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कमोडिटी मार्केट क्या है

कमोडिटी मार्केट क्या है
इसमें अगर कपास की फसल बहुत ज्यादा हो जाती थी तो जो व्यापारी है उसे जो पहले से हुई कीमत है उस पर ह कपास को खरीदना रहता था तो ऐसे में व्यापारी को नुकसान होता था, साथ ही साथ अगर कपास की फसल कम हो जाती तो किसान को नुकसान होता क्योंकि कपास की कीमत बढ़ जाती है ! तो ऐसे में किसान और व्यापारी ने एक दूसरे व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दे दी जो की यह देखे के फसल कम या अधिक होने पर दोनों को नुकसान ना हो, तो ऐसे में वह दोनों से Contract कर लेता था, जो फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट कहलाए !

Know about Commodity Market and tips to invest in it

Commodity Trading : कमोडिटी ट्रेडिंग क्या होता है !

जो भी चीज हमें धरती से मिलती है यह जिसका उत्पादन धरती के द्वारा होता है, या किया जाता है !उसे हम कमोडिटी ( Commodity ) कहते हैं ! जैसे कोयला, लोहा, सोना, चांदी, कपास, धनिया, चना, Crude Oil, Zing आदि इन सभी को कमोडिटी कहा जाता है !

दुनिया में जितनी कंपनी उत्पादन करती है वे Commodity का उपयोग करती है, अगर इसकी कीमत बहुत ज्यादा बढ़ती है या कम हो जाती है तो इससे कंपनी जिस प्रोडक्ट का निर्माण कर रही है उसकी कीमत में अंतर आएगा तो ऐसे में यह जरूरी है कि जो कंपनी है वह Commodity को एक तय कीमत से ज्यादा या कम कीमत पर ना खरीदें इसी के लिए कमोडिटी एक्सचेंज बनाया गया है ! अगर आप एक कंपनी के मालिक है, तो आपके कंपनी को Raw Material की जरुरत हमेशा होगी, आप इसे एक मात्रा से अधिक नहीं खरीद सकते ! लेकिन Commodity की किमत मांग के साथ कम या अधिक हो सकती है !

India Commodity Exchange : भारत के कमोडिटी एक्सचेंज

  1. Multi Commodity Exchange (MCX) मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
  2. राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज – एनसीडीईएक्स (NCDEX)
  3. राष्ट्रीय मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज – एनएमसीई (NMCE)
  4. भारतीय कमोडिटी एक्सचेंज – आईसीईएक्स (ICEX)
  5. एसीई डेरिवेटिव एक्सचेंज – एसीई (ACE)
  6. यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज — यूसीएक्स (UCX)

इन सब में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ( Multi Commodity Exchange ) प्रमुख है जहां से सबसे अधिक Trade होता है ! इसमें हर तरह की Commodity जो भारत में होती है, उसकी Trading होती है !

Types of Commodity : कमोडिटी के प्रकार

  • Metals ( धातु ) :- सोना, चांदी, जिंक, लोहा आदि!
  • Power ( ऊर्जा) :- क्रूड आयल, प्राकृतिक गैस,
  • कृषि :- कपास चना धनिया दाल आदि
  • पशुधन और मांस:- अंडा सूअर का मांस और पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पाद !

ऐसा माना जाता है कि दुनिया पर जो कमोडिटी की किंमत है वह चक्र के रूप में चलती है जब कमोडिटी की कीमत बढ़ती है तो वह लंबे समय तक की कीमत बढ़ती जाती है! और जब इसकी कीमत घटती है तो लंबे समय तक घटती ही जाती है ! आमतौर पर देखा जाता है कि जब एक कमोडिटी की कीमत बढ़ती है तो उसके साथ दूसरी कमोडिटी है उनकी कीमत में भी वृद्धि देखी जाती है !

जैसे आपने देखा होगा कि जब सोने की कीमत बढ़ती है तो उसके साथ चांदी की कीमत भी बढ़ने लगती है ऐसा नहीं हो सकता कि सोने की कीमत में वृद्धि हो और चांदी की कीमत में गिरावट हो ऐसा कुछ समय के लिए तो हो सकता है लेकिन लंबे समय में सोना और चांदी दोनों एक दूसरे को फॉलो करते हैं !

कमोडिटी में पैसे कैसे कमाए : Commodity se Paisa kaise Kamay

आप शेयर मार्केट की तरह कमोडिटी मार्केट में ही ट्रेडिंग करके आसानी से पैसा कमा सकते हैं, भारत में और दुनिया में बहुत सारे कमोडिटी है जिनके ऊपर ट्रेडिंग होती है ! हमारे देश में कुछ चुनिंदा वस्तुएं हैं जिनके ऊपर ही ट्रेडिंग होती है लेकिन दूसरे देश जैसे अमेरिका वहां बहुत सारी चीजों के ऊपर ट्रेडिंग होती है वहां आप मौसम से लेकर अनार का रस इसके ऊपर भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ! जो नियम शेयर मार्केट के शेयर के ऊपर लागू होते हैं वही नियम कमोडिटी मार्केट में भी लागू होते हैं !

इसमें जो Commodity की किमत है वह शेयर के तरह बहुत अधिक बढ़ या कम नहीं हो सकता, इसमें शेयर मार्केट की तुलना में रिस्क कम होता है

कमोडिटी क्या है?

आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लाभ

हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:

  1. मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
  2. मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
  3. विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.

कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
  2. कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
  3. कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
  4. सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
  5. कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.

शेयर और कमोडिटी बाजार में पैसा लगाना होगा आसान, एक ही एक्सचेंज पर हो सकेगी दोनों की ट्रेडिंग

Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: December 28, 2017 16:11 IST

Stock & Commodity- India TV Hindi

Sebi Approves Stock & Commodity Exchange convergence from Oct 2018

नई दिल्ली। जल्दी ही आपको शेयर और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग खाते खुलवाने कमोडिटी मार्केट क्या है की जरूरत नहीं होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शेयर और कमोडिटी बाजार रेग्युलेटर सेबी ने एक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए शेयर और कमोडिटीज को लिस्ट करने को मंजूरी दे दी है, अक्टूबर 2018 से देश के सभी शेयर एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर कमोडिटीज और कमोडिटी एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर शेयर ट्रेडिंग की सुविधा दे सकेंगे।

शेयर बाजार में क्या होती है Muhurt Trading, निवेशक क्यों मानते हैं इसे बेहद शुभ?

मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन निवेश को शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स

दीपक चतुर्वेदी

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2022, 8:03 AM IST)

देशभर में दिवाली (Diwali) की धूम शुरू हो चुकी है और रोशनी के इस त्योहार में कुछ ही दिन बाकी हैं. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में दिवाली के दिन भले ही छुट्टी रहती है, लेकिन इस दिन बाजार फिर भी एक घंटे के लिए खुलता है. दरअसल, शेयर मार्केट में दिवाली पर खास ट्रेडिंग की परंपरा काफी पुरानी है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के नाम से जाना जाता है. इस ट्रेडिंग के लिए विशेष तौर पर बाजार को ओपन किया जाता है.

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इस दिन निवेश शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स
ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं. इस दौरान खरीदे गए शेयरों को निवेशक बेहद खास मानते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं. जैसी कि देश में मान्यता है कि दिवाली का दिन कुछ भी नया काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. ठीक इसी धारणा के तहत शेयर कमोडिटी मार्केट क्या है बाजार इन्वेस्टर्स इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान स्टॉक मार्केट में अपना पहला निवेश करते हैं.

मुहुर्त ट्रेडिंग 2021 पर बाजार रहा था गुलजार
बीते साल 4 नवंबर, 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन कमोडिटी मार्केट क्या है में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था. हालांकि, साल 2022 में शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद उम्मीद है मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी.

इक्विटी क्या होती है ? What is Equity in Hindi ?

आपको यह तो पता ही होगा कि शेयर मार्केट क्या होता है ? अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही है, तब भी आप ये तो जानते ही होंगे कि शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पर हम हमारे देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं और बाद में जब चाहे तब वापस बेच बेच सकते हैं। तो बस इसी को इक्विटी कहते हैं।

अगर आप शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस पर हमने एक आर्टिकल लिखा है। आप वह पढ़ सकते हैं।

लेकिन फिलहाल यहां पर हम इक्विटी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। तो इक्विटी को हम कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने को ही इक्विटी कहते हैं। आपको बता दे कि भारत मे NSE और BSE मुख्यरूप से यही दो स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफार्म है, जिनके द्वारा आप स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते है।

कमोडिटी क्या होती है ? What is Commodity in Hindi ?

जिस प्रकार से इक्विटी में कंपनियों के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है ठीक उसी प्रकार से कमोडिटी में Raw Material, Gold, Silver, Natural Gas, Crude Oil आदि को खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि इसमें फिजिकल मटेरियल की खरीदी और बिक्री नहीं होती है बल्कि इसके स्थान इन मैटेरियल्स के कॉन्ट्रैक्ट तैयार किए जाते हैं, जिनकी एक्सपायरी भी होती है। आपको बता दे कि कमोडिटी में आप इक्विटी की तरह सिर्फ एक शेयर नही खरीद सकते है, इसमे आपको कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। एक लॉट में कितने भी शेयर हो सकते हैं। यह इस पर डिपेंड करता है कि आप कौनसे मटेरियल का लॉट खरीद रहे हैं।

चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं। जैसे कि मान लीजिए आप Gold का एक लॉट खरीदना चाहते हैं। किंतु गोल्ड के एक लॉट में 100 शेयर्स हैं, और एक शेयर की कीमत ₹50 है, तो अभी अगर आप गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक लॉट यानी की 100 शेयर्स एक साथ खरीदने पड़ेंगे। आप इससे कम शेयर नहीं खरीद सकते है। इसके अलावा अगर आप को इससे ज्यादा शेयर खरीदने हैं तो आपको दो लॉट यानी कि 200 शेयर खरीदने पड़ेंगे। आपको बता दे कि सभी कमोडिटी मटेरियल की लॉट साइज अलग-अलग होती है।

Equity और Commodity में क्या अंतर है ?

ऊपर हम आपको इन दोनों के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। लेकिन फिर भी अगर हम संक्षिप्त में इनके बीच का अंतर जाने, तो हम इसको कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि इक्विटी में हम किसी भी कंपनी के जितने चाहे उतने से शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद हम उस कंपनी के उतने शेयर्स के मालिक बन जाते हैं। इसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाये या जब हमारा मन करे तब हम उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं।

वहीं अगर हम कमोडिटी की बात करें तो इसमें हमें कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। जिसकी एक निश्चित एक्सपायरी होती है। उस एक्सपायरी से पहले पहले ही हमें उस लॉट को खरीदना और बेचना होता है। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है। यानी कि इसमें रिस्क ज्यादा होता है, वही इक्विटी में रिस्क कम होता है।

आप किसी भी ब्रोकर के यहां अपना अकाउंट खुलवा कर इन दोनों में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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