म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा

By Pulkit Jain | 2021-01-30T11:28:19+00:00 January 30th, 2021 | Mutual Funds | Comments Off on म्यूचुअल फंड एजेंट कमीशन म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा संरचना
Selecting the right Mutual Fund (Hindi)
अगर आप मार्केट मे नए हैं या आपके पास अच्छे स्टॉक चुनने के लिए समय और सही ज्ञान नहीं है तो म्यूचुअल फ़ंड मे निवेश करना एक अच्छी शुरुआत है। लेकिन बात ये है की अपने एक्सपेन्स और रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार सही म्यूचुअल फ़ंड का चयन कैसे करें। ये कोर्स सही म्यूचुअल फ़ंड चुनने को लेकर आपके सारी उलझनों को दूर करने मे आपकी मदद करेगा की आप अच्छा म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुन सकते हैं जो आपके लक्ष्य और आकांक्षाओं के अनुरूप हो।
- कैसे सही स्कीम चुने जो आपके इंवेस्टमनेट लक्ष्य के अनुसार हो
- कैसे अपना रिटर्न बढ़ाये बिना किसी एडवाइजर के
- कैसे टैक्स एफ़्फीशीएंट फंड में निवेश करके टैक्स बचाए
- कैसे SIP के लिए टॉप म्यूचुअल फंड खोजे
- कैसे एक उचित निवेश पोर्टफोलियो बनाए जो आपके रिस्क को कम करेगा
About Course
शेयर मार्केट मे निवेश की शुरुआत करने के लिए म्यूचुअल फ़ंड मे निवेश करना एक बेहतरीन ऑप्शन है या फिर आपके पास अच्छे स्टॉक्स चुनने का ज्ञान एवं समय की कमी है तो भी म्यूचुअल फ़ंड सही है। लेकिन अगला सवाल उठता है की एक अच्छा म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुने? म्यूचुअल फ़ंड चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। कैसे पहचानें की कौन सा म्यूचुअल फ़ंड रिस्की है और कौन सा निवेश करने लायक है? यह कोर्स आपको इन सबके बारे मे एक स्पष्टता रखने मे मदद कर सकता है। सबसे पहले यह महत्वपूर्ण है कि आप क्या चाहते हैं, आपको इसके बारे मे एक क्लियर आइडिया होना चाहिए। तो अपने आप से सवाल करे – आपका लक्ष्य क्या है ? आप कितने समय के लिए निवेश करने कि योजना बना रहे हैं? आप कितना रिस्क उठाने के लिए तैयार हैं ?
यह कोर्स यह बताता है कि म्यूचुअल फ़ंड का मूल्यांकन कैसे करे ताकि यह आपके लक्ष्यों और अपेक्षाओं के अनुरूप हो। इसमे एक फ़ंड मैनेजर को परखने, अपने म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफोलियो को डिज़ाइन करने और ऐसे क्वॉंटिटेटिव फ़ैक्टर्स जिससे म्यूचुअल फ़ंड का मूल्यांकन करते हैं इन सभी बातों पर चर्चा कि गई है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने कि क्षमता के म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा अनुरूप म्यूचुअल फ़ंड का चयन कर सकते हैं|
Investment Tips : शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में कौन है सही विकल्प? निवेश पर मोटा रिटर्न हासिल करने अपनाएं एक्टिव या पैसिव फंड सिस्टम! समझें अंतर
व्यापर, डेस्क रिपोर्ट। निवेश (Investment Tips) का बाजार प्रतिदिन बदलता रहता है। पिछले कुछ महीनों से निवेशकों का झुकाव पैसिव म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) की तरफ अधिक देखने को मिल रहा है। दरअसल पेसिव म्युचुअल फंड (passive mutual fund) रिस्क कम है और मार्केट इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर में निवेश करने पर लंबे और मोटे रिटर्न हासिल होते हैं। वहीँ कुछ निवेशक शेयर (share market) और म्यूच्यूअल फंड निवेश की कार्यशैली पर चिंतित होते हैं, आज बात करेंगे इन दोनों जगहों होने वाले म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा निवेश और उनके रिटर्न्स पर
म्यूचुअल फंड एजेंट कमीशन संरचना
म्यूचुअल फंड एजेंटों द्वारा अर्जित कमीशन की विभिन्न दरों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राहकों को इसके बारे में पूछने और एजेंटों को सलाह देने का अधिकार है, उनके पास उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है क्योंकि वे एजेंटों के निवेश से पैसा कमाते हैं। उस मामले के लिए, यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमें Finbucket.com पर जा सकते हैं
म्यूचुअल फंड एजेंट के कमीशन में 4 भाग शामिल हैं: क्लाइंट से एक कमीशन, अपफ्रंट कमीशन, ट्रेल कमीशन और एक बार का ट्रांजेक्शन चार्ज।
ग्राहक से कमीशन:
एजेंट अपनी सेवाओं को प्रदान करने के लिए एक ग्राहक से कमीशन लेता है और यह राशि आम तौर पर 5% से 2% निवेश है। ग्राहक अपने एजेंट द्वारा प्रदान की जाने वाली सलाह की गुणवत्ता पर इस आयोग के मूल्य पर बातचीत कर सकता है। यह एक आवर्ती आयोग है और एजेंट को हर बार ग्राहक के निवेश पर कमीशन मिलता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति हर महीने 10,0000 रुपये का निवेश करता है और उसके एजेंट का कमीशन 1% है, तो एजेंट को ग्राहक से कमीशन के हिस्से के रूप में हर महीने 1000 रुपये मिलते हैं।
अग्रिम आयोग:
ये कमीशन एजेंट पहले साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों / एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से प्राप्त करते हैं और यह म्यूचुअल फंड के कुल खर्च में शामिल होता है। आप इस खर्च की गर्मी को महसूस नहीं करेंगे लेकिन परोक्ष रूप से आप इसके लिए भुगतान कर रहे हैं। जब भी आप नया निवेश करेंगे तो आपका आपसी एजेंट इसे प्राप्त करेगा। यह कमीशन एक कंपनी से दूसरी कंपनी में और उत्पाद से उत्पाद में भिन्न होता है, ईएलएसएस फंड्स में उच्च (लगभग 4.5% से 1%), इक्विटी स्कीम (लगभग 0.5% से 2.5%), और डेट फंड म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा में कम (लगभग 0.2% से 0.8%) ) है।
यह कमीशन आमतौर पर निवेशकों द्वारा अनदेखा किया जाता है लेकिन क्या यह म्यूचुअल फंड एजेंट के कमीशन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह म्यूचुअल फंड एजेंटों के लिए कमाई का प्राथमिक स्रोत है । यह कमीशन संरचना म्यूचुअल फंड कंपनियों और उत्पादों के आधार पर 0.5% से लेकर 1% तक है। प्रबंधन के तहत यह आपके कुल निवल संपत्ति म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा से भुगतान किया जाता है। यह आपके एजेंटों को भुगतान किया जाएगा भले ही आप निवेश न करें लेकिन यदि आपका निवेश बिना निकासी के रहा।
एक बार लेनदेन शुल्क:
यह मौजूदा निवेशकों के लिए 100 रुपये और म्यूचुअल फंड के नए निवेशकों के लिए 150 रुपये के रूप में तय किया गया है। यह लागत निवेशित राशि के निवेशकों से काटी जाएगी। निवेशक इस लागत की उपेक्षा कर सकता है क्योंकि यह अधिक नहीं है। यह निवेशक के खाते से या तो एक बार में कटौती की जाती है यदि निवेशक ने एकमुश्त 25 रुपये प्रति माह का निवेश किया है यदि आपने एसआईपी के माध्यम से निवेश किया है।
म्यूचुअल फंड एजेंट की कमाई के उदाहरण के लिए, अपफ्रंट को 0.5% और ट्रायल को 0.5% मानें। लेकिन शुल्क को छोड़कर, वे अभी चार्ज करते हैं। साथ ही, 12% की वृद्धि के साथ इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश को ध्यान में रखा।
इसलिए म्यूचुअल फंड एजेंट की आय इस प्रकार होगी:
वर्ष की संख्या | निवेश | प्रबंध 12 % के तहत कुल संपत्ति | अग्रिम आयोग | परीक्षण आयोग | कुल कमीशन |
---|---|---|---|---|---|
1 है | 1,00,000 रु | NIL | 500 रु | NIL | 500 रु |
२ | 1,00,000 रु | 1,12,000 रु | 500 रु | Rs.560 | Rs.1,060 |
३ | 1,00,000 रु | Rs.2,37,440 | 500 रु | १,१ Rs7 रु | Rs.1,687 |
४ | 1,00,000 रु | Rs.3,77,932 | 500 रु | १,99 ९ रु | रु। 2,389 |
५ | 1,00,000 रु | Rs.5,35,284 | 500 रु | Rs.2,676 | Rs.3,176 |
६ | 1,00,000 रु | 7,11,518 रु | 500 रु | Rs.3,557 | 4,057 रु |
। | 1,00,000 रु | 9,08,901 रु | 500 रु | Rs.4,544 | Rs.5,044 |
। | 1,00,000 रु | 11,29,969 रु | 500 रु | Rs.5,649 | Rs.6,149 |
९ | 1,00,000 रु | Rs.13,77,565 | 500 रु | Rs.6,887 | 7,387 रु |
१० | 1,00,000 रु | Rs.16,54,873 | 500 रु | 8,274 रु | 8,774 रु |
1 1 | 1,00,000 रु | Rs.19,65,548 | 500 रु | 9,827 रु | 10,327 रु |
१२ | 1,00,000 रु | Rs.23,13,313 | 500 रु | 11,566 रु | 12,066 रु |
१३ | 1,00,000 रु | Rs.27,02,910 | 500 रु | Rs.13,514 | Rs.14,014 |
१४ | 1,00,000 रु | Rs.31,म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा 39,260 | 500 रु | 15,696 रु | Rs.16,196 |
१५ | 1,00,000 रु | Rs.36,27,971 | 500 रु | Rs.18,139 | 19,639 रु |
Best Mutual Fund Choose Criteria Hindi 2021
अगर हम म्युचुअल फंड कि बातकरें तो आज के समय में 2000 से भी ज्यादा म्युचुअल फंड मार्केट में उपलब्ध हैं. कहते हैं Best Mutual fund Kaise Chune Hindi 2021 और सही कैसे चुनें? और सबसे बेस्ट म्युचुअल फण्ड कौन सा हैं ?
अगर हम आम आदमी की बात करें तो यह काफी चर्चा का विषय हैं, और यह सवाल सबसे पहले हमारे दिमाग में आता हैं जब हम म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने कि सोचते हैं, जिसे शेअर मार्केट का गणित नहीं पता होता वह Mutual Fund कि और ही देखते हैं.
आज हम इसी के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करनेवाले हैं, अगर आप यह पुरा पढ़ लेते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड कौन सा लेना योग्य होगा यह कभी भी ख्याल नहीं आयेगा.
म्युचूअल फंड क्या होता हैं?
यह एक सामुहिक निवेश होता हैं, म्युचूअल यानी आपसी और फंड यानी निवेश. अलग अलग निवेशकों द्वारा एक बड़ी राशी कि निवेश को एक व्यक्ती द्वारा अलग अलग या किसी एक सेक्टर पर निवेश किया जाता हैं जैसे शेयर मार्केट सेक्टर हो गया , असेट फंड हो गया ऐसे करके निवेश किया जाता हैं.
जिसे शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं होता और जिसे बैंक से ज्यादा रिटर्न्स चाहिते होते हैं या तो शेयर मार्केट में निवेश करने कि ज्यादा रिस्क नहीं देनी होती वह ज्यादातर म्यूचुअल फंड को सही मानते हैं, लेकिन इससे पहले यह सवाल आता है कि 2000+ से भी म्यूचुअल फंड मार्केट में हैं हमे किसमे निवेश करना योग्य होगा तो इसी की विस्तार से हम चर्चा करेंगे चलिये देखते हैं.
सही म्युचूअल चुनने के लिये इन 7 बातों पर जरुर ध्यान दे
1. फंड मैनेजर का ट्रैक रेकॉर्ड पर ध्यान दें ( Fund Manager Track Record)
जब हम कोई म्युचुअल फंड को चुनने कि बात करते हैं तब सबसे पहले हमें जो भी फंड को कोई मैनजर चलाता है तो उसका Track Record को देखना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि फंड में क्या बदलाव करने हैं फंड में से कब किस सेक्टर अथवा शेअर कंपनी को निकालना है या उसमें ऐंड करना है यह सब पुरी तरह फंड मैनेजर के साथ में ही होता है, इसलिये इबसे पहले इसे पुरी तरह जांच ले.
2. डियवरसिफिकेशन से रिस्क कम होता हैं (Diversification Risk Minimise)
इसका मतलब जो भी फंड होता है वह किस अलग-अलग सेक्टर में इसको Include किया गया हैं? मतलब बैंकिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, रियालीटी प्रोपर्टी सेक्टर ऐसे कितने अलग अलग सैक्टर में फंड द्वारा निवेश किया गया हैं, क्योंकी अगर एक हि सेक्टर पर सारा फंड डिपेंड होता है तो किसी न्युज के कारण या मंदी के कारण इसमें अचानक गिरावट आती है तो आपका निवेश में आपको बहुत छोटा सहन करना पड़ेगा इसलिए अगर एक से अधिक सेक्टर हो तो अगर एक किसी कारण वश नीचे भी जाता है तो बाकी सेक्टर उसे बैलैंन्स कर देंगे और आपको ओवरऑल प्रोफिट हि होगा.
10 हजार रुपये से शुरू करें इस फंड में निवेश, अच्छे मुनाफे के साथ 3 साल में बढ़ जाएगी कमाई
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: May 26, 2021 | 9:21 AM
म्यूचुअल फंड में निवेश का जरिया फायदेमंद माना जाता है. कम पैसे में कम दिन में अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद रहती है. बाजार के उतार-चढ़ाव का इस पर असर देखा जाता है, लेकिन अंत में पाएंगे कि निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल जाता है. निवेश कुछ हजार रुपये से भी शुरू कर सकते हैं. यह निवेश म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा कुछ वर्षों के लिए भी हो सकता है.
मान लीजिए कोई व्यक्ति 10 हजार रुपये म्यूचुअल फंड में लगाना चाहता है. निवेश की मियाद वह 3-5 साल रखना चाहता है. इसके लिए कम से कम 10-15 परसेंट के रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. अब सवाल है कि जिन लोगों की रिस्क प्रोफाइल कम है. यानी कि अपनी जमा पूंजी के साथ वे बहुत ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, उन्हें कहां पैसा लगाना चाहिए?
कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न
जानकारों की मानें तो अगर आप कम वर्षों के लिए फंड में पैसा लगाना चाहते हैं, तो उसके लिए डेट म्यूचुअल फंड का ज्यादा कारगर मान सकते हैं. यह फंड उन लोगों के लिए और भी अच्छा है जो अपनी जमा पूंजी के साथ कम रिस्क लेना चाहते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने की सलाह तभी दी जाती है जब निवेश करने वाला व्यक्ति जोखिम लेने का शौकीन है. बाजार में उतार-चढ़ाव से बेपरवाह हो. इक्विटी म्यूचुअल फंड में कमाई की तभी उम्मीद कर सकते हैं जब आप लॉन्ग टर्म में निवेश के बारे में सोच रहे हों.
इस हिसाब से डेट म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में सोचना चाहिए. खासकर उन लोगों को जो 3-5 साल के लिए फंड में पैसा लगाकर कमाई करना चाहते हैं. इसके म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा लिए आप चाहें तो crisil के बताए फंड पर गौर कर सकते हैं. क्रिसिल मार्च के अंत में म्यूचुअल फंड के बारे में आंकड़े जारी करता है. यह रेटिंग और रिसर्च फर्म है जो बताता है कि किस फंड की क्या स्थिति है और उसमें निवेश का रूझान कैसा रहा. अभी हाल के आंकड़े बताते हैं कि डीएसपी बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड ने अच्छा किया है. सुंदरम बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड ने पिछले तीन महीने में अच्छी वृद्धि दर्ज की है.
आईडीएफसी डायनेमिक बॉन्ड फंड
इसी तरह बॉन्ड फंड में आईडीएफसी डायनेमिक बॉन्ड फंड ने पिछले नौ महीने से टॉप रैंकिंग बनाई हुई है. पिछले तीन साल का रिकॉर्ड देखें तो उसमें भी आईडीएफसी ने सबसे अच्छा किया है. कुछ मीडियम ड्यूरेशन फंड भी होते हैं जिनकी अवधि 3 से 5 साल की होती है. इसमें रिटर्न की अच्छी गुंजाइश देखी जाती है. इस श्रेणी में भी आईडीएफसी मीडियम ड्यूरेशन फंड ने अच्छा रिटर्न दिया है.
पिछले नौ महीने का हिसाब देखें तो एक्सिस स्ट्रेटजिक बॉन्ड फंड ने 5.92 परसेंट का रिटर्न दिया है. यह फंड पहले तीसरे स्थान पर था जो चढ़कर दूसरे पर आ गया है. कम दिन के निवेश (लो ड्यूरेशन फंड) वाले फंड देखें तो इसमें केनरा रोबेको सेविंग्स फंड का नाम सबसे ऊपर है. इसी तरह एलआईसी एमएफ सेविंग्स फंड का रिटर्न भी बहुत अच्छा है. इस फंड ने निवेशकों को 7 परसेंट का रिटर्न दिया है.