शेयर कब खरीदना चाहिए?

Yes Bank का शेयर प्राइस क्या कभी 50 रुपए या उससे आगे निकल पाएगा?
हाल के दिनों में, यस बैंक के शेयर (Yes Bank Share) ने 400 रुपए के आसपास कारोबार किया है
कई लोगों का मानना है कि यस बैंक (NS:YESB) का स्टॉक यहां से 50 या 100 रुपए तक आसानी से पहुंच सकता है। हाल के दिनों में, यस बैंक के शेयर ने 400 रुपए के आसपास कारोबार किया है। बैंक का बिजनेस साइज अभी भी बड़ा है और एक बड़ा बैंक एक-एक पैसे की कीमत पर कारोबार कर रहा है। इसलिए, यह मौजूदा स्तरों पर बेहद सस्ता है।
Investing.com के इस विशलेषण से जानने की कोशिश करते हैं कि ये कितना सस्ता है और निकट भविष्य में ये 50 रुपये या उससे ज्यादा तक पहुंच सकता है या नहीं?
मौजूदा शेयर होल्डर्स के स्वामित्व का तेजी से कमजोर होना
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2020 में, यस बैंक ने 2 गुना फंड जुटाने की गतिविधि को अंजाम दिया। फंड जुटाने का ये पैमाना छोटा नहीं था। 2020 के दौरान, बैंक ने इनवेस्टर्स को 10 से 13 रुपए की रेंज के बीच 2,000 करोड़ से ज्यादा नए शेयर जारी किए।
निचले स्तरों पर ये सब फंड जुटाने के बाद, शेयर कब खरीदना चाहिए? यस बैंक के शेयरों की बकाया मात्रा अब लगभग 2500 करोड़ थी। इसके कारण, बैंक का मार्केट कैपिटल पहले ही 30,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, जब शेयर प्राइस सिर्फ 12 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है। अगर ये लगभग 100 रुपए प्रति शेयर का कारोबार करता है, तो बैंक के पास मार्केट कैपिटल के रूप में लगभग 2,50,000 करोड़ रुपए (2,500×100) होंगे।
येस बैंक स्टॉक में कोई प्रमोटर होल्डिंग नहीं
यस बैंक में कोई भी प्रमोटर नहीं बचा है, जो बैंक में इसके स्वामित्व, मौजूदा शेयर होल्डर्स के स्वामित्व के निरंतर कमजोर पड़ने और बैलेंस शीट पर बकाया शेयरों में भारी बढ़ोतरी की परवाह कर सके। अभी तक, ये सब बातें बैंक के वर्तमान मैनेजमेंट के लिए मुख्य चिंता का विषय नहीं हैं। वर्तमान में, मैनेजमेंट का मुख्य उद्देश्य कामकाज को स्थिर करना और बिजनेस में जोखिम कम करना है।
10-13 रेंज के बीच जारी किए गए ज्यादातर नए शेयर
इक्विटी शेयरों का एक बड़ा ढेर होने से केवल मार्केट कैपिटल ही प्रभावित नहीं होता है, बल्कि ये बाजार में शेयर्स की सप्लाई को भी प्रभावित करता है। अगर यस बैंक का शेयर 25-30 रुपए के दायरे में ट्रेडिंग करना शुरू करता है, तो जिन लोगों को 10 से 13 रेंज के बीच शेयर अलॉट किए गए हैं, उन्हें अपने इनवेस्टमेंट पर 100 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न मिलेगा।
हालांकि, ये पूरी तरह से निवेशकों की रणनीति पर निर्भर करता है, लेकिन बुनियादी नियम कहते हैं कि जब शेयर की कीमत उच्च स्तर पर पहुंच जाएगी और बिजनेस में कोई महत्वपूर्ण बढ़ोतरी या सुधार नहीं होगा, तो ज्यादा इनवेस्टर्स बाहर निकलना शेयर कब खरीदना चाहिए? चाहेंगे, क्योंकि वे अच्छी रकम कमा रहे होंगे।
इसलिए, उच्च स्तर पर स्टॉक में सप्लाई का एक बड़ा स्तर देखने की उम्मीद है, अगर ये अभी ऐसा होता है। फंड जुटाने के दूसरे राउंड में, 12 रुपए के हिसाब से शेयर जारी कर के 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाए।
इनवेस्टर्स के बीच कमाई और ब्याज में सुधार के आधार पर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यस बैंक के शेयर में यहां से तेजी आने की संभावना है, लेकिन वो पोटेंशियल कम से कम निकट अवधि के लिए ज्यादा नहीं है।
जब हम चार्ट को देखते हैं और देखते हैं कि यस बैंक के स्टॉक ने पहले समय (लगभग 400 के स्तर) पर कारोबार किया है, तो लगता है कि स्टॉक निश्चित रूप से लॉन्ग टर्म में टर्नअराउंड दांव के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, लेकिन इसका कुछ दूसरे जरूरी तथ्यों के साथ विश्लेषण करने की जरूरत है।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, यस बैंक में तेजी काफी सीमित लगती है। शेयर के लिए 50 रुपए के आसपास पहुंचना या इस स्तर को पार करना अब बहुत मुश्किल है। मौजूदा फाइनेंशियल पॉजिशन के साथ, अगर यस बैंक निकट भविष्य में लगभग 20/25 रुपए के दायरे में ट्रेडिंग करने और उसे बनाए रखने में सक्षम है, तो ये स्टॉक के लिए एक मील का पत्थर होगा।
अगर यस बैंक ट्रेडिंग में कुछ ठोस बढ़ोतरी हासिल कर सकता है और महत्वपूर्ण रेश्यो यहां से बड़ा सुधार देखता है, तो स्टॉक की स्थिति में कुछ प्रतिशत सुधार हो सकता है। नहीं तो, जो इनवेस्टर्स यस बैंक के लोअर लेवल के शेयर होल्ड कर रहे हैं, उनके लिए शेयर की कीमत को यहां से बढ़ने देना मुश्किल हो जाएगा।
किसी शेयर में कैसे और कब लगता है अपर सर्किट, क्या होता है पैसा लगाने वाले पर असर
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) के शेयर में शुक्रवार सुबह अपर सर्किट लग गया है. आइए जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Oct 22, 2021 | 10:30 AM
वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) ने अच्छा प्रदर्शन किया है. कंपनी का मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.38 करोड़ रुपये हो गया. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई है. NSE-National Stock Exchange पर IEX का शेयर 757 रुपये के मुकाबले शुक्रवार सुबह 832.85 रुपये के अपर सर्किट पर खुला. इसके बाद कोई भी निवेशक शेयर नहीं खरीद पा रहा था. इसीलिए आम निवेशकों के मन में उठे सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स के जरिए लाए है.
IEX क्या है, कंपनी काम क्या करती है
आईईएक्स देश शेयर कब खरीदना चाहिए? का प्रमुख पावर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. फिलहाल एनर्जी में कुल कारोबार का सिर्फ 3 फीसदी ही एक्सचेंज के जरिए आता है. विकसित देशों में यह आंकड़ा 30 से 35 फीसदी है. इसलिए भविष्य में आईईएक्स जैसी कंपनी के लिए देश में काफी अच्छी संभावनाएं हैं.
देश के गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने पर सरकार के जोर और उदय जैसी योजनाओं से पावर एक्सचेंज पर कारोबार बढ़ेगा. इससे कुल बिजली खरीद में एक्सचेंज की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 तक बढ़कर 21.1 फीसदी तक पहुंच सकती है.
क्यों आई शेयर में तेजी
IEX ने पिछली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है.जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी की आमदनी 122.30 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 78.71 करोड़ रुपये थी. वहीं, इस दौरान मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.शेयर कब खरीदना चाहिए? 38 शेयर कब खरीदना चाहिए? करोड़ रुपये हो गया.इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी तिमाही के दौरान उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 44.33 करोड़ रुपये था.
क्यों लगा कंपनी के शेयर में अपर सर्किट
कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ एक शेयर पर दो बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई. इस दौरान सभी तेजी के सौदे आने से शेयर में अपर सर्किट लग गया.
क्या होता है बोनस शेयर
कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. अगर अभी की बात करें तो IEX ने 2:1 का बोनस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि हर 1 शेयर पर आपको 2 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता है. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.
क्या होता है अपर सर्किट, क्या होता है पैसा लगाने वालों पर असर
जब किसी शेयर को ज्यादा खरीदने वाले होते है तो उस समय शेयर में अपर सर्किट लग जाता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एक्सचेंज शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देती है. यह मार्केट रेगुलेटर SEBI की तरफ से बनाए गए नियम है.
शेयरों के वॉल्युम यानी कितने शेयरों का कारोबार रोजाना होता है. उस आधार पर शेयर की सर्किट लिमिट तय की जाती है.
मसलन अबर किसी शेयर का भाव 100 रुपये है और उसमें सर्किट फिल्टर 10 फीसदी है तो 110 रुपये के भाव पर जाते ही उस शेयर में ट्रेडिंग रोक दी जाती है. इसी तरह से लोअर लिमिट पर भी ट्रेडिंग रुक जाती है.
सर्किट लिमिट से ही तय होता है कि एनएसई या बीएसई के निफ्टी और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स एक दिन में कितना ऊपर-नीचे जा सकते हैं. इनमें फिल्टर 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की तेजी या गिरावट पर लगता है. इसके बाद कूलिंग ऑफ पीरियड होता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं. इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके. बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है. ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है.
जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
कैसे काम करता है शेयर बाजार
मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.
शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.
निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.
इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.
Investment Tips : शेयर बाजार जब नई ऊंचाइयों के आसपास हो तो क्या करें? गिरावट का इंतजार या जारी रखें निवेश?
अगर आप एक रिटेल निवेशक हैं तो SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के जरिये निवेश करें. चाहे म्यूचुअल फंड (Mutual funds) या फिर सीधे शेयरों (Stock Market) में निवेश, यह रणनीति बेहद कारगर है.शेयर कब खरीदना चाहिए?
शेयर मार्केट में लगातार निवेश ही सबसे अच्छी रणनीति है.
Investment Tips for Share Market : पिछले साल 23 मार्च ( 23 मार्च 2020) को भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मच गया था. कोरोना शेयर कब खरीदना चाहिए? की मार की वजह से सेंसेक्स ( Sensex) लगभग 3940 प्वाइंट गिर 25,981 पर पहुंच गया था और निफ्टी-50 (Nifty 50) 1,135 प्वाइंट गिर कर 7,160 की तलहटी पर जा पहुंचा था. दोनों इंडेक्स में 13-13 फीसदी की गिरावट ने निवेशकों को लगभग कंगाल बना दिया था . शेयर बाजार के निवेशकों ने अकेले उसी दिन लगभग 14 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. जबकि इसके पहले पूरे महीनों में उन्होंने 56 लाख करोड़ गवांए थे. लेकिन मार्केट (Stock Market) आज फिर बुलंदी पर है. किसी को अंदाजा नहीं था कि सेंसेक्स इतनी जल्दी 53,800 की नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा. पिछले दो दिन में सेंसेक्स 900 प्वाइंट चढ़ चुका है. सवाल यह है कि जब बाजार पर ऊंचाई पर हो तो इसमें घुसा जाए या फिर करेक्शन का इंतजार किया जाए. निवेशकों के लिए यह सवाल बड़ा पेचीदा है.
अमूमन निवेशक शेयर खरीदते समय PE वैल्यू ( PE Value) को देखते हैं. इस वक्त यह काफी महंगा है. निफ्टी-50 (Nifty-50) का PE इस वक्त 21.3 है, जो काफी महंगा लग रहा है. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे इकोनॉमी कोविड (Covid-19) की पकड़ से बाहर आएगी और कॉरपोरेट अर्निंग बढ़ेगी PE सस्ता हो जाएगा. यानी निवेशक सही वैल्यूएशन पर शेयर खरीद सकेंगे. लेकिन यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कंपनियों की कमाई कब बढ़ेगी. बेहतर तरीके से निवेश का कोई रामबाण नुस्खा नहीं है लेकिन कुछ ऐसे फॉर्मूले हैं, जिन्हें अपना कर निवेशक शेयर बाजार में खुद को एक अच्छी स्थिति में ला सकते हैं.
1.निवेश करना जारी रखें
जनवरी, 2020 में शेयर मार्केट (Share Market) ऊंचाई पर था और दो महीने में ही यह तलहटी पर पहुंच गया. उस दौरान भी जब मार्केट ऊंचाइयों पर था तो निवेशक इसमें एंट्री करने का साहस नहीं कर पा रहे थे. 23 मार्च 2020 को भी जब मार्केट क्रैश कर गया तो निवेशकों को लगा कि इसमें और गिरावट आएगी तब एंट्री करेंगे.
1 दिन में भी पैसे से बना सकते हैं पैसा, बाजार में ऐसे करें इंट्राडे ट्रेडिंग
क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है.
क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है.
Tips For Day Trading: क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है. अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो इसका जवाब हैं हां. शेयर बाजार ऐसी जगह है, जहां महज कुछ घंटों की ट्रेडिंग में पैसे से पैसा बना सकते हैं. सही और सटीक शेयर चुनने में सफल रहते हैं तो हाथों हाथ जेब में मोटी रकम आ सकती है. ऐसा संभव है इंट्राडे ट्रेडिंग में, जिसमें बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है.
बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.
कैसे कर सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो शेयर कब खरीदना चाहिए? ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
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कैसे चुनें सही स्टॉक
- सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
- वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें.
- अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी.
- शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
- रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें.
- शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
- जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 29 अक्टूबर यानी मंगलवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. टाटा मोटर्स के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए मंगलवार का दिन बेहतर साबित हुआ. पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 16 फीसदी तक तेजी आई है. इसके पहले 3 अक्टूबर को पॉजिटिव सेंटीमेंट बनने से ही यस बैंक में करीब 29 फीसदी तेजी आई.
एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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