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आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

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तथ्य

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Harniya Kya Hota Hai? जानिए Hernia Kaise Hota Hai हिंदी में।

दोस्तों आज हम आपके लिए एक अंदरूनी अंग से जुड़ी बीमारी की जानकारी लाए है जिसे हम हर्निया के नाम से जानते है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Harniya Kya आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है Hota Hai और Hernia Kaise Hota Hai in Hindi तो आज हम आपको Harnia Kya Hota h के बारे में विस्तार में जानकारी प्रदान करेंगे। हर्निया एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर के अंदरूनी अंग के किसी कारणवस बाहर आने की स्तिथि में होती है। एक मनुष्य का शरीर कई अंगों से मिलकर बना होता है कुछ को हम अपनी आँखों से देख सकते है तो कुछ हमारे शरीर के अंदरूनी भाग में होते है। अब जब हमारे शरीर में इतने अंग है तो उनमें कुछ समस्याएं भी होगी। यह एक ऐसी समस्या है जो जन्म लेते बच्चे से लगाकर बूढ़े व्यक्ति तक किसी को भी हो सकती है।

तो अगर आप भी Harniya Kya H, Harniya Kya Hota H और Hernia Kaise Hota Hai (हर्निया कैसे होता है) तथा हर्निया से बचने के उपाय के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरुर पढ़ें।

Harnia Kya Hai

हमारे शरीर में कई अंग होते है जिसमे से कुछ अंदरूनी अंग खोखले स्थानों में होते है इन स्थानों को Body Cavity कहते है और उन जगह के अंग बस एक चमड़ी की परत से घिरे रहते है। जब हमें ज़्यादा खांसी आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है होती है या हम ज़्यादा भारी सामान को उठाते है तो उस कारण कभी-कभी यह चमड़ी फट जाती है। जिससे वह अंदरूनी अंग धीरे-धीरे बहार आने लगता है और इसी स्थिति को हम Harnia कहते है। ऐसे तो हर्निया आपके शरीर में कही भी हो सकता है। लेकिन यह सबसे ज़्यादा पेट में और उसके बाद जांघ के ऊपरी हिस्से में होता है। हर्निया होने की स्थिति में आपको साधारण काम करने में भी दर्द महसूस होता है। आशा करते हैं कि अब आप समझ गए होंगे कि Harnia Kya H चलिए इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं कि Harniya Bimari Kaise Hoti Hai.

Hernia Ke Prakar (Hernia Types)

मानव शरीर में कई प्रकार के हर्निया पाए जाते है जिनके नाम हमने आपको आगे बताये है।

  • वंक्षण हर्निया (Inguinal Hernia)
  • मादा हर्निया (जघनास्थिक) (Femoral Hernia)
  • नाल हर्निया (नाभि) (Umbilical Hernia)
  • इंसिज़नल हर्निया (Incisional Hernia)
  • अधिजठर हर्निया (Epigastric Hernia)
  • हियातल हर्निया (Hiatal Hernia)

Hernia Ke Lakshan (Hernia Symptoms)

हर्निया का पता लगाना बहुत ज़रूरी है नहीं तो आगे जाकर हमें इससे कई समस्या हो सकती है तो चलिए जानते है हर्निया के लक्षण के बारे में कि Hernia Kyon Hota Hai और Harniya Kaha Hota Hai;

  • हर्निया होने पर शरीर की वह जगह शूज जाती है और उस जगह पर गिठान महसूस होती है।
  • शरीर की उस जगह के आस-पास बहुत दर्द होता है। और सीने में दर्द के साथ जलन महसूस होती है। और छींक आने पर भी उस जगह पर दर्द होता है।

वज़न घटाने का नुस्ख़ा #46: बद्धकोणासन से अपने जांघ के अंदरूनी हिस्से को टोन-अप करें

Badhakonasana or the butterfly pose helps tone the thighs while simultaneously strengthening the spine, lower back and knees.

बद्धकोणासन एक ऐसा आसन है जो न सिर्फ आपके जांघ के अंदरूनी हिस्से को टोन-अप करता है साथ ही कमर दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करता है।

Written by Mousumi Dutta | Published : January 19, 2015 9:50 PM IST

आजकल सभी महिलायें अपने शरीर के अंगो को सही आकार देने की कोशिश करती रहती हैं। साधारणतः जो महिलायें आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है माँ बन जाती हैं और अपने फिगर के प्रति सचेतन होती है वे अपने बेडौल शरीर को फिर से इक्कीस के उम्र जैसा आकार देना चाहती हैं।

बद्धकोणासन न सिर्फ आपके जांघ के अंदरूनी हिस्से को टोन-अप करने में सहायता करता हैं साथ ही महिलाओं में आम कमर दर्द की बीमारी से राहत दिलाने में भी मदद करता है। इस योगासन से शरीर में लचीलापन आता है और शरीर का नीचला हिस्सा मजबूत होता है। इस आसन को नियमित रूप से करने पर मासिक धर्म (menstruation) संबंधी किसी भी समस्या से राहत मिलता है और हजम शक्ति को उन्नत करने में सहायता करता है।

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चित्र स्रोत: Getty Images

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लक्षण

कंजक्टिवाइटिस बड़ा असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में इससे दृष्टि प्रभावित होती है।

यह काफी संक्रामक होता है, और बहुत तेजी से दूसरे लोगों में भी फैल सकता है। इसलिए ये लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं:

  • एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना।
  • एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना।
  • आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना।
  • आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना।
  • आंखों में किरकिरी महसूस होना।
  • आंखों में सूजन आ जाना, यह लक्षण आमतौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण दिखाई देते हैं।

रिस्क फेक्टर्स (जोखिम कारक)

  • किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना जिसे वायरल या बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस है।
  • किसी ऐसी चीज के संपर्क में आने जिससे आपको एलर्जी (एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस) है।
  • रसायनों का एक्सपोज़र; जैसे स्विमिंग पूल के पानी में मौजूद क्लोरीन के संपर्क में आना।
  • कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना; विशेषककर लगातार उन्हें लंबे आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है समय तक लगाए रखना।

कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें:

  • अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
  • जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
  • अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
  • अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं।

किस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें?

  • आंखों में तेज दर्द होना।
  • आंखों में तेज चुभन महसूस होना।
  • नज़र धुंधली हो जाना।
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
  • आंखें अत्यधिक लाल हो जाना।

कंजक्टिवाइटिस कई कारणों से होता है, उपचार इसके कारणों पर ही निर्भर करता है।

ज्यादातर मामलों में रसायनों के एक्सपोज़र से होने वाला कंजक्टिवाइटिस 1-2 दिन में अपने आप ही ठीक हो जाता है।

अन्य कारणों से होने वाले कंजक्टिवाइटिस के लिए उपचार के विशेष विकल्प उपलब्ध हैं।

प्रभावी घरेलू नुस्‍खे

इसके अलावा, जब तक फोड़े दर्द रहित और छोटे होते हैं और बुखार के कोई लक्षण नहीं होते हैं, तब तक आप इन प्रभावी घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं। आइए ऐसे आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानें।

hip and thigh boils for turmeric

हल्दी के एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपके हिप्‍स और जांघ के अंदरूनी हिस्से पर फोड़े को ठीक करने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन भी दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

  • थोड़ा सा हल्दी पाउडर और पर्याप्त पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  • पेस्ट को फोड़ों पर लगाएं और इसे कम से कम 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • दिन में कुछ बार दोहराएं। यह फोड़े को कुछ दिनों में फटने में मदद करेगा।
  • आप एक गिलास दूध में 1 चुटकी हल्दी पाउडर भी मिलाकर ले सकती हैं। इसे आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है उबालकर दिन में दो बार पीने से फोड़े-फुंसी के कारण होने वाली सूजन और दर्द से राहत मिलती है।

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hip and thigh boils remdies for neem

अपने प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्‍टीरियल गुणों के कारण नीम, जिसे भारतीय बकाइन और मार्गोसा के रूप में भी जाना जाता है, हिप्‍स और आंतरिक जांघों पर आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है फोड़े के लिए एक और प्रभावी प्राकृतिक इलाज है।

  • मुट्ठी भर नीम के पत्तों को धोकर पीसकर पेस्ट बना लें।
  • आप थोड़ा हल्दी पाउडर भी मिला सकती हैं।
  • इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • इसे धोने से पहले कम से कम 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • ऐसा दिन में कई बार करें।

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एक अन्य विकल्प यह है कि नीम के कुछ पत्तों को पानी से भरे पैन में तब तक उबालें, जब तक कि अधिकांश पानी वाष्पित न हो जाए और उसका 1/3 भाग न रह जाए। घोल को ठंडा करके छान लें। इस नीम के पानी से प्रभावित त्‍वचा को दिन में कई बार साफ करें।

आप भी इन घरेलू नुस्‍खों को अपनाकर हिप्‍स और जांघों के फोड़ों से छुटकारा पा सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिदंगी से जुड़ी रहें

गुर्दे की पथरी है तो ज़रा यहां गौर फरमाएं, ये जानकारी आपको आराम दिलाएगी

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डॉ. विवेक झा यूरोलॉजिस्ट बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर। अक्सर गुर्दे की पथरी को लेकर आम लोगों में बहुत सी भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों को लगता है कि अधिक दूध पीने से पथरी हो जाती है अथवा बीयर पीने से पथरी निकल जाती है। इन भ्रांतियों के चलते बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। यहां दी जा रही जानकारी आपको गुर्दे की पथरी होने से बचा सकती है।

किडनी स्टोन्स गुर्दे की अंदरूनी लाइनिंग में घुल रहे खनिजों के इकट्ठा होने के कारण पैदा होते हैं। पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट से बनती है लेकिन दूसरे कंपाउंड्‌स की वजह से भी बन जाती हैं। इनका आकार चने के दाने से लेकर एक सामान्य आकार के नींबू तक बड़ा हो सकता है। पथरी की सतह नुकीली और खुरदुरी होती है। छोटी पथरियां मूत्र के तेज प्रवाह से निकल जाती हैं।कई बार मूत्र नली में अटक जाती है और मरीज को बहुत तेज असहनीय दर्द होता है।

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