर एक दिन में कितनी खरीद और बिक्री हुई है। हाई वॉल्यूम यानी कि उस स्टॉक में हाई लिक्विडिटी का होना है।

2. Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होना

Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होने का मतलब यह हुआ की उस स्टॉक को खरीदने के लिए अनेकों खरीददार मौजूद है। वहीं दूसरी तरफ अनेकों विक्रेता उस स्टॉक को बेचने के लिए मौजूद है। इससे slippage कि कमी और high liquidity होना दर्शाता है।

3. मध्य volatility वाले शेयरों को चुने

अगर किसी स्टॉक में कम लिक्विडिटी यानी कि वोलैटिलिटी बिल्कुल भी नहीं है। वह स्टॉक जो पूरी तरह से choppy है। उनसे हमेशा दूर रहना चाहिए। लेकिन वही दूसरी तरफ अगर स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा, तो उसमे नुकसान भी उतना ही ज्यादा हो सकता है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए मध्य volatility वाले शेयरों को चुने। मध्य volatility वाले शेयरों में रिस्क, हाई volatility वाले शेयरों से कम होता है।

निष्कर्ष

ट्रेडर्स के नजरिए से स्टॉक में लिक्विडिटी होना बहुत जरूरी होता है। हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। इस तरह के स्टॉक को जल्दी से नकदी में बदला जा सकता है। अगर किसी स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं है तो शायद आप एक अच्छी ऑपर्च्युनिटी खो दे।

डे ट्रेडर्स को हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक का चयन करना चाहिए। क्योंकि उन्हें एक दिन में कई सौदे करने पड़ते हैं। अगर दूसरी तरफ देखे तो स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं होने के कारण आप एक दिन में कई ट्रेड ना ले पाए। Illiquid stocks में आपके रिस्क कैपेसिटी से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है।

उम्मीद करता हूं कि आपको आज का लेख "liquid stocks क्या है? लिक्वड स्टॉक कैसे चुने?" पसंद आया होगा। ऐसे ही वित्तीय बाजार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहे। हम यहां आपको वित्तीय बाजार के साथ साथ टेक्नोलॉजी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी साझा करते हैं।

Learn Intraday Trading in Hindi 2022

अगर आपको स्मार्ट इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें तरिके से जल्दी अमीर होना हैं तो आज के वक्त शेअर मार्केट हि एकमात्र करियर हैं जहां आप यह आसानी से Rich बन सकते हों | आज हम शेअर मार्केट से जुड़े ऐसे हि एक विषय यानी 'ट्रेडिंग कैसे सीखें' इस विषय के बारे में जानकारी देने वाले हैं। तो चलिये जानते हैं इसके बारे में विस्तार सें।

How to learn Intraday Trading ?

ट्रेडिंग क्या होती हैं?

फायदा पाने के हेतु खरिदी और बिक्री करते हैं इसे हि ट्रेडिंग कहते हैं।

अलग अलग जगह पर यह ट्रेडिंग चलती रहती हैं लेकिन आज हम यह शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे करते हैं इसकी बात करेंगे।

ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं?

शेअर मार्केट,

जैसे और भी कई चींजों में ज्यादातर लोग ट्रेडिंग करते हैं।

शेअर मार्केट में ट्रेडिंग करना कैसे सीखे‌?

शेअर मार्केट को कई लोग आज भी गैमलींग की तरह देखते हैं लेकिन शेअर मार्केट कोई गैमलिंग नहीं होती अगर आप उसका पुरा अभ्यास करके उसमें रिसर्च करके वह करते हैं तो।

कुछ साल में हमारे देश में इंटरनेट गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है ऊपर से बीच बीच में लाॅकडाऊन लगता रहता है वैसे में बहुत सारे वर्क फ्राॅम होम भी कर रहे हैं इस दौरान Demat Account निकालने वालो कि संख्या बहुत बढ़ गई है। ऐसे में बहुत इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें से लोगों के मन में पहला सवाल यही आता है कि Share Market Shikhe Kahase ? तो आज हम आपको इसी के जवाब देंगे।

  • अच्छी जगह से ट्रेंडिंग कोर्स करना:

शेयर मार्केट के ऊपर आपको ऑनलाईन और ऑफलाईन हजारो ट्रेडिंग कोर्सेस मिल जायेंगे जहां से आप इसे सीख सकते हों। यह बिल्कुल भी कोई राॅकेट सायंन्स नहीं हैं ना हि बहुत आसान हैं। अगर आप ट्रेडिंग कोर्स करना चाहते हैं तो पहले जिसी भी इंस्टिट्यूट या जिसी भी व्यक्ती से आप यह सिखना चाहतें हैं इसका इतिहास यानी वह व्यक्ती या इंस्टिट्यूट कितने प्रोफिटेबल है यह जान लें, उनकी Rating और Review आपको मिल जायेंगे वह देखकर आप एक अच्छा सा Trading Course Complete कर सकते हों। यह तरिका बहुत सीधा सीधा है और ज्यादातर लोग यही करते हैं।

  • फ्रि में ट्रेडिंग कोर्स कैसे सीखें?

ऐसा हि नहीं है कि आपको ट्रेडिंग के लिये पैसे देकर ही कही‌ जाकर ही आप ट्रेडिंग सीख सकते हैं बल्कि आपको बहुत जगह फ्रि भी यह सीख सकते हैं लेकिन आपको इसे प्रोपर तरिके से करना होगा कोर्सेस का यही फायदा रहता है कि आपको वह एक पाथ से सिखाते हैं लेकिन अगर आप YouTube, Udemy जैसे प्लॅटफाॅर्म पर बहुत सारे Free Online Trading Courses मिल जायेंगें। लेकिन आपको इसमें भी अच्छे और उपयोगी चींजे हि देखनी है। आज के तारिख में देखा जाते तो अनेक Video's Platform पर सब चींजे आपको मिल जाती है लेकिन कौन सी चीज देखनी है यह आपको छान के‌ निकलना पड़ेगा।

  • बुक से ट्रेंडिंग सीख सकते हैं?

अगर आप किसी कोर्स कि मदत से‌ ट्रेंडिंग सीखने जाते हैं तो आपको बहुत सारे महंगे महंगे कोर्स बाजार में मिलेंगी जिनकी फिस 7000 रुपयों से चालु होकर देढ़ लाख तक भी हैं। लेकिन जो लोग ट्रेंडिंग में सफल होकर आगे जाके अपनी किताबों में उनके द्वारा इस्तमाल कि गई ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बताते हैं और उनकी बुक या ई-बुक खरिदने जायेंगे तो वह‌‌ 500 से 1000 रुपयें यानी काफी सस्ते में मिल जाती हैं इसलियें यह‌ सबसे अच्छा तरिका है ट्रेडिंग को सीखने का। अधिक जानकारी के लिये आप हमारा इनेवेस्टमेंट और शेअर मार्केट पर से 6 बेहतरिन किताबें यह आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।

और आप बुक खरिदना नहीं चाहते तो आप ई-बुक के रुप में भी सस्ते में e-format में मोबाईल या कंप्यूटर द्वारा पढ़ सकते हैं।

आजकल आपके आसपास या मित्रों में से कई सारे शेअर मार्केट करते होंगे अगर आप उनसे थोड़ी थोड़ी जानकारी हासिल करके एक छोटी राशी से शेअर मार्केट को चालु करते हैं तो भी आप जल्दी नहीं लेकिन थोड़े दिनों बाद शेअर मार्केट का गणित अथवा ज्ञान अर्जित कर सकेंगें।

इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं?

इसमें ट्रेडिंग अवधी होने के बाद आपका कोई पैसा मार्केट में अटका नहीं रहता इसलिये क्लियारिटी आती है और फियर भी कम रहता हैं।

इंट्राडे में आपको कई ब्रोकर द्वारा कई गुना मार्जिन अथवा लिवरेज दिया जाता है इससे आप कम पैसों में भी ज्यादा शेयर खरिद अथवा बेच सकते हों।

इंट्राडे में आप ऊपर जाते वक्त और साथ ही नीचे आते वक्त भी दोनों तरफ भी पैसा बना सकते हों।

इंट्राडे के क्या-क्या नुकसान हैं?

इसे आप जब चाहें सीख तो सकते हैं लेकिन इसे रियल टाईम यानी मार्केट चालु रहने के समय ही कर सकते हैं, इसलिये इसे समय कि मांग चाहियें।

यह काफी नुकसान देह भी होता है कई लोगों ने पहले इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें भी इसमें अकांउट के अकाउंट खाली करा दिये हैं इसलिये आप पहले पेपर ट्रेंडिंग करके प्रॅक्टिस करें तो जाके ही आप इंट्राडे सीख कर पैसा बना सकते हैं।

अगर आप ट्रेंड करते समय थोड़ी राशी गवाते हैं और वह रिकवर करने के चक्कर में आप अगर बार बार ट्रेंड लेने जाते हैं तो आप जल्दी ही अपना अकांउट खाली करा सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में दो चीज़ें कभी नहीं चलती भय और लालच, आपको ट्रेडिंग में मनी मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सही तरिके से नहीं आता तो भी एक न एक दिन आप इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।

आपने क्या सीखा ?

इस आर्टिकल में हमने पुरे विस्तार से देखा कि ट्रेडिंग कैसे सीखें? और इसके क्या-क्या रस्ते है जहां से‌ आप ट्रेडिंग को सीख सकते हैं।

हमने देखा कि इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं और क्या क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में भी पुरी चर्चा की।

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने मित्रों से जरुर शेअर करे और कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें अवश्य लिखें।

Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए

Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए

यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है . यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर फायदा कमाना होता है .

इन बातों का रखे ध्यान

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे जरूरी बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर ठीक ढंग से तैयार करना होता है . यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है यदि आप स्वयं से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो हानि उठा सकते हैं .

चाहे कोई आदमी अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है . इसलिए हिंदुस्तान में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत सहायता मिल सकती है . यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में सहायता कर सकते हैं .

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • नियमित आय अर्जित करने का मौका
  • कम कमीशन शुल्क
  • अधिक लाभ
  • लिक्विडिटी
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है . ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो . जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें आदमी सरलता से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है . यदि आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको हानि उठाना पड़ जाएगा .

What is intraday trading How do you make more money by trading for few hours or single day?

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है आप कुछ घंटों या सिंगल डे ट्रेडिंग करके कैसे ज्यादा पैसा कमाते हैं?

- Tips For Intra Day Trading -

Intraday Trading

शेयर बाजार ऐसी जगह है जहाँ 1 दिन के कारोबार में अच्छा मुनाफा हो सकता है एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर ख़रीदने और बेचने को Intra Day ट्रेडिंग कहते है यहां जो शेयर खरीदा जाता है उसे निवेश करना नहीं समझना चाहिए एक दिन में उसमे होने वाली बढ़त को मुनाफा कमाना कहा जाता है ध्यान रखने वाली बात यह है कि जरूरी नहीं की यहां निवेशकों को हमेशा फायदा ही मिले!

शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते है तो इसके लिए निवेशक के पास डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट OPEN करवाना जरूरी होता है अकाउंट open होने के बाद निवेशक खुद से या ब्रोकर को फोन पर आर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते है या निवेशक ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते है इंट्राडे में किसी भी शेयर में आप चाहे पैसा लगा सकते है इसके लिए किसी मिनिमम राशि की जरूरत नहीं पड़ती है!

स्टॉक में निवेश से पहले जरूरी है ये जानकारी

Intra Day Trading
  • निवेशक को शेयर का चुनाव करने से पहले उस शेयर के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें शेयर के बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है जरूर देखे जरूरत पड़ने पर सलाह जरूर लें!
  • निवेशक जिस किसी शेयर में पैसे लगाने जा रहा है उस शेयर का लक्ष्य और स्टॉप लॉस तय करें लक्ष्य पूरा होते दिखे तो मुनाफा वसूली कर लें! जरूरी है कि मुनाफा बुक होते ही निकल जायें!
  • निवेशक को शेयर का चुनाव करने से पहले बाजार का ट्रेंड क्या है उसी ट्रेंड को फॉलो करें ना कि ट्रेंड के खिलाफ निवेश करें!
  • जरूरी जानकारी सिर्फ लिक्विड स्टॉक में निवेश करें और इंट्राडे के लिये ऐसे 2 या 3 स्टॉक ही चुनें!
  • एक्सपर्ट हमेशा वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहने की सलाह देते है!

(Discliamer: हम यहां अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की वेबसाइट या एक्सपर्ट द्वारा दी जाने वाली सलाह के बाद इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दी है . यह निवेश की सलाह नहीं है . शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं , इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें .)

Stock Market में Trading की शुरुआत कैसे करें? 3 में से किसी 1ऑप्शन को चुनें

मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें

जी हां दोस्तों, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत कहां से की जाए क्या आप ऐसा सोच रहे हैं? अगर आप इसी सोच के साथ यहां तक पहुंचे हैं तो मैं आपको दावे से कह सकता हूं कि इस पोस्ट में जो आपको क्वालिटी कंटेंट मिलने वाला है आप पूरे यूट्यूब में आपको कहीं भी नहीं मिलेगा.

इस पोस्ट को आप ध्यान से पढ़िए, मुझे पूरा भरोसा है कि यह पोस्ट आपको शेयर मार्केट में एक नया रास्ता दिखाएगा. इस पोस्ट में कई बड़े विगत ट्रेडर्स के एक्सपीरियंसेस को शामिल किया गया है. आपको यह भी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें जानना चाहिए कि शेयर मार्केट आखिरकार कैसे काम करता है.

आप कितनी अवधि के लिए ट्रेडिंग करना चाहते हैं?

  1. लंबे समय के लिए
  2. कम समय के लिए

अगर आप लंबे समय के लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं

लंबे समय के लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना ज्यादा सुरक्षित एवं फायदेमंद माना जाता है. शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्ट करने के लिए आपको शेयर के फेयर वैल्यू पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

दूसरी जो ध्यान देने योग्य बात है कि आप शेयर मार्केट में निवेश कितने सप्ताह, महीना या साल तक रखना चाहते हैं? उसी से हिसाब से प्लानिंग करना होगा.

अगर आप स्टॉक मार्केट में बहुत लंबे समय तक अपना निवेश को रखना चाहते हैं तो इसे टेक्निकल टर्म में स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) कहते हैं.

मैं स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन-सा शेयर में इन्वेस्ट करूं

आप चाहते हैं कि मैं अपना निवेश शेयर मार्केट में 5 सालों से अधिक समय के लिए करूं तो इसके लिए अलग प्लान होता है. उसी प्रकार आप चाहते हैं कि 5 सालों से कम समय के लिए करूं तो उसके लिए अलग प्लानिंग होता है. किंतु इन दोनों में सबसे कॉमन बात होती है वह है –

  • शेयर का फेयर वैल्यू
  • मार्केट सेंटीमेंट

शेयर का फेयर वैल्यू (Intrinsic value) – फेयर वैल्यू शेयर का निकालने के बाद और उसका सही मूल्यांकन कर लिया जाए तो बहुत ज्यादा चांस होता है कि आपको फिक्स डिपाजिट से कई गुना ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.

शेयर का फेयर वैल्यू निकालना थोड़ा मुश्किल होता है. इसके लिए कई ऑनलाइन टूल्स हैं जिसका प्रयोग करके आप बहुत ही आसानी से शेयर वैल्यू निकाल सकते हैं.

मार्केट सेंटीमेंट – आने वाले समय में मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे आएगा, अगर आप अपने निवेश के अवधि के अनुसार भविष्यवाणी कर लेते हैं तो आपको फायदा ही फायदा होगा.

यह बात तो सही है की भविष्यवाणी करना बहुत आसान काम नहीं है इसके लिए आपको मार्केट के सेंटीमेंट को देखना होगा. अगर आप इतिहास में जाएंगे तो आप को सब पता चलेगा जब कोई स्टेबल सरकार बनता है तो उस समय मार्केट ऊपर जाता है.

जैसे मौजूदा समय कोरोना महामारी के कारण मार्केट का सेंटीमेंट बदला और शेयर मार्केट नीचे आ गया. इस तरह से आपको खबरों पर नजर बनाए रखना है.

मान लीजिए कि भविष्य में डीजल एवं पेट्रोल कार कम लोग खरीदेंगे उसके जगह इलेक्ट्रिकल कार का भविष्य है. अगर आप निवेश इलेक्ट्रिकल कार के कंपनियों में करेंगे तो आपको लॉन्ग टर्म निवेश में बेनिफिट होगा.

इसके अलावा शेयर मार्केट के कई फंडामेंटल से हैं जैसे फेस वैल्यू, पीबी और पीई अनुपात को भी जरूर चेक करना चाहिए. याद रखिए शेयर मार्केट कोई जुआ का खेल नहीं है. अगर आप शेयर मार्केट के सही ज्ञान को लेकर के निवेश करेंगे तो मेरा गारंटी है कि आपको कभी भी घटा नहीं होगा.

अगर आप कम समय के लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं

अगर आप कम अवधि के लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सबसे ज्यादा फोकस शेयर मार्केट के Trend करना चाहिए.

शेयर मार्केट के ट्रेंड, लाइन चार्ट एवं कैंडल चार्ट पर आपको मास्टरी करना होगा. यहां पर आपको शेयर के फेयरप्राइस से ज्यादा मतलब नहीं होता है. आप यहां पर मान लेते हैं कि जो भी शेयर का प्राइज है वह सही है.

आपको बस तैयारी करना है कि जब शेयर के दाम बढ़ जाए तो उस समय आप को शेयर बेच देना है. जब शेयर का दाम घट जाए तो आपको शेयर को खरीद लेना है.

कम समय के लिए अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं, पहला स्कैपर और दूसरा इंट्राडे ट्रेडिंग.

शेयर मार्केट में आप कुछ मिनटों के लिए ही शेयर को खरीदने के बाद बेच सकते हैं, इस प्रकार के ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें को स्कैपर ट्रेडिंग (Scalper Trading) कहते हैं.

स्कैपर ट्रेडिंग ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास मुश्किल से 20 मिनटों का समय होता है. इस प्रकार के ट्रेडिंग करने के लिए आपको पहले ही अच्छे से होमवर्क कर लेना होगा.

जिस सेक्टर के शेयर में आप इस प्रकार का ट्रेडिंग करना चाहते हैं उस सेक्टर के समाचार पर पैनी नजर बनाकर रखें. स्कैपर ट्रेडिंग में निगेटिव सेंटीमेंट वाला न्यूज़ आने पर शेयर का प्राइस घटता है, पॉजिटिव सेंटीमेंट वाला न्यूज़ आने पर शेयर का प्राइस बढ़ता है.

शेयर मार्केट के दिग्गज ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं. इस प्रकार का ट्रेडिंग 1 दिन के ऑफिशियल आवर में पूरा किया जाता है जिसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intra-day Trading) कहते हैं.

3 में से किसी 1 ऑप्शन को चुनें, उसका मास्टर बने

कुछ लोग होते हैं जो ऑलराउंडर बन पाते हैं ज्यादातर लोग किसी एक चीज में मास्टरी कर करके ज्यादा कामयाब बन पाते हैं.

आपको खुद से तय करना है कि आपको शेयर मार्केट में एक निवेशक बनना है या एक ट्रेडर बनना है. शेयर मार्केट में निवेशक वह होता है जो लंबे समय (कई सालों) के लिए अपने धन को शेयर मार्केट में डाल देता है, उसे स्विंग ट्रेडर कहते हैं.

शेयर मार्केट में स्विंग ट्रेडर एक अलग प्रकार से इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें तैयारी एवं रिसर्च करना होता है. स्विंग ट्रेडर को हमेशा शेयर के फेयर वैल्यू प्राइस, मार्केट सेंटीमेंट और फ्यूचर पर रिसर्च करना होता है.

अगर आप को शेयर मार्केट में ट्रेडर बनना है और आपको प्रतिदिन कुछ ना कुछ इनकम जनरेट करना हो तो उसके लिए आपके पास दो विकल्प हैं. स्कैपर और इंट्राडे ट्रेडर के तौर पर अपने आपको तैयार कीजिए.

स्टॉक मार्केट के दुनिया में सबसे ज्यादा इंट्राडे ट्रेडर प्रसिद्ध होते हैं और साथ-साथ वह सबसे ज्यादा कमाई भी कर पाते हैं. स्कैपर ट्रेडर शेयर बाजार में सबसे ज्यादा जोखिम उठाते हैं और उसी रेश्यो में फायदा और घटा भी उठाते हैं.

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए मैंने एक अलग से आर्टिकल लिखा है. आप उसको वहां पर पूरे विस्तार के साथ पर सकते हैं.

शेयर मार्केट को हमेशा भविष्य के रूप में देखें

अगर आप शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं और सोचते हैं कि कभी कभार टाइम निकाल कर के शेयर मार्केट से ज्यादा से ज्यादा पैसा निकाल लूंगा. मैं कहूंगा कि आप गलत रास्ते में जा रहे हैं.

मान लीजिए कि कोई ट्रेन इलाहाबाद से दिल्ली जा रही है. अगर आप किस्मत के सहारे ही उस पर बैठ जाते हैं, यकीनन आप दिल्ली पहुंच जाएंगे.

उसी प्रकार आप शेयर मार्केट के अप ट्रेंड में इन्वेस्ट कर दिया तो आपको रिटर्न भी मिल गया. मैं कहूंगा कि यह आपको रिटर्न किस्मत से मिला है या आप शेयर मार्केट में जुआ खेल रहे थे.

अगर आप शेयर मार्केट को अपने पूरे जीवन के लिए अपनाएं तो आपके जिंदगी का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा. जब तक आप शेयर मार्केट को 5 से 6 साल समय नहीं देंगे तब तक आप ग्रंटेड रिटर्न देने वाला इन्वेस्टमेंट नहीं कर पाएंगे.

Conclusion Points

मैं बहुत ईमानदारी से कहूंगा कि शेयर मार्केट में सिर्फ और सिर्फ अपना ही रिसर्च काम देता है. आप दूसरे के रिसर्च से ज्यादा कामयाब नहीं हो पाएंगे. आपको शेयर मार्केट के सभी फंडामेंटल्स को सीखना होगा तभी आप सटीक एवं सही एनालिसिस कर पाएंगे.

इसीलिए मैं कहूंगा कि शेयर मार्केट को भविष्य के रूप में देखिए. शेयर मार्केट आपको एक बेहतरीन कैरियर दे सकता है. भारत एक विकासशील देश है आने वाले समय में भारत का शेयर मार्केट हो सकता है कि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार हो.

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