बांड में निवेश

∴ उनकी कुल बचत 1760 रुपये है।
श्री नायडू ने अपनी बचत का आधा भाग पेंशन बांड में निवेश किया, जिसने 2 वर्षों के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया और ब्याज के रूप में 440 रुपये प्राप्त किये। उसने शेष भाग को म्यूचुअल बॉन्ड बांड में निवेश में निवेश किया जिसने चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान किया, ब्याज समान समय अवधि और समान ब्याज दर पर वार्षिक रूप से समायोजित था और ब्याज के रूप में 495 रुपये प्राप्त किये। इन दो बांडों में निवेश करने से पहले उनकी कुल बचत ज्ञात कीजिए।
श्री बांड में निवेश नायडू ने चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करने वाले अपने बांड पर 55 रुपये की अतिरिक्त राशि (495 रुपये - बांड में निवेश 440 रुपये) प्राप्त की, क्योंकि पहले वर्ष में प्राप्त बांड में निवेश ब्याज ने दूसरे वर्ष में भी ब्याज अर्जित किया।
चक्रवृद्धि ब्याज वाले बांड पर अर्जित अतिरिक्त ब्याज = 55 रुपये
पहले वर्ष ब्याज = 440 रुपये/2 = 220 रुपये
ब्याज दर = (55/220) × 100 = 25% प्रति वर्ष
Sovereign Gold Bond Scheme: सस्ते में सोना खरीदने का शानदार मौका, जानिए- कब और कैसे कर सकते हैं निवेश?
Published: October 22, 2021 9:32 AM IST
Sovereign Gold Bond Scheme: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की अगली किस्त 25 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रही है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह सब्सक्रिप्शन (Sovereign gold bond) पांच दिनों के लिए खुल रहा है. सरकार ने बताया कि 2021-22 सीरीज के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign gold bond) अक्टूबर 2021- मार्च 2022 के दौरान चार चरणों में जारी किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 10 चरणों में सॉरवेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए जाने हैं, जिसमें से मई 2021 से लेकर सितंबर 2021 तक छह चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए जा चुके हैं.
Also Read:
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि 2021-22 सीरीज का सातवां बांड में निवेश चरण की सब्सक्रिप्शन 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच होगी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2 नवंबर से जारी किए जाएंगे.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह बॉन्ड बैंकों स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) के माध्यम से बेचे जाएंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करेगा.
जानें- कैसे तय की जाती है कीमत
सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर बांड की कीमत भारतीय रुपये में तय की जाएगी. ऑनलाइन सब्स्क्राइब करने और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों के लिए गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा.
Bond क्या है | Bond meaning in hindi
Bond के बारे आपने तो सुना ही होगा, बहुत सारे लोगो को ये भी पता है बांड में निवेश करने से Fixed Deposite से ज्यादा रिटर्न देती है। लेकिन लोग Bond में निबेश क्यों नहीं करते है। इसका मूल कारण है बांड के बारे में लोगो के पास ज्ञान नहीं हैं। ये नहीं जानते कैसे बांड में इन्वेस्ट करे, कितना रितर्न मिलेगा लोगों के मन में ये सवाल जरुर आता हैं। आज हम जानेंगे Bond क्या है Bond meaning in hindi सबकुछ बहुत ही सरल भाषा में- (Types of Bond)
किसी भी कंपनी को बड़ा करने के लिए पैसा चाहिए. इसके लिए कंपनी 3 तरीके से पैसा जुटा सकते है-
- शेयर मार्केट से शेयर बेच के (Share Issue Share market)
- बैंक लोन (Bank Loan)
- बांड (Bond)
कंपनी शेयर मार्केट से पैसा जुटाते है तो उनके हिस्सेदारी कम होते है हो सकता है कंपनी कम नहीं करना चाहती। बांड में निवेश अगर बैंक के पास जाता है तो वहा पर इंटरेस्ट रेट ज्यादा देना पड़ता हैं। कंपनी इसलिए लोगों से पैसा जुटाने के लिए बैंक से कम Interest बांड में निवेश Rate पर Bond issue करते हैं। बांड मतलब कंपनी आपसे बांड में निवेश पैसा उधार पे ले रही हैं।
बांड के प्रकार (Types of Bond):-
3 तरह का प्रमुख बांड होते हैं. आपको कौन से बांड में करना सही रहेगा। (Types of Bond)
- सरकारी बांड (Goverment Bond):- इस देश में हम मानके चल सकते है की सरकार तो डूबेगी नहीं। इसलिए सरकारी बांड को बहुत ज्यादा सुरक्षित माना जाता हैं। कभी कंपनी को डूबने की नौबत आया तो सरकार बचा लेंगें. इससे अच्छा सुरक्षित बांड इन्वेस्ट करने और नहीं हैं। (Types of Bond)
- सार्वजनिक क्षेत्र बांड (Public Sector Bond):- इसमें सरकार का पूरा हिस्सा तो नहीं है लेकिन ज्यादा हिस्सेदारी सरकार का ही होता हैं। इसको बहुत ज्यादा सुरक्षित तो नहीं बांड में निवेश माना जाता लेकिन कम रिस्क होता हैं।
- प्राइवेट बांड (Corporate Bond):- इस बांड को प्राइवेट कंपनी इशू करते हैं। इसमें कुछ अच्छा कंपनी है लेकिन बहुत सारे Bond को रिस्की भी माना जाता हैं। इनमे इन्वेस्ट करना थोड़ा ज्यादा Risk हैं।
क्या Bond में निवेश करना सही है:-
अगर आप Bank Fixed Deposit से खुश नहीं है और आपको रेगुलर कमाई चाहिए। शेयर मार्केट के volatility से दूर रहना चाहते हो तो आपको Bond में निवेश करना चाहिए।
मेरी बिचार:-
आप यदि नए हो इन्वेस्टिंग में तो आपको Bond में invest करना सही नहीं रहेगा। आपके लिए है शेयर मार्केट, आप पहले सीखिए उसके बाद ही निबेश की छोच सकते हैं। बांड में एसी लोगो को ही ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहिए बांड में निवेश जो लोग ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते। आपको अपना बांड में निवेश Risk की हिसाब से इन्वेस्ट करना चाहिए।
आशा करता हु इस पोस्ट Bond क्या है Bond meaning in hindi को पढ़के आपका संदेह स्पष्ट हो गया हैं। आपके मन में और कोई भी सवाल है तो कमेंट में जरुर पूछे।